Tuesday 30 April 2019

मध्य रेलवे 280 एफओबी और आरओबी की सुरक्षा रिपोर्ट की प्रतीक्षा में

मध्य रेलवे सालाना बारिश के पहले और बाद में एफओबी और आरओबी की सुरक्षा ऑडिट करती हैं। इस वर्ष भी आईआईटी मुंबई से की गई ऑडिट के बाद सुरक्षा रिपोर्ट की प्रतीक्षा में होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मध्य रेलवे प्रशासन ने दी हैं। मध्य रेलवे प्रशासन ने एफओबी और आरओबी की सुरक्षा ऑडिट पर रुपए 3.37 करोड खर्च किया हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मध्य रेलवे प्रशासन से मध्य रेलवे मुंबई डिवीजन के एफओबी और आरओबी की सुरक्षा ऑडिट की जानकारी मांगी थी। मध्य रेलवे के पूल विभाग ने अनिल गलगली को बताया कि एफओबी और आरओबी की सामान्य सुरक्षा ऑडिट बाहरी एजन्सी को नहीं दी जाती हैं। विभिन्न अभियंताओं की निश्चित की गई जिम्मेदारी के जरिए मध्य रेलवे सालाना बारिश के पहले और बाद में एफओबी और आरओबी की सुरक्षा ऑडिट करते हैं और उनकी सूचना पर काम होता हैं। अगस्त 2018 से मार्च 2019 इस दौरान 191 एफओबी और 89 आरओबी की सुरक्षा ऑडिट आईआईटी मुंबई द्वारा की गई हैं और उसकी सुरक्षा रिपोर्ट की प्रतीक्षा में हैं। एफओबी और आरओबी की सुरक्षा ऑडिट पर 3 करोड़ 37 लाख 800 रुपए शुल्क निश्चित किया गया हैं और 50 प्रतिशत यानी 1 करोड़ 68 लाख 50 हजार 400 रुपए एडवांस दिए गए हैं। अब तक सुरक्षा रिपोर्ट उनके कार्यालय में प्राप्त नहीं हुई हैं।

अनिल गलगली के अनुसार एफओबी और आरओबी की संख्या 280 हैं और आईआईटी मुंबई ने चरणबद्घ तरीके से सुरक्षा रिपोर्ट देना अत्यावश्यक हैं। आम यात्रियों की सुरक्षा के नजरिए से आवश्यक सुरक्षा ऑडिट पर पैसे खर्च तो होता हैं लेकिन सुरक्षा की रिपोर्ट समय पर प्राप्त नहीं होती हैं। सुरक्षा रिपोर्ट यह ऑनलाइन कर सार्वजनिक करने की मांग अनिल गलगली ने रेलवे मंत्री पीयूष गोयल को लिखे हुए पत्र में की हैं।

मध्य रेल्वे 280 एफओबी आणि आरओबीच्या सुरक्षा अहवालाच्या प्रतिक्षेत

मध्य रेल्वे प्रतिवर्षी पावसाळयापूर्वी आणि नंतर एफओबी आणि आरओबीचे सुरक्षा ऑडिट करत असून यावर्षीही आयआयटी मुंबईकडून करण्यात आलेल्या ऑडिटनंतर सुरक्षा अहवालाच्या प्रतिक्षेत असल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस मध्य रेल्वे प्रशासनाने दिली आहे. मध्य रेल्वे प्रशासनाने एफओबी आणि आरओबीच्या सुरक्षा ऑडिटवर रुपये 3.37 कोटी खर्च केले आहेत.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मध्य रेल्वे प्रशासनाकडे मध्य रेल्वे मुंबई विभागात अस्तित्वात असलेल्या एफओबी आणि आरओबीच्या सुरक्षा ऑडिटची माहिती मागितली होती. मध्य रेल्वेच्या पूल विभागाने अनिल गलगली यांस कळविले की एफओबी आणि आरओबीची सामान्य सुरक्षा ऑडिट बाह्य एजन्सीला दिली जात नाही. विविध अभियंताच्या निश्चित केलेल्या जबाबदारीच्या माध्यमातून मध्य रेल्वे प्रतिवर्षी पावसाळयापूर्वी आणि नंतर एफओबी आणि आरओबीचे सुरक्षा ऑडिट करत असते तसेच मोठ्या सुचनेवर काम होते. ऑगस्ट 2018 ते मार्च 2019 या कालावधीत 191 एफओबी आणि 89 आरओबीचे सुरक्षा ऑडिट आयआयटी मुंबईतर्फे केले गेले असून सुरक्षा अहवाल लाच्या प्रतिक्षेत आहे. एफओबी आणि आरओबीच्या सुरक्षा ऑडिटवर 3 कोटी 37 लाख 800 रुपये शुल्क निश्चित केले असून 50 टक्के म्हणजे 1 कोटी 68 लाख 50 हजार 400 रुपये ऍडव्हान्स देण्यात आले आहे. अद्यापही सुरक्षा अहवाल त्यांच्या कार्यालयात प्राप्त झाला नाही. 

अनिल गलगली यांच्या मते एफओबी आणि आरओबीची संख्या 280 असून आयआयटी मुंबईने टप्याटप्याने सुरक्षा अहवाल देणे अत्यावश्यक आहे तसेच सामान्य प्रवाश्यांच्या सुरक्षिततेच्या दृष्टिकोणातून आवश्यक सुरक्षा ऑडिटवर पैसे खर्च तर होतात पण सुरक्षा अहवाल वेळेत प्राप्त होत नाही. सुरक्षा अहवाल हे ऑनलाइन करत सार्वजनिक करण्याची मागणी अनिल गलगली यांनी रेल्वे मंत्री पीयूष गोयल यांस लिहिलेल्या पत्रात केली आहे.


