Friday 27 April 2018

Permissions for construction of Mound Gallery, only after resolution of dispute on violation of lease agreement

MCA President, Ashish Shelar who also happens to be the President of Mumbai BJP had requested the CM to sanction permission for construction of the Mound Gallery at its complex at G Block, BKC. After order of the CM, the MMRDA, has rejected the application for permission and has conveyed that, it can be considered only after the dispute related to violation of lease agreement is resolved. This was Informed to RTI Activist Anil Galgali by the MMRDA administration. This refusal by the MMRDA, which is headed by the CM himself is seen as a rap for Ashish Shelar.

RTI Activist Anil Galgali had sought information about the permission sought by MCA for construction of Mound Gallery from the MMRDA. MMRDA is its response to the query informed that, it has rejected the permanent for construction of Mound Gallery. For the documents provided, it can be assessed that, MCA President and BJP leader, Ashish Shelar had sought permit for construction of 2 Mound Gallery  at its G Block BKC complex. Thereafter on 1st September 2017 CM had passed remarks to do inspection and to do the needful on the letter of Ashish Shelar and forwarded it to MMRDA Commissioner UPS Madan. MMRDA'S City and Regional development departments Chief Sampath Kumar on 19th March 2018 conveyed to Ashish Shelar and Architect Shashi Prabhu that the permit is being denied. It also informed that, fresh permissions can be given  only after resolution of the dispute relating to violatiin the lease conditions by subleasing the plot, in the course of development of the plot. Anil Galgali had in his letter addressed to CM and MMRDA Commissioner dt 10th November 2017 had demanded action in the matter. 

Anil Galgali expressed that, the violation of the lease agreement by MCA is illegal and MMRDA should infact take back the possession of the plot from MCA as being done by the MCGM, but since all party leaders have a hold in MCA no strong action is being initiated by the government. Galgali further expressed that, CM Devendra Fadnavis should order for taking back possession of the plot from MCA, which was reserved for Educational purposes and allotted for development of a Cricket Academy by violation of norms.

लीज उल्लंघन विवाद का निराकरण होने के बाद एमसीए को माऊंड गॅलरी निर्माण की अनुमति मिलेगी

बीकेसी स्थित जी ब्लॉक में एमसीए को वितरित जमीन पर माऊंड गॅलरी निर्माण के लिए मुंबई भाजपा अध्यक्ष और एमसीए के अध्यक्ष आशिष शेलार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने आदेश देने के बाद एमएमआरडीए प्रशासन ने अनुमति देने से इंकार किया और लीज उल्लंघन विवाद का निराकरण होने के बाद ही एमसीए को माऊंड गॅलरी बनाने की अनुमति देने का निर्णय लेने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एमएमआरडीए प्रशासन ने दी हैं। यह अनुमति नकारते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता वाली  एमएमआरडीए ने अपरोक्ष तौर पर आशिष शेलार अध्यक्षता वाली एमसीए को झटका देने का काम किया हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्रशासन से एमसीए को माऊंड गॅलरी निर्माण के लिए दिए गए अनुमति की जानकारी मांगी थी। एमएमआरडीए प्रशासन ने अनिल गलगली को बताया कि माऊंड गॅलरी निर्माण की अनुमति को नकारने का काम किया गया हैं। अनिल गलगली को उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों से स्पष्ट हो रहा हैं कि एमसीए के अध्यक्ष और भाजपा नेता आशिष शेलार ने दिनांक 22 अगस्त 2017 को बीकेसी स्थित जी ब्लॉक में एमसीए को वितरित जमीन पर 2 माऊंड गॅलरी निर्माण की अनुमति मांगी थी।  उसके बाद 1 सितंबर 2017 को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शेलार के पत्र पर निरीक्षण कर और जरुरी कारवाई करे, ऐसा रिमार्क लिखकर एमएमआरडीए आयुक्त यूपीएस मदान को सिफारिश की। एमएमआरडीए प्रशासन में नगर व क्षेत्र विकास विभाग के प्रमुख संपत कुमार ने 19 मार्च 2018 को एमसीए अध्यक्ष आशिष शेलार और आर्किटेक्ट शशी प्रभू को लिखित पत्र भेजकर अनुमति को खारिज किया। आगे लिखा हैं कि जमीन विकसित करने के दौरान जमीन को सबलीज कर किए गए उल्लंघन के विवाद का निराकरण होने के बाद ही नई अनुमति दी जाएगी। अनिल गलगली ने दिनांक 10 नवंबर 2017 को मुख्यमंत्री और एमएमआरडीए महानगर आयुक्त को पत्र भेजकर इस मामले में अनुमति न देने की मांग की थी। 

