Tuesday 17 July 2018

डॉ नीरज हाटेकर ने पीएचडी करने के लिए थीसिस चोरी की जांच रिपोर्ट तैयार 

मुंबई विद्यापीठ के डॉ नीरज हाटेकर ने पीएचडी करने के लिए की हुई थीसिस चोरी की जांच की रिपोर्ट तैयार हैं और उसे मैनेजमेंट कौंसिल के पास पेश करने के बाद जांच की रिपोर्ट उपलब्ध करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुंबई विद्यापीठ ने दी हैं। 

डॉ नीरज हाटेकर पर उनकी पत्नी रजनी माथुर के प्रबंध से थीसिस चोरी करने का आरोप होते ही चांसलर और राज्यपाल विद्यासागर राव ने जांच के आदेश दिए थे। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने डॉ नीरज हाटेकर की हुई जांच और उसके बाद तैयार जांच की रिपोर्ट मांगी थी। मुंबई विद्यापीठ के प्रबंध विभाग के उप कुलसचिव ने अनिल गलगली को बताया कि मुंबई विद्यापीठ के डॉ नीरज हाटेकर पर हुए थीसिस चोरी की जांच की रिपोर्ट मैनेजमेंट कौंसिल के पास निर्णय के लिए पेश करने के बाद जांच की रिपोर्ट  की कॉपी दी जाएगी। अनिल गलगली के अनुसार जांच की रिपोर्ट जल्द से जल्द सार्वजनिक करना जरुरी हैं। इस जांच की रिपोर्ट को मैनेजमेंट कौंसिल के समक्ष पेश करने में कोताही बरतने के बजाय इसपर शीघ्र कार्रवाई होनी चाहिए। जिससे मुंबई विद्यापीठ की प्रतिमा मलिन होने से बचेगी।

डॉ नीरज हाटेकर यांनी पीएचडी करण्यासाठी केलेल्या वाड्मय चोरीचा चौकशीचा अहवाल तयार

मुंबई विद्यापीठाचे डॉ नीरज हाटेकर यांनी पीएचडी करण्यासाठी केलेल्या वाङमय चोरीचा चौकशीची अहवाल तयार झाला असून व्यवस्थापन परिषदेकडे निर्णयासाठी सादर केल्यानंतर त्या अहवालाची प्रत दिली जाणार असल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस मुंबई विद्यापीठाने दिली आहे.

डॉ नीरज हाटेकर यांस वर त्यांची पत्नी रजनी माथुरच्या प्रबंधातून वाङमय चोरी केल्याचा आरोप होताच कुलपती आणि राज्यपाल विद्यासागर राव यांनी चौकशीचे आदेश दिले होते. आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी डॉ नीरज हाटेकर यांची झालेली चौकशी आणि त्याबाबतीत तयार झालेल्या अहवालाची प्रत मागितली होती. मुंबई विद्यापीठाच्या प्रबंध विभागाचे उप कुलसचिव यांनी अनिल गलगली यांस कळविले की मुंबई विद्यापीठाचे डॉ नीरज हाटेकर यांच्या वाङमय चोरीचा चौकशीचा अहवाल व्यवस्थापन परिषदेकडे निर्णयासाठी सादर केल्यानंतर त्या अहवालाची प्रत देण्यात येईल. अनिल गलगली यांच्या मते चौकशी अहवाल लवकरात लवकर सार्वजनिक करणे आवश्यक आहे. अहवाल व्यवस्थापन परिषदेकडे सादर करण्यात दिरंगाई करण्याऐवजी तत्काळ कार्यवाही अपेक्षित आहे जेणेकरून मुंबई विद्यापीठाच्या प्रतिमा मलिन होणार नाही.

Inquiry report on allegations of plagiarism of PhD thesis against Dr Neeraj Hatekar ready

An inquiry report into the allegations against Dr Neeraj Hatekar, a professor of econometrics with Mumbai University, and has been accused of plagiarism of the PhD thesis has become ready and it will be provided after the same is tabled before the Manager Council of the University, was the reply provided by the University to a RTI query filed by RTI Activist Anil Galgali.