Safety audit report of 280 FOB's and ROB's under Central Railway still awaited

Every year the Central Railway gets all the FOB's and ROB's passing over its tracks an audit for safety prior to monsoons and after the monsoon ends. This year too, the CR has has commissioned an audit of the same with the IIT Bombay, the report of which is still awaited, according to the information provided by the CR to RTI Activist Anil Galgali. The CR has incurred an expense of Rs 3.37 crores for the safety audit.

RTI Activist Anil Galgali had sought information about the safety audit of all the FOB's and ROB's on its route and in Mumbai division. The Bridges department of the Central Railway, informed Galgali that, the work of safety audit of all the FOB's and ROB's is not given to baby external agencies. The Safety audit and work on other informations is conducted by different engineer's as per the responsibilty delegated on them every year, prior to monsoons as well as after the monsoon ends. In the period of August 2018 to March 2019, 191 FOB's and 89 ROB's safety audit was done by IIT Bombay, the report of which is still awaited. The expense of Rs 3 crore 37 lakhs 800 has been fixed and an advance of 50% amounting to Rs 1 crore 68 lakhs 50 thousand 400 has been paid, the report has still not been made available to the CR.

In a statement, Anil Galgali has expressed that, since the FOB's and ROB's are 280, the IIT Bombay should do the safety audit and phase wise issue it's report. He said that looking at the safety of the commuters, the audit though conducted and and expense is incurred, in the absence of the report no remedy can be taken up. In a letter addressed to Railway Minister Piyush Goyal, Galgali has demanded that the safety audit report should be made available online for the general public. 

Wednesday 17 April 2019

आजाद मैदान में प्रतिदिन औसतन 2 आंदोलन होते हैंऔर 704 आंदोलक उपस्थित रहते हैं

मुंबई का आजाद मैदान जहां से आगे बढ़ने की अनुमति आंदोलनकर्ता को नहीं मिलती हैं। पूरे वर्ष इस आजाद मैदान में राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन, छात्र संगठन, मजदूर संगठन, मुस्लिम, ईसाई, बंजारा और अन्य समाज के अलावा व्यापारी संगठन धरना,अनशन और आंदोलन करती हैं। वर्ष 2018 में कुल 638 आंदोलन में 2.58 लाख लोगों ने हिस्सा लेने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुंबई पुलिस ने दी हैं। आजाद मैदान में प्रतिदिन औसतन 2 आंदोलन होते हैंऔर 704 आंदोलक उपस्थित रहते हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई पुलिस से जानकारी मांगी थी कि वर्ष 2018 में आजाद मैदान में हुए विभिन्न प्रकार के आंदोलन और उसमें शामिल हुए लोगों की संख्या बताए।  आजाद मैदान पुलिस ने अनिल गलगली को वर्ष 2018 में आजाद मैदान में हुए आंदोलन की संख्यात्मक आंकड़े उपलब्ध कराए। वर्ष 2018 के कुल 12 महीनों में 638 आंदोलन का साक्षी आजाद मैदान रहा जिसमें 2 लाख 57 हजार 220 लोगों ने हिस्सा लिया। सबसे अधिक आंदोलन सामाजिक संगठनों द्वारा किए गए। कुल 301 आंदोलन पुलिस के रिकॉर्ड पर दर्ज हैं जिसमें 40 हजार 101 लोगों ने हिस्सा लिया। जबकि सर्वाधिक भीड़ अन्य संगठन और व्यापारी संगठन ने की थी। कुल 167 आंदोलन में 87 हजार 746 लोग शामिल हुए थे। मजदूर संगठन द्वारा आयोजित 68 आंदोलन में 39 हजार 532 लोगों ने हिस्सा लिया था।  छात्र संगठन के 9 आंदोलन में 1392 लोग उपस्थित थे। मुस्लिम संगठनों द्वारा 9 बार किए आंदोलन में 26 हजार 151 लोग शामिल थे। ईसाई, बंजारा और अन्य समाज द्वारा 44 आंदोलन पूरे वर्ष किए गए थे जिसमें 36 हजार 552 लोग जमा हुए थे।

भाजपा, राष्ट्रवादी, कांग्रेस, बसपा और आरपीआई इन राजनीतिक दलों ने सिर्फ 29 आंदोलन आजाद मैदान पर किए जिसमें कुल मिलाकर 25 हजार 746 लोगों ने हिस्सा लिया था। भाजपा ने सिर्फ 5 बार ही आंदोलन किया था लेकिन 18 हजार 330 इतनी भीड़ इकट्ठा की थी। जबकि आरपीआई ने सबसे अधिक 18 आंदोलन किए थे जिसमें 999 लोग ही शामिल हुए थे। कांग्रेस के 12 आंदोलन में 1642 लोग ही पहुंच पाए थे। राष्ट्रवादी ने सिर्फ 1 ही आंदोलन किया था जिसमें 3500 लोग उपस्थित थे। बसपा के 3 आंदोलन में 1275 लोग जमा हुए थे। शिवसेना ने एक भी बार किसी भी तरह का आंदोलन नहीं किया।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखी चिठ्ठी में अनिल गलगली की प्रमुख मांग हैं कि आजाद मैदान तक ही आंदोलनकर्ता पहुंच सकता हैं। ऐसे में मुंबई पुलिस को आंदोलन में शामिल प्रतिनिधिमंडल को किसी मंत्री या सरकारी बाबू को ज्ञापन देने की स्थिती में बंदोबस्त में मंत्रालय, विधानसभा या मंत्री के सरकारी बंगले पर लेकर जाने और वापस आजाद मैदान तक सुरक्षित पहुंचाने की जिम्मेदारी होती हैं। इसमें समय और इंधन की बर्बादी होती हैं। इसलिए आजाद मैदान पर बनाए गए ब्यारेक्स में अगर कोई मंत्री या सरकारी बाबू आकर आजाद मैदान पर ही मिलकर ज्ञापन स्वीकार करेगा तो आम जनता और सरकार के बीच में समन्वय बढ़ेगा और समय की बचत होगी।