अनिल गलगली के अनुसार एमसीए ने लीज अग्रीमेंट किया हुआ उल्लंघन गैरकानूनी होने से इस जमीन को एमएमआरडीए प्रशासन ने मुंबई महानगरपालिका की तर्ज पर कब्जे में लेने की जरुरर हैं लेकिन इस एसोसिएशन पर सभी राजनीतिक दलों की सत्ता होने से कड़ी कारवाई आज तक नहीं की गई हैं। शैक्षणिक प्रयोजन के लिए आरक्षित जमीन क्रिकेट अकादमी को देकर हुए उल्लंघन के मद्देनजर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जमीन कब्जे में लेने के लिए आदेश जारी करने की जरुरत होने की बात गलगली ने कही हैं। 

लीज उल्लंघन वादाचे निराकरण झाल्यानंतर एमसीएला माऊंड गॅलरी बांधण्याची एमएमआरडीए परवानगी देणार

बीकेसी येथील जी ब्लॉक मधील एमसीएला वितरित भूखंडावर माऊंड गॅलरी बांधण्यासाठी मुंबई भाजपाचे अध्यक्ष आणि एमसीएचे अध्यक्ष आशिष शेलार यांनी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांस विनंती केली होती. मुख्यमंत्र्यांनी आदेश दिल्यानंतर एमएमआरडीए प्रशासनाने परवानगी नाकारली आणि लीज उल्लंघन वादाचे निराकरण झाल्यानंतर एमसीएला माऊंड गॅलरी बांधण्याची परवानगी देण्याचा निर्णय घेतल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस एमएमआरडीए प्रशासनाने दिली आहे. ही परवानगी नाकारत मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हे अध्यक्ष असलेल्या एमएमआरडीएने अप्रत्यक्षपणे आशिष शेलार अध्यक्ष असलेल्या एमसीएला चपराक दिली आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी एमएमआरडीए प्रशासनाकडे एमसीएला माऊंड गॅलरी बांधण्यासाठी दिलेल्या परवानगीची माहिती मागितली होती. एमएमआरडीए प्रशासनाने अनिल गलगली यांस कळविले की माऊंड गॅलरी बांधण्याची परवानगी नाकारली आहे. अनिल गलगली यांस उपलब्ध करुन दिलेल्या कागदपत्रावरुन स्पष्ट होत आहे की एमसीएचे अध्यक्ष आणि भाजपा नेते आशिष शेलार यांनी दिनांक 22 ऑगस्ट 2017 रोजी बीकेसी येथील जी ब्लॉक मधील एमसीएत 2 माऊंड गॅलरी बांधण्याची परवानगी मागितली होती. त्यानंतर 1 सप्टेंबर 2017 रोजी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी शेलाराच्या पत्रावर परीक्षण करा आणि आवश्यक ते करा, असा शेरा मारत एमएमआरडीए आयुक्त यूपीएस मदान यांस शिफारस केली. एमएमआरडीए प्रशासनातील नगर व क्षेत्र विकास विभागाचे प्रमुख संपत कुमार यांनी 19 मार्च 2018 रोजी एमसीए अध्यक्ष आशिष शेलार आणि वास्तुविशारद शशी प्रभू यांस लेखी पत्र पाठवून परवानगी नाकारली. भूखंड विकसित करण्याच्या दरम्यान सबलीज करत केलेल्या उल्लंघनाच्या वादाचे निराकरण झाल्यानंतरची नवीन परवानगी दिली जाईल. अनिल गलगली यांनी दिनांक 10 नोव्हेंबर 2017 रोजी मुख्यमंत्री आणि एमएमआरडीए महानगर आयुक्त यांस पत्र पाठवून याबाबतीत मागणी केली होती.

अनिल गलगली यांच्या मते एमसीएने लीज कराराचे केलेले उल्लंघन बेकायदेशीर असून खरे पाहिले तर सदर भूखंड एमएमआरडीए प्रशासनाने मुंबई महानगरपालिकेच्या धर्तीवर ताब्यात घेणे आवश्यक आहे पण या असोसिएशनवर सर्व पक्षाचे साम्राज्य असल्यामुळे कडक कार्यवाही आजपर्यंत घेतली गेली नाही. शैक्षणिक प्रयोजनासाठी राखीव भुखंड क्रिकेट अकादमीला बेकायदेशीर रित्या देत झालेले उल्लंघन पहाता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी भूखंड ताब्यात घेण्यासाठी आदेश जारी करण्याची आवश्यकता असल्याचे गलगली यांनी नमूद केले आहे.

