Tuesday 28 April 2020

कोविड-१९ पर नगरसेवक फंड से होनेवाले खर्च की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करे

नगरसेवक फंड से कोविड- १९ की रोकथाम के लिए रु १० लाख तक का खर्च करने को लेकर जारी परिपत्रक के मद्देनजर नगरसेवक नाव, प्रभाग क्रमांक, खर्च का ब्यौरा और कुल खर्च की जानकारी मुंबई महानगरपालिका प्रशासन के वेबसाइट पर अपलोड करने की मांग मुंबई की विभिन्न 15 सामाजिक संस्थाओं ने मुंबई महानगरपालिका आयुक्त प्रवीण परदेशी से की हैं।

मुंबई महानगरपालिका आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त प्रोजेक्ट और सार्वजनिक स्वास्थ्य, उपायुक्त स्वास्थ्य, प्रमुख लेखापाल (वित्त) और कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी को भेजे हुए पत्र में अनिल गलगली- अथक सेवा संघ, वर्षा विद्या विलास- सद्भावना संघ, अमोल मडामे - नागरिक अधिकार मंच (NAM), नंदकिशोर तलशिलकर -अनिस, बिलाल खान -घर बचाव घर बनाओ, यासीन खान-  एरिया सभा भ समिती, रमेश कदम- एमपीजे, प्रो प्रभा तीरमारे, डॉ गजानन देसाई, डॉ कृष्णा नाईक- मुंबई मराठी ग्रंथ संग्रहालय, नायगाव शाखा, दीपक सोनावणे-भाकर फाऊंडेशन, सुजाता सावंत- आदर्श फाऊंडेशन, फकरुद्दीन शेख- धारावी रहिवासी संघ, सीताराम शेलार- सी पी डी, सूरज भोईर- मैत्री संस्था ने हस्ताक्षर किए हैं।

मनपा को जारी संयुक्त पत्र में बताया गया हैं कि दिनांक २०/०४/२०२० के परिपत्रक के मद्देनजर नगरसेवक फंड से कोविड- १९ की रोकथाम के लिए रु १० लाख तक का खर्च करने का आदेश निर्गमित किया गया हैं। यह खर्च और काम पर कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी का नियंत्रण रहेंगा और खरीदी यह मध्यवर्ती खरीदी विभाग के जरिए निर्गमित किए गए दर पत्रिका के अनुसार की जाएगी। 

पत्र में आगे कहा गया हैं कि मुंबई के सभी २२७ नगरसेवक और ५ स्वीकृत नगरसेवक द्वारा की गई मांग, किया गया खर्च यह नगरसेवक नाव, प्रभाग क्रमांक, खर्च का ब्यौरा और कुल खर्च की जानकारी  मुंबई महानगरपालिका प्रशासन के वेबसाइट पर अपलोड की जाए ताकि आम मुंबईकरों को जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी। यह खर्च कैसे करे और उसमें पारदर्शिता कैसे निर्माण हो इसलिए प्रभाग से नागरिकों से सूचना मंगवाकर नगरसेवक उसी मुताबिक खर्च करे। साथ ही में प्रभाग में एरिया सभा लेकर इस खर्च का पब्लिक ऑडिट हो,ऐसी मांग हैं।

कोविड-१९ च्या उपाययोजना करिता नगरसेवक निधीतून होणाऱ्या खर्चाची माहिती संकेतस्थळावर अपलोड करावी

नगरसेवक निधीमधून कोविड- १९ च्या उपाययोजना करिता रु १० लाखापर्यंतचा खर्च करण्याबाबत जारी परिपत्रक अनुषंगाने नगरसेवक नाव, प्रभाग क्रमांक, खर्चाचा तपशील आणि एकूण खर्च ही माहिती मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाच्या संकेतस्थळावर अपलोड करण्याची मागणी मुंबईतील विविध 15 सामाजिक संस्थांनी मुंबई महानगरपालिका आयुक्त प्रवीण परदेशी यांसकडे केली आहे.