आझाद मैदानात दरदिवशी होतात सरासरी 2 आंदोलन आणि उपस्थित असतात 704 आंदोलक

मुंबईतील आझाद मैदानाच्या पुढे जाण्याची परवानगी आंदोलन करणा-यांना नसते. संपूर्ण वर्षात आझाद मैदानात राजकीय पक्ष,सामाजिक संघटन, विद्यार्थी संघटन, कामगार संघटन, ख्रिश्चन, बंजारा आणि अन्य समाज बरोबर व्यापारी संघटन आपल्या विविध मागण्यांसाठी मोर्चा, उपोषण आणि आंदोलन करतात. वर्ष 2018 या संपूर्ण वर्षात एकूण 638 आंदोलनात 2.58 लाख लोकांनी भाग घेतल्याची आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस मुंबई पोलिसांनी दिली आहे. आझाद मैदानात दरदिवशी सरासरी 2 आंदोलन होतात आणि 704 आंदोलक उपस्थित असतात.


आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मुंबई पोलिसांकडे माहिती मागितली होती की वर्ष 2018 या वर्षात आझाद मैदानात झालेल्या विविध प्रकाराचे आंदोलन आणि त्यात भाग घेतलेल्या लोकांची संख्या किती होती. आझाद मैदान पोलिसांनी अनिल गलगली वर्ष 2018 या वर्षी आझाद मैदानात झालेल्या आंदोलनाची संख्यात्मक आकडेवारी उपलब्ध केले आहे. वर्ष 2018 या एकूण 12 महिन्यात 638 आंदोलनाचा साक्षीदार आझाद मैदान होता. यात 2 लाख 57 हजार 220 लोकांनी भाग घेतला. सर्वाधिक आंदोलन सामाजिक संघटना तर्फे करण्यात आली आहेत. एकूण 301 आंदोलन पोलिसांच्या अभिलेखावर नोंदणीकृत आहेत ज्यात 40 हजार 101 लोकांनी भाग घेतला. सर्वाधिक गर्दी ही अन्य संघटन आणि व्यापारी संघटनाची होती. एकूण 167 आंदोलनात 87 हजार 746 लोक सहभागी झाले होते. कामगार संघटनातर्फे आयोजित 68 आंदोलनात 39 हजार 532 लोकांनी सहभाग घेतला होता. विद्यार्थी संघटनाच्या 9 आंदोलनात 1392 लोक उपस्थित होते. मुस्लिम संघटनेतर्फे 9 वेळा केलेल्या आंदोलनात 26 हजार 151 लोक सहभागी झाले होते. ख्रिश्चन, बंजारा आणि अन्य समाजातर्फे 44 आंदोलनात 36 हजार 552 लोक एकत्रित आले होते. 


भाजपा, राष्ट्रवादी, कांग्रेस, बसपा आणि आरपीआय या राजकीय पक्षाने फक्त 29 आंदोलन आझाद मैदानावर करण्यात आले होते यात एकंदरीत 25 हजार 746 लोकांनी भाग घेतला होता. भाजपाने फक्त 5 वेळाच आंदोलन केले होते पण 18 हजार 330 इतकी गर्दी जमा केली होती. आरपीआय तर्फे सर्वाधिक 18 आंदोलन करण्यात आले होते ज्यात 99 लोकांनी भाग घेतला होता. कांग्रेसच्या 12 आंदोलनात 1642 लोक उपस्थित राहिले होते. राष्ट्रवादी पक्षाने फक्त एकदाच आंदोलन केले होते ज्यात 3500 लोक उपस्थित होते. बसपाने केलेल्या 3 आंदोलनात 1275 लोक आझाद मैदानात जमा झाले होते. शिवसेना पक्षाने एकदाही कोणत्याही प्रकारचे आंदोलन केले नाही. 


मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांस लिहिलेल्या पत्रात अनिल गलगली यांची मागणी केली आहे की आझाद मैदान पर्यंत आंदोलनकारी जाऊ शकतात. अश्या स्थितीत मुंबई पोलिसांना आंदोलनात सहभागी असलेल्या लोकांच्या शिष्टमंडळास कोणत्या मंत्र्यांस अथवा सरकारी अधिका-यांस निवेदन देण्यासाठी सुरक्षेत मंत्रालय, विधानसभा किंवा मंत्र्यांच्या शासकीय बंगल्यावर घेऊन जाणे आणि पुन्हा आझाद मैदानावर सुरक्षित पोहचविण्याची जबाबदारी असते. यात वेळ आणि इंधनाचे नुकसान होते. यासाठी आझाद मैदानावर बनविलेल्या ब्यारेक्स येथे संबंधित मंत्री अथवा सरकारी अधिकारी उपस्थित राहत आझाद मैदानावरच भेट घेत निवेदन स्वीकारले तर सामान्य नागरिक आणि शासनामधील संबंध वाढतील आणि समन्वय वाढेल. तसेच वेळेची बचत होईल. 


Azad Maidan witnesses average 2 Agitations per day, with average agitators being 704 people

Azad Maidan, the well-known place in South Mumbai to hold protest meetings and rallies, witnessed almost two rallies everyday at an average of 704 visitors or participants assembling at ground in the last calender year 2018. A Right to Information query filed by the RTI Activist Anil Galgali has found that Azad Maidan Witnessed 638 protest meets and rallies in the year 2018 with 2.58 lakh people participating it. The reply furnished by the Mumbai Police says that the protesters comprised several political parties, various social and non-profit organisations, student, Muslim and Christian along with other bodies, held protest rallies at the ground during the year.