Thursday 26 April 2018

छात्रों को सिखाएं गए साइबर क्राइम के गुर

मुंबई शहर और उपनगर में बढ़ती साइबर क्राईम की घटनाओं के मद्देनजर छात्र और छात्राओं को इसकी जानकारी देने के लिए साकीनाका विभाग के सफेदपूल स्थित ईडन हाईस्कूल अँड ज्युनिअर कॉलेज में साइबर क्राईम पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें छात्र और छात्राओं को साइबर क्राइम के गुर सिखाएं गए। 

इस कार्यशाला में साइबर क्राईम के विशेषज्ञ विक्रम पवार ने विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए इससे बचने का प्रशिक्षण दिया। साकीनाका पुलिस के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अविनाश धर्माधिकारी ने यूपीएससी और एमपीएससी पर मार्गदर्शन करते हुए साइबर क्राइम की जानकारी समझने की जरुरत पर जोर दिया। इस मौके पर प्राचार्य रवी नायर, आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, एनसीपी चांदीवली तालुका अध्यक्ष बाबू बतेली, कैलास आगवणे, नंदू साळुंखे, जगदीश कुंभार आदी मान्यवर उपस्थित थे।

विद्यार्थी आणि विद्यार्थीनी घेतले सायबर क्राईमचे धडे

मुंबई शहर आणि उपनगरात वाढणाऱ्या साईबर क्राईम बाबत महाविद्यालयीन विद्यार्थी आणि विद्यार्थीनी यांस माहिती देण्यासाठी साकीनाका विभागातील सफेदपूल येथील ईडन हाईस्कूल अँड ज्युनिअर कॉलेज येथे सायबर क्राईम कार्यशाळेचे आयोजन करण्यात आले होते. विद्यार्थी आणि विद्यार्थीनी सायबर क्राईमचे धडे घेतले.

या कार्यशाळेत सायबर क्राईमचे तज्ञ विक्रम पवार यांनी विविध पैलूवर प्रकाश टाकत यापासून बचावात्मक बाबींचे प्रशिक्षण दिले. साकीनाका पोलीस ठाण्याचे वरिष्ठ पोलीस निरीक्षक अविनाश धर्माधिकारी यांनी यूपीएससी आणि एमपीएससी बाबत मार्गदर्शन करत सायबर क्राईमची माहिती जाणून घेण्याची आवश्यकता सांगितली. यावेळी प्राचार्य रवी नायर, आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली, एनसीपी चांदीवली तालुका अध्यक्ष बाबू बतेली, कैलास आगवणे, नंदू साळुंखे, जगदीश कुंभार आदी मान्यवर उपस्थित होते.

Cyber Crime Special lessons to Students 

Keeping in mind the increase in Cyber Crime in Mumbai City and Mumbai suburbs and to give information about cyber crime to students Eden high school and Junior College organised Cyber Crime 1 day Work Shop at College permises in Safed pul, Sakinaka.

Cyber Crime Expert  Vikram Pawar enlightened the student s about the different aspects of cyber crime and necessary precautions. Senior Police Inspector of Sakinaka Police Station  Avinash Dharmadhikari also explained the students the importance of MPSC and UPSC exams. Chairman Ravi Nair,  RTI Activist Anil Galgali, NCP Chandivali Taluka President Babu Batteli, Kailash Agwane, Nandu Salunke, Jagdish Kumbhar and others attended the Work Shop

Wednesday 18 April 2018

कालबादेवी आग के बाद मुंबई फायर ब्रिगेड को मिला 59 करोड़ के उपकरण

मनपा प्रशासन ने कालबादेवी आग के बाद आग के दौरान जरुरी उपकरणों के लिए मनपा की तिजोरी का पैसा मुंबई फायर ब्रिगेड को देने की उदारता दिखाई हैं। 6 प्रकार के उपकरणों के लिए  59 करोड़ गत 3 वर्ष में खर्च करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुंबई फायर ब्रिगेड ने दी हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई फायर ब्रिगेड से  कालबादेवी आग कर बाद मुंबई फायर ब्रिगेड ने आग के दौरान जिन उपकरणों की जरुरत होती हैं और जिसकी खरीदी की हैं, उसकी जानकारी मांगी थी।  मुंबई फायर ब्रिगेड के विभागीय फायर अधिकारी एस. डी. सावंत ने गलगली को बताया कि  22 नग लाईट पोर्टेबल पंप की खरीदी पर  3 करोड़ 41 लाख 35 हजार 358 रुपए खर्च किए हैं। एलईडी इमरर्जन्सी लाईट के 35 नग की कीमत 95 लाख 76 हजार 840 रुपए हैं।  42 करोड़ 45 लाख 64 हजार 114  कीमत वाले 17 क्विक रिस्पॉन्स गाड़ियां खरीदी गई हैं।  06 फायर के बंब हैं जिसकी कीमत 3 करोड़ 63 लाख 11 हजार 827 रुपए हैं। 5 हाय प्रेशर पंप की कीमत 62 लाख 43 हजार 14 रुपए इतनी हैं।वहीं 14 किलो लीटर वॉटर टँकर के 11 नग की कीमत 7 करोड़ 94 लाख 81 हजार 745 रुपए हैं।