The Governor and the Vice Chancellor of the Mumbai University had instituted an enquiry on the allegations received by them stating that Dr Neeraj Hatekar had indulged in plagiarism by copying and submitting his PhD thesis from his wife Dr Rajini Mathur's thesis. RTI Activist Anil Galgali had sought the copy of the enquiry report from the Mumbai University. The Dy Registrar of the management department of the Mumbai University in its reply informed Galgali that, the copy of the report of the enquiry against Dr Hatekar would be provided only after it is tabled before the Management Council for decision. In a statement issued, Anil Galgali has sought immediate tabling of the enquiry report and the report being made public. He further stated that no further delay should be done in taking appropriate decision on the matter so as it doesn't damage the image of the Mumbai University.

Inquiry report on allegations of plagiarism of PhD thesis against Dr Neeraj Hatekar ready

An inquiry report into the allegations against Dr Neeraj Hatekar, a professor of econometrics with Mumbai University, and has been accused of plagiarism of the PhD thesis has become ready and it will be provided after the same is tabled before the Manager Council of the University, was the reply provided by the University to a RTI query filed by RTI Activist Anil Galgali.

The Governor and the Vice Chancellor of the Mumbai University had instituted an enquiry on the allegations received by them stating that Dr Neeraj Hatekar had indulged in plagiarism by copying and submitting his PhD thesis from his wife Dr Rajini Mathur's thesis. RTI Activist Anil Galgali had sought the copy of the enquiry report from the Mumbai University. The Dy Registrar of the management department of the Mumbai University in its reply informed Galgali that, the copy of the report of the enquiry against Dr Hatekar would be provided only after it is tabled before the Management Council for decision. In a statement issued, Anil Galgali has sought immediate tabling of the enquiry report and the report being made public. He further stated that no further delay should be done in taking appropriate decision on the matter so as it doesn't damage the image of the Mumbai University.

Tuesday 10 July 2018

सरकारी टैक्स का गबन करनेवाली रिलायंस बिजली कंपनी के अंबानी पर कब दर्ज होगा एफआईआर?

मुंबई उपनगर के लाखों उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति करने के दौरान सरकारी टैक्स मुंबईकरों के बिल से अनिल अंबानी की मेसर्स रिलायंस बिजली कंपनी ने वसूल तो किया लेकिन गत वर्ष से अदा नहीं किया। 2 हजार करोड़ से अधिक का बकाया टैक्स की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सामने लाने के बावजूद बकाया रकम वसूल नहीं की गई और अब तो यह कंपनी अदानी ने खरीद भी ली।  सरकारी टैक्स की रकम गबन करनेवाली रिलायंस बिजली कंपनी के अनिल अंबानी पर कब एफआईआर दर्ज होगा? यह सवाल आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने किया हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने महाराष्ट्र सरकार से मेसर्स रिलायंस एनर्जी कंपनी ने की इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी और इलेक्ट्रिसिटी टैक्स की बकाया रकम की जानकारी मांगी थी। सांताक्रूज निरीक्षण विभाग की इलेक्ट्रिसिटी इंस्पेक्टर  मिनाक्षी वाठोरे ने अनिल गलगली को बताया कि उनके कार्यालय में इलेक्ट्रिसिटी टैक्स की शाखा जून 2017 से कार्यान्वित हुई हैं। जून 2017 इस महीने में इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी की रकम रु 103,85,87,500/- और इलेक्ट्रिसिटी टैक्स की रकम रु 14,14,58,200/- इसे 31 जुलाई 2017 तक अदा नहीं किया। उसके बाद जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर 2017 इन 4 महीने की इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी रु 419,10,84,100/- और इलेक्ट्रिसिटी टैक्स में रु 43,14,99,900/- टॉस ( 0.15 पैसे ) एवं रु 11,24,23,800/- ग्रीन सेस (0.08 पैसे) ऐसे कुल मिलाकर रु 473,50,07,800/- इतनी रकम अदा नहीं की हैं। कुल मिलाकर जून 2017 से अक्टूबर 2017 इन 5 महीने का कुल रु 591,50,53,500/- इतनी रकम बकाया हैं। मुंबई सेंट्रल स्थित विद्युत निरीक्षक, मुंबई निरीक्षण विभाग ने अनिल गलगली को बताया कि अक्टूबर 2016 से मई 2017 इन 8 महीनों की रु 860,18,61,700/- इतनी रकम अदा नहीं की हैं।

महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी डयूटी अधिनियम 2016 में नियम 11 के अनुसार इलेक्ट्रिसिटी डयूटी और इलेक्ट्रिसिटी टैक्स तयशुदा समय पर अदा नहीं करने पर पहिले 3 महीने के लिए वार्षिक 18 प्रतिशत रेट और उसके बाद रकम  करने तक वार्षिक 24 प्रतिशत रेट से ब्याज वसूला जाएगा। अनिल गलगली की आरटीआई के बाद गहरी नींद से उठते हुए दिनांक 3 नवंबर 2017 को इलेक्ट्रिसिटी इंस्पेक्टर मिनाक्षी वाठोरे ने महाप्रबंधक, मेसर्स रिलायंस एनर्जी को पत्र भेजकर बकाया इलेक्ट्रिसिटी डयूटी और इलेक्ट्रिसिटी टैक्स ब्याजसहित अदा करने के निर्देश जारी किए है। मुंबई निरीक्षण विभाग ने भी मेसर्स रिलायंस कंपनी को कारण बताओ नोटीस जारी किया था। 

अनिल गलगली ने टैक्स वसूल करने में जानबूझकर देरी करनेवाले इलेक्ट्रिक इंस्पेक्टर को निलंबित कर जाँच करे और सरकारी टैक्स को गबन करनेवाली रिलायंस बिजली कंपनी के अनिल अंबानी पर एफआईआर दर्ज करने की मांग मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से की हैं। महाराष्ट्र बिजली नियामक आयोग के आनंद कुळकर्णी ने भी यु टर्न लेकर पूरी रकम ब्याज के साथ अदा करने के बाद सुनवाई लेते तो और तार्किक होता था, ऐसा मत गलगली ने व्यक्त किया हैं।

शासनाचे पैसे गिळंकृत करणाऱ्या रिलायंस वीज कंपनीच्या अनिल अंबानीवर केव्हा गुन्हा दाखल होणार?

मुंबई उपनगरातील लाखों ग्राहकांना वीज पुरवठा करताना शासनाचा कर ग्राहकांच्या बिलातून अनिल अंबानीच्या मेसर्स रिलायंस वीज कंपनीने वसूल तर केला पण गेल्या वर्षांपासून तो अदा केला नाही. 2 हजार कोटींपेक्षा जास्त असलेला करांची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी समोर आणूनही न पैसेही वसूल केले नाही आणि आता तर ही कंपनी अदानीने विकत ही घेतली. शासनाचे पैसे गिळंकृत करणाऱ्या रिलायंस वीज कंपनीच्या अनिल अंबानीवर केव्हा गुन्हा दाखल होणार, असा सवाल आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी केला आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी महाराष्ट्र शासनाकडे मेसर्स रिलायंस एनर्जी कंपनीने विद्युत शुल्क आणि विज करांची शिल्लक रक्कम बाबत माहिती विचारली होती. सांताक्रूझ निरीक्षण विभागाचे विद्युत निरीक्षक मिनाक्षी वाठोरे यांनी अनिल गलगली यांस कळविले की त्यांच्या कार्यालयामध्ये विद्युत कर शाखा माहे जून 2017 पासून कार्यान्वित झाली आहे. जून 2017 या महिन्याचे रु 103,85,87,500/- रक्कम विद्युत शुल्क आणि रु 14,14,58,200/- इतकी कर रक्कम हे 31 जुलै पर्यंत 2017 अदा केली नाही त्यानंतर जुलै, ऑगस्ट, सप्टेंबर आणि ऑक्टोबर 2017 या 4 महिन्याचे रु 419,10,84,100/- इतकी रक्कम विद्युत शुल्क, रु 43,14,99,900/- टॉस ( 0.15 पैसे ) आणि रु 11,24,23,800/-  ग्रीन सेस (0.08 पैसे) असे एकूण रु 473,50,07,800/- रक्कम अदा केली नाही. एकंदरीत जून 2017 ते ऑक्टोबर 2017 या 5 महिन्याचे 591,50,53,500/- इतकी रक्कम थकविली गेली आहे. मुंबई सेंट्रल येथील विद्युत निरीक्षक, मुंबई निरीक्षण विभागाने अनिल गलगली यांस कळविले की ऑक्टोबर 2016 ते मे 2017 या 8 महिन्याचे रु 860,18,61,700/- इतकी रक्कम अदा केली नाही. आता ही रकम 2 हजार कोटींपेक्षा अधिक झाली आहे.