RTI Activist Anil Galgali had sought information from Mumbai police to furnish information of the last three years as to how many protest meets and political rallies were held in the Azad Maidan and how many protesters or participants assembled in the protest venue. Azad Maidan police station, under which the Azad Maidan jurisdiction and that keeps a record of all sorts of meetings and protest rallies, in its reply has said that most of the protests and rallies were taken out by the various social and non-profit organisations, though political parties also gathered here. Reply filed also says that out of total 638 protest rallies, 301 rallies were carried out by the social organisations in which 40,101 protesters participated while merchant bodies and others conducted 167 rallies with 87,746 protesters participated. During the year, 68 protest rallies were held by labour organisations, 9 rallies by student organisations, 9 rallies by the Muslim organisations while Christian and other tribal communities held 44 protest meets and rallies.

Interestingly, the political parties took a back seat so far as numbers of protest meets or rallies are concerned. Bhartiya Janta Party (5 rallies), National Congress Party (one rally), Congress (12 rallies), Bahujan Samajwadi Party (4 rallies) and RPI (15 rallies) collectively took out only 29 rallies, with Shiv Sena and Samajwadi Party did not hold even a single morcha or rally.

Anil Galgali has written a letter to the Chief Minister Devendra Fadnavis demanding state authorities to devise a mechanism that works a bridge between the protesters and the state administration. "I have demanded Chief Minister to depute a high-ranked state official at the Azad Maidan, besides making ministers mandatory to visit Azad Maidan and listen their grevainces sympathically, so that a bette coordination can be ensured," Galgali wrote. 

Thursday 11 April 2019

पंतप्रधान यांच्या देशातंर्गत प्रवास दौऱ्याची माहिती पंतप्रधान कार्यालयाकडे नाही 

देशाचे पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी केलेल्या देशातंर्गत प्रवास दौऱ्याची माहिती ही अभिलेखाचा भाग नाही. यामुळे त्यांच्याकडे यावर झालेल्या खर्चाची माहिती पंतप्रधान कार्यालयाकडे उपलब्ध नाही. पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांचे निवडणूक संबंधातील दौरे हे बिगर आधिकारीक दौऱ्याचा भाग असल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस पंतप्रधान कार्यालयाने दिली आहे. यामुळे मोदी सरकारचा पारदर्शकतेचा दावा दिखावा आहे.


आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी पंतप्रधान कार्यालयाकडे माहिती विचारली होती की 26 मे 2014 पासून आतापर्यंत पंतप्रधान आणि सर्व मंत्री तसेच राज्यमंत्री यांनी आपल्या सर्वप्रकारचा प्रवास आणि केलेला एकूण खर्च, विभागाचे नाव,एकूण देशातंर्गत प्रवास,एकूण परदेशात यात्रा, एकूण दिवस आणि प्रयोजन काय होते? पंतप्रधान कार्यालयातील अवर सचिव प्रवीन कुमार यांनी पंतप्रधान नरेंद्र मोदी तर्फे देशातंर्गत केलेल्या दौरा बाबतची माहिती ज्यास प्रकट करण्यापासून सूट नाही ती माहिती पंतप्रधान कार्यालयाच्या संकेतस्थळावर उपलब्ध आहे.

पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या देशातंर्गत केलेल्या दौ-यावर झालेल्या खर्चाची माहिती या कार्यालयाच्या अभिलेखाचा भाग नाही.खर्चाची माहिती कोणत्याही एका सार्वजनिक प्राधिकरणाकडे नाही कारण पंतप्रधानांनी केलेल्या दौऱ्याच्या आयोजनात पुष्कळ सार्वजनिक प्राधिकरणाचा सहभागी असतात. पंतप्रधान यांचे निवडणूक संबंधित दौरे, बिगर आधिकारीक असल्यामुळे ती माहिती अभिलेखाचा भाग नाही.पंतप्रधान यांचे परदेशी दौरे आणि चार्टड फ्लाइट्सवर झालेल्या खर्चाची माहिती पंतप्रधान कार्यालयाच्या संकेतस्थळावर उपलब्ध आहे. अनिल गलगली यांचा अर्ज पंतप्रधान कार्यालयाने राष्ट्रपति भवन येथील मंत्रिमंडळ सचिवालयाकडे हस्तांतरित केला आहे.


अनिल गलगली यांनी जेव्हा संकेतस्थळाचे निरीक्षण केल्यावर लक्षात आले की संकेतस्थळावर पंतप्रधान बिगर आधिकारिक दौरा केला आहे त्याचा फक्त उल्लेख केला गेला परंतु खर्चाची आकडेवारी दिलीच नाही.पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी नुकतेच लोकसभा निवडणुकीच्या पाश्वभूमीवर महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिळनाडू, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मणिपुर, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, ओडिसा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, असम, जम्मू कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश या राज्याचा समावेश आहे. पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी दिनांक 28 मार्च 2019 पासून 9 एप्रिल 2019 दरम्यान 25 ठिकाणी गेले होते आणि सर्वच ठिकाणी निवडणुका सभेस संबोधित केले आहे.