अनिल गलगली के अनुसार मुंबई महानगरपालिका प्रशासन ने जिस तरह से बड़े पैमाने पर फंड देते हुए सभी तरह के उपकरणों की जरुरत को पूरा किया हैं। अब मुख्य फायर ऑफिसर और अन्य अधिकारियों नर जिम्मेदारी से काम करने की जरुरत हैं।  

काळबादेवी आगीनंतर मुंबई अग्निशमन दलास मिळाली 59 कोटींची उपकरणे

मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाने काळबादेवी आगीनंतर आगीच्या प्रसंगी आवश्यक उपकरणांसाठी पालिकेची तिजोरीतील पैसा मुंबई अग्निशमन दलास देताना उदारपणा दाखविला. 6 प्रकारच्या उपकरणांसाठी 59 कोटी गेल्या 3 वर्षात खर्च केल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस मुंबई अग्निशमन दलाने दिली आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मुंबई अग्निशमन दलाकडे  काळबादेवी आगीनंतर मुंबई अग्निशमन दलाने आगीच्या प्रसंगी ज्या उपकरणांची आवश्यकता असते व जी खरेदी केली आहे, त्याबाबत माहिती मागितली होती. मुंबई अग्निशमन दलाचे विभागीय अग्निशमन अधिकारी एस. डी. सावंत यांनी गलगली यांस कळविले की 22 नग लाईट पोर्टेबल पंप विकत घेतले असून त्याची किंमत 3 कोटी 41 लाख 35 हजार 358 रुपये आहे. एलईडी इमरर्जन्सी लाईट चे 35 नगाची किंमत 95 लाख 76 हजार 840 रुपये आहे. 42 कोटी 45 लाख 64 हजार 114 किंमतीचे 17 क्विक रिस्पॉन्स वाहनांचे नग आहेत. 06 नग आगीचे बंब असून त्याची किंमत 3 कोटी 63 लाख 11 हजार 827 रुपये आहे. हाय प्रेशर पंप 05 नग असून 62 लाख 43 हजार 14 रुपये इतकी किंमत आहे तर 14 किलो लिटर वॉटर टँकर चे 11 नग विकत घेतले असून त्याची किंमत 7 कोटी 94 लाख 81 हजार 745 रुपये आहे.

अनिल गलगली यांच्या मते मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाने ज्या पद्धतीने भरीव निधी देत सर्व प्रकारच्या उपकरणांची आवश्यकता पूर्ण केली आहे. आता मुख्य अग्निशमन अधिकारी आणि अन्य अधिका-यांनी जबाबदारीने काम करण्याची आवश्यकता आहे.

After Kalbadevi fire Mumbai Fire Brigade gets equipment worth 59 crores

After the Kalbadevi fire incident, the Mumbai Municipal Corporation has opened up its purses, and sanctioned Rs 59 crores enabling the Mumbai Fire Brigade to purchase 6 types of necessary equipment in the past 3 years as per the information provided to RTI Activist Anil Galgali.

RTI Activist Anil Galgali had sought information from the Mumbai Fire Brigade regarding the required equipment for dealing with fire incidents after the Kalbadevi fire, details about the complete requirement and equipment purchased from the list was sought. The Divisional Fire Officer Shri SD Sawant from the Mumbai Fire Brigade informed Galgali that, 22 no's of light portable pumps costing Rs 3 crore 41 lakhs 35 thousand 358 was purchased. Further 35 no's of  LED lights costing Rs 95 lakhs 76 thousand 840. 42 Quick response vehicles costing Rs 42 crores 45 lakhs 64 thousand 114. Fire Engines 6 nos costing Rs 3 crores 63 lakhs 11thousand 827, 5 no's of High Pressure Pumps costing Rs 62 lakhs 43 thousands 14. It also purchased 11 nos of Water Tanker of 14 kiloleters capacity costing Rs 7 crores 94 lakhs 81 thousand 745.

The Mumbai Municipal corporation has now provided adequate funds for the resources and equipment expressed Galgali and stated that now it is the responsibility of the Cheif Fire Officer and his officers to perform its task diligently and with responsibility.

