Wednesday, 25 March 2015

महाराष्ट्र के किसी भी मंत्री ने अपनी प्रॉपर्टी का ब्यौरा पेश नही किया

पारदर्शक और स्वच्छ कामकाज का दावा कर सत्ता पर आयी भाजपा प्रणित मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सरकार के किसी भी मंत्री ने अपनी प्रॉपर्टी का ब्यौरा पेश न करने का खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को सरकार द्वारा उपलब्ध की गई जानकारी से हुआ है। केंद्र और बिहार की तर्जपर राज्य के सभी मंत्रियों की प्रॉपर्टी की जानकारी ऑनलाइन करने की गलगली की मांग वाले आवेदन पर 117 दिनों से मुख्यमंत्री द्वारा कोई भी निर्णय नहीँ लेने की बात स्पष्ट हुई है।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने महाराष्ट्र सरकार से राज्य मंत्रीमंडल के मंत्री और राज्यमंत्रियों ने पेश की हुई उन मंत्रियों की प्रॉपर्टी और उनसे जुड़े हुए लोगों के लाइबिलिटीस के विवरण की जानकारी मांगी थी। सामान्य प्रशासन विभाग के जन सूचना अधिकारी और अवर सचिव दि.वि.नाईक ने अनिल गलगली को बताया कि इस मामले में कोई भी जानकारी उपलब्ध नही होने से नही दी जा सकती है। अथक सेवा संघ ने मंत्री और राज्यमंत्री महोदय की प्रॉपर्टी और उनसे जुड़े हुए लाइबिलिटीस के विवरण को ऑनलाइन करने की मांग पर आवेदन की फ़ाइल मुख्यमंत्री महोदय के पास पेश की गई है और उस फ़ाइल पर निर्णय होने के बाद ही जानकारी दी जाएगी। मुख्यमंत्री राज्यपाल के पास और मंत्री एवमं राज्यमंत्री मुख्यमंत्री के पास प्रॉपर्टी और लाइबिलिटीस का विवरण पेश करता हैं।अब  मुख्यमंत्री सहित 18 मंत्री और 12 राज्यमंत्री ऐसा मंत्रीमंडल हैं। पिछली सरकार ने अनिल गलगली के फॉलो आप के बाद जिन मंत्रियों ने विवरण पेश किया था उनका सिर्फ नाम ही ऑनलाइन किया था। उस वक्त के 'मिस्टर क्लीन' मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने  मंत्रियों की प्रॉपर्टी की जानकारी को सार्वजनिक करने की गलगली की मांग को खारिज किया था।

अथक सेवा संघ के अध्यक्ष और आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली  द्वारा 14 नवंबर 2014 और बाद में 9 मार्च 2015 ऐसे 2 पत्र भेजकर  केंद्र और बिहार की तर्ज पर राज्य के सभी मंत्रियों की प्रॉपर्टी की जानकारी को ऑनलाइन करने की मांग मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास की गई है। अनिल गलगली की मांग वाली फ़ाइल 27 नवंबर 2014 से मुख्यमंत्री के पास पेंडिंग होने का आरोप कर अनिल गलगली ने सिटीजन चार्टर और सेवा का अधिकार का उल्लंघन मुख्यमंत्री सचिवालय से होने की शिकायत मुख्यमंत्री के पास की है।

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