महाराष्ट्र विद्युत शुल्क अधिनियम 2016 मधील नियम 11 अनुसार विद्युत शुल्क व विजकर विहित वेळेत भरणा न केल्यास पहिल्या 3 महिन्यांकरिता वार्षिक 18 टक्के दराने व त्यानंतर रक्कम चुकती करण्यात येईपर्यंत वार्षिक 24 टक्के दराने व्याज आकारले जाते. अनिल गलगली यांच्या आरटीआय नंतर खडबडून जागे होत दिनांक 3 नोव्हेंबर 2017 रोजी विद्युत निरीक्षक मिनाक्षी वाठोरे यांनी महाव्यवस्थापक, मेसर्स रिलायंस एनर्जी यांस पत्र पाठवून प्रलंबित विद्युत शुल्क व विजकराचा भरणा व्याजासहित करण्यास कळविले होते तर मुंबई निरीक्षण विभागाने मेसर्स रिलायंस कंपनीला कारणे दाखवा नोटीस जारी केली होती.

अनिल गलगली यांनी कर वसूल करण्यात जाणूनबुजून दुर्लक्ष करणाऱ्या वीज निरीक्षकांना निलंबित करत चौकशी करणे आणि शासनाचे पैसे गिळंकृत करणाऱ्या रिलायंस वीज कंपनीच्या अनिल अंबानीवर गुन्हा दाखल करण्याची मागणी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांस कडे केली आहे. महाराष्ट्र वीज नियामक आयोगाचे आनंद कुळकर्णी यांनी सुद्धा पळवाट काढली असून संपूर्ण रक्कम व्याजासह अदा केल्यानंतरच सुनावणी घेणे अधिक इष्ट ठरले असते, असे मत गलगली यांनी व्यक्त केले आहे.

When will the govt file case against Anil Ambani led Reliance Energy for usurping govt taxes

Anil Ambani led Reliance Energy which supplies power to the subscribers in Mumbai suburban has collected govt taxes from the subscribers and has failed to pay to the govt since last year. The amount of unpaid taxes exceeds more than Rs 2000 crores, was exposed by RTI Activist Anil Galgali. Despite exposure the govt has failed to initiate steps for its recovery. Now the company itself has been sold to the Adani group. In a concern expressed by Anil Galgali, he wondered when would a case be registered against the Reliance Energy?

RTI  Activist Anil Galgali had sought to know the status of electricity duty and electricity tax paid to the government of Maharashtra by the Reliance Energy after it recovered from the customers. The reply furnished by the Electricity Inspector of Santacruz division Minakshi Wathore stated that ever since in June this year electricity tax branch was opened, Reliance have recovered Rs 591,50,53,500/-  in last five months from June 2017 to October 2017 in the different heads of Electricity Duty, electricity Tax, Toss and Green Cess as per prescribed rate. But fail to transfer to Govt. While electricity Inspector at Mumbai Central division informed Galgali that from Oct 2016 to May 2017 in the different heads of Electricity Duty, electricity Tax, Toss and Green Cess, Reliance  has recovered Rs 860,18,61,700/-  from the customers but yet to transfer the money to the government. Commenting over the brazen violation of not paying the duty to the government on time, Galgali said that when he filed the RTI query with the Govt, then the officials woke up and issued notice to the company to pay the duty.  According to Galgali, Minakshi Wathore issued instructions to the General Manager of Reliance to pay the duty on Novermber 3 & Mumbai Division issue show cause notice to Reliance.

Anil Galgali has alleged that, there has been purposeful neglect in recovering the dues by the Energy Inspector. In a letter addressed to the Chief Minister Devendra Fadnavis, Galgali demanded that the Energy Inspector be suspended and immediate cases be registered against Reliance Energy for usurping the govt taxes. Anand Kulkarni of The Maharashtra Energy Regulatory commission has also been derelict in his duty, wherein he was duty bound to ensure recovery of the dues prior to conducting of the hearings by him expressed Galgali.