Friday 13 April 2018

फायर ऑडिट हुई बिल्डिंगों की जानकारी देने से फायर ब्रिगेड की टालमटोल

मुंबई में आग की घटनाओं में वृद्धि होते हुए मुंबई फायर ब्रिगेड फायर ऑडिट को लेकर गंभीर नहीं हैं। इसीलिए आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई की फायर ऑडिट हुई बिल्डिंगों की जानकारी मांगने पर सीधी और स्पष्ट जानकारी देने में फायर ब्रिगेड टालमटोल कर रहा हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई फायर की हद में फायर ऑडिट अंतर्गत कुल बिल्डिंगों की संख्या, बिल्डिंग का प्रकार, वॉर्ड का नाम, कुल फायर ऑडिट हुए बिल्डिंग की संख्या और फायर ऑडिट न हुए बिल्डिंग की संख्या की जानकारी दिनांक 1 जनवरी 2018 से सूचना मांगी थीं।  विभागीय अग्निशमन अधिकारी एस.डी.सावंत ने जानबूझकर जानकारी देने से टालमटोल की। महाराष्ट्र अग्निप्रतिबंधक व जीवसरंक्षक उपाययोजना अधिनियम 2006 के तहत बिल्डिंग का मालिक /निवासी /हौसिंग सोसायटी ने उनकी बिल्डिंग की फायर ऑडिट लाइसेंस धारक अग्निशमन यंत्रणा के जरिए कर लेना और उसकी रिपोर्ट मुंबई अग्निशमन दल के कार्यालय में पंजीकृत करना या बृहन्मुंबई महानगरपालिका के वेबसाइट पर अपलोड करना जरुरत हैं। लेकिन कितने रिपोर्ट प्राप्त हुआ और कितनों ने अपलोड किया हैं, इसको जानकारी नहीं दी हैं।  गलगली को पत्र भी इस तरीके से भेजा गया ताकि उन्हें पत्र 3 महीने के बाद मिल सके।

मुंबई में 34 अग्निशमन केंद्र की हद में नामनिर्देशित अधिकारी को बिल्डिंग की जांच करने का अधिकार होते हुए फायर ऑडिट जैसी महत्वपूर्ण जानकारी अग्निशमन दल क्यों नहीं दे रहा हैं? यह सवाल करते हुए अनिल गलगली ने अग्निशमन दल की इस टालमटोल की शिकायत मनपा आयुक्त अजोय मेहता से की हैं।मुंबई में जब आग की घटना होती हैं तब अग्निशमन दल द्वारा फायर ऑडिट की ओर बरती लापरवाही भी उतनी ही जिम्मेदार होती है, यह साबित हो चुका हैं।फायर ऑडिट जैसी महत्वपूर्ण जानकारी ऑनलाईन की जाती हैं तो जो फायर ऑडिट करते ही नहीं, ऐसे लोगों को मजबूरी से लोकलज्जास्तव पहल कर उसे करना ही पड़ेगा, ऐसा मत अनिल गलगली का हैं।

मुंबईतील फायर ऑडिट झालेल्या इमारतीची माहिती देण्यास अग्निशमन दलाची टाळाटाळ

मुंबईत आगीच्या घटनेत वाढ होत असून मुंबई अग्निशमन दलातर्फे फायर ऑडिटकडे दुर्लक्ष होत आहे. यामुळेच आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मुंबईतील फायर ऑडिट झालेल्या इमारतीची माहिती मागितली असता सरळ आणि स्पष्ट माहिती देण्यास अग्निशमन दलाने टाळाटाळ केली आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मुंबई अग्निशमन दलाकडे मुंबई पालिकेच्या हद्दीत फायर ऑडिट अंतर्गत एकूण इमारतीची संख्या, इमारतीचा प्रकार, वॉर्डाचे नाव, एकूण फायर ऑडिट केलेल्या इमारतीची संख्या आणि फायर ऑडिट न झालेल्या इमारतीची संख्या याची माहिती दिनांक 1 जानेवारी 2018 रोजी माहिती मागितली होती. विभागीय अग्निशमन अधिकारी एस.डी.सावंत यांनी जाणीवपूर्वक माहिती देण्याचे टाळत कळविले की महाराष्ट्र अग्निप्रतिबंधक व जीवसरंक्षक उपाययोजना अधिनियम 2006 अन्वये इमारतींचे मालक/भोगवटादार/हौसिंग सोसायटी यांनी त्यांच्या इमारतीचे फायर ऑडिट परवाना धारक अग्निशमन यंत्रणा यांच्या मार्फत करुन घेणे व त्याचा अहवाल मुंबई अग्निशमन दलांच्या कार्यालयात पोच करणे किंवा बृहन्मुंबई महानगरपालिकेच्या संकेत स्थळावर अपलोड करणे आवश्यक आहे. पण किती अहवाल प्राप्त झाले आणि कितींनी ते अपलोड केले आहे,याची माहिती दिली नाही. सदर माहिती गलगली यांस अश्या पध्दतीने पाठविली की ती माहिती 3 महिन्यानंतर प्राप्त झाली.