मुंबई महानगरपालिका आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त प्रोजेक्ट आणि सार्वजनिक आरोग्य, उपायुक्त आरोग्य, प्रमुख लेखापाल (वित्त) आणि कार्यकारी आरोग्य अधिकारी यांना पाठविलेल्या निवेदनात अनिल गलगली- अथक सेवा संघ, वर्षा विद्या विलास- सद्भावना संघ, अमोल मडामे - नागरिक अधिकार मंच (NAM), नंदकिशोर तळशिलकर -अनिस, बिलाल खान -घर बचाव घर बनाओ, यासीन खान-  एरिया सभा भ समिती, रमेश कदम- एमपीजे, प्रो प्रभा तीरमारे,डॉ गजानन देसाई, डॉ कृष्णा नाईक- मुंबई मराठी ग्रंथ संग्रहालय,नायगाव शाखा,दीपक सोनावणे-भाकर फाऊंडेशन, सुजाता सावंत- आदर्श फाऊंडेशन, फकरुद्दीन शेख- धारावी रहिवाशी संघ, सीताराम शेलार- सी पी डी, सूरज भोईर- मैत्री संस्था यांनी सह्या केल्या आहेत. 


संयुक्त निवेदनात नमूद केले आहे की दिनांक २०/०४/२०२० रोजीच्या परिपत्रक अनुषंगाने नगरसेवक निधीमधून कोविड- १९ च्या उपाययोजना करिता रु १० लाखापर्यंतचा खर्च करण्याबाबत आदेश निर्गमित करण्यात आले आहेत. सदर खर्च आणि कामावर कार्यकारी आरोग्य अधिकारी यांचे नियंत्रण असणार आहे आणि खरेदी ही मध्यवर्ती खरेदी खात्यामार्फत निर्गमित केलेल्या दरपत्रिकेनुसार केली जाणार आहे.


निवेदनात पुढे असे नमूद केले आहे की मुंबईतील सर्व २२७ नगरसेवक आणि ५ स्वीकृत नगरसेवक यांनी केलेली मागणी, केलेला खर्च हा नगरसेवक नाव, प्रभाग क्रमांक, खर्चाचा तपशील आणि एकूण खर्च ही माहिती मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाच्या संकेतस्थळावर अपलोड करावी,जेणेकरुन सामान्य मुंबईकरांना अद्ययावत माहिती सहज उपलब्ध होऊ शकेल. सदर खर्च कसा करावा व त्यामध्ये पारदर्शकता कशी निर्माण होऊ शकेल यासाठी प्रभागमधील रहिवासी यांच्याकडून सूचना मागवून नगरसेवक यांनी त्यानुसार खर्च करावा तसेच प्रभागमध्ये एरिया सभा घेऊन सदर खर्चाचे पब्लिक ऑडिट व्हावे,अश्या मागण्या आहेत.

Monday 20 April 2020

1500 पोलीसांची उप निरीक्षक पदी पदोन्नती रखडली

नि:शस्त्र पोलीस उप निरीक्षक पदी पदोन्नती देण्यासाठी विभागीय अहंता परीक्षा- 2013 मधील पात्र असलेल्या 1500 उमेदवारांची उप निरीक्षक पदी पदोन्नती रखडली आहे. या यादीत सर्वाधिक 563 पदे ही मुंबई पोलीस आयुक्तांलयाच्या अंतर्गत येत असून पुण्यात 94 पदोन्नतीची प्रकरणे आहेत. ही पदे तत्काळ भरण्याची मागणी आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मुख्यमंत्री उद्धव  बाळासाहेब ठाकरे आणि गृह मंत्री अनिल देशमुख यांस कडे केली आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मुख्यमंत्री उद्धव  बाळासाहेब ठाकरे, गृह मंत्री अनिल देशमुख,मुख्य सचिव अजोय मेहता, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीकांत सिंह आणि पोलीस महासंचालक सुबोध जायसवाल यांस पाठविलेल्या निवेदनात लक्ष वेधले आहे की 3 फेब्रुवारी 2020 रोजी विशेष पोलीस महानिरीक्षक राजेश प्रधान यांनी शासन निर्णयाचा हवाला देत परिपत्रक जारी केले होते. या परिपत्रकात शासन निर्णय सोबत उच्च न्यायालयाने दिले न्यायनिर्णयास अनुसरुन खुल्या प्रवर्गातील अधिका-यांना व गुणवत्तेनुसार सेवाज्येष्ठ असलेल्या मागास प्रवर्गातील अधिका-यांना पदोन्नती दिली जाणार असल्याचे स्पष्ट केले होते. याबाबतीत ज्यास पदोन्नती मिळणार आहे त्यांची न्यायालयीन प्रकरणे, विभागीय चौकशी किंवा एखादे प्रकरण प्रस्तावित/प्रलंबित आहे काय, कसे किंवा शिक्षा भोगत असल्यास त्याचा सविस्तर अहवाल 10 फेब्रुवारी 2020 पर्यत उपलब्ध करुन देण्यास सांगितला होता पण दुदैवाने आजपर्यंत एकासही पदोन्नती दिली गेली नाही.

