Wednesday 13 December 2023

कुर्ला में नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर

कुर्ला में नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना में 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' की पहल महाराष्ट्र से शुरु हो गई है। चांदीवली विधानसभा के भाजपा चुनाव प्रमुख और पूर्व नगरसेवक हरीश भांदिर्गे ने भारत संकल्प यात्रा का आयोजन किया और प्रभाग के जरूरतमंद नागरिकों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया।

कुर्ला पश्चिम नौपाडा स्थित अमर नगर में इस अभियान के माध्यम से विभाग के लोगों ने पीएम विश्वकर्मा योजना, पीएम उज्ज्वला योजना, पीएम स्वनिधि योजना, आयुष्मान भारत जैसी केंद्र सरकार की कई योजनाओं का लाभ उठाया। भाजपा उत्तर मध्य जिला महासचिव डाॅ. नितेश राजहंस सिंह, आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता तथा नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इस अवसर पर कैलेंडर का लोकार्पण किया गया।

Friday 8 December 2023

कांदिवली पूर्व में यज्ञ स्थल का भूमिपूजन

कांदिवली पूर्व में यज्ञ स्थल का भूमिपूजन

14 दिसंबर 2023 से 22 दिसंबर 2023 तक सवालक्ष रूद्र चण्डी हवनात्मक महायज्ञ एवं संगीतमय श्री हनुमत कथा का आयोजन


भुवनेश्वरी परिवार द्वारा महायज्ञ एकादश कुण्डीय सवालक्ष रूद्र चण्डी हवनात्मक महायज्ञ एवं संगीतमय श्री हनुमत कथा के 17 वें वर्ष के यज्ञ स्थल का भूमिपूजन कांदिवली पूर्व ठाकुर गांव स्थित मनोरंजन मैदान में संपन्न हुआ। संस्था के विशिष्ठ संरक्षक डॉ किशोर सिंह, आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, निर्देशक डॉ इन्दुप्रकाश आर तिवारी और महामंत्री बांकेलाल शुक्ला ने पूजन कर भूमिपूजन किया और यज्ञ का पंडाल बनाने का शुभकार्य प्रारंभ किया गया। 

निर्देशक इन्दुप्रकाश तिवारी ने बताया कि 14 दिसंबर 2023 को भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी। 14 दिसंबर 2023 से 22 दिसंबर 2023 तक सवालक्ष रूद्र चण्डी हवनात्मक महायज्ञ एवं संगीतमय श्री हनुमत कथा आयोजित की गई है। भुवनेश्वरी परिवार के संस्थापक अध्यक्ष देवेन्द्र शुक्ला, उपाध्यक्ष संतोष मिश्रा, कार्याध्यक्ष उमाशंकर तिवारी, महामंत्री बी एम शुक्ला, प्रवक्ता जयप्रकाश एन पाण्डेय, संतोष दुबे, सुमन पाठक, मंजुला तिवारी, पूनम के तिवारी, अनिरुद्ध तिवारी, सुभाष मिश्रा, रामप्रकाश तिवारी, विनोद पाण्डेय, रामप्रकाश तिवारी, रोहित के तिवारी, संजय विश्वकर्मा, राजकुमार तिवारी, रामचंद्र साहनी, संगम पांडे पांडे, राघवनंदन श्रीवस्तव, वरुण तिवारी, मनोज पावसकर के अलावा भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।

Friday 24 November 2023

कोविडच्या 4150 कोटींच्या खर्चाची आकडेवारी तपशीलवार जाहीर

कोविडच्या 4150 कोटींच्या खर्चाची आकडेवारी तपशीलवार जाहीर

पालिका आयुक्तांनी अनिल गलगली यांस पाठविला अहवाल

मुंबई महानगरपालिकेतर्फे कोविडच्या 4150 कोटींच्या खर्चाची आकडेवारी तपशीलवार जाहीर झाली आहे. आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस दस्तुरखुद्द पालिका आयुक्त इकबाल सिंह चहल यांनी दिली आहे. सर्वाधिक खर्च हा जंबो सुविधा केंद्रावर 1466.13 कोटी खर्च करण्यात आला आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी महापालिका आयुक्त कार्यालयात अर्ज करत कोविड काळात करण्यात आलेल्या 4 हजार कोटींचा खर्चाबाबत सादर अहवालाची प्रत मागितली होती. कोणत्याही विभागाने माहिती दिली नाही. याबाबत लेखी तक्रार करताच पालिका आयुक्त इकबाल सिंह चहल यांनी अनिल गलगली यांस 3 पानाची तपशीलवार माहिती दिली. ही आकडेवारी 31 ऑक्टोबर 2023 पर्यंतची आहे.

यात अन्नाची पाकिटे आणि अन्नधान्य यावर 123.88 कोटी, मध्यवर्ती खरेदी विभागाने 263.77 कोटी, वाहतुक विभागाने 120.63 कोटी, यांत्रिक आणि विद्युत विभागाने 376.71 कोटी, घन आणि कचरा विभागाने 6.85 कोटी खर्च करण्यात आले आहेत. लोकप्रतिनिधी यांनीफक्त 9 लाखांचा निधी दिला आहे.

जंबो सुविधा केंद्रावर सर्वांधिक खर्च

मुंबईतील 13 जंबो सुविधा केंद्रावर 1466.13 कोटी खर्च करण्यात आले आहे. यानंतर मुंबईतील 24 वॉर्ड आणि सेव्हन हिल रुग्णालयाने 1245.25 कोटी खर्च केला आहे. कार्यकारी आरोग्य अधिकारी यांच्या कार्यालयाने 233.10 कोटी खर्च केले आहे. मुंबईतील 5 प्रमुख रुग्णालयाने 197.07 कोटी,  6 विशेष रुग्णालयाने 25.23 कोटी, 17 पेरिफेरल रुग्णालयाने 89.70 कोटी आणि नायर रुग्णालयाने 1.48 कोटी खर्च केले आहे.

अनिल गलगली यांच्या मते ही आकडेवारी जरी स्पष्ट असली तरी कोविड काळातील सर्व प्रकारच्या खर्चावर श्वेत पत्रिका काढली जाणे आवश्यक आहे जेणेकरून अजून सुस्पष्टता येईल.

4150 करोड़ की कोविड लागत का विवरण जारी

4150 करोड़ की कोविड लागत का विवरण जारी

मनपा आयुक्त ने रिपोर्ट अनिल गलगली को भेजी

मुंबई मनपा की ओर से 4150 करोड़ की कोविड लागत का डेटा विस्तार से घोषित किया गया है। मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने व्यक्तिगत रूप से आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को यह डेटा दिया है। इसमें सर्वाधिक जंबो सुविधा पर 1466.13 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मनपा आयुक्त कार्यालय में आवेदन देकर कोविड काल में हुए 4 हजार करोड़ के खर्च को लेकर सौंपी गई रिपोर्ट की कॉपी मांगी थी। किसी भी विभाग ने जानकारी नहीं दी। इसकी लिखित शिकायत करते ही मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने अनिल गलगली को 3 पन्नों की विस्तृत जानकारी दी।  ये डेटा 31 अक्टूबर 2023 तक का है।

खाद्य पैकेट और खाद्यान्न पर 123.88 करोड़, मध्यवर्ती खरीद विभाग पर 263.77 करोड़, परिवहन विभाग पर 120.63 करोड़, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल विभाग पर 376.71 करोड़, घन और कचरा विभाग पर 6.85 करोड़ खर्च किए गए। जन प्रतिनिधि ने मात्र 9 लाख का फंड दिया है।


जंबो सुविधा पर सर्वाधिक खर्च

मुंबई में 13 जंबो सुविधा केंद्रों पर 1466.13 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसके बाद मुंबई के 24 वार्ड और सेवन हिल हॉस्पिटल ने 1245.25 करोड़ खर्च किए हैं। कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय द्वारा 233.10 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. मुंबई के 5 प्रमुख अस्पतालों द्वारा 197.07 करोड़, 6 विशेष अस्पतालों द्वारा 25.23 करोड़, 17 पेरिफेरल अस्पतालों द्वारा 89.70 करोड़ और नायर अस्पताल द्वारा 1.48 करोड़ रुपये खर्च किया गया है।

अनिल गलगली के अनुसार, हालांकि ये आंकड़े स्पष्ट हैं, लेकिन कोविड काल में सभी प्रकार के खर्चों पर एक श्वेत पत्र तैयार करने की जरूरत है ताकि अधिक स्पष्टता हो।

Rs 4150 crore cost of covid released in detail

Rs 4150 crore cost of covid released in detail

Municipal Commissioner sent the report to Anil Galgali

Rs 4150 Crore cost data of Covid has been announced in detail by Mumbai Municipal Corporation. Municipal Commissioner Iqbal Singh Chahal has personally given the data to RTI Activist Anil Galgali. Rs 1466.13 crore has been spent on the Jumbo facility.

RTI Activist Anil Galgali filed a RTI plea to the Municipal Commissioner's office and asked for a copy of the report submitted regarding the expenditure of 4 thousand crores incurred during the Covid period. No department provided information to Galgali. Municipal Commissioner Iqbal Singh Chahal gave 3 pages of detailed information to Anil Galgali as soon as he complained in writing about this. This data is as on 31 October 2023.

123.88 crore was spent on food packets and food grains, 263.77 crore on central procurement department, 120.63 crore on transport department, 376.71 crore on mechanical and electrical department, 6.85 crore on solid and waste department. The MLA and MP has contribute of only 9 lakhs.


Jumbo facility Centre top in expenditure

1466.13 crore has been spent on 13 jumbo facility centers in Mumbai. After this, 24 wards and Seven Hill Hospital in Mumbai have spent 1245.25 crores. 233.10 crore has been spent by the office of the Executive Health Officer. 197.07 crores by 5 major hospitals in Mumbai, 25.23 crores by 6 specialty hospitals, 89.70 crores by 17 peripheral hospitals and 1.48 crores by Nair Hospital.

According to Anil Galgali, although these figures are clear, a white paper on all types of expenditure in the Covid period needs to be drawn up so that there is more clarity.

Monday 20 November 2023

कुर्ला में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई संत जलाराम बप्पा की 224वीं जयंती

कुर्ला में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई संत जलाराम बप्पा की 224वीं जयंती

कुर्ला पश्चिम के प्रसिद्ध जलाराम मंदिर की ओर से परम पूज्य संत जलाराम बप्पा की जयंती के अवसर पर भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। इस जुलूस में कई श्रद्धालु मौजूद थे। इस कार्यक्रम के लिए श्री कच्छीविसा ओसवाल हॉल में महाप्रसाद का आयोजन किया गया था।

इस अवसर पर आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, शिवसेना विभाग प्रमुख डाॅ. महेश पेडणेकर, स्वराज्य यूथ फोरम के अध्यक्ष चेतन कोरगांवकर, उपशाखा प्रमुख दीपक देसाई, हेमंत सावंत, आरिफ शेख, अजीज खान, प्रसिद्ध व्यवसायी किशोर मेहता और हजारों भक्त उपस्थित थे। मंदिर के अध्यक्ष प्रकाश ठक्कर, भार्गव ठक्कर, महेंद्र हिंडोचा, रिंकव ठक्कर, अरविंद पटेल, कन्हैया नागरानी ने गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया।

कुर्ल्यामध्ये संत जलाराम बाप्पा यांची 224वी जयंती उत्साहात साजरी करण्यात आली

कुर्ल्यामध्ये संत जलाराम बाप्पा यांची 224वी जयंती उत्साहात साजरी करण्यात आली

कुर्ला विभागातील प्रसिद्ध जलाराम मंदिराच्या वतीने आज परमपूज्य संत जलाराम बाप्पा यांच्या जयंतीनिमित्त भव्य शोभायात्रा काढण्यात आली. या शोभायात्रेमध्ये असंख्य भाविक उपस्थित होते. या कार्यक्रमासाठी श्री कच्छी विसा ओसवाल सभागृह येथे महाप्रसादाचे आयोजन करण्यात आले होते. 

या प्रसंगी आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली, विभागप्रमुख डॉ.महेश पेडणेकर, स्वराज्य युथ फोरमचे अध्यक्ष चेतन कोरगांवकर, उपशाखाप्रमुख दीपक देसाई, हेमंत सावंत, आरिफ शेख, अजीज खान, प्रसिद्ध उद्योजक किशोर मेहता आणि हजारो भक्तगण उपस्थित होते. मंदिराचे अध्यक्ष प्रकाश ठक्कर, भार्गव ठक्कर, महेंद्र हिंडोचा, रींकव ठक्कर, अरविंद पटेल, कन्हैया नागरानी यांनी मान्यवरांचे स्वागत केले.

Monday 13 November 2023

Eknath Shinde lagging behind in collecting donations to Chief Minister's Relief Fund

Eknath Shinde lagging behind in collecting donations to Chief Minister's Relief Fund

Eknath Shinde is lagging behind in collecting donations to the Chief Minister's Relief Fund. Compared to the previous 3 Chief Ministers, Eknath Shinde did not bring special donations, but this year only 65.88 crores has been collected. The Chief Minister's Secretariat has informed RTI activist Anil Galgali about the Chief Minister's Assistance Fund. Uddhav Thackeray and Devendra Fadnavis have significantly increased this fund when they were Chief Ministers.