मुंबईतील 34 अग्निशमन केंद्राच्या हद्दीतील नामनिर्देशित अधिकारी यांना इमारतीचे तपासणी करण्याचे अधिकार देण्यात आले असून फायर ऑडिट सारखी महत्वाची माहिती अग्निशमन दल का देत नाही? असा सवाल करत अनिल गलगली यांनी अग्निशमन दलाच्या या टाळाटाळीची तक्रार पालिका आयुक्त अजोय मेहता यांस केली आहे. मुंबईत जेव्हा आगीची घटना घडते तेव्हा अग्निशमन दलाने फायर ऑडिटकडे केलेले दुर्लक्ष सुद्धा तेवढेच कारणीभूत असल्याची बाब निर्दशनास आल्याचे नमूद करत फायर ऑडिट सारखी महत्वाची माहिती ऑनलाईन केल्यास जे फायर ऑडिट करत नाही, त्यांना नाईलाजाने लोकलज्जास्तव पुढाकार घेत करावी लागेल, असे गलगली यांनी सरतेशेवटी सांगितले.

Mumbai Fire Brigade avoiding information on Fire Audit of buildings

At a time when, Mumbai is witnessing rising incidents of fires in buildings, the Mumbai Fire Brigade which is entrusted with the responsibility of carrying out fire audits of buildings and high rise towers, seems to be shirking their responsibility. To ascertain the status of fire audits progress, RTI Activist Anil Galgali had filed an RTI application with the department, which is trying to ignore giving a proper response to the query.

RTI Activist Anil Galgali had sought information from the Mumbai Fire Brigade, the total number of buildings, type of buildings, Ward wise data on buildings, Total number of buildings on which fire audits was done, and pending number of buildings for Fire Audit, within the Municipal limits of the MCGM on 1st January 2018. The Divisional Fire Officer, SD Sawant with intention to avoid providing complete information responded that, as per the Maharashtra Fire Prevention Life Safety Act 2006, it has become mandatory for the Owners, Occupier, or Housing Societies to get the fire audits conducted by the approved and licensed auditor of the MCGM and the report be submitting to the Fire Brigade or be uploaded on the website of the municipality corporation. But the Fire Brigade has no information as to how many reports have been submitted or uploaded on the website. The information was despatched in a very cavalier manner so as to delay the receipt of the response, which was received after 3 months of despatch. 

In Mumbai the Nominated officer under the Act have been authorised in the 34 Fire Stations to carry out inspection of the buildings in their areas and limits, then it is surprising that they have no information on the progress of Fire Audit of buildings in their respective areas questioned Galgali. Galgali has complained the the Municipal Commissioner Ajoy Mehta about such delaying tactics adopted by the Fire Brigade. In case of any incidents of fires in buildings the the carelessness adopted by the Mumbai Fire Brigade is equally responsible as they are not serious in the most important task of enforcing and monitoring the Fire Audits. Also the names buildings and societies, not serious in getting themselves audited should be published on the website to shame and force them to act for benefits of the residents of the respective buildings stated Galgali.

Tuesday 10 April 2018

किसानों को बांटे कर्ज का ब्यौरा सरकार के पास नहीं

छत्रपती शिवाजी महाराज शेतकरी ( किसान) सम्मान योजना अंतर्गत महाराष्ट्र सरकार ने 14,388 करोड़ कर्ज का वितरण रु 46.52 लाख किसानों को करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी लेकिन इतनी बड़े फंड वितरण की जिला वाइज किसी भी तरह की जानकारी सरकार के पास उपलब्ध न होने का कबूलनामा दिया हैं। इससे कुल कर्ज वितरण की प्रक्रिया पर सवालिया निशान लग गया हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने महाराष्ट्र सरकार से राज्य के किसानों का माफ किया कर्ज की जानकारी मांगते हुए किसानों की संख्या, कुल मंजूर और नामंजूर आवेदन की संख्या, बैंक का नाम, कुल वितरण फंड की जानकारी  जिला वाइज मांगी थी। महाराष्ट्र सरकार के सहकार मार्केट व वस्त्रोद्योग विभाग के जन सूचना अधिकारी दि. म. राणे ने अनिल गलगली को बताया कि कुल बैंक में जमा किए गए फंड की रकम की जिला वाइज की जानकारी  सरकार के पास उपलब्ध नहीं हैं। साथ ही में विदर्भ के गांव वाइज जानकारी उपलब्ध नहीं हैं।