अनिल गलगली यांनी अश्या प्रकारच्या उत्तरावर आश्चर्य व्यक्त केले आहे. खरे पाहिले तर माहितीचा अधिकार अधिनियम 2005 चे कलम 4 अंतर्गत पंतप्रधान यांचे आधिकारीक आणि बिगर आधिकारीक दौऱ्याची माहिती संकेतस्थळावर उपलब्ध केली गेली पाहिजे. पंतप्रधान असो किंवा मंत्री, यांस आपल्या प्रत्येक खर्चाची माहिती स्वयंस्फूर्त होत नागरिकांच्या माहितीसाठी सार्वजनिक करण्याची नैतिक जबाबदारी आहे, असे अनिल गलगली यांचे म्हणणे आहे. 


प्रधानमंत्री के घरेलू दौरे पर हुए खर्च की जानकारी का रेकॉर्ड पीएमओ के पास नहीं

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए घरेलू दौरों पर हुए खर्च की जानकारी अभिलेख का हिस्सा नहीं हैं। इसलिए प्रधानमंत्री कार्यालय के पास उनके घरेलू दौरे की जानकारी का रेकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं। प्रधानमंत्री के चुनाव से संबंधित दौरे, गैर-आधिकारिक दौरे का हिस्सा होने का जवाब आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को प्रधानमंत्री कार्यालय ने दिया हैं। इससे मोदी सरकार का पारदर्शिता का दावा दिखावा होने की बात स्पष्ट हुई हैं।



आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली जानना चाहते थे कि 26 मई 2014 से लेकर अबतक प्रधानमंत्री, सभी मंत्री और राज्यमंत्री ने अपनी सभी प्रकार की यात्रा और कुल ख़र्च  की जानकारी देते हुए नाम, विभाग का नाम, कुल देश के भीतर कक यात्रा, कुल देश के बाहर की यात्रा और कुल खर्च सहित कुल दिवस और प्रयोजन क्या था? प्रधानमंत्री कार्यालय के अवर सचिव प्रवीन कुमार ने प्रधानमंत्री द्वारा किए गए घरेलू दौरे से संबंधित सूचना, जिसे प्रकटन स छुट प्राप्त नहीं हैं। वह प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। 


प्रधानमंत्री के घरेलू दौरे पर हुए खर्च से संबंधित सूचना इस कार्यालय द्वारा धारित अभिलेखों का हिस्सा नहीं हैं। यह उल्लेखनीय हैं कि व्यय से संबंधित सूचना किसी एक लोक प्राधिकरण के पास धारित नहीं होती हैं क्योंकि प्रधानमंत्री द्वारा किए जाने वाले दौरों के आयोजन में कई लोक प्राधिकरण शामिल होते हैं। प्रधानमंत्री के चुनाव से संबंधित दौरे, गैर आधिकारिक दौरे का हिस्सा हैं। इन दौरों पर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा कोई व्यय नहीं किया जाता, अंत मांगी गई जानकारी इस कार्यालय द्वारा धारित अभिलेखों का हिस्सा नहीं हैं। प्रधानमंत्री के विदेश दौरे और चार्टड फ्लाइट्स पर हुए खर्च से संबंधित जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। अनिल गलगली का आवेदन प्रधानमंत्री कार्यालय ने राष्ट्रपति भवन स्थित मंत्रिमंडल सचिवालय के पास हस्तांतरित कर दिया हैं।


अनिल गलगली ने जब वेबसाइट को खंगाला तो पता चला कि वेबसाइट पर प्रधानमंत्री ने जो गैर आधिकारिक दौरे किए हैं उसका जिक्र किया गया हैं लेकिन उन दौरे पर खर्च का आंकड़ा नहीं दिया गया हैं। प्रधानमंत्री ने हाल ही में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जो दौरे किए हैं उनमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मणिपुर, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, ओडिसा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, असम, जम्मू कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश का समावेश हैं। यहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिनांक 28 मार्च 2019 से लेकर 9 अप्रैल 2019 के बीच 25 स्थानों पर गए हैं और सभी जगह पर चुनावी सभाओं को संबोधित किया हैं।


अनिल गलगली ने इसतरह का जवाब पर आश्चर्य व्यक्त किया। जबकि सूचना का अधिकार 2005 की धारा 4 के तहत प्रधानमंत्री के सभी तरह दौरे चाहे व आधिकारिक हो या गैर आधिकारिक, उसकी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध करनी चाहिए थी। प्रधानमंत्री हो या मंत्री, इन्हें हर एक खर्च की जानकारी स्वयंस्फूर्त होकर जनता की जानकारी के लिए उपलब्ध कराने की नैतिक जिम्मेदारी हैं। ऐसा अनिल गलगली का कहना हैं।


पंतप्रधान यांच्या देशातंर्गत प्रवास दौऱ्याची माहिती पंतप्रधान कार्यालयाकडे नाही 

देशाचे पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी केलेल्या देशातंर्गत प्रवास दौऱ्याची माहिती ही अभिलेखाचा भाग नाही. यामुळे त्यांच्याकडे यावर झालेल्या खर्चाची माहिती पंतप्रधान कार्यालयाकडे उपलब्ध नाही. पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांचे निवडणूक संबंधातील दौरे हे बिगर आधिकारीक दौऱ्याचा भाग असल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस पंतप्रधान कार्यालयाने दिली आहे. यामुळे मोदी सरकारचा पारदर्शकतेचा दावा दिखावा आहे.


आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी पंतप्रधान कार्यालयाकडे माहिती विचारली होती की 26 मे 2014 पासून आतापर्यंत पंतप्रधान आणि सर्व मंत्री तसेच राज्यमंत्री यांनी आपल्या सर्वप्रकारचा प्रवास आणि केलेला एकूण खर्च, विभागाचे नाव,एकूण देशातंर्गत प्रवास,एकूण परदेशात यात्रा, एकूण दिवस आणि प्रयोजन काय होते? पंतप्रधान कार्यालयातील अवर सचिव प्रवीन कुमार यांनी पंतप्रधान नरेंद्र मोदी तर्फे देशातंर्गत केलेल्या दौरा बाबतची माहिती ज्यास प्रकट करण्यापासून सूट नाही ती माहिती पंतप्रधान कार्यालयाच्या संकेतस्थळावर उपलब्ध आहे.

पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या देशातंर्गत केलेल्या दौ-यावर झालेल्या खर्चाची माहिती या कार्यालयाच्या अभिलेखाचा भाग नाही.खर्चाची माहिती कोणत्याही एका सार्वजनिक प्राधिकरणाकडे नाही कारण पंतप्रधानांनी केलेल्या दौऱ्याच्या आयोजनात पुष्कळ सार्वजनिक प्राधिकरणाचा सहभागी असतात. पंतप्रधान यांचे निवडणूक संबंधित दौरे, बिगर आधिकारीक असल्यामुळे ती माहिती अभिलेखाचा भाग नाही.पंतप्रधान यांचे परदेशी दौरे आणि चार्टड फ्लाइट्सवर झालेल्या खर्चाची माहिती पंतप्रधान कार्यालयाच्या संकेतस्थळावर उपलब्ध आहे. अनिल गलगली यांचा अर्ज पंतप्रधान कार्यालयाने राष्ट्रपति भवन येथील मंत्रिमंडळ सचिवालयाकडे हस्तांतरित केला आहे.


अनिल गलगली यांनी जेव्हा संकेतस्थळाचे निरीक्षण केल्यावर लक्षात आले की संकेतस्थळावर पंतप्रधान बिगर आधिकारिक दौरा केला आहे त्याचा फक्त उल्लेख केला गेला परंतु खर्चाची आकडेवारी दिलीच नाही.पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी नुकतेच लोकसभा निवडणुकीच्या पाश्वभूमीवर महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिळनाडू, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मणिपुर, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, ओडिसा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, असम, जम्मू कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश या राज्याचा समावेश आहे. पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी दिनांक 28 मार्च 2019 पासून 9 एप्रिल 2019 दरम्यान 25 ठिकाणी गेले होते आणि सर्वच ठिकाणी निवडणुका सभेस संबोधित केले आहे.


अनिल गलगली यांनी अश्या प्रकारच्या उत्तरावर आश्चर्य व्यक्त केले आहे. खरे पाहिले तर माहितीचा अधिकार अधिनियम 2005 चे कलम 4 अंतर्गत पंतप्रधान यांचे आधिकारीक आणि बिगर आधिकारीक दौऱ्याची माहिती संकेतस्थळावर उपलब्ध केली गेली पाहिजे. पंतप्रधान असो किंवा मंत्री, यांस आपल्या प्रत्येक खर्चाची माहिती स्वयंस्फूर्त होत नागरिकांच्या माहितीसाठी सार्वजनिक करण्याची नैतिक जबाबदारी आहे, असे अनिल गलगली यांचे म्हणणे आहे. 


PMO does not keep the records of the expenses incurred on the domestic visits of the PM

Replying to an RTI  query, the Prime Minister's Office (PMO) has stated that it does not keep the records of the expenses incurred on the domestic visits of the prime minister, to which activist, has lambasted the government alleging the its commitment to transparency is a only a "sham".

RTI activist Anil Galgali has filed  an RTI query with PMO asking the nature and details of the expenses incurred on the foreign as well as domestic visits of the prime minister Narendra Modi and his all the cabinet colleagues ever since Modi-led government assumed the charge.

Replying to his query, Under Secretary and CPIO of the PMO Praveen Kumar stated that the documentation  of the expenses incurred on the domestic visits of the prime minister, is not part of the maintaining records and information related to the expenditure on domestic visits does not come in the purview of  a single authority because such domestic visits are organised by the different public authorities.Kumar also replied that prime minister's tours related to the poll campaigning are not part of official assignment and PMO does not incur any expenditure on these unofficial visits and it can not be provided and therefore it is not part of maintaining records.With regards to PM's foreign visits and expenses incurred on it, PMO has advised Galgali to go through the PMO's website to get the details. Besides, PMO  has transferred the query to cabinet secretariate for the details of other minister's expenses on their foreign tours.

          

Anil Galgali said that when he visited the PMO's portal, he did not find any records of PM's unofficial domestic visits. Notably, Modi has recently visited several states such as Maharashtra, Karnataka, UP, MP, Chhattisgarh, Bihar, Odisa, Andhhra Pradesh, Telangana, Asam, Jammu and Kashmir etc and Modi has travelled at least 25 states to address poll rallies.

Expressing displeasure over the selected information about PM's visits, Anil Galgali said, "To set a precedent, PMO must upload all the records of PM's movement where ever he uses official assistance or non official." Even All Minister's must maintain there all record of movement and expenses incurred on the domestic as well as visits foreign tours,said Galgali. 