Monday 9 July 2018

लोधीवली स्थित धीरूभाई अंबानी अस्पताल की जांच की रिपोर्ट सरकार करे सार्वजनिक

प्रसिद्ध उद्योगपती स्व. धीरूभाई अंबानी ने अपने हाथों से उद्घाटित किए 82 बेड का अस्पताल को ठीक ढंग से  शुरु रखने की मांग स्वतः मुंबई मराठी पत्रकार संघ में आयोजित पत्रकार परिषद में की गई। लोधीवली स्थित धीरूभाई अंबानी अस्पताल की जांच की रिपोर्ट दबाए रखने से इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की गई।  

सिटीजन डॉक्टर फोरम और रुग्ण कल्याण सेवा सामाजिक संस्था की  संयुक्त तौर पर मुंबई मराठी पत्रकार संघ में लोधीवली स्थित धीरूभाई अंबानी अस्पताल को ठीक ढंग से शुरु रखने की मांग को लेकर पत्रकार परिषद आयोजित की थी। सामाजिक दायित्व के मद्देनजर गरीब एवं जरूरतमंद जनता और पुराने मुंबई-पुणे महामार्ग स्थित दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को अत्यावश्यक वैद्यकीय सेवा तत्काल दिलाने के लिए अस्पताल का निर्माण किया। रायगड जिला पहिली बार और बड़ा HIV PPP (सरकारी-निजी )  सेंटर इस अस्पताल में कार्यरत हैं। आरंभ का कुछ समय छोड़ा जाए तो कुल मिलाकर अस्पताल को नजरअंदाज किया गया। आज इस अस्पताल दयनीयता और जर्जरता पर Whistleblower डॉ संजय कुमार ठाकूर ने ध्यानाकर्षण करने का काम किया हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने इस अस्पताल में मुकेश अंबानी की कंपनी का सीएसआर फंड कैसे इस्तेमाल कर शकती हैं इसपर अचरज जताते हुए कहा कि धीरूभाई ने एक अच्छे उद्देश्य से शुरु किया हुआ काम को अंबानी परिवार आगे बढ़ाए। वर्ष 2017 में उप निदेशक, स्वास्थ्य विभाग, मुंबई मंडल ने किए हुए जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग गलगली ने की हैं। डॉ. एच एस बावसकर ने अच्छा और ठीक ढंग से संचालित धीरूभाई अंबानी अस्पताल को बंद करने के प्रयास पर चिंता जताई। डॉ. एम मिरजकर ने धीरूभाई अंबानी अस्पताल को पूर्ववत शुरु करने की अपील सरकार से की हैं।  डॉ. अभिजीत मोरे ने स्थानीय लोगों को आधार देने के लिए धीरूभाई अंबानी अस्पताल कार्यरत रखना समय की जरूरत बताई। ऍड. जयंत एम चितळे ने कहा कि सामाजिक सामाजिक जिम्मेदारी के मद्देनजर यह तो सीधे फ्रॉड हैं और उसकी पोल खोल करेंगे। इस मौके पर एसएम ठाकूर, एकनाथ सांगळे, स्वाती पाटील, जितेंद्र तांडेल, सीएम कुळकर्णी, एड विल्सन गायकवाड, विनोद साडविलकर और राजेंद्र ढगे उपस्थित थे।

लोधीवली, चौक, मोहापाडा, तुपगांव, टेंभरी, चांभार्ली, वडगांव, कर्जत, नेरळ, माथेरान स्थित नागरिक, रायगड जिला व्यापारी एसोसिएशन और रायगड स्थित HIV से प्रभावित मरीज, पुराने मुंबई-पुणे महामार्ग के यात्री के अलावा पातालगंगा, रसायनी, खालापुर औद्योगिक क्षेत्र के मजूदरों की मांग की हैं। 

लोधीवली येथील धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटलचा चौकशीचा अहवाल शासनाने दडपला

प्रसिद्ध उद्योगपती स्व. धीरूभाई अंबानी यांनी स्वतः उदघाटन केलेले हे 82 खाटाचे रुग्णालय सुरळीतपणे सुरु ठेवण्याची मागणी मुंबई मराठी पत्रकार संघात आयोजित पत्रकार परिषदेत करण्यात आली आहे. लोधीवली येथील धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटलचा चौकशीचा अहवाल शासनाने दडपला असून तो अहवाल सार्वजनिक करत कार्यवाहीची मागणी करण्यात आली आहे.

