Monday 29 August 2022

वंदे मातरमच्या माध्यमातून सुगम आणि शास्त्रीय संगीतांचा आस्वाद घेतला रसिकांनी

एज्युकल स्पोर्ट्स फाउंडेशन तर्फे अविनाश धर्माधिकारी यांच्या संयोजन अंतर्गत विलेपार्ले येथील दीनानाथ मंगेशकर नाट्यगृहात बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय यांनी लिहिलेले गीत वंदे मातरम यावर मैफिल आयोजित करण्यात आली होती. एकाच वेळी सुगम आणि शास्त्रीय अशा दोन्ही संगीतांचा आस्वाद या मैफलीत रसिकांना घेतला.


या कार्यक्रमाच्या सुरुवातीला आमदार पराग अळवणी, एबीपी माझाचे संपादक राजीव खांडेकर, अभिनेते सचिन खेडेकर, डॉ सुधीर निरगुडकर, श्रीधर फडके, मनोज नाथानी, अनिल गलगली उपस्थित होते. शब्द मल्हारचे निरुपणकार स्वानंद बेदरकर यांनी सुरुवातीला सांगितले की वंदे मातरम् हे गीत आज सर्वत्र म्हंटले जात असले तरी ते पूर्ण म्हटले जात नाही. त्याचे फक्त पहिलेच कडवे म्हटले जाते. 

या मैफलीत संपूर्ण पाच कडव्यांचे वंदे मातरम गायले गेले आणि ते तीन वेगवेगळ्या चालींमध्ये ऐकवले. गायकीबरोबरच वेगवेगळे वाद्य आणि त्यांचा आविष्कार रसिकांनी अनुभवला. देस रागाबरोबरच नव्या दोन रागांमध्ये दोन चाली ज्ञानेश्वर कासार यांनी या गीतासाठी रचल्या असून स्वत: ज्ञानेश्वर कासार यांच्याबरोबर आशिष रानडे यांनी गायन केले. तर पं. सुभाष दसककर, अनिल दैठणकर, मोहन उपासनी, अनिल धुमाळ, उमेश खैरनार, ओंकार अपस्तंभ, ओंकार भुसारे यांनी संगीत साथ दिली. प्रकाशयोजना विनोद राठोड यांची होती.

स्वानंद बेदरकर यांचे निरुपण खूपच अभ्यासपूर्ण व प्रेरणादायी होते आणि रसिकांनी दाद दिली. आनंद मठ पासून बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय यांच्या जीवनाचा प्रवास व त्यात अनेकांच्या योगदानाचा उहापोह केला.

वंदे मातरम के माध्यम से दर्शकों ने सरल और शास्त्रीय संगीत का आनंद लिया

बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखित वंदे मातरम पर एक संगीत कार्यक्रम का आयोजन एजुकल स्पोर्ट्स फाउंडेशन द्वारा अविनाश धर्माधिकारी के समन्वय में विलेपार्ले के दीनानाथ मंगेशकर थिएटर में किया गया था। इस कॉन्सर्ट में दर्शकों ने एक साथ सुगम और शास्त्रीय संगीत दोनों का लुत्फ उठाया।

कार्यक्रम की शुरुआत में विधायक पराग अलवानी, एबीपी माझा के संपादक राजीव खांडेकर, अभिनेता सचिन खेडेकर, डॉ सुधीर निर्गुडकर, श्रीधर फड़के, मनोज नथानी, अनिल गलगली मौजूद थे. शब्द मल्हार के संगीतकार स्वानंद बेदारकर ने शुरू में कहा था कि हालांकि वंदे मातरम गीत आज हर जगह गाया जाता है, लेकिन इसे पूर्ण नहीं गाया जाता है। केवल पहली पंक्ति कहा जाती है।

इस संगीत कार्यक्रम में वंदे मातरम को पांच रागों में गाया गया और तीन अलग-अलग तरीकों में बजाया गया। गायन के साथ-साथ दर्शको ने विभिन्न संगीत वाद्ययंत्रों और उनके आविष्कारों का अनुभव किया। इस गीत के लिए देस राग के साथ, नए दो रागों में दो तरीक़े की रचना ज्ञानेश्वर कसार ने की है और इसे आशीष रानाडे ने स्वयं ज्ञानेश्वर कसार के साथ गाया है। पं. सुभाष दसक्कर, अनिल दैथंकर, मोहन उपासनी, अनिल धूमल, उमेश खैरनार, ओंकार आपस्तंभ, ओंकार भुसारे ने संगीत दिया। लाइटिंग डिजाइन विनोद राठौड़ ने किया था।

स्वानंद बेदारकर की प्रस्तुति बहुत ही अंतर्दृष्टिपूर्ण और प्रेरक थी और दर्शकों द्वारा सराहना की गई। आनंद मठ से बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के जीवन की यात्रा और उसमें अनेक लोगों के योगदान का वर्णन किया गया।

Tuesday 23 August 2022

पूर्व छात्रों ने एकत्र आकर मनाया हादगे सर का अमृतमहोत्सव

मुंबई के प्रसिद्ध कुर्ला पश्चिम वाडिया एस्टेट स्थित कराची हाईस्कूल के पूर्व शिक्षक दत्तात्रेय हादगे का अमृत महोत्सव हाल ही में आयोजित किया गया था। सभी पूर्व छात्रों ने एकत्रित आकर अमृतमहोत्सव मनाया और हादगे सर को शुभकामनाएं दीं।