Monday 8 April 2019

नवोदय विद्यालय ने हमेशा देश को नई दिशा देने का कार्य किया हैं- अनिल गलगली


नवोदय विद्यालय ने हमेशा देश को नई दिशा देने का कार्य किया हैं। आज की मौजूदा शिक्षा का व्यापारीकरण और होती क्षति के मद्देनजर फिर एक बार नवोदय विद्यालय के भूतपूर्व छात्र- छात्राओं को आगे बढ़कर इसे रोकने की चुनौती को स्वीकारने की अपील आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने की हैं। वे ठाणे के आनंद बैंक्वेट हॉल में जवाहर नवोदय विद्यालय के भूतपूर्व छात्रों द्वारा आयोजित मेलमिलाप कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुंबई शहर और उसके आसपास रहने वाले जवाहर नवोदय विद्यालय के भूतपूर्व छात्रों द्वारा ठाणे के आनंद बैंक्वेट हॉल में मेलमिलाप कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुंबई में छात्रों द्वारा "जाम" जवाहर नवोदय विद्यालय एलुमनी एसोसिएशन मुंबई द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में जवाहर नवोदय विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर ऊंचा मुक़ाम हासिल कर उच्चतम ओहदे में पहुंके छात्रों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

कार्यक्रम में  मुख्य अतिथी के तौर पर आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, शिक्षा क्षेत्र से जुड़े देवेंद्र शुक्ला, नंदुरबार नवोदय विद्यालय के प्रधानाध्यापक नारायण राव उपस्थित थे। वहीं आईपीएस विशाल ठाकुर, आईपीएस सदानंद दाते, रेलवे विभाग की उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.सुमंता देवलकर, कर्नल वीरेंद्र पांडे, वैज्ञानिक राजकमल गौतम, मेट्रो पोलिटीयन मजिस्ट्रेट प्रवीण देशमाने, सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल के अधिक्षक मधुकर गायकवाड़, सहायक मनपा आयुक्त पंकज पाटील, आरिफ़ शेख अतिथि के तौर पर उपस्थित थे।

कार्यक्रम में विद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर देश के विभिन्न क्षेत्रों एवं सरकारी संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे अतिथियों ने अपनी बातें रखी। साथ ही कार्यक्रम में उत्साहित भूतपूर्व छात्रों ने देश मे संस्था द्वारा जरूरतमंदों को आवश्यकता के अनुसार मदद करने का संकल्प भी लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बृजेशकुमार बिंदवार,अजय सिंह, डॉ सौरभ जैन, डॉ उमेश वर्जे, सुरेखा पानसे, पिंकी रामावत, कैलाश धन चरण ,निज़ाम कंथालिया, शंकर चाहर, राज कुमार, आरिफ खान, श्यामली हर्ष, स्वाति कांबले, प्रियंका बनकर, सपन रोकड़े ,पंकज खिल्लारे ,अविनाश दुर्जे, याचना सिंह, अरिहंत यादव, कुलदीप पिल्लेवाड, संदीप पिल्लेवाड, ब्रह्मनंद सूर्यवंशी, नरेश शर्मा, रामअवतार मीना, डॉ बरातू, डॉ प्रशांत सावरकर, माधव बारे, बालाजी बार्गे, उमेश भोईर, त्रिमुख गोडबोले उपस्थित थे।

Tuesday 2 April 2019

स्वच्छ भारत अभियान का लाखों रुपए की लागत से बना शौचालय 1 वर्ष से बंद, मनपा ने पीएमओ को उल्लू बनाया

स्वच्छ भारत अभियान के तहत मुंबई के ई मनपा के वार्ड क्रमांक 209 में लाखों रुपए की लागत से बना शौचालय गत 1 वर्ष से बंद होने से नागरिकों को होनेवाली परेशानी और फंड का दुरुपयोग की जांच कर कार्रवाई को लेकर की गई शिकायत के बाद  मनपा प्रशासन ने पीएमओ को झूठी जानकारी देकर मामले को बंद कर दिया हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने इसकी लिखित शिकायत कर शौचालय को ताबड़तोड़ शुरु करने के साथ झूठी जानकारी देनेवाले मनपा अधिकारी चंदन डोंगरे पर कार्रवाई करने की मांग की हैं।

स्वच्छ भारत अभियान के तहत ई मनपा के वार्ड क्रमांक 209 में बना शौचालय गत 1 वर्ष से बंद होने की शिकायत के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से अग्रेषित की गई शिकायत पर कार्रवाई कर शौचालय आम लोगों को शुरु करने के बजाय मनपा अधिकारी चंदन डोंगरे ने झूठी जानकारी देकर गुमराह किया हैं। पीएमओ से निकली शिकायत महाराष्ट्र सरकार के आला अफसर बिपिन मलिक, मेधा गाडगील, मनीषा म्हैसकर और मनपा आयुक्त अजय मेहता से निचले स्तर पर ई वार्ड घनकचरा विभाग के सहायक अभियंता चंदन डोंगरे के पास कार्रवाई के लिए भेजी गई। चंदन डोंगरे ने झूठी जानकारी देकर अभिप्राय दिया कि शौचालय का काम पूर्ण हो चुका हैं। सीबीओ प्रक्रिया में हैं और सीबीओ गठन होते ही शौचालय जनता के लिए खुला जाएगा। जबकि ठीक 1 वर्ष पहले यानी 12 जनवरी 2018 को वार्ड ऑफिसर साहेबराव आयुक्त ने इस शौचालय का उदघाटन किया था। इस सच के बावजूूूद श्री डोंगरे ने गलत जानकारी देकर पीएमओ को गुमराह किया। 

अनिल गलगली ने पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मनपा आयुक्त अजय मेहता, मनपा उपायुक्त अशोक खैरे, हर्षद काले से लिखित शिकायत कर शौचालय को ताबड़तोड़ शुरु करवाने की मांग के साथ झूठी जानकारी देनेवाले चंदन डोंगरे पर कार्रवाई करने की मांग की हैं। सीबीओ का गठन में राजनीतिक हस्तक्षेप होने से मनपा अधिकारी बिना नगरसेवकों की मौखिक अनुमति काम करने से हिचकते हैं और स्वच्छ भारत अभियान को फेल करने का आरोप अनिल गलगली ने लगाया हैं।


लाखमोलाचा स्वच्छ भारत अभियान शौचालय एका वर्षांपासून बंद, पंतप्रधान कार्यालयास पालिकेने उल्लू बनविले

स्वच्छ भारत अभियान या राष्ट्रीय कार्यक्रम अंतर्गत मुंबईतील ई विभागातील प्रभाग क्रमांक 209 येथे लाखों रुपये खर्च करत बनून तयार करण्यात आलेला शौचालय गेल्या एका वर्षांपासून बंद आहे. याबाबतीत पंतप्रधान कार्यालयात पालिकेने उल्लू बनवित खोटी माहिती दिली असल्याची बाब उघडकीस आली आहे. आरटीआय  कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी लेखी तक्रार करत शौचालय तत्काळ सुरु करत खोटी माहिती देणारे  पालिकेचे अधिकारी चंदन डोंगरे यांच्यावर कार्यवाही करण्याची मागणी केली आहे.