सिटीझन डॉक्टर फोरम आणि रुग्ण कल्याण सेवा सामाजिक संस्था यांच्या संयुक्त विद्यमानाने मुंबई मराठी पत्रकार संघात लोधीवली येथील धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल सुरळीतपणे सुरु ठेवण्याच्या मागणीसाठी पत्रकार परिषद आयोजित केली होती. सामाजिक बांधिलकीच्या जाणिवेतून परिसरातील गोरगरीब व गरजू जनतेला तसेच जुना मुंबई-पुणे महामार्गावरील अपघातग्रस्त रुग्णांची अत्यावश्यक वैद्यकीय सेवा तातडीने मिळावी या उदात्त हेतूपुरस्सर या रुग्णालयाची उभारणी केली. रायगड जिल्ह्यातील प्रथम आणि मोठे HIV PPP (सरकारी-खाजगी) तत्वावर चालणारे सेंटर या रुग्णालयात कार्यरत आहे. सुरवातीचा काही काळ वगळता एकूणच रुग्णालयाकडे दुर्लक्ष झालेले आढळून येते. आज या रुग्णालयाची झालेली दयनीय अवस्था आणि परिसरातील रुग्णांची झालेली गैरसोय बाबतीत Whistleblower डॉ संजय कुमार ठाकूर यांनी लक्ष वेधले.

माहिती अधिकार कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी या हॉस्पिटलमध्ये मुकेश अंबानी सीएसआर निधी कशा वापरु शकतात यावर आश्चर्य व्यक्त करत प्रतिपादन केले की धीरुभाई यांनी एका उदात्त हेतूने सुरु केलेले कार्य अंबानी कुटूंबियांनी पुढे न्यावे. 2017 मध्ये उप संचालक, आरोग्य विभाग, मुंबई मंडळाने केलेल्या चौकशीचा अहवाल सार्वजनिक करण्याची मागणी गलगली यांनी केले. डॉ. एच एस बावसकर यांनी चांगले आणि सुव्यवस्थित धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल बंद करण्याचा सुरु असलेल्या प्रयत्न बाबत चिंता व्यक्त केली. डॉ. एम मिरजकर यांनी धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल पूर्ववत सुरु करण्याचे आवाहन शासनास केले. डॉ. अभिजीत मोरे यांनी स्थानिकांना आधार देण्यासाठी हे धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल कार्यरत ठेवणे काळाची गरज आहे. ऍड. जयंत एम चितळे यांनी सांगितले की सामाजिक उत्तरदायित्वची भूमिका बघता ही निव्वळ फसवणूक आहे आणि पोलखोल करू. यावेळी एसएम ठाकूर, एकनाथ सांगळे, स्वाती पाटील, जितेंद्र तांडेल, सीएम कुळकर्णी, एड विल्सन गायकवाड, विनोद साडविलकर आणि राजेंद्र ढगे उपस्थित होते.

लोधीवली, चौक, मोहापाडा, तुपगांव, टेंभरी, चांभार्ली, वडगांव, कर्जत, नेरळ, माथेरान येथील रहिवाशी, रायगड जिल्हा व्यापारी असोसिएशन आणि रायगड मधील HIV बाधित रुग्ण, जुना मुंबई-पुणे महामार्गाचे प्रवासी, तसेच पाताळगंगा, रसायनी, खालापुर औद्योगिक क्षेत्रातील कामगार यांची मागणी आहे.

Maha Govt supresh Inquiry report of Dhirubhai Ambani Hospital (Lodhivali) 

Dhirubhai Ambani Hospital, Lodhivali a 82 beded hospital of Reliance Industries Limited that was a dream come true for it's founder chairman Late Shri Dhirubhai Ambani to serve the community in hours of need. Efforts to get the above redressed have met with resistance at various level however, the relentless battle to save the hospital continues. Government of Maharashtra conduct a inquiry against this hospital but no action taken. In a press conference held at Mumbai Marathi Patrakar Sangh, dignitaries demand to Save Dhirubhai Ambani Hospital and publish the inquiry report which was supresh by Maha Govt. 