RTI activist Anil Galgali had sought information about the Chief Minister's Assistance Fund from the Chief Minister's Secretariat. Sanjay Tambe, Assistant Accounts Officer, Chief Minister's Secretariat informed Anil Galgali that the balance as on April 1, 2022 is Rs 418.88 crore and the balance as on March 31, 2023 is Rs 445.22 crore. Chief Minister's Assistance Fund year-wise donation information is available from January 1, 2015 to March 31, 2023. If we compare the tenures of Devendra Fadnavis and Uddhav Thackeray and current Chief Minister Eknath Shinde when they were Chief Ministers, Shinde is lagging behind.

Thackeray's highest increase in funds

Devendra Fadnavis increased in Chief Minister's Assistance Fund by 614 crores in 5 years while as Chief Minister, while Uddhav Thackeray increased by 793 crores in 2 years. Eknath Shinde only increased in this fund by 65.88 crores.

Fadnavis tops in helping the needy

Devendra Fadnavis has been top among all the three Chief Ministers in helping the needy in the last 8 years. During the tenure of Fadnavis, 1 lakh 7 thousand 782 applications were received out of which 63 thousand 573 citizens were given assistance worth 598.32 crores. Uddhav Thackeray helped 4 thousand 247 citizens out of 10 thousand 712 to the tune of Rs 20.28 crores while Eknath Shinde helped 7419 citizens out of 14 thousand 566 worth 57 crores.

According to Anil Galgali, appointing intelligent and responsible IAS officers in the Chief Minister's Assistance Fund Cell will increase the fund and maintain the transparency. Providing a complete list of beneficiaries will prevent some level of fraud.

मुख्यमंत्री राहत कोष में चंदा इकट्ठा करने में एकनाथ शिंदे पिछड़ गए

मुख्यमंत्री राहत कोष में चंदा इकट्ठा करने में एकनाथ शिंदे पिछड़ गए

मुख्यमंत्री राहत कोष में चंदा जुटाने में एकनाथ शिंदे पिछड़ रहे हैं। पिछले 3 मुख्यमंत्रियों की तुलना में एकनाथ शिंदे खास चंदा नहीं लाए, लेकिन इस साल 65.88 करोड़ ही इकट्ठा हुआ है. मुख्यमंत्री सचिवालय ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुख्यमंत्री सहायता निधि के बारे में जानकारी दी है। उद्धव ठाकरे और देवेन्द्र फड़णवीस ने मुख्यमंत्री रहते हुए इस फंड में काफी बढ़ोतरी की थी।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री सचिवालय से मुख्यमंत्री सहायता निधि के बारे में जानकारी मांगी थी। मुख्यमंत्री सचिवालय के सहायक लेखा अधिकारी संजय तांबे ने अनिल गलगली को बताया कि 1 अप्रैल, 2022 को शेष राशि 418.88 करोड़ रुपये है और 31 मार्च, 2023 तक शेष राशि 445.22 करोड़ रुपये है। मुख्यमंत्री सहायता कोष में 1 जनवरी 2015 से 31 मार्च 2023 तक वर्षवार दान की जानकारी उपलब्ध है। अगर हम देवेन्द्र फड़णवीस और उद्धव ठाकरे और वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यकाल की तुलना करें तो शिंदे पिछड़ रहे हैं।

ठाकरे ने फंड में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी

मुख्यमंत्री रहते हुए देवेन्द्र फड़णवीस के समय में मुख्यमंत्री सहायता निधि में 5 साल में 614 करोड़ की बढ़ोतरी हुई, जबकि उद्धव ठाकरे के समय में 2 साल में 793 करोड़ की बढ़ोतरी हुई। एकनाथ शिंदे के वर्तमान समय में 65.88 करोड़ का इजाफा हुआ।

जरूरतमंदों की मदद करने में फड़णवीस अव्वल

पिछले 8 सालों में जरूरतमंदों की मदद करने में देवेन्द्र फड़णवीस तीनों मुख्यमंत्रियों में अव्वल रहे हैं। फड़णवीस के कार्यकाल के दौरान 1 लाख 7 हजार 782 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 63 हजार 573 नागरिकों को 598.32 करोड़ की सहायता दी गई। उद्धव ठाकरे ने 10 हजार 712 में से 4 हजार 247 नागरिकों को 20.28 करोड़ रुपये की मदद की, जबकि एकनाथ शिंदे ने 14 हजार 566 में से 7419 नागरिकों को 57 करोड़ रुपये की मदद की।

अनिल गलगली के अनुसार, मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष में बुद्धिमान और जिम्मेदार आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति से फंड में वृद्धि होगी और पारदर्शिता बनी रहेगी। लाभार्थियों की पूरी सूची उपलब्ध कराने से कुछ हद तक धोखाधड़ी को रोका जा सकेगा।

मुख्यमंत्री सहाय्यता निधीत देणग्या जमा करण्यात एकनाथ शिंदे पिछाडीवर

मुख्यमंत्री सहाय्यता निधीत देणग्या जमा करण्यात एकनाथ शिंदे पिछाडीवर

उद्धव ठाकरे आणि देवेंद्र फडणवीस यांनी मुख्यमंत्री असताना या निधीत केली लक्षणीय वाढ 

गरजूंना मदत करण्यात फडणवीस अव्वल


मुख्यमंत्री सहाय्यता निधीत देणग्या जमा करण्यात एकनाथ शिंदे पिछाडीवर आहेत. मागील 3 मुख्यमंत्र्यांच्या तुलनेत एकनाथ शिंदे यांनी विशेष देणग्या आणल्या नसून यावर्षी केवळ 65.88 कोटी जमा केले असल्याची माहिती समोर आली आहे. मुख्यमंत्री सचिवालयाने आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस मुख्यमंत्री सहाय्यता निधीची माहिती दिली आहे. उद्धव ठाकरे आणि देवेंद्र फडणवीस यांनी मुख्यमंत्री असताना या निधीत लक्षणीय वाढ केली आहे.

मुख्यमंत्री सचिवालयाकडे आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मुख्यमंत्री सहाय्यता निधीची माहिती मागितली  होती. मुख्यमंत्री सचिवालयाचे सहाय्यक लेखा अधिकारी संजय तांबे यांनी अनिल गलगली यांस कळविले की 1 एप्रिल 2022 रोजीची शिल्लक रु 418.88 कोटी आणि 31मार्च 2023 रोजी शिल्लक रु 445 .22 कोटी आहे. मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी वर्षनिहाय प्राप्त देणग्याची माहिती 1 जानेवारी 2015 पासून ते 31 मार्च 2023 पर्यंत उपलब्ध करण्यात आली आहे. मुख्यमंत्री असताना देवेंद्र फडणवीस आणि उद्धव ठाकरे आणि सद्याचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांच्या कार्यकाळाची तुलना केली तर सर्वांत पिछाडीवर शिंदे आहेत. 

निधीत सर्वाधिक वाढ ठाकरेंची

मुख्यमंत्री असताना 5 वर्षात देवेंद्र फडणवीस यांनी 614 कोटींची वाढ केली तर 2 वर्षात उद्धव ठाकरे यांनी 793 कोटींची वाढ केली आहे. एकनाथ शिंदे यांनी 65.88 कोटींची वाढ केली.

गरजूंना मदत करण्यात फडणवीस अव्वल

मागील 8 वर्षात तीनही मुख्यमंत्र्यांत गरजूंना मदत करण्यात देवेंद्र फडणवीस अव्वल आहेत. फडणवीस यांच्या कार्यकाळात 1 लाख 7 हजार 782 अर्ज प्राप्त झाले होते त्यापैकी 63 हजार 573 नागरिकांना 598.32 कोटींची मदत करण्यात आली. उद्धव ठाकरे यांनी  10 हजार 712 पैकी 4 हजार 247 नागरिकांना 20.28 कोटी रुपयांची मदत केली तर एकनाथ शिंदे यांनी 14 हजार 566 पैकी 7419 नागरिकांना 57 कोटींची मदत केली.

अनिल गलगली यांच्या मते मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कक्षात हुशार आणि जबाबदार सनदी अधिका-यांची नेमणूक केल्यास निधीत वाढ होईल आणि पारदर्शकता राहील. लाभार्थीची यादी संपूर्ण तपशीलवार दिल्यास काही प्रमाणात होणारी बोगसगिरी थांबेल.

Friday 10 November 2023

मुंबई अश्वमेध यज्ञ संबंधी पूर्व व्यवस्था का डॉ. चिन्मय पंड्या ने लिया जायजा

मुंबई अश्वमेध यज्ञ संबंधी पूर्व व्यवस्था का डॉ. चिन्मय पंड्या ने लिया जायजा

अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रतिनिधि डॉ. चिन्मय पंड्या के मुंबई प्रवास के दौरान उन्होंने मुंबई अश्वमेध यज्ञ संबंधी पूर्व व्यवस्था को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से खारघर स्थित सिडको एग्जिबिशन सेंटर पहुंचे। मुंबई अश्वमेध के संदर्भ में चर्चा हेतु डॉ चिन्मय पंड्या ने नवी मुंबई के पुलिस आयुक्त मिलिंद भारंबे से भेंट की। इस मौके पर सुप्रसिद्ध सीरियल तारक मेहता का उल्टा चश्मा की मशहूर अभिनेत्री दया भाभी (दिशा वाकानी) ने डॉ चिन्मय पंड्या से पूज्य गुरुदेव का ज्ञान प्रसाद पाया।

वृहद स्तर पर आयोजित होने वाले इस महायज्ञ में प्रतिभाग करने वाले श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से यज्ञ स्थल के निकटवर्ती क्षेत्रों का अवलोकन किया गया एवं विधि-व्यवस्था के केंद्रीय नियंत्रण हेतु कार्यालय का उद्घाटन भी किया गया। सानपाड़ा स्थित गायत्री चेतना केंद्र में अश्वमेध की सम्बन्धित टीमों की गोष्ठी ली गई एवं बढ़ चढ़ कर अपना योगदान करने हेतु उनका उत्साहवर्धन किया गया।

कार्यकर्ता गोष्ठी के बाद अश्वमेध महायज्ञ क्या है, क्यों और कैसे की जानकारी के लिए डॉ पंड्या ने एक प्रेस -वार्ता को सम्बोधित किया, जिसमे उन्होंने ने यह बताया की अश्वमेध महायज्ञ का आयोजन राष्ट्र निर्माण के लिए होता है। समुद्रगुप्त के शासन काल में इसे आखरी बार किया गया था। इसके बाद अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा सन 1992 में पुनः शुरु किया गया, जो की राष्ट्र के निर्माण लिए समृद्धि का सूचक है। इस यज्ञ में सभी धर्मो के अनुयायियों को भाग लेने का आमंत्रण है। जो आपसी भाई चारे एवं सामाजिक सौहार्द को मजबूत करेगें।

Thursday 17 August 2023

Stalled skywalk work in Kurla to be completed in April 2024

Stalled skywalk work in Kurla to be completed in April 2024

Considering the inconvenience to the citizens to cross the road on Kurla Paschim Lal Bahadur Shastri Marg, the municipality decided to construct a skywalk but the work has been stalled for the past 2 years. RTI activist Anil Galgali has been informed by the Mumbai Municipal Corporation that the stalled skywalk in Kurlya will be completed on April 23, 2024.

RTI activist Anil Galgali had asked the Mumbai Municipal Corporation for various information regarding the stalled skywalk in Kurla West. Amit Bhandari, Assistant Engineer, Bridge Department, Mumbai Municipal Corporation, informed Anil Galgali that on August 18, 2021, a work order was issued to the company NA Construction Private Limited. 15.40 crore contract and the work was required to be completed in 15 months. The Skywalk from Taxi Main Colony at BKC on Kurla West, Bherulal Marg to Srikrishna Chowk at New Mill Road has been closed for the past 254 days. A fine of only 25 thousand has been levied on the contractor. At present the work has been stopped for the rainy season.

According to Anil Galgali, this skywalk is important. Today, thousands of citizens cross the LBS route risking their lives. Traffic was affected due to this. Although the municipality has extended the deadline, the work must be completed within this deadline.