अनिल गलगली को उपलब्ध कराई हुई जानकारी के अनुसार 36 जिला औऱ अन्य ऐसे कुल मिलाकर 37 जिला में 56,59,159 आवेदन छत्रपती शिवाजी महाराज शेतकरी (किसान) सम्मान योजना अंतर्गत प्राप्त हुए हैं इनमें सर्वाधिक आवेदन अहमदनगर जिला से हैं। इसकी  संख्या 3,34,920 इतनी हैं। 14,797 आवेदन अन्य में पंजीकृत हैं। 1620 मुंबई उपनगर और 23715 मुंबई शहर से आवेदन हैं। राष्ट्रीयकृत बैंक में 19,88,234 एकाउंट मंजूर हुए हैं। रु 77,66,55,13,440. 76 इतनी रकम बैंक को दी गई हैं जबकि बैंक ने 75,89,98,20,857. 28 इतनी रकम लाभार्थी को दी गई हैं। वहीं डीसीसी बैंक में 26,64,576 एकाउंट  मंजूर हैं। इनमें रु 67,70,18,88,772. 36 इतनी रकम बैंक को दी गई हैं जबकि बैंक ने रु 67,97,74,78,292. 76 इतनी रकम लाभार्थी को वितरित की गई। 33 राष्ट्रीयकृत और 30 डीसीसी बैंक में 46,52,810 एकाउंट मंजूर किए गए हैं। इनमें रु 1,45,36,74,02,213. 11 इतनी रकम बैंक को जारी की गई हैं और बैंक ने रु 1,43,87,72,99,150. 04 इतनी रकम रकम लाभार्थी को वितरित की गई हैं।

अनिल गलगली के अनुसार बड़े पैमाने पर फंड वितरित किया गया लेकिन सरकार के पास जिल्हा वाइज औऱ गाव वाइज जानकारी उपलब्ध न होना, यह सिस्टम की बड़ी भूल तो हैं ही तथा गांवों में जिन किसानों को लाभार्थी बताया गया हैं उनका प्रत्यक्ष में सम्मान हुआ हैं नहीं, इसकी पृष्टि करने का मार्ग खुद सरकार ने बंद करने का आरोप लगाते हुए अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मांग की हैं कि जिला और गांव वाइज लाभार्थी किसान जो हैं उनकी लिस्ट तैयार करने का आदेश संबंधितों को दिया जाए।

शेतकऱ्यांना वाटप केलेल्या कर्जाची जिल्हानिहाय माहिती शासनाकडे उपलब्ध नाही

छत्रपती शिवाजी महाराज शेतकरी सम्मान योजने अंतर्गत महाराष्ट्र शासनाने 14,388 कोटी कर्जाचे वाटप 46.52 लाख शेतकऱ्यांना केल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस दिली पण इतकी प्रचंड निधी वाटपाची जिल्हानिहाय कोणतीही माहिती शासनाकडे उपलब्ध नसल्याची कबूली सुद्धा दिली. यामुळे एकूण कर्जवाटप वाटप प्रक्रियेवर प्रश्नचिन्ह निर्माण झाले आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी महाराष्ट्र शासनाकडे राज्यातील शेतकऱ्यांचे माफ केलेल्या कर्जाची माहिती मागताना एकूण शेतकऱ्यांची संख्या, एकूण मंजूर आणि नामंजूर अर्जाची संख्या, बँकेचे नाव, एकूण वाटप निधी याची माहिती जिल्हानिहाय मागितली होती. महाराष्ट्र शासनाच्या सहकार पणन व वस्त्रोद्योग विभागाचे जन माहिती अधिकारी दि. म. राणे यांनी अनिल गलगली यास कळविले की एकूण बँकेत जमा केलेल्या निधीची रक्कम याबाबत जिल्हा निहाय माहिती शासन स्तरावर उपलब्ध नाही. तसेच विदर्भातील गावनिहाय माहिती सुध्दा शासन स्तरावर उपलब्ध नाही. 