अनिल गलगली यांनी मागणी केली आहे की ज्यांच्या अहवाल प्राप्त झाला असल्यास त्यांस पदोन्नती दिली जावी आणि अन्य लोकांस तत्काळ न्याय देण्यात यावा.

1500 पुलिसवालों का सब इंस्पेक्टर बनने का सपना चकनाचूर

पुलिस सब इंस्पेक्टर के तौर पर प्रमोशन देने के लिए विभागीय अहंता परीक्षा- 2013 में वैध ठहराए गए 1500 पुलिसवालों का सब इंस्पेक्टर बनने का सपना चकनाचूर हुआ हैं। इस लिस्ट में सबसे अधिक 563 पोस्ट यह मुंबई पुलिस आयुक्तांलय के अधीन आती हैं वहीं पुणे में 94 प्रमोशन के मामले हैं। 1500 पोस्ट पर ताबड़तोड़ प्रमोशन देने की मांग आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे और गृह मंत्री अनिल देशमुख को लिखे हुए पत्र में की हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव  बालासाहेब ठाकरे, गृह मंत्री अनिल देशमुख, मुख्य सचिव अजोय मेहता, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीकांत सिंह और पुलिस महानिदेशक सुबोध जायसवाल  को भेजे हुए पत्र में उनका ध्यान आकर्षित किया हैं कि 3 फरवरी 2020 को विशेष पुलिस महानिरीक्षक राजेश प्रधान ने सरकारी निर्णय का हवाला देते हुए एक परिपत्रक जारी किया था। इस परिपत्रक में सरकारी निर्णय के अलावा उच्च न्यायालय ने सुनाया हुआ न्यायनिर्णय के अनुसार ओपन कैटेगिरी के अधिकारियों को तथा गुणवत्ता नुसार सीनियरटी वाले पिछड़े कैटेगिरी के अधिकारियों को प्रमोशन देने की बात स्पष्ट की गई थी। इस मामले में जिन्हें प्रमोशन मिलनेवाला हैं उनका न्यायालयीन मामला, विभागीय जांच या कोई मामला प्रस्तावित/प्रलंबित हैं क्या, कैसे और सजा भुगत रहा हैं तो उसकी विस्तृत रिपोर्ट 10 फरवरी 2020 तके उपलब्ध कराने को कहा गया था। दुर्भाग्य से आज तक इसमें से किसी एक को भी प्रमोशन नहीं दिया गया हैं।

अनिल गलगली ने मांग की हैं कि जिनकी रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं उन्हें प्रमोशन दिया जाए और अन्य पुलिस वालों को ताबड़तोड़ न्याय दिया जाए।

1500 police personnels dream of becoming sub-inspector shattered

The dream of becoming sub-inspector of 1500 policemen legalized in departmental eligibility test 2013 has been shattered to give promotion as police sub-inspector.

The highest 563 posts in this list come under the Mumbai Police Commissionerate, while Pune has 94 promotion cases. Rti activist Anil Galgali has written a letter to Chief Minister Uddhav Balasaheb Thackeray and Home Minister Anil Deshmukh and sought a promotion on 1500 posts immediately.

RTI activist Anil Galgali has drawn his attention in a letter sent to Chief Minister Uddhav Balasaheb Thackeray, Home Minister Anil Deshmukh, Chief Secretary Ajoy Mehta, additional Chief Secretary Srikant Singh and DGP Subodh Jaiswal that on February 3, 2020, special inspector General of Police Rajesh Pradhan had issued a circular citing the government decision

In addition to the government judgement in this circular, it has been clarified to give promotions to the officers of the open category and the qualified officers of the backward category as pronounced by the High Court. In this case, the court case, departmental enquiry or any case proposed, whether, how and the punishment are being paid, was asked to provide a detailed report on 10th February 2020. Unfortunately, till today, none of this has been given a promotion.

Galgali has demanded that those whose reports have been received should be given promotions immediately and justice should be given to other policemen also.