कुर्ला में स्काईवॉक का रुका हुआ काम अप्रैल 2024 में पूरा होगा

कुर्ला में स्काईवॉक का रुका हुआ काम अप्रैल 2024 में पूरा होगा

कुर्ला पश्चिम लाल बहादुर शास्त्री मार्ग पर नागरिकों को सड़क पार करने में होने वाली असुविधा को ध्यान में रखते हुए मुंबई महानगरपालिका ने स्काईवॉक बनाने का निर्णय लिया लेकिन पिछले 2 वर्षों से काम रुका हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुंबई मनपा ने सूचित किया है कि कुर्ला में रुका हुआ स्काईवॉक 23 अप्रैल, 2024 को पूरा हो जाएगा।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई मनपा से कुर्ला पश्चिम में रुके हुए स्काईवॉक के संबंध में विभिन्न जानकारी मांगी थी। मुंबई मनपा के ब्रिज विभाग के सहायक अभियंता अमित भंडारी ने अनिल गलगली को बताया कि 18 अगस्त 2021 को कंपनी एनए कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को वर्क ऑर्डर जारी किया गया था. 15.40 करोड़ का ठेका था और 15 माह में काम पूरा करना था। कुर्ला पश्चिम भेरूलाल मार्ग पर बीकेसी में टैक्सी मेन कॉलोनी से न्यू मिल रोड पर श्रीकृष्ण चौक तक स्काईवॉक का काम पिछले 254 दिनों से बंद है। ठेकेदार पर सिर्फ 25 हजार का जुर्माना लगाया गया है। अभी मानसून के लिए काम बंद किया गया है।

अनिल गलगली के मुताबिक यह स्काईवॉक महत्वपूर्ण है. आज हजारों नागरिक जान जोखिम में डालकर एलबीएस मार्ग पार करते हैं। इससे यातायात प्रभावित होता है। हालांकि मुंबई महानगर पालिका ने समय सीमा बढ़ा दी है, लेकिन इस समय सीमा के भीतर काम पूरा करना होगा।

कुर्ल्यातील रखडलेले स्कायवॉकचे काम पूर्ण होईल एप्रिल 2024 मध्ये

कुर्ल्यातील रखडलेले स्कायवॉकचे काम पूर्ण होईल एप्रिल 2024 मध्ये

कुर्ला पश्चिम लाल बहादुर शास्त्री मार्गावर नागरिकांना रस्ता ओलंडण्यासाठी होणारा त्रास लक्षात घेता पालिकेने स्कायवॉक बांधण्याचा निर्णय घेतला पण मागील 2 वर्षापासून काम रखडलेले आहे. कुर्ल्यातील रखडलेले स्कायवॉक 23 एप्रिल 2024 मध्ये पूर्ण होणार असल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस मुंबई महानगरपालिकेने दिली आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मुंबई महानगरपालिकेकडे कुर्ला पश्चिम येथील रखडलेल्या स्कायवॉकबाबत विविध माहिती विचारली होती. मुंबई महानगरपालिकेच्या पूल विभागाचे सहाय्यक अभियंता अमित भंडारी यांनी अनिल गलगली यांस कळविले की 18 ऑगस्ट 2021 रोजी एनए कन्स्ट्रक्शन प्रायव्हेट लिमिटेड या कंपनीस कार्यादेश जारी केले. 15.40 कोटींचे कंत्राट असून 15 महिन्यात काम पूर्ण करणे आवश्यक होते. कुर्ला पश्चिम भेरुलाल मार्गावरील बीकेसी येथील टॅक्सी मेन कॉलनी पासून न्यू मिल रोड येथील श्रीकृष्ण चौकापर्यंत स्कायवॉकचे काम मागील 254 दिवसापासून बंद आहे. कंत्राटदारावर केवळ 25 हजारांचा दंड आकारला आहे. सद्यस्थितीत काम पावसाळयाकरिता बंद ठेवण्यात आले आहे.

अनिल गलगली यांच्या मते हा स्कायवॉक महत्वाचा आहे. आज दररोज हजारों नागरिक जीव मुठीत धरून एलबीएस मार्ग ओलंडतात. यामुळे वाहतुक प्रभावित होती. पालिकेने मुदतवाढ दिली असली तरी या मुदतीत काम पूर्ण होणे आवश्यक आहे.

Thursday 27 July 2023

महात्मा ज्योतीराव फुले जन आरोग्य योजना केवळ 5 लाखांची घोषणा, शासकीय निर्णय अद्याप जारी नाही

महात्मा ज्योतीराव फुले जन आरोग्य योजना केवळ 5 लाखांची घोषणा, शासकीय निर्णय अद्याप जारी नाही

महात्मा ज्योतीराव फुले जन आरोग्य योजना अंतर्गत आरोग्य संरक्षण 5 लाखापर्यंत करण्याची घोषणा 28 जून 2023 रोजी जरी झाली असली तरी अद्याप शासकीय निर्णय जारी न झाल्यामुळे नागरिकांना कोणताही लाभ मिळू शकत नाही.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मुख्यमंत्र्यांना लिहिलेल्या पत्रात उल्लेख केला आहे की यामुळे रुग्ण उपचारापासून वंचित आहे आणि घोषणा झाल्यामुळे नागरिक आणि शासकीय अधिकारी यांत खटके उडत आहेत. शासकीय निर्णय अजून जारी न करताच दररोज शासकीय जाहिराती भरभरून येत आहेत. विशेष म्हणजे स्वर्गीय बाळासाहेब ठाकरे रस्ते अपघात विमा योजना ही महात्मा फुले जनआरोग्य योजनेत समाविष्ट करण्यात आली. याचीही फक्त घोषणा करण्यात आली आहे पण प्रत्यक्षात कोणताही शासकीय निर्णय जारी करण्यात आला नाही. याबाबत रुग्ण मित्र राजेंद्र ढगे यांसकडे तक्रारी प्राप्त होत आहे.

अनिल गलगली यांनी लक्ष वेधले आहे की जेव्हा अश्या घोषणा केल्या जातात त्याच दिवशी शासकीय निर्णय जारी केल्यास अश्या घोषणा प्रत्यक्षात अंमलात येतात.


Monday 24 July 2023

फिल्म निर्माता राधेश्याम दुबे को दी गई श्रद्धांजलि

फिल्म निर्माता राधेश्याम दुबे को दी गई श्रद्धांजलि

मुंबई। ज्वाला दहेज की, उमरिया कइली तोहरे नाम, गंगापुत्र जैसी फिल्मों के निर्माता तथा मजदूर नेता रहे स्वर्गीय राधेश्याम दुबे  की प्रार्थना सभा में बड़ी संख्या में उपस्थित गणमान्य लोगों ने उनकी तस्वीर पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। उत्तर भारतीय संघ के विशाल सभागार  में आयोजित प्रार्थना सभा में सुरेश शुक्ल और उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत भजन के बीच उपस्थित मुंबई उपनगर के पालक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व मंत्री नसीम खान, पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह, भाजपा विधायक राजहंस सिंह, भाजपा विधायक  व गीतकार विनय बिहारी, उत्तर भारतीय संघ के अध्यक्ष संतोष आरएन सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता व आईटीआई एक्टविस्ट अनिल गलगली, कांग्रेस नेता जाकिर अहमद, भाजपा नेता संजय उपाध्याय, डॉ राधेश्याम तिवारी, डॉ हृदयनारायण मिश्रा, मुंबई भाजपा उपाध्यक्ष अमरजीत सिंह, मुम्बई भाजपा उपाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी, शिक्षाविद डॉ राजेंद्र सिंह, प्रदेश भाजपा उत्तरभारतीय मोर्चा के अध्यक्ष संजय पांडे, मुम्बई भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा के अध्यक्ष जयप्रकाश सिंह, भंवरसिंह राजपुरोहित, अमरेश श्रीवास्तव,सलीम मापखान, समाजसेवी मनोज नाथानी, भाजपा नेता आर यू सिंह, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता द्विजेंद्र तिवारी, डॉ किशोर सिंह, एड सुनील सिंह, भाजपा प्रवक्ता ओमप्रकाश चौहान, भाजपा प्रवक्ता उदय प्रताप सिंह,मुम्बई भाजपा प्रवक्ता अजय सिंह, शुभ्रांशु दीक्षित, ओमप्रकाश शर्मा, संदीप शुक्ला, एड अखिलेश चौबे, अखिलेश सिंह, डॉ अमर मिश्रा, राकां नेता पारसनाथ तिवारी, कांग्रेस नेता निजामुद्दीन राइन,कांग्रेस नेता एड आरपी पांडेय, कांग्रेस नेता शिवजी सिंह, कांग्रेस नेता अवनीश सिंह, एमआरवीसी के जनसंपर्क अधिकारी सुनील उदासी, दिनेश ठक्कर, भरत सिंह, वजीर चांद मुल्ला,श्रीनिवास त्रिपाठी विद्रोही, शिवपूजन पांडे,एडवोकेट राजकुमार मिश्र, संजय सिंह, रामनगिना यादव, दिग्विजय सिंह, भवन निर्माता शिवशंकर सिंह, कृष्णा गाजिनगी, संजय सिंह ठाकुर, सूरज सिंह, चंद्रेश दुबे, रामविलास पाठक, अजय शुक्ला, राजू मेहता, सूर्या ठाकूर, रियाज मुल्ला,संगीतकार राजेश गुप्ता,  उत्तम झा, मुम्बई भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजिंदर सिंह तिवाना, दीपक सिंह, कमलेश यादव, शिवसेना के प्रवक्ता आनंद दुबे, श्रीप्रकाश शुक्ला, रमेश मिश्रा, मनोज सिंह, रामाशीष गुप्ता, घनश्याम मौर्या, विजय सिंह कौशिक, राजकुमार सिंह, सोनू श्रीवास्तव, शिवकुमार तिवारी, नागेंद्र शुक्ला, विजय पांडे, सुरेंद्र मिश्रा, पंकज पांडे, रविंद्र दुबे, राजेश उपाध्याय, शिवपूजन पांडे, कृष्णा शुक्ला, अखिलेश तिवारी, विनोद यादव, सुनील सिंह, प्रसाद पाटील, श्रीश उपाध्याय, शैलेश तिवारी, दिलीप जाधव, मनोज दुबे, दिनेश सिंह, रामदिनेश यादव, सचिन चौधरी, शीतला सिंह, बृजेश त्रिपाठी, आशीष सिंह, भानुप्रकाश मिश्रा, राहुल पांडे, नित्यानंद शर्मा, हरिगोविंद विश्वकर्मा, अनिल चौहान,गोपाल शर्मा, गुरूप्रसाद सिंह, सुजीत मिश्रा, अविनाश पांडे, नीता परब, स्वप्निल शिंदे, महेश पोल समेत राजनीतिक, सामाजिक, शिक्षा, उद्योग, फ़िल्म व मीडिया जगत के अनेक लोगों ने स्वर्गीय राधेश्याम दुबे को श्रद्धांजलि अर्पित की। स्वर्गीय राधेश्याम दुबे के सुपुत्र तथा मुंबई हिंदी पत्रकार संघ के अध्यक्ष आदित्य दुबे ने अपने परिवार की तरफ से  सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।

Thursday 20 July 2023

12 साल से मुंबई में चल रहे भूस्खलन के हादसे का कोई हल नहीं है

12 साल से मुंबई में चल रहे भूस्खलन के हादसे का कोई हल नहीं है

खतरनाक जगहों पर रह रहे हैं 22,483 परिवार

मुंबई में भूस्खलन के कारण जानमाल का नुकसान और आर्थिक नुकसान कोई नई बात नहीं है और राज्य सरकार पिछले 12 वर्षों से भूस्खलन के हादसे को नियंत्रित करने के लिए गंभीर नहीं है। पिछले 31 सालों में सड़क हादसों में 310 लोगों की मौत हुई है और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

मुंबई की 36 में से 25 विधानसभा की सीटों पर 257 जगहों को पहाड़ी इलाकों में खतरनाक की श्रेणी में रखा गया है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि मुंबई स्लम इम्प्रूवमेंट बोर्ड ने राज्य सरकार को प्राथमिकता के आधार पर 22,483 झोपड़ियों में से 9657 झोपड़ियों को स्थानांतरित करने की सिफारिश की थी।पहाड़ियों के चारों ओर सुरक्षा दीवार बनाकर शेष झोपड़ियों की सुरक्षित करने का प्रस्ताव रखा गया था। अनिल गलगली ने इससे पहले महाराष्ट्र सरकार को मानसून के दौरान 327 जगहों पर भूस्खलन की वजह से चेतावनी दी थी।

वर्ष 1992 से 2023 के बीच भूस्खलन के हादसे में 310 लोगों की मौत हुई और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए। मुंबई स्लम इम्प्रूवमेंट बोर्ड ने स्थानांतरण करने की सिफारिश की थी। 2010 में एक व्यापक सर्वेक्षण किया था, और अगर उसी समय पर कार्रवाई की जाती, तो पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों की मौत को रोका जा सकता था। बोर्ड की रिपोर्ट और अनिल गलगली के पत्रव्यवहार के बाद, तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने 1 सितंबर, 2011 को एक कार्य योजना तैयार करने का आदेश नगरविकास विभाग को दिया था। हालांकि, तब से 12 साल बीत चुके हैं, लेकिन नगर विकास विभाग अभी भी इसपर काम ही नहीं शुरु किया हैं। यानी किसी ने भी मुख्यमंत्री के आदेश के अनुसार एक्शन टेकिंग प्लान (एटीपी) नहीं बनाया है, गलगली ने कहा।


12 वर्षांपासून मुंबईत दरडी कोसळून होणाऱ्या दुर्घटनेवर उपाययोजना नाही

12 वर्षांपासून मुंबईत दरडी कोसळून होणाऱ्या दुर्घटनेवर उपाययोजना नाही

22,483 कुटूंब राहत आहेत धोकादायक ठिकाणी

मुंबईतील दरडी कोसळून होणारी जीवित आणि वित्त हानी नवीन नसून मागील 12 वर्षांपासून दरडी कोसळून होणाऱ्या दुर्घटनेवर उपाययोजना करण्यासाठी राज्य सरकार गंभीर नाही. मागील 31 वर्षात दरडी कोसळून झालेल्या दुर्घटनेत 310 लोकांचा मृत्यू झाला असून 300 हून अधिक नागरिक जखमी झाले.