स्वच्छ भारत अभियान या राष्ट्रीय कार्यक्रम अंतर्गत मुंबईतील ई विभागात प्रभाग क्रमांक 209 बनवून तयार झालेला शौचालय एका वर्षांपासून बंद असल्याची तक्रार अनिल गलगली यांनी पंतप्रधान कार्यालयाकडे केली. याबाबतीत चौकशी सुरु होताच पालिकेने शौचालय जनतेसाठी सुरु करण्याऐवजी पालिकेचे सहाय्यक अभियंता चंदन डोंगरे यांनी खोटी माहिती देत पंतप्रधान कार्यालयाची दिशाभूल केली आहे. पंतप्रधान कार्यालयाकडून तक्रार महाराष्ट्र शासनाचे वरिष्ठ अधिकारी बिपिन मलिक, मेधा गाडगीळ, मनीषा म्हैसकर आणि पालिका आयुक्त अजय मेहता यांच्यामार्फत ई वार्ड घनकचरा विभाग स्तरावर सहाय्यक अभियंता चंदन डोंगरे यांसकडे कार्यवाहीसाठी पाठविला. चंदन डोंगरे यांनी पंतप्रधान कार्यालयास चक्क खोटी माहिती देत अभिप्राय दिले की शौचालयाचे काम पूर्ण झाले आहे. सीबीओ प्रक्रियेत आहे आणि सीबीओ स्थापन होताच शौचालय नागरिकांसाठी सुरु करण्यात येईल.प्रत्यक्षात ठीक एका वर्षांपूर्वी म्हणजे 12 जानेवारी 2018 रोजी सहाय्यक आयुक्त असलेल्या साहेबराव गायकवाड यांनी या शौचालयाचे विधिवत उदघाटन केले होते तरीही श्री डोंगरे यांनी खोटी माहिती देते पंतप्रधान कार्यालयाची दिशाभूल केली आहे. 

अनिल गलगली यांनी पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या व्यतिरिक्त  मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, पालिका आयुक्त अजय मेहता, पालिका उपायुक्त अशोक खैरे, हर्षद काळे यांसकडे लेखी तक्रार करत शौचालय तत्काळ सुरु करत खोटी माहिती देणाऱ्या चंदन डोंगरे या अधिका-यांवर कार्यवाही करण्याची मागणी केली आहे. सीबीओ बनविल्यानंतरच कामाचे कार्यादेश जारी होत असून राजकीय हस्तक्षेपामुळे पालिका अधिकारी नगरसेवकांच्या तोंडी परवानगी नसल्यास कार्यवाही करत नसून यामुळे स्वच्छ भारत अभियानाला अप्रत्यक्ष खीळ घालण्याचे काम केले जात असल्याचा आरोप अनिल गलगली यांनी केला आहे.

Toilets constructed under the Swacch Bharat Abhiyan lies shut for past one year, The MCGM fools the PMO

After spending lakhs of rupees on construction of toilet in the Ward no 209 of E Ward, under the national program of the Swacch Bharat Abhiyan, it lies closed for the past one year. Further it has come to light that, the Mumbai Municipal corporation has fooled the PMO by providing them with false information. RTI Activist Anil Galgali in his written complaint has demanded that the toilet be immediately put to use and has demanded strong action against the Officer Chandan Dongre for misleading and sending false information to the PMO.

RTI Activist Anil Galgali had sent a complaint to the PMO about an Toilet which was constructed under the Swacch Bharat Abhiyan in the Ward no 209 of the E Ward and was shut for the past one year. At the time when the enquiry was initiated, instead of opening up the toilet for use of the public, the Asst Engineer Chandan Dongre sent a false information to the PMO and mislead them. The complaint was forwarded to Senior bureaucrat Bipin Mallik and through him it moved to Medha Gadgil, Manisha Mhaiskar and Ajoy Mehta the Municipal Commissioner and ended at the table of the Asst Engineer in the Solid Waste Management department Chandan Dongre for action. Instead Mr Chandan Dongre, in his reply to the PMO informed that, the construction has been completed, and the process of appointment of the CBO is in process. Once the CBO is appointed, the toilet will be opened up for use of the public. This information was sent, despite the fact that, the Same toilet was inaugurated by the Asst Municipal Commissioner Shri Sahebrao Gaikwad on 12th January 2018 thereby proving that Mr Dongre by providing false information tried to mislead the PMO. 

Anil Galgali in his letters addressed to PM Narendra Modi, CM Devendra Fadnavis, Municipal Commissioner Ajoy Mehta, DMC Ashok Khaire and Harshad Kale has demanded that the toilet be immediately opened for use of the public and strict action against AE Chandan Dongre for providing false information. The Work Order is issued after the CBO is appointed, but political interference namely due to non clearence of the verbal permission of the Corporator had been creating an obstruction in the smooth implementation of the Swacch Bharat Abhiyan, thereby making a mockery of the national program alleged Anil Galgali.