Saturday 11 April 2020

राज्य सरकार अमिताभ गुप्ता को निलंबित कर सकती है

गृह मंत्री अनिल देशमुख ने दावा किया है कि केंद्र को महाराष्ट्र राज्य में गृह विभाग के प्रधान सचिव अमिताभ गुप्ता को निलंबित करने का अधिकार है। लेकिन वास्तव में, राज्य सरकार चाहे तो गुप्ता को निलंबित कर सकती है, यह कहते हुए आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने राज्य सरकार को वह नियम भेजे हैं जिसके तहत निलंबन की कारवाई संभव हैं। अब प्रशासनिक जांच शुरू करते हुए, परोक्ष रूप से अमिताभ गुप्ता को बचाने की कोशिश की जा रही है, और राज्य सरकार की भूमिका पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृह मंत्री अनिल देशमुख और मुख्य सचिव अजय मेहता को भेजे पत्र में केंद्र सरकार की उस नियम की कॉपी जोडी है। इस कॉपी में स्पष्ट किया गया है कि DoPT ने राज्य सरकार को IAS, IPC और IFS को निलंबित करने का अधिकार दिया है। अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1969 की धारा 3 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। निलंबन आदेश, कारणों सहित निलंबन की सूचना केंद्र को 48 घंटे के भीतर बताई जानी है। इसकी अवधि 1 महीने तक बढ़ाई जा सकती हैं। साथ ही ऐसे अधिकारी वर्ग की निलंबन की अवधि केंद्र सरकार के सुझाव के अनुसार बढ़ सकती है। निलंबन अवधि बढ़ाने के लिए राज्य का मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक अतिरिक्त मुख्य सचिव और कर्मचारी विभाग के सचिव, सदस्य सचिव वाली समिति का गठन किया जा सकता है।

अनिल गलगली के अनुसार, राज्य सरकार और गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मौजूदा नियमों की अनदेखी कर एक तरह से अमिताभ गुप्ता को बचाने के लिए प्रशासनिक जांच शुरु की हैं। अमिताभ गुप्ता का पत्र स्पष्ट है और सरकार को तुरंत इसे निलंबित करना चाहिए।

अमिताभ गुप्ता यांस राज्य सरकार निलंबित करु शकते

महाराष्ट्र राज्यातील गृह खात्याचे प्रधान सचिव अमिताभ गुप्ता यांस निलंबित करण्याचा अधिकार केंद्राला असल्याचा दावा गृह मंत्री अनिल देशमुख यांनी केला आहे. पण प्रत्यक्षात राज्य सरकार सुद्धा गुप्ताना निलंबित करू शकते, असे सांगत आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी राज्य सरकारला नियमावली पाठविली आहे. आता प्रशासकीय चौकशी सुरु करत अप्रत्यक्षपणे अमिताभ गुप्ता यांना वाचविण्यासाठी सुरु असलेल्या प्रयत्नाला खीळ बसली असून राज्य सरकार नेमकी कोणती भूमिका घेणार याकडे सर्वांचे लक्ष लागले आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृह मंत्री अनिल देशमुख आणि मुख्य सचिव अजोय मेहता यांस पाठविलेल्या पत्रात केंद्र सरकारने जारी केलेले कार्यालयीन निवेदन जोडले आहे. या निवेदनात स्पष्ट केले आहे की डीओपीटी ने राज्य सरकारला आयएएस, आयपीसी आणि आयएफएस यांस निलंबित करण्याचे अधिकार दिले आहेत. अखिल भारतीय सेवा ( वर्तणूक) नियमावली 1969 च्या कलम 3 अंतर्गत कार्यवाही केली जाऊ शकते. अश्या अधिकारी वर्गाची माहिती ही निलंबन आदेश, कारणे यासोबत 48 तासात केंद्रास कळविणे आवश्यक असून या निलंबनचा कालावधी 1 महिन्याचा असतो या निलंबनाच्या कालावधीत केंद्र सरकारच्या सूचनेनुसार वाढ होऊ शकते. निलंबनाची मुदत वाढ करण्यासाठी मुख्य सचिव यांच्या नेतृत्वाखाली एक अतिरिक्त मुख्य सचिव आणि कर्मचारी विभागाचा सचिव हा सदस्य सचिव अशी आढावा समिती स्थापन केली जाऊ शकते.