मुंबईतील 36 पैकी 25 मतदारसंघात 257 ठिकाण डोंगराळ भागात धोकादायक म्हणून वर्गीकृत आहे. आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी सांगितले की, या भागातील 22,483 झोपड्यांपैकी 9657 झोपड्यांना प्राधान्याने स्थानांतरित करण्याची शिफारस मुंबई झोपडपट्टी सुधार मंडळाने राज्य शासनाला केली. यात उर्वरित झोपड्यांना टेकड्यांच्या आजूबाजूला तटबंदी बनवून संरक्षित करण्याचे प्रस्तावित केले होते. पावसाळयात भूस्खलनामुळे 327 ठिकाणाबाबत अनिल गलगली यांनी महाराष्ट्र सरकारला आधीच सतर्क केले होते.

वर्ष 1992 ते 2023 या दरम्यान दरडी कोसळून झालेल्या दुर्घटनेत आतापर्यंत 310 लोकांनी जीव गमावला असून 300 हून अधिक जखमी झाले आहेत. 2010 मध्ये सर्वसमावेशक सर्वेक्षण करणार्‍या मुंबई झोपडपट्टी सुधार मंडळाने शिफारस केली होती आणि त्यावर वेळीच कार्यवाही झाली असती तर डोंगराळ भागात राहणा-या नागरिकांच्या मृत्यूला रोखता आले असते. मंडळाचा अहवाल आणि अनिल गलगली यांच्या पाठपुराव्यानंतर 1 सप्टेंबर 2011 रोजी तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण यांनी कृती आराखडा तयार करण्याचे आदेश दिले होते. तथापि, त्यानंतर 12 वर्षे उलटून गेली आहेत परंतु नगरविकास विभाग अद्याप त्याची अंमलबजावणी करीत आहे, मुख्यमंत्र्यांनी आदेश दिल्याप्रमाणे यापैकी कोणतीही अ‍ॅक्शन टेकिंग प्लॅन (एटीपी) तयार केलीच नाही, असे गलगली म्हणाले.


Tuesday 18 July 2023

2.44 Lakh posts are vacant in the Maharashtra State

2.44 Lakh posts are vacant in the Maharashtra State 

✓ No vacancy has been filled since last 30 months.

It has been revealed in RTI query filed by RTI Activist Anil Galgali that more than 2.44 lakh posts are vacant in various departments and Zilla Parishads in the State of Maharashtra. The total number of sanctioned posts in 29 government departments and Zilla Parishad is 10 lakh 70 thousand 840. Out of this 8 lakh 26 thousand 435 posts have been filled and 2 lakh 44 thousand 405 posts are vacant.

Anil Galgali, an RTI activist, had submitted an application to the Government of Maharashtra on Jun 14, 2023 seeking information on sanctioned posts, vacancies and vacancies in all categories of posts under the Government of Maharashtra. The General Administration Department has provided information to Anil Galgali on group wise government and Zilla Parishad groups A, B, C and D till 31st December 2020.

The total number of sanctioned posts in 29 Government Departments and Zilla Parishads is 10,70,840. Out of which 8,26,435 posts have been filled. There are 2,44,405 vacancies. There are 192425 government employees and 51980 Zilla Parishad posts with a total of 244405 vacancies.

The total sanctioned posts of Home Department are 2,92,820 out of which 46,851 posts are vacant. The total sanctioned posts of Public Health Department are 62,358 out of which 23,112 posts are vacant. The total sanctioned posts of Water Resources Department are 45,217 out of which 21,489 posts are vacant. The total sanctioned posts of Revenue and Forest Department are 69,584 out of which 12,557 posts are vacant. The total sanctioned posts of Higher and Technical Department are 12,407 out of which 3,995 posts are vacant. The total sanctioned posts in the Department of Medical Education and Medicine are 36,956 out of which 124.23 posts are vacant. The total sanctioned posts of Tribal Development Department are 21,154 out of which 6213 posts are vacant. The total sanctioned posts of school education and sports department are 7050 out of which 3828 posts are vacant. The total sanctioned posts of Public Works Department are 21,649 out of which 7751 posts are vacant. The total sanctioned posts of Co-operative Marketing Department are 8867 out of which 2933 posts are vacant. The total sanctioned posts of Social Justice Department are 6573 out of which 3221 posts are vacant. The total sanctioned posts of Industry, Energy and Labor Department are 8197 out of which 3686 posts are vacant. The total sanctioned posts of Finance Department are 18191 out of which 5719 posts are vacant. The total sanctioned posts of Food and Civil Supplies Department are 8308 out of which 2949 posts are vacant. The total sanctioned posts of Women and Child Development Department are 3936 out of which 1451 posts are vacant. The total sanctioned posts of Law and Justice Department are 2938 out of which 1201 posts are vacant. The total sanctioned posts of Tourism and Cultural Department are 735 out of which 386 posts are vacant. The total sanctioned posts of General Administration Department are 8795 out of which 2325 posts are vacant.

According to Anil Galgali, the vacancy is causing delays in service and ordinary citizens are suffering. Although an average of 23 per cent posts are vacant, Anil Galgali lamented that in some departments there are 30 to 50 per cent vacancies and the government needs to fill these vacancies immediately. No vacancy has been filled since last 30 months.

महाराष्ट्र राज्यात केवळ 2.44 लाख पदे रिक्त

महाराष्ट्र राज्यात केवळ 2.44 लाख पदे रिक्त

✓ मागील 30 महिन्यापासून एकही रिक्त पद भरले गेलेले नाही

महाराष्ट्र राज्यातील विविध विभाग आणि जिल्हा परिषदअंतर्गत 2.44 लाखांपेक्षा अधिक पदे रिक्त असल्याचे उघड झाले आहे. शासकीय विभाग व जिल्हा परिषदेतील 31 डिसेंबर, 2020 पर्यंतची माहिती उपलब्ध करून दिली. एकूण 29 शासकीय विभाग आणि जिल्हा परिषद यात मंजूर पदांची संख्या10 लाख 70 हजार 840 इतकी आहे. यापैकी 8 लाख 26 हजार 435 ही पदे भरलेली आहेत. तर 2 लाख 44 हजार 405 इतकी पदे रिक्त असल्याची माहिती माहिती अधिकार कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस महाराष्ट्र शासनाने दिली आहे. 

अनिल गलगली यांनी महाराष्ट्र शासनाकडे 14 जून 2023 रोजी अर्ज सादर करत महाराष्ट्र शासनाच्या अंतर्गत सर्व वर्गातील एकूण पदांची माहिती देताना मंजूर पदे, भरलेली पदे आणि रिक्त पदांची माहिती मागितली होती. सामान्य प्रशासन विभागाने अनिल गलगली यांस गटनिहाय शासकीय व जिल्हा परिषदेतील गट अ, ब, क आणि ड मधील दिनांक 31 डिसेंबर 2020 यापर्यंतची माहिती उपलब्ध करुन दिली.

एकूण 29 शासकीय विभाग आणि जिल्हापरिषद यात मंजूर पदांची संख्या 10, 70,840 इतकी आहे. ज्यापैकी 8,26,435 ही पदे भरलेली आहेत. तर 2,44,405 ही पदे रिक्त आहेत. यात शासकीय कर्मचाऱ्यांची 192425 तर जिल्हापरिषदेच्या 51980 अशी एकूण 244405 पदे रिक्त आहेत. 


गृह विभागाची एकूण मंजूर पदे 2,92,820 असून त्यापैकी 46,851 पदे रिक्त आहेत. सार्वजनिक आरोग्य विभागाची एकूण मंजूर पदे 62,358 असून त्यापैकी 23,112 पदे रिक्त आहेत. जलसंपदा विभागाची एकूण मंजूर पदे 45,217असून त्यापैकी 21,489 पदे रिक्त आहेत. महसूल व वन विभागाची एकूण मंजूर पदे 69,584 असून त्यापैकी 12,557 पदे रिक्त आहेत. उच्च व तंत्र विभागाची एकूण मंजूर पदे 12,407 असून त्यापैकी 3,995 पदे रिक्त आहेत. वैद्यकीय शिक्षण व औषधी द्रव्ये विभागाची एकूण मंजूर पदे 36,956 असून त्यापैकी 124,23 पदे रिक्त आहेत. आदिवासी विकास विभागाची एकूण मंजूर पदे 21,154 असून त्यापैकी 6213 पदे रिक्त आहेत. शालेय शिक्षण व क्रिडा विभागाची एकूण मंजूर पदे 7050 असून त्यापैकी 3828 पदे रिक्त आहेत. सार्वजनिक बांधकाम विभागाची एकूण मंजूर पदे 21,649 असून त्यापैकी 7751 पदे रिक्त आहेत. सहकार पणन विभागाची एकूण मंजूर पदे 8867 असून त्यापैकी 2933 पदे रिक्त आहेत. सामाजिक न्याय विभागाची एकूण मंजूर पदे 6573 असून त्यापैकी 3221 पदे रिक्त आहेत. उद्योग, ऊर्जा व कामगार विभागाची एकूण मंजूर पदे 8197 असून त्यापैकी 3686 पदे रिक्त आहेत. वैद्यकीय शिक्षण विभागाची एकूण मंजूर पदे 36956 असून त्यापैकी 12423 पदे रिक्त आहेत. वित्त विभागाची एकूण मंजूर पदे 18191 असून त्यापैकी 5719 पदे रिक्त आहेत. शालेय शिक्षण विभागाची एकूण मंजूर पदे 7050 असून त्यापैकी 3828 पदे रिक्त आहेत. अन्न व नागरी पुरवठा विभागाची एकूण मंजूर पदे 8308 असून त्यापैकी 2949 पदे रिक्त आहेत. महिला व बालविकास विभागाची एकूण मंजूर पदे 3936 असून त्यापैकी 1451 पदे रिक्त आहेत. विधि व न्याय विभागाची एकूण मंजूर पदे 2938 असून त्यापैकी 1201 पदे रिक्त आहेत. पर्यटन व सांस्कृतिक विभागाची एकूण मंजूर पदे 735 असून त्यापैकी 386 पदे रिक्त आहेत. सामान्य प्रशासन विभागाची एकूण मंजूर पदे 8795 असून त्यापैकी 2325 पदे रिक्त आहेत. 


अनिल गलगली यांच्या मते रिक्त पदामुळे सेवेत दिरंगाई होते आणि सामान्य नागरिकांना त्रास सहन करावा लागत आहे.  सरासरी 23 टक्के पदे रिक्त असली तरी काही विभागात 30 ते 50 टक्क्यांपर्यंत पदे रिक्त असल्याची खंत अनिल गलगली यांनी व्यक्त करत केली आहे की शासनाने तत्काळ ही रिक्त पदे भरण्याची आवश्यकता आहे. मागील 30 महिन्यापासून एकही रिक्त पद भरले गेलेले नाही.

महाराष्ट्र राज्य में 2.44 लाख पद हैं रिक्त

महाराष्ट्र राज्य में 2.44 लाख पद हैं रिक्त

✓ पिछले 30 माह से कोई रिक्त पद नहीं भरा गया है।

महाराष्ट्र राज्य में विभिन्न विभाग और जिला परिषद अंतर्गत 2.44 लाख से अधिक पद रिक्त होने की बात सामने आई हैं। सरकारी विभाग व जिला परिषद में 31 दिसंबर, 2020 तक की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को महाराष्ट्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई हैं। कुल 29 सरकारी विभाग और जिला परिषद में मंजूर पद की संख्या 10 लाख 70 हजार 840 इतनी है। इसमें से 8 लाख 26 हजार 435 पदे कार्यरत हैं वहीं 2 लाख 44 हजार 405 इतने पद रिक्त हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने महाराष्ट्र सरकार को 14 जून 2023 को आवेदन कर महाराष्ट्र सरकार के अंतर्गत सभी वर्ग के कुल पदों के साथ कार्यरत और रिक्त पद की जानकारी मांगी थी। सामान्य प्रशासन विभाग ने अनिल गलगली को गटनिहाय सरकारी व जिला परिषद के गट अ, ब, क और ड की दिनांक 31 दिसंबर 2020 तक की जानकारी उपलब्ध कराई हैं।

कुल 29 सरकारी विभाग और जिला परिषद में कुल मंजूर पद की संख्या 10, 70,840 इतनी हैं। उसमें से 8,26,435 यह कार्यरत पद हैं। वहीं 2,44,405 यह रिक्त पद हैं। इनमें सरकारी कर्मचारियों की संख्या 1,92,425 वहीं जिला परिषद की संख्या 51980 ऐसे कुल मिलाकर 2,44405 पद रिक्त हैं।