It's now in a state of despair after reported irregularities, neglect and  CSR funds misuse by its former whistleblower Medical Director Dr. Sanjay Thakur surfaced. At stake is also Raigad district's first and largest PPP centre for People Living with HIV AIDS (PLHA) due to management brazenness.

Anil Galgali, RTI Activist expressed concern on the CSR expense modus operandi that certainly raises more question than what meets the eye in form of purported expenses on CSR activity as claimed by the corporate vis-a-vis the state of affairs at Dhirubhai Ambani Hospital as it is evident today. This is certainly inconsistent with the noble vision of the founder chairman of RIL. He expressed hope that the current generation of leaders take note and set right the state of affairs that Dr.Thakur has unravelled.

Dr. H S Bawaskar from Mahad expressed his views about how happy he was to visit the hospital few years back and how impressed he was with the infrastructure ib Raigad district. He recalled a number of instances where he rendered telephonic advise to the doctors there to treat ans save farmers and tribals from scorpion sting and snake bite. The recent tragic incident of food poisoned deaths at Mahad nearby according to him may have been averted if timely diagnosis and treatment at this facility been rendered rather than the patienrs having to be transferred to far of places. He stressed the need of golden hour while lamenting on the current neglect even of PLHA from Raigad District. Dr. Abhijit More from Jan Aarogya Abhiyan gave statistical information on the trauma victims and urged the government to intervene. He had earlier lodged an online petition to the Hon'ble Chief Minister of Government of Maharashtra Shri Devendra Fadanvis.

Dr. M. Mirajkar of Citizen Doctor Forum Mumbai expressed concerned on the recent spate of hospital closures and management neglect.In this press conference Adv. Jayant M Chitale, Adv Wilson Gaikwad, Mr. Jitendra Tandel, Mr. Vinod Sadvilkar, Mrs. Swati Patil, Mr. Eknath Sangle Mr. C M Kulkarni, Mr. Rajendra Dhage and Mr. S N Thakur are present. The Press Conference was organized by Rugna Kalyan Samajik Sanstha and Citizen Doctor Forum Mumbai.

Monday 2 July 2018

बेघरों को अनिल गलगली ने सिखाया 'सूचना का अधिकार'

'सूचना का अधिकार' यानी आरटीआई को जन जन तक लेकर जाने की पहल के तहत ताडदेव स्थित रुसी मेहता हॉल में 40 बेघर नागरिको को 'सूचना का अधिकार 2005' का प्रशिक्षण दिया गया। जाने माने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने करीब 1 घंटे के प्रशिक्षण कार्यक्रम में बेघरों को उनके अधिकार प्राप्ती में कैसे आरटीआई सहायक साबित होगी, इसकी टिप्स दी। 

'पहचान' संस्था के अध्यक्ष ब्रिजेश आर्य की पहल पर 40 बेघर नागरिकों का समूह ताडदेव के रुसी मेहता हॉल में इकठ्ठा हुआ था। अनिल गलगली ने बताया कि 'सूचना का अधिकार' कानून 2005 में पुरे देश में लागू हुआ। इस कानून के माध्यम से कोई भी भारतीय नागरिक किसी भी सरकारी अधिकारी,सरकारी विभाग और सरकार के सवाल पूछ सकते है जिसका उनको जबाब देना होगा अगर जबाब नहीं मिलता है हम अपील कर सकते है। इसके श्री गलगली ने सूचना का अधिकार 2005 कैसे अर्जी करना है उसके बारे में बतया कैसे सूचना का अधिकार के माध्यम से अलग अलग विषयों पर जानकारी ले सकते है । अपने हक़ और अधिकारों ले सकते है । पहचान संस्था के अध्यक्ष ब्रिजेश आर्य ने बताया कि 5 मई 2010 को सुप्रीम कोर्ट ने सभी सरकारों को निर्देश दिया था की हर 5 लाख और उससे अधिक आबादी शहर में हर एक लाख जनसंख्या पर एक शेल्टर होम होना चाहिए पर मुंबई में अभी एक भी शेल्टर होम नहीं है जबकि मुंबई महानगरपालिका 9 शेल्टरहोम होने का दावा कर रही है । लाखों का फंड कागज पर ही खर्च किया जा रहा हैं। 

