Sunday 30 July 2017

पांडुरंग फुंडकर नंबर वन दांडीबहाद्दुर

महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को छोड़ा जाए तो सभी मंत्रियों ने मंत्रिमंडल की बैठक में शतप्रतिशत उपस्थिती दर्ज नही की है। कृषिमंत्री पांडुरंग फुंडकर तो दांडी मारने में नंबर वन होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुख्य सचिव कार्यालय ने दी हैं। 5 टॉप दांडी बहाद्दुर मंत्रियों में पांडुरंग फुंडकर,सुधीर मुनगंटीवार, चंद्रशेखर बावनकुळे, पंकजा मुंडे, संभाजी निलंगेकर-पाटील, राजकुमार बडोले का नंबर लगता हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्य सचिव कार्यालय से मंत्रिमंडल की बैठक और मंत्रियों की उपस्थिती की जानकारी मांगी थी। मुख्य सचिव कार्यालय के अवर सचिव और जन सूचना अधिकारी विवेक पाटील ने अनिल गलगली को बताया कि दिनांक 17 जुलाई 2016 से 22 मई  2017 इस दरम्यान कुल 35 मंत्रिमंडल की बैठक हुई। सिर्फ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का अपवाद छोड़ा जाए तो 22 के 22 मंत्रियों ने दांडी मारने के मौके से नही चूके । इन दांडी बहादुर मंत्रियों में विवादित कृषिमंत्री पांडुरंग फुंडकर ने नंबर वन हासिल कर 35 में से 11 बार अनुपस्थित रहे है।  उसके बाद वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे इन दोनों ने 9 बार दांडी मारते हुए दूसरा नंबर हासिल किया। इसके बाद ग्रामीण और महिला बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे, सामाजिक न्याय मंत्री राजकुमार बडोले और कामगार मंत्री संभाजी निलंगेकर-पाटील यह तीनों 8 बार गैरहाजिर रही। अन्न, नागरी आपूर्ति और उपभोक्ता सरंक्षण मंत्री गिरीश बापट और गृहनिर्माण मंत्री प्रकाश महेता यह दोनों  7 बार गैरहाजिर थे। जलसंधारण व राजशिष्टाचार मंत्री प्रा राम शिंदे और पर्यावरण मंत्री रामदास कदम यह 6 बार गैरहाजिर थे। सहकार मंत्री सुभाष देशमुख, सार्वजनिक निर्माण मंत्री एकनाथ शिंदे और जलापूर्ति व स्वच्छता मंत्री बबन लोणीकर यह तीनों 5 बार गैरहाजिर थे। राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील, उद्योग मंत्री सुभाष देसाई, सार्वजनिक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री डॉ दीपक सावंत यह 4 बार वहीं पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल 3 बार और वैद्यकीय शिक्षा,जलसंपदा व लाभक्षेत्र विकास मंत्री गिरीष महाजन 2 बार गैरहाजिर थे। 35 में से सिर्फ एक बार गैरहाजिर रहनेवाले मंत्रियों में स्कूली शिक्षा मंत्री विनोद तावडे, परिवहन मंत्री दिवाकर रावते, आदिवासी मंत्री विष्णू सावरा और पशुसंवर्धन, दुग्धविकास व मत्स्यविकास मंत्री महादेव जानकर के नामों का शुमार हैं।

मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के विकास और पॉलिसी पर महत्वपूर्ण चर्चा होने से इन बैठक में शेष काम छोड़कर उपस्थित रहने की अपेक्षा मंत्रियों से अनिल गलगली ने जताई है।