गृह विभाग में कुल मंजूर पद 2,92,820 हैं उसमें से 46,851 पद रिक्त हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में कुल मंजूर पद 62,358 हैं उसमें से 23,112 पद रिक्त हैं।। जलसंपदा विभाग में कुल मंजूर पद 45,217 हैं उसमें से 21,489 पद रिक्त हैं। राजस्व व वन विभाग में कुल मंजूर पद 69,584 हैं जिसमें से 12,557 पद रिक्त हैं। उच्च व तंत्र विभाग में कुल मंजूर पद 12,407 हैं उसमें से 3,995 पद रिक्त हैं। वैद्यकीय शिक्षा व औषधी द्रव्य विभाग में कुल मंजूर पद 36,956 हैं जिसमें से 124,23 पद रिक्त हैं। आदिवासी विकास विभाग में कुल मंजूर पद 21,154 हैं जिसमें से 6213 पद रिक्त हैं। शालेय शिक्षा व क्रिडा विभाग में कुल मंजूर पद 7050 हैं जिसमें से 3828 पद रिक्त है। सार्वजनिक निर्माण विभाग में कुल मंजूर पदे 21,649 हैं जिसमें से 7751 पद रिक्त हैं। सहकार पणन विभाग में कुल मंजूर पद 8867 है जिसमें से 2933 पद रिक्त है। सामाजिक न्याय विभाग में कुल मंजूर पद 6573 हैं जिसमें से 3221 पद रिक्त है। उद्योग, ऊर्जा व कामगार विभाग में कुल मंजूर पद 8197 है जिसमें से 3686 पद रिक्त हैं। वित्त विभाग में कुल मंजूर पद 18191 है जिसमें से 5719 पद रिक्त है। अन्न व नागरी आपूर्ति विभाग में एकूण मंजूर पद 8308 है जिसमें से 2949 पद रिक्त हैं। महिला व बालविकास विभाग में कुल मंजूर पद 3936 हैं जिसमें से 1451 पद रिक्त हैं। विधि व न्याय विभाग में कुल मंजूर पद 2938 है जिसमें से 1201 पद रिक्त हैं। पर्यटन व सांस्कृतिक विभाग में कुल मंजूर पद 735 हैं जिसमें से 386 पद रिक्त हैं। सामान्य प्रशासन विभाग में कुल मंजूर पद 8795 हैं जिसमें से 2325 पद रिक्त हैं।


अनिल गलगली के अनुसार रिक्त पद से सेवा में लापरवाही बरती जाती हैं और आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। औसतन 23 प्रतिशत पद रिक्त है लेकिन कई सारे विभागों में यह प्रतिशत 30 से 50 प्रतिशत तक होने पर अनिल गलगली ने खेद जताते हुए कहा कि सरकार ताबड़तोड़ रिक्त पद भरे। पिछले 30 माह से कोई रिक्त पद नहीं भरा गया है।

Monday 10 July 2023

Significance of determination & self-confidence in making even the most challenging tasks easy- Anil Galgali

Significance of determination & self-confidence in making even the most challenging tasks easy - Anil Galgali 


Mumbai-based journalist and RTI activist, Anil Galgali, emphasized the significance of determination and self-confidence in making even the most challenging tasks easy during a felicitation ceremony held at Sangress High School and Junior High School in Ghatkopar (W). The event honored meritorious students who achieved excellent marks in their Class X and XII examinations.

Addressing the gathering, Anil Galgali stressed that the pursuit of computer science, information technology, medicine, and engineering has become increasingly popular among students worldwide. He advised students to choose their subjects based on their passion and interests, aligning their academic paths with the fields they aspire to pursue.

The ceremony began with Bhalchandra Dalvi, Trustee of Sungress High School and Junior College, extending a warm welcome to the attendees by presenting them with shawls, bouquets, and school mementos. Both Bhalchandra Dalvi and Umashankar Rajbhar, school trustees, also delivered speeches during the event, further acknowledging the achievements of the honored students.

The felicitation ceremony was attended by senior journalist Harishchandra Pathak, along with all the school's teachers, a large number of students, and their proud parents. The event served as a platform to recognize the exceptional academic accomplishments of the students and encourage them to pursue their dreams with unwavering determination and self-belief.

Anil Galgali's insightful remarks resonated with the audience, highlighting the importance of harnessing emotions in overcoming challenges and finding success in various endeavors. His words served as an inspiration to the meritorious students and motivated them to pursue their chosen paths with dedication and enthusiasm.

भाव होगा तो कोई भी कार्य आसान होगा - अनिल गलगली

भाव होगा तो कोई भी कार्य आसान होगा - अनिल गलगली

सनग्रेस हाईस्कूल और जूनियर हाईस्कूल द्वारा कक्षा दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में उत्कृष्ठ अंक प्राप्त करने वाले मेधावी छात्रों का स्वागत समारोह 

मुंबई: दृढ़ निश्चय और आत्मविश्वास मनुष्य के जीवन में कठिन से कठिन कार्य को आसान बना देता है। ठीक इसी तरह भाव होगा तो कोई भी कार्य आसान होगा। उपरोक्त बातें पत्रकार और जाने माने आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल गलगली ने घाटकोपर ( प) के हिमालय सोसाइटी स्थित सनग्रेस हाईस्कूल और जूनियर हाईस्कूल में आयोजित कक्षा दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में उत्कृष्ठ अंक प्राप्त करने वाले मेधावी छात्रों के स्वागत समारोह में कही। 

अनिल गलगली ने कहा कि आज पूरे विश्व में छात्रों का झुकाव कंप्यूटर,आईटी, चिकित्सा और इंजीनियरिंग की ओर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में विद्यार्थियों को चाहिए की वे अपनी इच्छा और रुचि के अनुसार ही जिस क्षेत्र में जाना चाहते हैं वहां के अनुसार ही विषय का चयन करें। प्रारंभ में सनग्रेस हाईस्कूल और जूनियर कॉलेज के ट्रस्टी भालचंद्र दलवी ने मेहमानों का स्वागत शाल, गुलदस्ता और विद्यालय का मेमेंटो देकर किया। मेधावी छात्रों के इस स्वागत समारोह को विद्यालय के ट्रस्टी भालचंद्र दलवी और उमाशंकर राजभर ने भी संबोधित किया। समारोह में वरिष्ठ पत्रकार हरिश्चंद्र पाठक विद्यालय के सभी शिक्षक और बड़ी संख्या में छात्र और उनके अभिभावक उपस्थित थे।

भावना असेल तर कोणतेही काम सोपे होईल - अनिल गलगली

भावना असेल तर कोणतेही काम सोपे होईल - अनिल गलगली

सनग्रेस हायस्कूल आणि ज्युनियर हायस्कूल तर्फे दहावी आणि बारावीच्या परीक्षेत उत्कृष्ट गुण मिळविलेल्या गुणवंत विद्यार्थ्यांच्या सत्कार समारंभ 

मुंबई : जिद्द आणि आत्मविश्वासामुळे माणसाच्या आयुष्यातली कठीण कामंही सोपी होतात. अशी भावना असेल तर कोणतेही काम सोपे होईल. वरील बाब पत्रकार आणि आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी सनग्रेस हायस्कूल आणि ज्युनियर हायस्कूल, हिमालय सोसायटी, घाटकोपर (प.) येथे आयोजित दहावी आणि बारावीच्या परीक्षेत उत्कृष्ट गुण मिळविलेल्या गुणवंत विद्यार्थ्यांच्या सत्कार समारंभात सांगितल्या.

अनिल गलगली म्हणाले की, आज जगभरातील विद्यार्थ्यांचा कल संगणक, आयटी, वैद्यक आणि अभियांत्रिकीकडे झपाट्याने वाढत आहे. अशा परिस्थितीत विद्यार्थ्यांनी आपल्या इच्छेनुसार आणि आवडीनुसार विषय निवडला पाहिजे, त्यानुसार त्यांना ज्या क्षेत्रात जायचे आहे. प्रारंभी सनग्रेस हायस्कूल व कनिष्ठ महाविद्यालयाचे विश्वस्त भालचंद्र दळवी यांनी पाहुण्यांचे शाल, पुष्पगुच्छ व स्मृतीचिन्ह देऊन स्वागत केले. शाळेचे विश्वस्त भालचंद्र दळवी व उमाशंकर राजभर यांनीही गुणवंत विद्यार्थ्यांच्या या स्वागत समारंभाला संबोधित केले. कार्यक्रमास ज्येष्ठ पत्रकार हरिश्चंद्र पाठक, शाळेचे सर्व शिक्षक व विद्यार्थी व त्यांचे पालक मोठ्या संख्येने उपस्थित होते.

Thursday 6 July 2023

Construction of Vidyavihar ROB to be completed by September 30, 2023

Construction of East-West Vidyavihar Railway Bridge to be completed by September 30, 2023

√ An increase of 11.21 crores

/ Extension twice

/ No penalty 

/ 35.91 crore paid to Central Railway

RTI activist Anil Galgali has been informed by the Mumbai Municipal Corporation that the construction of the much awaited railway bridge connecting Vidyavihar East and West is on delay and the construction will be completed by September 30, 2023. Anil Galgali has been pursuing the administration for speedy construction of Vidyavihar railway bridges for the past 14 years.


RTI activist Anil Galgali had sought information about the Vidyavihar railway bridge from the Mumbai Municipal Corporation administration. Mumbai Municipal Corporation Bridge Department informed Anil Galgali that the work order was issued on 19th April 2018 and the completion date is 4th November 2020. The length of Vidyavihar Railway Bridge is 613 meters. The width of the railway section is 24.30 m while the width of the access road is 17.50 m. The total cost of the project is 78 crore 19 lakh 28 thousand 895 rupees. A total of 35.91 crores has been given to Central Railway for various clearances. So far the Mumbai Municipal Corporation has appointed the contractor AB Infrabuild, A total of 57.90 crores has been paid to Infrabuild and there is a balance of 20.28 crores. Interestingly, not even a single rupee penalty was levied on the contractor.

According to Anil Galgali, there is a loss due to cost increase in such a project, but the citizens have to suffer because the project is not completed on time. There will be no delay in obtaining various permissions if the railway administration initiates a single window scheme in such a project.

30 सितंबर, 2023 तक पूर्ण होगा विद्याविहार रेलवे ब्रिज का निर्माण

30 सितंबर, 2023 तक पूर्ण होगा विद्याविहार रेलवे ब्रिज का निर्माण 

√ 11.21 करोड़ की बढ़ोतरी

/ दो बार विस्तार

/ 1 रुपये का जुर्माना नहीं

/ मध्य रेलवे को 35.91 करोड़ का भुगतान किया गया

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुंबई मनपा ने सूचित किया है कि विद्याविहार पूर्व और पश्चिम को जोड़ने वाले बहुप्रतीक्षित रेलवे पुल के निर्माण में देरी हो रही है और निर्माण 30 सितंबर, 2023 तक पूरा हो जाएगा। अनिल गलगली पिछले 14 वर्षों से विद्याविहार रेलवे पुलों के शीघ्र निर्माण के लिए प्रशासन से प्रयास कर रहे हैं।



आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई मनपा प्रशासन से विद्याविहार रेलवे ब्रिज के बारे में जानकारी मांगी थी। मुंबई मनपा ब्रिज विभाग ने अनिल गलगली को बताया कि कार्य आदेश 19 अप्रैल 2018 को जारी किया गया था और पूरा होने की तारीख 4 नवंबर 2020 थी। विद्याविहार रेलवे ब्रिज की लंबाई 613 मीटर है. रेलवे खंड की चौड़ाई 24.30 मीटर है जबकि ॲप्रोच मार्ग की चौड़ाई 17.50 मीटर है। परियोजना की कुल लागत 78 करोड़ 19 लाख 28 हजार 895 रुपये है। विभिन्न मंजूरियों के लिए मनपा द्वारा मध्य रेलवे को कुल 35.91 करोड़ रुपये दिए गए हैं। अब तक मुंबई मनपा द्वारा ठेकेदार एबी इंफ्राबिल्ड को कुल 57.90 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है और 20.28 करोड़ बकाया है। दिलचस्प बात यह है कि ठेकेदार पर एक रुपये का भी जुर्माना नहीं लगाया गया।

अनिल गलगली के मुताबिक, ऐसे प्रोजेक्ट में लागत बढ़ने से नुकसान तो होता ही है, लेकिन प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं होने का खामियाजा नागरिकों को भुगतना पड़ता है। यदि रेलवे प्रशासन ऐसे प्रोजेक्ट में सिंगल विंडो योजना शुरू कर दे तो विभिन्न अनुमतियां मिलने में देरी नहीं होगी।

30 सप्टेंबर 2023 पर्यंत पूर्ण होईल विद्याविहार रेल्वे पुलाचे बांधकाम

30 सप्टेंबर 2023 पर्यंत पूर्ण होईल विद्याविहार रेल्वे पुलाचे बांधकाम

✓ 11.21 कोटींची वाढ
✓ दोनदा मुदतवाढ
✓ एकाही रुपयांचा दंड नाही
✓ मध्य रेल्वेला दिले 35.91 कोटी


बहुप्रतिक्षित असा विद्याविहार पूर्व आणि पश्चिमेला जोडणा-या रेल्वे पुलाचे बांधकाम विलंबाने सुरु असून 30 सप्टेंबर 2023 पर्यंत बांधकाम पूर्ण होईल,अशी माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांना मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाने दिली आहे. अनिल गलगली हे गेल्या 14 वर्षांपासून विद्याविहार रेल्वे पुलांच्या जलद कामासाठी प्रशासनाकडे पाठपुरावा करत आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाकडे विद्याविहार रेल्वे पुलाची माहिती मागितली होती. मुंबई महानगरपालिका पूल विभागाने अनिल गलगली यांस कळविले की या कामाचे कार्यादेश दिनांक 19 एप्रिल 2018 रोजी देण्यात आले होते आणि काम पूर्ण होण्याचे दिनांक 4 नोव्हेंबर 2020 असे आहे. विद्याविहार रेल्वे पुलाची लांबी 613 मीटर आहे. रेल्वे भागाची रुंदी 24.30 मीटर आहे तर पोहोच रस्त्याची रुंदी 17.50 मीटर अशी आहे. प्रकल्पाची एकूण किंमत 78 कोटी 19 लाख 28 हजार 895 रुपये इतकी आहे. मध्य रेल्वेला विविध परवानगीसाठी एकूण 35.91 कोटी देण्यात आले आहे. मुंबई महानगरपालिकेने आतापर्यंत कंत्राटदार ए. बी. इन्फ्राबिल्ड यास एकूण 57.90 कोटी दिले असून 20.28 कोटी शिल्लक रक्कम आहे. विशेष म्हणजे एकाही रुपयांचा दंड कंत्राटदार यावर आकारला नाही.