अनिल गलगली यांच्या मते राज्य सरकार असो की गृह मंत्री अनिल देशमुख यांनी अस्तिवात असलेली नियमावलीकडे दुर्लक्ष करत एकप्रकारे अमिताभ गुप्ता यांना वाचविण्यासाठी प्रशासकीय चौकशीचा फार्स केलेला आहे. अमिताभ गुप्ता यांचे पत्र स्वयंस्पष्ट असून सरकारने तत्काळ निलंबित करणे आवश्यक आहे.

Suspension of Amitabh Gupta possible under the All India Services ( Discipline) Rule

Home Minister Anil Deshmukh has claimed that the Center has the right to suspend Amitabh Gupta, Principal Secretary of the Home Department in the state of Maharashtra.But in fact, the state government can suspend Amitab Gupra as well, saying that RTI activist Anil Galgali has sent the rules to the state government.Now launching an administrative inquiry, indirectly trying to save Amitabh Gupta, has been hampered and the role of the state government is taking its toll.


A letter address by RTI activist Anil Galgali has send a copy of Central Government to Chief Minister Uddhav Thackeray, Home Minister Anil Deshmukh and Chief Secretary Ajay Mehta. Under the powers of the State Government to take action and suspend officers of the All India Services like IAS, IPS, IFoS etc. The ammendment has framed the procedure under its Annexure - II for the purpose of following in case of initiating actions against officers of the said cadre for suspension. Rule 3 of the AIS (D&A) Rules 1969 empower the state government to place a member of the service under suspension and having issued orders of suspension, the same has to be intimated to the Union Govt within 48 hours along with the copy of the suspension order, the reasons and grounds of suspension. The order of the suspension is valid for 30 days and it can be extended by 30 days with confirmation of the Union Govt. It also contains provisions to extend the suspension on the recommendation of the Central/ State Review Committee. The State Review Committee is to be headed by the Chief Secretary as the Chairman, One senior most Addl Cheif Secretary as it's member and Secretary of the Department of Personal, Govt of Maharashtra as it's Member Secretary, said Galgali.


According to Anil Galgali, the state government, whether the home minister Anil Deshmukh has ignored the existing rules, has in one way foiled an administrative inquiry to save Amitabh Gupta. Amitabh Gupta's letter is clear and the government must immediately suspend him. There is no doubt that serious action is warranted in the present case as the Mr Gupta has violated Service Rules and also execution of the Orders of The Union Govt as well as the State Government, said Galgali.

Sunday 5 April 2020

10 machines capable of doing the Corona test in 45 minutes stuck in Tender process

Today, the number of people who have transmitted coronas across the country is increasing and the situation is getting worse in Maharashtra too. At this time, an automated RNA Purification System, which gives results in 45 minutes immediately after the corona test, is stuck in the tender process.RTI activist Anil Galgali urge to Govt of Maharashtra to look into and available the Machine fastly.

RTI activist Anil Galgali wrote a letter Chief Minister Uddhav Balasaheb Thackeray, Medical Education Minister Amit Deshmukh, Health minister Rajesh Tope and officials concerned. In letter, explain that the E-tender was issued on March 14, 2020 by Hafkin Bio-Pharmaceutical Corporation (Limited) for the purchase of 10 Automated RNA Purification System machines across the state. Tender opening date March 27, 2020. 15 lakh a estimates amount to one machine and the state of Maharashtra needs 10 such machines.

A machine capable of testing 24 citizens at a time is capable of reporting in 45 minutes. Today, due to non-availability of the report, the entire system stays on for 2 to 3 days and stress is increased due to non-receipt of timely report of information. Galgali alleges that Govt of Maharashtra immediate effect should funds to Hafkin and also pressure to open a Tender and took decision.

Anil Galgali has demanded that Tender should open and decided to purchase the all 10 automated RNA Purification System machines be benefited to people of Maharashtra.

कोरोना टेस्ट को 45 मिनट में करने में सक्षम 10 मशीन अटकी टेंडर प्रक्रिया में

आज, देश भर में कोरोनों ग्रस्तों की संख्या बढ़ रही है और महाराष्ट्र में भी स्थिति खराब हो रही है। इस समय, स्वचालित आरएनए शोधन प्रणाली मशीन, जो 45 मिनट के भीतर परिणाम देती है, यह मशीन टेंडर प्रक्रिया में फंस गई हैं।आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा मशीन को खरीदने पर तत्काल ध्यान देने की मांग की गई हैं