बेघरांना अनिल गलगली यांनी शिकविले माहितीचा अधिकार

माहितीचा अधिकार ' म्हणजे आरटीआय कायदास तळागाळातील लोकांपर्यंत घेऊन जाण्याच्या उद्देश्याने ताडदेव येथील रुसी मेहता हॉल मध्ये 40 बेघर नागरिकांना ' माहितीचा अधिकार कायदा 2005' चे प्रशिक्षण दिले गेले. प्रख्यात आरटीआय कार्यकर्ता अनिल गलगली यांनी 1 तासाच्या प्रशिक्षण कार्यक्रमात बेघर नागरिकांना त्यांस असलेल्या अधिकार प्राप्त करण्यासाठी कश्याप्रकारे आरटीआय सहायक सिद्ध होईल त्याबाबतीत मार्गदर्शन केले. 

'पहचान' संस्थेचे अध्यक्ष ब्रिजेश आर्य यांच्यास पुढाकाराने आयोजित 40 बेघर नागरिकांच्या समूहास ताडदेव येथील रुसी मेहता हॉल परिसरात आमंत्रित केले गेले होते. अनिल गलगली यांनी यावेळी सांगितले की 'माहितीचा अधिकार कायदा 2005' संपूर्ण देशात लागू झाला आहे. या कायदाच्या माध्यमातून कोण्याही भारतीय नागरिकास कोणत्या सरकारी अधिकारी, सरकारी विभाग आणि सरकारला सुद्धा प्रश्न आणि माहिती विचारण्याची मुभा आहे. ज्यास उत्तर दयावे लागते आणि उत्तर मिळाले नाही तर अपील करण्याची सोय आहे. गलगली यांनी 'माहितीचा अधिकार 2005' अंतर्गत अर्ज कसा करावा आणि माहितीचा अधिकाराच्या माध्यमातून विविध विषयांवर माहिती मिळवित आपल्या हक्क आणि अधिकार प्राप्त करु शकता. पहचान संस्थेचे अध्यक्ष ब्रिजेश आर्य यांनी सांगितले की 5 मे 2010 रोजी सुप्रीम कोर्टाने सर्वच राज्य सरकारला आदेश दिले होते की प्रत्येक 5 लाख आणि त्यापेक्षा जास्त लोकसंख्या असलेल्या शहरात एका लाखाच्या लोकसंख्येवर एक शेल्टर होम असले पाहिजे. मुंबईत एक सुद्धा शेल्टर होम नसून मुंबई मनपा 9 शेल्टरहोम मुलांसाठी असल्याचा दावा करत आहे. लाखों रुपयांचा निधी कागदावर खर्च होत आहे.

Training for Mumbai's 40 homeless citizens on Right to Information Act

A special initiative taken by the NGO "Pechchaan" brought 40 homeless Mumbaikars and imparted them training on the important issue and usage of Right to Information Act ie RTI. Noted Right to Information activist Anil Galgali delivered a speech for an hour to these 40 homeless Mumbaikars on what are their rights and how to demand for those.

This initiative was held at the Rusi Mehta Hall located near Mumbai Central . NGO "Pehchaan's" head Brijesh Arya gathered these 40 homeless people and arrnaged for the lecture at the college. Anil Galgali imparted many facts in regard to the act since its inception in the country since 2005. He strained on the fact that through RTI which is a boon to our country, any government person, government department has become answerable to the citizens of the country and if the queries are not answered, appealing on the same will definitely give results and desired answers, explained Galgali. Galgali also explained them the procedure as to how an RTI is made and how information can be sought in various subjects. Pehchaan's Brijesh Arya in his speech said that as per notification of the Supreme Court on the 5th May 2010, it is mandatory for every city which has a population of 5 lakhs to build ONE shelter home on per lakh citizens. But this dosent happen so. He said Mumbai's BMC claims to have build 9 shelter homes which remains far from reality. Many funds allocated for shelter homes are spent only on papers.