अनिल गलगली यांच्या मते अश्या प्रकल्पात खर्च वाढल्याने नुकसान होते पण वेळेत प्रकल्प पूर्ण न झाल्याने नागरीकांना त्रास सहन करावा लागतो. रेल्वे प्रशासनाकडून अश्या प्रकल्पात एकल खिडकी योजना सुरु केल्यास विविध परवानगी प्राप्त होण्यात विलंब होणार नाही.

Sunday 4 June 2023

मुंबई अश्वमेध गायत्री महायज्ञासाठी भूमिपूजन

मुंबई अश्वमेध गायत्री महायज्ञासाठी भूमिपूजन 

✓ राज्यपाल रमेश बैस म्हणाले की, गायत्री परिवाराशी माझे जुने नाते आहे. 

✓ हरिद्वारच्या यज्ञाचार्यांनी वैदिक पद्धतीने पूजा केली 

✓ गायत्री परिवार प्रमुख कार्यक्रमात ऑनलाइन सामील झाले, दिला विशेष संदेश

अश्वमेध गायत्री महायज्ञ 23 ते 28 जानेवारी 2024 रोजी मुंबई येथे गायत्रीतीर्थ शांतीकुंजच्या माध्यमातून होणार आहे. भूमिपूजन सोहळयाचे प्रमुख पाहुणे महाराष्ट्राचे राज्यपाल रमेश बैस म्हणाले की, गायत्री परिवाराशी माझे जुने नाते आहे. गायत्री परिवाराच्या संस्थापक माता भगवतीदेवी शर्मा यांचे विशेष स्नेह मला लाभले होते. गायत्री परिवार हे समाज आणि राष्ट्राच्या उन्नतीसाठी निस्वार्थपणे कार्यरत असलेल्या संस्थेचे नाव आहे. मुंबईत होणाऱ्या अश्वमेध महायज्ञाच्या यशस्वीतेसाठी राज्यपालांनी शुभेच्छा दिल्या.

या भूमीपूजन कार्यक्रमासाठी देव संस्कृती विद्यापीठाचे प्र-कुलगुरू डॉ.चिन्मय पंड्या यांच्या नेतृत्वाखाली शांतीकुंज हरिद्वार येथून यज्ञाचार्यांचे पथक आले होते. विशेष मान्यवर व जोडप्यांच्या हस्ते वैदिक विधीनुसार भूमिपूजन कार्यक्रम पार पडला. हा महायज्ञ सेंट्रल पार्क मैदान, खारघर सेक्टर-28, नवी मुंबई येथे होणार आहे.

शांतीकुंज हरिद्वार येथील अखिल विश्व गायत्री परिवाराचे प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या यांनी भूमिपूजन समारंभास ऑनलाइन सहभागी होऊन संबोधित केले. आपल्या संदेशात त्यांनी सांगितले की, गायत्री परिवाराच्या संस्थापक माता भगवतीदेवी शर्मा यांच्या समर्थ मार्गदर्शनाखाली 1992 साली जयपूर येथून सुरू झालेला हा अश्वमेध विधीचा 49 वा महायज्ञ आहे. या महायज्ञातून लोकांना आध्यात्मिक अन्न मिळेल. अश्वमेध गायत्री महायज्ञातील सर्व उपक्रम भारतीय संस्कृतीच्या नियमांनुसार चालवले जातील. अखिल जागतिक गायत्री परिवाराचे प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या म्हणाले की, आमची कुटुंबे आई गायत्री-माता यज्ञाचा संदेश मुंबईकरांच्या घराघरात पोहोचवतील. मुंबईला जाग आली तर आपल्या भारतीय संस्कृतीला जाग यायला जास्त वेळ लागणार नाही.

महाराष्ट्र शासनाचे वन व सांस्कृतिक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार म्हणाले की, कुटुंब उभारणी, समाज बांधणी आणि राष्ट्र उभारणीत गायत्री परिवाराचे योगदान अतुलनीय आहे. मुनगंटीवार पुढे म्हणाले की, एकेकाळी अश्वमेध यज्ञ राज्य जिंकण्यासाठी केला जायचा परंतु हा अश्वमेश यज्ञ हा आपल्या मनाला जिंकण्यासाठी आहे. २१ व्या शतकात मनाला जिंकणारा व्यक्तीच खरा राजा आहे. 

तत्पूर्वी शांतीकुंजचे युवा प्रतिनिधी व देव संस्कृती विद्यापीठाचे कुलगुरू डॉ.चिन्मय पंड्या म्हणाले की, राजसूर्य यज्ञ हा राज्याच्या विकासासाठी केला जातो, पुत्रप्राप्तीसाठी केला जातो आणि अश्वमेध महायज्ञ हा सर्वांसाठी केला जातो. राष्ट्राचा सर्वांगीण विकास हेच गायत्री परिवाराचे मुख्य उद्दिष्ट असून राष्ट्राच्या विकासाबरोबरच संपूर्ण मानवजातीचे उत्थान हे आहे.

यावेळी हिरानंदानी ग्रुपचे चेअरमन निरंजन हिरानंदानी, सोलर ग्रुपचे चेअरमन सत्यनारायण नुवाल, राधिका मर्चंट, अश्वमेध गायत्री महायज्ञाचे निमंत्रक मनुभाई यांच्यासह महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगड आदी राज्यातील हजारो भाविक उपस्थित होते.

मुंबई अश्वमेध गायत्री महायज्ञ के लिए हुआ भूमिपूजन

मुंबई अश्वमेध गायत्री महायज्ञ के लिए हुआ भूमिपूजन 

✓ राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि गायत्री परिवार से मेरा पुराना रिश्ता है

✓ हरिद्वार से आये यज्ञाचार्यों ने वैदिक रीति से कराया पूजन 

✓ शांतिकुंज से गायत्री परिवार प्रमुख आनलाइन जुड़ें, दिया विशेष संदेश



गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के तत्वावधान में मायानगरी मुंबई में २३ से २८ जनवरी २०२४ की तिथियों में अश्वमेध गायत्री महायज्ञ होगा। भूमिपूजन समारोह के मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि गायत्री परिवार से मेरा पुराना रिश्ता है। मैंने गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा के स्नेह का पान किया है। गायत्री परिवार समाज व राष्ट्र के उत्थान में निःस्वार्थ भाव से जुटा हुआ संगठन का नाम है। राज्यपाल ने मुंबई में होने वाला अश्वमेध महायज्ञ की सफलता हेतु अपनी शुभकामनाएँ दी।


इस हेतु भूमिपूजन कार्यक्रम के लिए शांतिकुंज हरिद्वार से देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ.चिन्मय पण्ड्या के नेतृत्व मे यज्ञाचार्यों की टीम आई थी। विशेष गणमान्यों दम्पतियों ने वैदिक रीति से भूमिपूजन कार्यक्रम सम्पन्न कराया। यह महायज्ञ नवी मुंबई के खारघर सेक्टर-२८ स्थित सेंट्रल पार्क ग्राउण्ड में होगा। 

शांतिकुंज हरिद्वार से अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने आनलाइन जुड़कर भूमिपूजन समारोह को संबोधित किया। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा के कुशल संचालन में वर्ष १९९२ में जयपुर से प्रारंभ हुआ आश्वमेधिक अनुष्ठान का यह ४९वां महायज्ञ है। इस महायज्ञ से जन मानस को आध्यात्मिक आहार मिलेगा। भारतीय संस्कृति के मानदण्डों के अनुरूप अश्वमेध गायत्री महायज्ञ के सारी गतिविधियाँ संचालित होंगी। अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि मुंबईवासियों के घर-घर यज्ञ पिता-गायत्री माता के संदेशों को हमारे परिजन पहुंचायेंगे। मुंबई जाग गया, तो हमारी भारतीय संस्कृति को जगाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

महाराष्ट्र सरकार के वन व सांस्कृतिक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि परिवार निर्माण, समाज निर्माण एवं राष्ट्र निर्माण में गायत्री परिवार का योगदान अतुलनीय है। मुनगंटीवार ने आगे कहा कि एक समय राज्य जीतने के लिए अश्वमेध यज्ञ किया जाता था लेकिन यह अश्वमेध यज्ञ हमारे मन को जीतने के लिए है। 21वीं सदी में दिल जीतने वाला ही असली बादशाह है।

इससे पूर्व शांतिकुंज के युवा प्रतिनिधि एवं देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा राजसूय यज्ञ राज्य को विकसित करने के लिए, पुत्रेष्टि यज्ञ पुत्र प्राप्ति हेतु तथा अश्वमेध महायज्ञ राष्ट्र की चहुंमुखी विकास के लिए होता है। गायत्री परिवार को मुख्य उद्देश्य- राष्ट्र के विकास के साथ-साथ सम्पूर्ण मानव जाति के उत्थान का है। 


इस अवसर पर हिरानंदानी ग्रुप के अध्यक्ष निरंजन हिरानंदानी, सोलर ग्रुप के अध्यक्ष सत्यनारायण नुवाल, रिलाइंस ग्रुप की राधिका मर्चेंट, अश्वमेध गायत्री महायज्ञ के संयोजक मनुभाई, सहित महाराष्ट्र, गुजरात, मप्र, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों से आये हजारों भाविक उपस्थित रहे।

Friday 26 May 2023

Mumbaikar gather against the decision of the Chief Minister

Mumbaikar gather against the decision of the Chief Minister


A move to change the current policy of open spaces, playgrounds and recreation grounds in Mumbai


The Bombay Catholic Sabha organized a meeting at St. Michael's Hall in Mahim against the Chief Minister's order to the Municipal Commissioner to change the current policy of open spaces, playgrounds and recreation grounds in Mumbai. All the speakers emphasized on protecting the government and the municipality instead of adopting a private organization or individual.

Former Central Information Commissioner Shailesh Gandhi said that the government should maintain the public lands which are reserved. It is necessary to protect the interests of citizens. This is our land and it is necessary to fight for it and citizens need to unite at the local level.

MLA Amit Satam said that it's possible to rich municipality but Mumbai has been neglected for the past few years. Organization needs to focus on local level. Stating that I have come here with the permission of Deputy Chief Minister Devendra Fadnvis.Satam said that it is necessary to meet Commissioner Iqbal Singh Chahal and raise the issues. Changing the policy for only 41 people is wrong.


RTI activist Anil Galgali said that the municipality currently has a total of 1068 open spaces, playgrounds and recreation grounds on 1200 acres. Attempts are being made by some political leaders and others to change the current policy but as earlier Devendra Fadnavis had given a moratorium, he will take the initiative, Galgali expressed this belief. Citizens should take the initiative to observe the area around them and report it so that the municipality realizes that the citizens are paying attention, added Galgali.


Mahesh Zagde, a former IAS said that the municipality should protect the open space itself. At that time, such an experiment was also being conducted in Pune, as the commissioner, we refused it.

Bhaskar Prabhu said that citizens should come forward for audit. This will allow you to notice the progress of the local park. Another activist P Sriganesh said that maintaining such a space is a challenge now. Government should take responsibility. The meeting was organized by Dolphy D'Souza, Norbert Mendonca, Vinod Noronha and team.