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे, चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे और संबंधित अधिकारियों को भेजे एक पत्र में लिखा हैं कि राज्य भर में 10 स्वचालित आरएनए शोधन प्रणाली मशीनों की खरीद के लिए हाफकिन बायोफर्मासिटिकल कॉर्पोरेशन (लिमिटेड) द्वारा 14 मार्च, 2020 को ई-टेंडर जारी किया गया था, जिसे 27 मार्च, 2020 को तय किया जाना था। 15 लाख ऐसी अंदाजन रकम एक मशीन की हैं और ऐसी 10 मशीन की आवश्यकता महाराष्ट्र राज्य को हैं।

एक बार में 24 नागरिकों का परीक्षण करने में सक्षम एक मशीन 45 मिनट में रिपोर्टिंग करने में सक्षम है। आज, रिपोर्ट उपलब्ध नहीं होने के कारण, पूरी प्रक्रिया 2 से 3 दिनों तक प्रलंबित रहती है और रिपोर्ट समय पर प्राप्त नहीं होने के कारण तनाव भी बढ़ जाता है। अनिल गलगली का कहना हैं कि मंत्रालय द्वारा हाफकिन को तुरंत धन हस्तांतरित किया जाना चाहिए लेकिम मंत्रालय में बैठे अफसर ढिलाई बरती जा रही हैं।

अनिल गलगली  ने मांग की है कि सभी 10 स्वचालित आरएनए शोधन प्रणाली मशीनों का टेंडर ताबड़तोड़ खोला जाए ताकि इस मशीन से राज्य की जनता लाभान्वित हो।


करोना चाचणी 45 मिनिटात करण्यास सक्षम अश्या 10 मशीन अडकल्या निविदा प्रक्रियेत

आज संपूर्ण देशात करोना संक्रमण झालेल्या नागरिकांची संख्या वाढत असून महाराष्ट्रात सुद्धा परिस्थिती बिकट होत चालली आहे. अश्या वेळी करोनाची चाचणी घेत तत्काळ म्हणजे 45 मिनिटात परिणाम देणारी स्वयंचलित आरएनए शुद्धीकरण प्रणाली ( Automated RNA Purification System) मशीन ही निविदा प्रक्रियेत अडकली असून तत्काळ लक्ष देण्याची मागणी आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी केली आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मुख्यमंत्री उद्धव बाळासाहेब ठाकरे, वैद्यकीय शिक्षण मंत्री अमित देशमुख, आरोग्य मंत्री राजेश टोपे तसेच संबंधित अधिका-यांस पाठविलेल्या निवेदनात स्पष्ट केले आहे की संपूर्ण राज्यात अश्या 10 स्वयंचलित आरएनए शुद्धीकरण प्रणाली ( Automated RNA Purification System) मशीन खरेदी करण्यासाठी हाफकिन जीव- औषध निर्माण महामंडळ ( मर्यादित) तर्फे 14 मार्च 2020 रोजी ई- निविदा जारी केल्या होत्या ज्याचा निर्णय 27 मार्च 2020 रोजी घेण्यात येणार होता. 15 लाख एका मशीनसाठी अंदाज खर्च आहे आणि महाराष्ट्र राज्याला अशा १० मशीनची आवश्यकता आहे.

एकावेळी 24 नागरिकांच्या चाचणी करण्याची क्षमता असलेल्या मशीन 45 मिनिटात अहवाल देण्यात सक्षम आहे. आज अहवाल तत्काळ न मिळाल्याने 2 ते 3 दिवस संपूर्ण यंत्रणा ताटकळत रहाते आणि पॉजिटीव्ह असल्याची माहितीचा अहवाल वेळेत प्राप्त न झाल्यामुळे ताणही वाढतो. वैद्यकीय संचालनालय तर्फे तत्काळ निधी हाफकिनकडे वळविण्यात येणे आवश्यक असताना मंत्रालयातील अधिका-यांच्या लालफिताशाही म्हणो किंवा आणखी काही, निर्णय घेण्यास वेळखाऊ धोरण अवलंबिले जात आहे, असा आरोप गलगली यांचा आहे.

किचकट प्रक्रिया आणि प्रतिक्षेत असलेल्या निविदा तत्काळ उघडत निर्णय घ्यावा जेणेकरुन या सर्व 10 स्वयंचलित आरएनए शुद्धीकरण प्रणाली ( Automated RNA Purification System) मशीनचा फायदा राज्यास होऊ शकतो, अशी मागणी सरतेशेवटी गलगली यांनी केली आहे.