अनिल गलगली यांस उपलब्ध करुन दिलेल्या माहितीनुसार 36 जिल्हे आणि इतर असे एकूण 37 जिल्ह्यात 56,59,159 अर्ज छत्रपती शिवाजी महाराज शेतकरी सम्मान योजने अंतर्गत आले असून सर्वाधिक अर्ज अहमदनगर जिल्ह्यातील आहेत ज्याची संख्या 3,34,920 इतकी आहे. 14,797 अर्ज इतर दाखविण्यात आले आहेत तर 1620 मुंबई उपनगर आणि 23715 मुंबई शहरातील अर्ज आहेत. राष्ट्रीयकृत बँकेतील 19,88,234 खाते मंजूर झाले असून 77,66,55,13,440. 76 इतकी रक्कम बँकेस दिली असून बँकेने 75,89,98,20,857. 28 इतकी रक्कम लाभार्थ्यांना वाटप करण्यात आली आहे तर डीसीसी बँकेतील 26,64,576 खाते मंजूर झाले असून 67,70,18,88,772. 36 इतकी रक्कम बँकेस दिली असून बँकेने 67,97,74,78,292. 76 इतकी रक्कम लाभार्थ्यांना वाटप करण्यात आली आहे. 33 राष्ट्रीयकृत आणि 30 डीसीसी बँकेत 46,52,810 खाते मंजूर असून 1,45,36,74,02,213. 11 इतकी रक्कम बँकेस दिली असून बँकेने 1,43,87,72,99,150. 04 इतकी रक्कम लाभार्थ्यांना वाटप केली आहे.

अनिल गलगली यांच्या मते प्रचंड निधी वाटप केला असून शासनाकडे जिल्हा निहाय आणि गाव निहाय माहिती उपलब्ध नसणे ही यंत्रणेतील मोठी चूक तर आहे तसेच खरोखरच गावागावातील शेतकऱ्यांना जे लाभार्थी दाखविले आहेत त्यांचा प्रत्यक्षात सम्मान केला गेला की नाही याची शहानिशा करण्याचे मार्ग शासनाने स्वतः बंद केल्याची टीका करत अनिल गलगली यांनी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांसकडे मागणी केली आहे की जिल्हा निहाय आणि गाव निहाय जे लाभार्थी शेतकरी आहेत त्यांची यादी तयार करण्याचे आदेश संबंधितांना द्यावेत.

Govt doesn't has district wise details of farmers loan waiver.

The Maharashtra government has disbursed Rs 14,388 crores against loan waiver of 46.52 lakhs farmers, under the Chattrapati Shivaji Maharaj Farmers Self-respect scheme, as per the information provided to RTI Activist Anil Galgali, but it has also stated in its reply that the government doesn't has details of the loan waiver disbursement district wise, which has raised questions over the Loan waiver disbursement scheme.

RTI Activist Anil Galgali had filed an query with the state government seeking information on the farmers loan waiver scheme, in which he sought details like, total number of farmers, complete information on total approved and non approved applications, name of banks, total disbursed amounts district wise. The Public Information Officer Shri DM Rane, of the Maharashtra government's Ministry of Cooperation, Marketing and Textiles informed Galgali that, total amount of funds deposited in banks, district wise is not available with the govt and similarly it doesn't has information on village wise data in Vidarbha. 

From the information provided to Anil Galgali, it can be understood that, from 36 district and other, totalling 37 districts, a total of 56,59,159 application were received under the Chattrapati Shivaji Maharaj Farmers Self-respect scheme and from that the highest received was from the Ahmednagar district 3,34,920. 14,797 applications has been classified as others. 1620 applications are from Mumbai suburbs where as 23,715 applications are from Mumbai City. A total of 19,88, 234 accounts in Nationalised banks have been approved, and a total of Rs 77,66,55,13,440.76 has been provided to the Nationalised banks. These banks have disbursed Rs 75,89,98,20,857.28 out the amount received as above. Further 26,64,576 accounts have been approved in DCC Banks, for which Rs 67,70,18,88,772.36 has been provided and out of which, Rs Rs 67,97,74,78,292.76 has been disbursed to the beneficiaries. In 33 Nationalised banks banks and 30 DCC Banks 46,52,810 account has been approved and Rs 1,45,36,74,01,213.11 has been provided to these bank, and they have disbursed Rs 1,43,87,72,99,150.04 to the beneficiaries up till now.

Anil Galgali has expressed that a huge amount has been disbursed by the government, and non availability of district and village wise details is a major lapse on part of the govt.  Due to the lapse it has become impossible to verify that actual beneficiaries of the villages have been benefitted by the loan waiver disbursement? The govt has itself closed the doors for the verification process stated Anil Galgali in a letter addressed to CM Devendra Fadnavis, Galgali in the letter has further demanded that, the CM should order the preparation of list of beneficiaries district and village wise to the govt authorities.