मुंबई की खुली जमीन को लेकर वर्तमान नीति को बदलने के मुख्यमंत्री के फैसले के खिलाफ मुंबईकर आए एकत्र

मुंबई की खुली जमीन को लेकर वर्तमान नीति को बदलने के मुख्यमंत्री के फैसले के खिलाफ मुंबईकर आए एकत्र

मुंबई में खुले स्थानों, खेल के मैदानों और मनोरंजन के मैदानों की वर्तमान नीति को बदलने पर दबाव 

मुंबई में खुले स्थानों, खेल के मैदानों और मनोरंजन के मैदानों की मौजूदा नीति को बदलने के लिए मनपा आयुक्त को मुख्यमंत्री ने जारी किए हुए आदेश के खिलाफ बॉम्बे कैथोलिक सभा ने माहिम के सेंट माइकल हॉल में एक बैठक आयोजित की। सभी वक्ताओं ने निजी संस्था या व्यक्ति को यह जमीन गोद देने के बजाय सरकार और मनपा को इसकी रक्षा करने पर जोर दिया।

पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने कहा कि जो सार्वजनिक भूमि आरक्षित है, सरकार को उसकी देखरेख करनी चाहिए। नागरिकों के हितों की रक्षा करना जरूरी है।यह हमारी जमीन है और इसके लिए लड़ना जरूरी है और स्थानीय स्तर पर नागरिकों को एकजुट होने की जरूरत है।


भाजपा विधायक अमित साटम ने कहा कि समृद्ध मनपा को सभ कुछ संभव है लेकिन विगत कुछ वर्षों से मुंबई की उपेक्षा की जा रही है. एनजीओ को स्थानीय स्तर पर ध्यान देने की जरूरत है। साटम ने कहा कि मैं उपमुख्यमंत्री की अनुमति से यहां आया हूं, उन्होंने कहा कि आयुक्त इकबाल सिंह चहल से मिलकर सभी मुद्दों को उठाना जरूरी है। सिर्फ 41 लोगों के लिए पॉलिसी बदलना गलत है।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने बताया कि मनपा के पास वर्तमान में 1200 एकड़ में कुल 1068 खुले स्थान, खेल के मैदान और मनोरंजन के मैदान हैं। वर्तमान नीति को बदलने के लिए कुछ राजनीतिक नेताओं और अन्य लोगों द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन जैसा कि पहले देवेंद्र फडणवीस ने इसे होने नहीं दिया था अब भी वह इसमें हस्तक्षेप करेंगे, यह विश्वास गलगली ने व्यक्त किया। नागरिकों को अपने आसपास के क्षेत्र स्थित मैदान एवं गार्डन का निरीक्षण कर पहल करनी चाहिए और इसकी सूचना देनी चाहिए ताकि मनपा को पता चले कि नागरिक ध्यान दे रहे हैं।

पूर्व आईएएस अधिकारी महेश झगड़े ने कहा कि मनपा को खुले स्थान की सुरक्षा स्वयं करनी चाहिए। उस समय पुणे में भी ऐसा प्रयोग हो रहा था, कमिश्नर होने के नाते हमने इससे इनकार कर दिया।

आरटीआई कार्यकर्ता भास्कर प्रभु ने कहा कि ऑडिट के लिए नागरिकों को आगे आना चाहिए। इससे स्थानीय पार्क की प्रगति की जानकारी सबको होगी।

एक अन्य कार्यकर्ता पी श्रीगणेश ने कहा कि इस तरह की जगह को बनाए रखना अब एक चुनौती है। सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

यह बैठक डॉल्फी डिसूजा, नॉर्बर्ट मेंडोनवा, विनोद नोरोन्हा और टीम द्वारा आयोजित की गई थी।

Thursday 25 May 2023

खुल्या जागेचे धोरणाबाबत मुख्यमंत्र्यांच्या निर्णयाच्या विरोधात मुंबईवर एकटवले

खुल्या जागेचे धोरणाबाबत मुख्यमंत्र्यांच्या  निर्णयाच्या विरोधात मुंबईवर एकटवले 

मुंबईतील खुल्या जागा, खेळाचे मैदान आणि मनोरंजन मैदानाचे सद्याचे धोरण बदलण्याची हालचाल 

मुंबईतील खुल्या जागा, खेळाचे मैदान आणि मनोरंजन मैदानाचे सद्याचे धोरण बदलण्यासाठी मुख्यमंत्र्यांनी पालिका आयुक्त यांस आदेश जारी केले असून त्याविरोधात बॉम्बे कॅथोलिक सभेने एका सभा माहिम येथील सेंट मायकल सभागृहात आयोजित करण्यात आले होते.  खाजगी संस्थेस किंवा व्यक्तीस दत्तक देण्याऐवजी शासन आणि पालिकेने या जागेच्या परिरक्षण करण्यावर सर्व वक्त्यांनी भर दिला.

माजी केंद्रीय माहिती आयुक्त शैलेश गांधी म्हणाले की जनतेच्या जमिनी ज्या आरक्षित आहेत त्याची देखभाल शासनाने करावी. नागरीकांचे हित जपणे आवश्यक आहे. ही आपली जमीन आहे त्यासाठी लढणे आवश्यक असून स्थानिक पातळीवर नागरिकांनी एकत्र येणे गरजेचे आहे.

आमदार अमीत साटम म्हणाले की श्रीमंत पालिकेला शक्य आहे पण मागील काही वर्षापासून मुंबईकडे दुर्लक्ष करण्यात आले आहे. स्थानिक पातळीवर संस्थेने लक्ष देणे आवश्यक आहे. मी उप मुख्यमंत्री यांची परवानगी घेऊन येथे आलो आहे असे सांगत साटम म्हणाले की आयुक्त इकबाल सिंह चहल यांची भेट घेऊन मुद्दे मांडणे आवश्यक आहे. फक्त 41 लोकांसाठी धोरण बदलणे चुकीचे आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली म्हणाले की 1200 एकरवर सद्या एकूण 1068 खुल्या जागा, खेळाचे मैदान आणि मनोरंजन मैदानाचे पालिकेच्या ताब्यात आहे. काही राजकीय पुढारी आणि अन्य लोकांसाठी सद्याच्या धोरणात बदल करण्याचे प्रयत्न सुरु आहे पण यापूर्वी जसे देवेंद्र फडणवीस यांनी स्थगिती दिली होती आताही ते पुढाकार घेतील, असा विश्वास गलगली यांनी व्यक्त केला. नागरिकांनी आपल्या आसपास असलेल्या जागेबाबत पुढाकार घेत निरीक्षण करत त्याची तक्रार करणे आवश्यक आहे जेणेकरून पालिकेला लक्षात येईल नागरिकांचे लक्ष आहे.

माजी सनदी अधिकारी महेश झगडे म्हणाले की पालिकेने खुल्या जागेचा स्वतः परिरक्षण करावे. पुण्यातही असा प्रयोग करण्यात येत होतो त्यावेळी आयुक्त या नात्याने आम्ही त्यास नकार दिला. 

आरटीआय कार्यकर्ते भास्कर प्रभु म्हणाले की नागरिकांनी ऑडिट करण्यास पुढे यावे. यामुळे आपणास स्थानिक उद्यानाची प्रगती लक्षात येईल. 

अन्य कार्यकर्ते पी श्रीगणेश म्हणाले की सद्या अश्या जागा राखणे एक आव्हान आहे. शासनाने जबाबदारी घ्यावी.

बैठकीचे आयोजन डॉल्फी डिसोझा, नॉर्बर्ट मेंडोंवा, विनोद नोरोन्हा आणि टीम तर्फे आयोजित करण्यात आले होते.

Saturday 13 May 2023

सिलाई, बेल और मसाला कंडाप मशीन की आवंटन योजनालाभार्थी के निर्धारण के लिए मानदंड की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग

सिलाई मशीन, बेल मशीन और मसाला कंडाप मशीन की आवंटन योजना

लाभार्थी के निर्धारण के लिए मानदंड की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग

मुंबई मनपा द्वारा सिलाई मशीन, डोरबेल मशीन और मसाला कंडाप मशीन के वितरण की योजना समझ से बाहर और स्पष्ट रूप से गलत है और मनपा को सिविल सेवा कार्य को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मनपा आयुक्त से अनुरोध किया है कि इस तरह की आवंटन योजना में लाभार्थियों के निर्धारण के मानदंड की जानकारी सार्वजनिक करें.

अनिल गलगली ने मनपा आयुक्त के साथ मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में बताया गया है कि चुनाभट्टी स्थित सोमय्या मैदान में सिलाई मशीन, बेल मशीन और मसाला कंडाप मशीन के वितरण की योजना शुरू की जा रही है. अब जब मनपा द्वारा नागरिक सुविधाओं पर बजट खर्च करने की उम्मीद की जा रही है, तो जनता के कर के पैसे को अन्य गतिविधियों पर खर्च करना समझ से बाहर और स्पष्ट गलत है। अन्यथा भविष्य में निजी कार्यों में बजट खर्च होने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। गलगली आगे कहते हैं कि स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल के लिए फंडिंग में कंजूसी की जाती है. पिछले 7 साल से मनपा ने रैन बसेरों का निर्माण नहीं किया है। ऐसे समय में जब यह कहा जाता है कि मुंबई में खुली जगहों के रखरखाव और सुरक्षा के लिए 400 करोड नहीं है, यह राशि विभिन्न बुनियादी सेवाओं - जैसे कि पानी की आपूर्ति, सड़कों, वर्षा जल चैनलों की सुरक्षा के लिए आयुक्त की जिम्मेदारी है। मुंबई में सीवेज और नागरिकों को प्रभावी ढंग से विभिन्न सेवाएं प्रदान करने के लिए अब आयुक्त और उनके सहयोगियों को क्या उन्हें मुंबई नगर निगम अधिनियम, 1888 को पढ़ाने की आवश्यकता है?

अनिल गलगली ने इस तरह की आवंटन योजना पर निम्नलिखित संदेह जताया है।

1) लाभार्थियों के निर्धारण के मानदंड सार्वजनिक किए जाने चाहिए। इसमें नाम, वार्ड कार्यालय और अन्य जानकारी होनी चाहिए।

2) वार्षिक आय और पात्रता मानदंड की जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए।

3) वितरण योजना और कार्यक्रम के आयोजन पर खर्च की गई कुल राशि की जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए।

4) यदि निविदाएं जारी की जाती हैं, तो उसकी जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए। इस संबंध में यदि आवंटन से पूर्व विज्ञापन दिया जाता है तो उसकी जानकारी सार्वजनिक की जाए।

5) निविदा प्रक्रिया और निविदाकर्ता को सूचित करते समय वस्तु का नाम, मूल्य प्रति इकाई, कुल संख्या और कुल राशि सार्वजनिक की जानी चाहिए।

6) मनपा के उन नियमों की जानकारी देते हुए जिनके कारण ऐसी वस्तुओं का वितरण संभव हुआ है, नियमों, कुल संख्या और कैबिनेट द्वारा दी गई स्वीकृति को सार्वजनिक किया जाना चाहिए।

Allocation Scheme for Sewing, Bell & Masala Kandap MachinesDemand to make the information about the criteria for determining the beneficiaries public

Allocation Scheme for Sewing Machines, Bell Machines and Masala Kandap Machine

Demand to make the information about the criteria for determining the beneficiaries public

The scheme of distribution of sewing machine, doorbell machine and masala kandap machine by Mumbai Municipal Corporation is incomprehensible and clearly wrong and needs to be given priority to civil service work. RTI activist Anil Galgali has requested the municipal commissioner to make public the information about the criteria for determining the beneficiaries in such an allocation scheme.



In a letter sent to the Chief Minister along with the Municipal Commissioner, Anil Galgali has informed that the scheme for distribution of sewing machine, bell machine and masala kandap machine is being launched at Somayya Maidan Chunabhatti. Now when the municipality is expected to spend the budget on civic amenities, it is incomprehensible and plain wrong for the municipality to spend the tax money of the public on other activities. Otherwise the possibility of the budget being used for personal work in future cannot be ruled out. Galgali further says that there is stinginess in funding for health, education, sports. Since the last 7 years, the municipality has not constructed night shelters. At a time when it is said that there is not 400 crore for the maintenance and protection of open spaces in Mumbai. It's the responsibility of the commissioner to protect the various basic services - facilities such as water supply, roads, rainwater channels, sewage in Mumbai and to effectively deliver various services to the citizens. Now the commissioner and his colleagues Do they need to be taught the Mumbai Municipal Corporation Act, 1888?


Anil Galgali has raised the following doubts about such an allotment scheme.


1) The criteria for determining the beneficiaries should be made public. It should contain name, ward office and other information.


2) Information about annual income and eligibility criteria should be made public.


3) The information about the total amount of money spent on the distribution scheme and the organization of the program should be made public.


4) If tenders are issued, the information thereof should be made public. In this regard, if advertisement is given before allotment, its information should be made public.


5) The name of the item, price per unit, total number and total amount should be made public while informing the tender process and the tenderer.


6) While giving information about the rules of the municipality which have made it possible to distribute such items, the rules, resolution number and the approval given by the Cabinet should be made public.


शिलाई, घरघंटी आणि मसाला कांडप मशीन वाटप योजनालाभार्थी ठरविण्याचे निकषांची माहिती सार्वजनिक करण्याची मागणी

शिलाई मशीन, घरघंटी मशीन आणि मसाला कांडप मशीन वाटप योजना

लाभार्थी ठरविण्याचे निकषांची माहिती सार्वजनिक करण्याची मागणी 

मुंबई महानगरपालिका तर्फे शिलाई मशीन, घरघंटी मशीन आणि मसाला कांडप मशीन वाटप योजना अनाकलनीय आणि साफ चुकीची असून नागरी सेवेच्या कामास प्राधान्य देण्याची आवश्यकता आहे. अश्या वाटप योजनेत लाभार्थी ठरविण्याचे निकषांची माहिती सार्वजनिक करण्याची मागणी आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी पालिका आयुक्तांकडे केली आहे.