कुर्ला पश्चिम के कराची हाई स्कूल सभागार में पूर्व शिक्षक दत्तात्रेय हादगे का अभिचिंतन समारोह आयोजित किया गया। दत्तात्रेय हादगे ने अमृत महोत्सव मनाने के लिए सभी का धन्यवाद किया। इस मौके पर पिता अर्जुन हादगे, पत्नी सुजाता हादगे, पूर्व मुख्याध्यापक घनश्याम पुजारी, माणिक काले मान्यवर उपस्थित थे। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकों, पूर्व शिक्षकों और पूर्व छात्रों ने श्रीनिवास सावंत के आयोजन के तहत अपनी भावनाओं को व्यक्त किया. इस अवसर पर अनिल गलगली, वजीर चांद मुल्ला, राजेंद्र मालुसरे, दिलीप गोलतकर, अनंत पालव, भालजी महाडीक, विजय खानोलकर, किशोर परब, तुकाराम थुबे, जयवंत पांचाल, उदय म्हात्रे, सुशील भोवर, रवि हाडकर, वंदना रानडे, विलास कापसे, हरीश चालके, मोहन आंबेकर और अन्य पूर्व छात्र मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन नागेश हुनवणे ने किया।

माजी विद्यार्थ्यांनी एकत्र येत साजरा केला हादगे सरांचा अमृतमहोत्सव

मुंबईतील प्रसिद्ध असे कुर्ला पश्चिम वाडीया इस्टेट येथील कराची हायस्कूलचे माजी शिक्षक दत्तात्रय हादगे यांचा अभीष्टचिंतन सोहळा नुकताच पार पडला. सर्व माजी विद्यार्थ्यांनी एकत्र येत अमृतमहोत्सव साजरा करत हादगे सरांना शुभेच्छा दिल्या.

कुर्ला पश्चिम येथील कराची हायस्कूलच्या सभागृहात माजी शिक्षक दत्तात्रय हादगे यांचा अभीष्टचिंतन सोहळा आयोजित करण्यात आला होता. दत्तात्रय हादगे यांनी अमृत महोत्सव साजरा केल्याबद्दल सर्वाचे आभार मानले. यावेळी त्यांचे वडील अर्जुन हादगे, पत्नी सुजाता हादगे, माजी मुख्याध्यापक घनश्याम पुजारी, माणिक काळे हे मान्यवर उपस्थित होते. श्रीनिवास सावंत यांच्या आयोजनाअंतर्गत शाळेतील शिक्षक, माजी शिक्षक आणि माजी विद्यार्थ्यांनी आपले मनोगत व्यक्त केली. यावेळी अनिल गलगली, वझीर चांद मुल्ला, राजेंद्र मालुसरे, दिलीप गोलतकर, अनंत पालव, भालजी महाडिक, विजय खानोलकर, किशोर परब, तुकाराम ठुबे, जयवंत पांचाळ, उदय म्हात्रे, सुशील भोवर, रवी हडकर , वंदना रानडे, विलास कापसे, हरिष चाळके, मोहन आंबेकर व अन्य माजी विद्यार्थी हजर होते. कार्यक्रमाचे संचालन नागेश हुणावणे यांनी केले.

संघर्षनगर के छात्र - छात्राओं के लिए माध्यमिक विद्यालय के लिए प्रयास करुंगी- शबाना आजमी

चांदिवली के संघर्ष नगर के 10वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं का मेधावी समारोह और करियर मार्गदर्शन समारोह का आयोजन निवारा हक सुरक्षा समिति के माध्यम से कम्युनिटी भवन किया गया.  इस कार्यक्रम में लगभग 200 छात्रों और उनके अभिभावकों ने भाग लिया. पूर्व सांसद पद्म भूषण शबाना आज़मी ने कहा कि संघर्षनगर के छात्र - छात्राओं के लिए माध्यमिक विद्यालय के लिए प्रयास करुंगी.

इस अवसर पर आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, साकीनाका थाने के पंकज परदेशम, वरिष्ठ अधिकारी उत्तम धागे, काउंसलर रामेश्वरी पाटिल, दीपक दाते ऑफ निवार, तानाजी कांबले, रामभाऊ गजकोश, विनीता स्टेफन, अनीता जाधव, शेख साहब, सोनवणे काकी, संयोजक संजय डावरे मंच पर मौजूद थे।

इस समय संघर्ष नगर की संस्थापक पूर्व सांसद पद्म भूषण शबाना आज़मी ने बताया कि संघर्ष नगर में एक प्राथमिक विद्यालय के लिए संयुक्त प्रयास किया। इसी तरह, आइए एक साथ प्रयास करें और माध्यमिक विद्यालय को शुरु किया जाए. उन्होंने सभी छात्रों को उनके भविष्य के करियर के लिए शुभकामनाएं भी दीं। उत्तीर्ण छात्रों को स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र, तुलसी के पौधे और कलम देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन निवारा हक्क सुरक्षा समिती  के समन्वयक संजय डावरे ने किया।  इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अनीता जाधव, रावण गायकवाड़, वसंत खाड़े, अशोक पाटिल, दिलीप जाधव, प्रकाश शिंदे, मिरजोलकर काका, माणिक शिंदे, सुभाष शिंदे, वीरेंद्र मिश्रा, रेखा हलदनकर, अंसारी ताई, गीता नाचरे, पाटिल ताई, गीतांजलि ताई, इमरान शेख, रमेश कांबले , श्याम कांबले, प्रकाश दाहिजे, विजय गायकवाड, भाई चौहान ने विशेष परिश्रम लिया.