पालिका आयुक्त सहित मुख्यमंत्री यांस पाठविलेल्या पत्रात अनिल गलगली यांनी कळविले केली आहे की शिलाई मशीन, घरघंटी मशीन आणि मसाला कांडप मशीन वाटप योजनेचा शुभारंभ सोमय्या मैदान चुनाभट्टी येथे होत असल्याचे कळले. आता पालिकेने अर्थसंकल्प नागरी सुविधांवर खर्च करणे अपेक्षित असताना पालिकेने अश्याप्रकारे जनतेचा करांचा पैसा अन्य कामी खर्च करणे अनाकलनीय आणि साफ चुकीचे आहे. अन्यथा भविष्यात अर्थसंकल्प व्यक्तिशः कामासाठी वापरला जाण्याची शक्यता नाकारता येत नाही. गलगली पुढे म्हणतात की आरोग्य, शिक्षण, क्रीडा याकामी निधी देताना कंजुषी केली जाते. मागील 7 वर्षापासून पालिका रात्रकालिन निवारा बांधून तयार करत नाही. मुंबईतील मोकळया जागा देखभाल आणि परिरक्षण करण्यासाठी 400 कोटो नसल्याचे सांगितले जाते अश्या वेळी इतकी रक्कम मुंबईत विविध मुलभूत सेवा –सुविधा जसे की पाणीपुरवठा, रस्ते, पर्जन्य जलवाहिन्या, सांडपाणी यांचे परिरक्षण करण्याची व विविध सेवा परिणामकारकरित्या नागरिकांपर्यंत पोहोचविण्याची जबाबदारी आयुक्तांवर असते.आता आयुक्त आणि त्यांच्या सहकारी यांना मुंबई महानगरपालिका अधिनियम, १८८८ चा पाठ शिकविण्याची आवश्यकता आहे का?

अनिल गलगली यांनी अश्या वाटप योजनेबाबत पुढीलप्रमाणे शंका मांडल्या आहेत.

1) लाभार्थी ठरविण्याचे निकष याची माहिती सार्वजनिक करण्यात यावी. यात नाव, वॉर्ड कार्यालय आणि अन्य माहिती असावी.

2) वार्षिक उत्पन्न आणि पात्रतेचे निकष याची माहिती सार्वजनिक करण्यात यावी.

3) एकूण किती पैसे वाटप योजनेवर आणि कार्यक्रम आयोजन यावर खर्च करण्यात आले आहे त्याची माहिती सार्वजनिक करण्यात यावी.

4) निविदा काढल्या असतील तर त्याची माहिती सार्वजनिक करण्यात यावी. याबाबत वाटप करण्यापपूर्वी जाहिरात दिली असल्यास त्याची माहिती सार्वजनिक करण्यात यावी.

5) निविदा प्रक्रिया आणि ज्यास निविदा लागली असेल त्याची माहिती देताना वस्तूचे नाव, एका नगची किंमत, एकूण संख्या आणि एकूण रक्कम याची माहिती सार्वजनिक करण्यात यावी.

6) अश्या वस्तूचे वाटप करण्याबाबत पालिकेच्या ज्या नियमाने शक्य केले आहे त्याची माहिती देताना नियम, ठराव क्रमांक आणि त्यास मंत्रिमंडळाने दिलेल्या मान्यतेची माहिती सार्वजनिक करण्यात यावी.

Friday 12 May 2023

मुंबई की खुली जगह का रखरखाव मनपा ही करे, नागरिकों की मुख्यमंत्री को चिठ्ठी

मुंबई की खुली जगह का रखरखाव मनपा ही करे  

नागरिकों की मुख्यमंत्री को चिठ्ठी 

मुंबई की खुली जगहों की अपहरण नीती को मुख्यमंत्री रोके एवं राहत दे । मुंबई की खुली जगह का रखरखाव मनपा ही करे।  इस आशय का पत्र मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक नागरिक समूह द्वारा भेजा गया है। इन नागरिकों में अनिल गलगली, अशांक देसाई, भगवान रैयानी, देबाशीष बसु, डॉल्फी डिसूजा, नयना कठपालिया, शरद सराफ, शैलेश गांधी, सुचेता दलाल, रंगा राव शामिल है।


मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि 4 मई को मुंबई में खुली जगहों पर नीति पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की थी और मनपा आयुक्त ने मई 2023 के अंत तक अंतिम मसौदा प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध किया है। मुंबईकरों को इस महत्वपूर्ण खुले स्थानों का मुद्दे पर किसी भी सार्वजनिक परामर्श की जानकारी नहीं है। लगभग आठ साल पहले हमारे उद्यानों, खेल के मैदानों और मनोरंजन के मैदानों को निजी पार्टियों को देने के लिए एक नीति पारित की गई थी जिसे 'दत्तक ग्रहण' और 'देखभालकर्ता' नीति कहा जाता था। मुंबई के नागरिकों ने एक अभियान चलाया जिसमें हमने अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों को इस 'अपहरण' नीति का विरोध करने के लिए बुलाया। इसका परिणाम यह हुआ कि तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने समझदारी से इसे रोक लिया।

पत्र में लिखा है कि सभी जानते हैं कि हमारे देश में कब्जा सर्वशक्तिमान है और कानूनी कागजात लागू करने योग्य नहीं हैं। एक बार कानूनी अधिकार स्थापित हो जाने के बाद मनपा या राज्य सरकार आमतौर पर भूमि वापस पाने में असमर्थ होते हैं। नागरिक हमारे शासन की दुखद वास्तविकता से अवगत हैं। राज्य द्वारा किसी नागरिक की भूमि का अधिग्रहण करना आसान है, लेकिन ऐसे मामलों मेंl वह अपनी भूमि वापस लेने को तैयार नहीं है। अब भी सार्वजनिक खुले स्थानों पर कुछ बड़े अवैध अतिक्रमणकारी हैं जिन्हें कथित तौर पर 'गोद लेने' या 'देखभाल करने वाले' के आधार पर दिया गया था। इनका अपहरण कर लिया गया है और राज्य उन्हें पुनः प्राप्त करने में असमर्थ है।

पत्र में आरोप लगाया है ऐसा प्रतीत होता है कि अब उसी चाल को पुनर्जीवित किया जा रहा है। हमारे खुले स्थानों को उपहार में देने के दिए गए जो कारण दिए हैं व तर्क संगत नहीं है।

मनपा के पास फंड नही यह पहला तर्क गलत है। मनपा का बजट 50,000 करोड़ रुपये से अधिक है और हमारे खुले स्थानों को बनाए रखने में लगभग 400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत नहीं आएगी।  मनपा अच्छी तरह से रखरखाव और पर्यवेक्षण नहीं कर सकता है यह दूसरा तर्क भी गलत है।। देशवासी: इसमें कुछ सच्चाई है और इसकी क्षमताओं की स्पष्ट स्वीकारोक्ति है। ठेकेदारों को रखरखाव देना एक बहुत ही सरल उपाय है। इनका ऑडिट उन्हीं संस्थानों को सौंपा जा सकता है, जो इन स्थानों को 'अपनाने' में रुचि रखते हों। उस स्थिति में कोई कानूनी अधिकार सृजित नहीं किया जाता है और न ही इसे निजी पक्ष के कब्जे में रखा जाता है। यदि कोई संस्थान वास्तव में सेवा करना चाहता है और इन आधारों को बनाए रखना चाहता है तो यह खुशी से ऐसा करेगा यदि उसके इरादे दुर्भावनापूर्ण नहीं थे। यह कई गैर सरकारी संगठनों द्वारा भी किया जा सकता है।

एक विधायक आशीष शेलार द्वारा प्रस्तुत निजी सदस्य विधेयक को पुनर्जीवित किया जाए ताकि सार्वजनिक खुले स्थानों के रखरखाव और देखभाल को वैकल्पिक कर्तव्य के बजाय निगम का अनिवार्य कर्तव्य बनाया जा सके। ऐसा करना बहुत आवश्यक है ताकि भविष्य में कभी भी अपहरण की नीति वापस न लाई जाए। आखिर में जोर दिया है कोई हमारे खुले स्थानों के ऐसे कपटपूर्ण उपहारों के लिए दरवाजे बंद करें। ये खुले स्थान सरकार के शासकों-नागरिकों के हैं।

मुंबईतील खुल्या जागा महापालिकेने सांभाळाव्यात, मुख्यमंत्र्यांना नागरिकांचे पत्र

मुंबईतील खुल्या जागा महापालिकेने सांभाळाव्यात

मुख्यमंत्र्यांना नागरिकांचे पत्र

मुख्यमंत्र्यांनी मुंबईतील मोकळ्या जागांचे अपहरणाचे धोरण थांबवून दिलासा द्यावा. मुंबईतील खुल्या जागा महापालिकेने सांभाळाव्यात. याबाबतचे पत्र नागरिकांच्या गटाने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांना पाठवले आहे. या नागरिकांमध्ये अनिल गलगली, अशांक देसाई, भगवान रैयानी, देबाशीष बसु, डॉल्फी डिसूजा, नयना कठपालिया, शरद सराफ, शैलेश गांधी, सुचेता दलाल, रंगा राव यांचा समावेश आहे.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांस लिहिलेल्या पत्रात उल्लेख आहे की ४ मे रोजी मुंबईतील ओपन स्पेसच्या धोरणावर चर्चा करण्यासाठी एक बैठक घेतली होती आणि महानगरपालिका आयुक्तांनी मे २०२३ च्या अखेरीस अंतिम मसुदा सादर करण्याचे वचन दिले आहे. आम्हाला या महत्त्वाच्या विषयावर कोणत्याही सार्वजनिक सल्लामसलतीची माहिती नाही. आमच्या ओपन स्पेसचा मुद्दा. सुमारे आठ वर्षांपूर्वी 'दत्तक' आणि 'केअर टेकर' या धोरणात आमची उद्याने, खेळाची मैदाने आणि मनोरंजनाची मैदाने खासगी पक्षांना देण्याचे धोरण मंजूर करण्यात आले. आम्ही मुंबईतील नागरिकांनी एक मोहीम राबवली ज्यात आम्ही आमच्या निवडून आलेल्या प्रतिनिधींना या 'हायजॅकिंग' धोरणाला विरोध करण्यासाठी बोलावले. याचा परिणाम तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी धोरण रद्द केले होते.

पत्रात पुढे म्हटले आहे की एकदा कायदेशीर हक्क प्रस्थापित झाल्यानंतर पालिका किंवा राज्य सरकार सामान्यतः जमीन परत मिळवू शकत नाही. नागरिकांना आपल्या शासनाच्या दु:खद वास्तवाची जाणीव आहे. राज्याकडून नागरिकांची जमीन घेणे सोपे आहे, परंतु अशा परिस्थितीत ते त्याची जमीन परत घेण्यास तयार नाहीत. आताही सार्वजनिक मोकळया जागांवर काही मोठे बेकायदेशीर अतिक्रमण करणारे आहेत जे 'दत्तक' किंवा 'केअर टेकर' तत्त्वावर देण्यात आले होते. त्यांचे अपहरण करण्यात आले आहे आणि राज्य त्यांना परत मिळवू शकत नाही.

तीच चाल आता पुनरुज्जीवित होत असल्याचे दिसून येत आहे. याबाबत जो पहला दावा करण्यात आला आहे ती चुकीची आहेत. यात पालिकेकडेकडे निधी नसल्याचा दावा सपशेल खोटे आहे. पालिकेचा अर्थसंकल्प 50,000 कोटींहून अधिक आहे आणि आमच्या खुल्या जागा राखण्यासाठी सुमारे 400 कोटींपेक्षा जास्त खर्च येणार नाही. पालिका याचा देखभाल आणि देखरेख करू शकत नाही. हा दुसरा दावा खोटा आहे. यात काही तथ्य आहे आणि त्याच्या क्षमतांचा प्रांजळ कबुली आहे. अगदी सोपा उपाय म्हणजे मेंटेनन्स कंत्राटदारांना देणे. ज्या संस्थांना या जागांसाठी 'दत्तक' घेण्यास स्वारस्य असेल त्याच संस्थांकडे याचे लेखापरीक्षण सोपवले जाऊ शकते. त्या प्रकरणात कोणतेही कायदेशीर अधिकार तयार केले जात नाहीत किंवा ते खाजगी पक्षाच्या ताब्यात दिले जात नाहीत. जर एखाद्या संस्थेला खरोखरच सेवा करायची असेल आणि ही मैदाने टिकवून ठेवायची असतील तर तिचा हेतू चुकीचा नसला तर ती आनंदाने हे करेल. हे अनेक स्वयंसेवी संस्थांकडूनही होऊ शकते.

एक आमदार आशिष शेलार यांनी मांडलेले खाजगी सभासद विधेयकाचे पुनरुज्जीवन करून सार्वजनिक खुल्या जागांची देखभाल व देखभाल हे ऐच्छिक कर्तव्याऐवजी पालिकेचे अनिवार्य कर्तव्य बनवावे अशी आमची मागणी आहे. हे करणे अत्यंत आवश्यक आहे जेणेकरून खुली जागेचे अपहरण धोरण भविष्यात कधीही परत आणले जाणार नाही.

सरतेशेवटी जोर दिला आहे की अश्या मोकळ्या जागा देताना अशा धूर्त भेटवस्तूंसाठी दरवाजे बंद करा. या सर्व खुल्या जागा राज्यकर्त्यांचे आणि नागरिकांचे आहेत.