Saturday 29 July 2017

पांडुरंग फुंडकर दांडी मारण्यात अव्वल

महाराष्ट्रातील नवीन सरकारातील मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांचा अपवाद सोडता सर्वच मंत्र्यानी  मंत्रिमंडळाच्या बैठकीस शतप्रतिशत उपस्थिती राहिले नसून कृषिमंत्रीे पांडुरंग फुंडकर दांडी मारण्यात अव्वल असल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस मुख्य सचिव कार्यालयाने दिली आहे. 5 टॉप दांडी बहादुर मंत्र्यामध्ये पांडुरंग फुंडकर, सुधीर मुनगंटीवार, चंद्रशेखर बावनकुळे, पंकजा मुंडे, संभाजी निलंगेकर-पाटील, राजकुमार बडोले यांचा क्रमांक लागतो.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मुख्य सचिव कार्यालयाकडे मंत्रिमंडळाच्या बैठकी आणि मंत्र्याची उपस्थितीची माहिती मागितली होती. मुख्य सचिव कार्यालयाचे अवर सचिव आणि जन माहिती अधिकारी  केळकर यांनी अनिल गलगली यांस कळविले की दिनांक 17 जुलै 2016 पासून 22 मे 2017 या कालावधीत एकूण 35 मंत्रिमंडळाच्या बैठकी झाल्या आहेत. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांचा अपवाद वगळता 22 च्या 22 मंत्र्यानी दांडी मारली. या दांडी बहादुरीत कृषिमंत्री पांडुरंग फुंडकर यांनी अव्वल क्रमांक पटवित 35 पैकी 11 वेळा अनुपस्थित होते. त्यानंतर वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार आणि ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे या दोघांनीही 9 वेळा अनुपस्थित राहत दुसरा क्रमांक पटकविला. यानंतर ग्रामीण आणि महिला बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे, सामाजिक न्याय मंत्री राजकुमार बडोले आणि कामगार मंत्री संभाजी निलंगेकर-पाटील हे तिघे प्रत्येकी 8 वेळा अनुपस्थित होते. अन्न, नागरी पुरवठा आणि ग्राहक सरंक्षण मंत्री गिरीष बापट आणि गृहनिर्माण मंत्री प्रकाश महेता हे दोघे 7 वेळा अनुपस्थित होते. जलसंधारण व राजशिष्टाचार मंत्री प्रा राम शिंदे आणि पर्यावरण मंत्री रामदास कदम हे 6 वेळा अनुपस्थित होते. सहकार मंत्री सुभाष देशमुख, सार्वजनिक बांधकाम मंत्री एकनाथ शिंदे आणि पाणीपुरवठा व स्वच्छता मंत्री बबन लोणीकर हे तिघे 5 वेळा अनुपस्थित होते. महसूल मंत्री चंद्रकांत पाटील, उद्योग मंत्री सुभाष देसाई, सार्वजनिक आरोग्य व कुटुंब कल्याण मंत्री डॉ दीपक सावंत हे प्रत्येकी 4 वेळा तर पर्यटन मंत्री जयकुमार रावळ 3 वेळा आणि वैद्यकीय शिक्षण, जलसंपदा व लाभक्षेत्र विकास मंत्री गिरीष महाजन 2 वेळा अनुपस्थित होते.  प्रत्येकी 1-1 वेळा शालेय शिक्षण मंत्री विनोद तावडे, परिवहन मंत्री दिवाकर रावते, आदिवासी मंत्री विष्णू सावरा आणि पशुसंवर्धन, दुग्धविकास व मत्स्यविकास मंत्री महादेव जानकर अनुपस्थित होते.

मंत्रिमंडळाच्या बैठकीत राज्याचा विकास आणि धोरणाबाबत महत्वाची चर्चा होत असून अश्या बैठकीत मंत्र्यानी सर्व कामे सोडून उपस्थित राहण्याची अपेक्षा अनिल गलगली यांनी व्यक्त केली.

Pandurang Fundkar tops in absenteeism at Maharashtra cabinet meets

The government headed by Devendra Fadnavis also faces absenteeism of its ministers from the important cabinet meetings. Barring CM Devendra Fadnavis who have attended all cabinet meetings rest all do not have a 100% track record. Leading the list of Minister's in remaining absent from meetings is the Agriculture and Horticulture Minister Pandurang Fundkar followed by Sudhir Mungantiwar, Chandrashekhar Bawankule, Pankaja Munde, Sambhaji Nilengenkar- Patil and Rajkumar Badole constituting the top 5. This information was provided to RTI activist Anil Galgali by chief Secretary office. 

RTI activist Anil Galgali had filed a RTI query with the chief Secretary office seeking details of the total number of cabinet meetings held by the state government and the attendance of ministers. The Under Secretary and the public information officer Vivek Patil   informed Galgali that, since 07 July 2016 to May 2017 a total of 35 cabinet meetings were held. Out of the 23 ministers Barring CM Fadnavis 22 ministers have been absent in some or other cabinet meetings.Agriculture and Horticulture Minister Pandurang Fundkar  remained absent in 11 out of the 35 cabinet meetings , Finance minister Sudhir Mungantiwar was absent in 9 , Energy Minister Chandrashekhar Bawankule was absent in 9,  Social Justice Minister Rajkumar Badole in 8, Women's and Child Welfare Minister Pankaja Munde in 8, labour Minister Sambhaji Nilengenkar- Patil in 8, Food and Civil Supply Minister Girish Bapat in 7, Housing minister Prakash Mehta in 7, Water Reservation and Protocol Minister Ram Shinde in 6, Environment minister Ramdas Kadam in 6, Pwd Minister Eknath Shinde in 5, Water Supply and Sanitation Minister Baban Lonikar in 5 , Cooperation, Marketing and Textiles Minister Subhash Deshmukh in 5, Revenue Minister Chandrakant Patil in 4, Industry Minister Subhash desai in 4, Public Health Minister Dr Deepak Sawant in 4, Tourism Minister Jay kumar Rawal in 3 &  Medical Education Girish Mahajan in 2 meeting absent. School Education Minister Vinod Tawade, Transport Minister Divakar Ravate, Tribual Minister Vishnu Savara and Dairy Development Minister Mahadev Jankar absent in only 1 cabinet meeting 0ut of 35.

The cabinet meetings are held for important issues to properly govern the state and hence it is important that the Minister's attend all the meetings expressed Anil Galgali.

Saturday 22 July 2017

नारियल बटन की लाईट के बजाय कमल बटन की एलईडी लाईट जली

पूरे देश में ईवीएम मशीन की धांधली की चर्चा के दौरान ईवीएम मशीन में धांधली न होने का दावा चुनाव आयोग द्वारा कर राजनीतिक दलों को ईवीएम मशीन में की धांधली साबित करने की अपील की गई थी। लेकिन बुलढाणा जिला परिषद सार्वत्रिक चुनाव 2017 के लिए सुलतानपूर स्थित मतदान केंद्र में नारियल बटन के आगे की लाईट जलने के बजाय नारियल बटन के सामनेवाली एलईडी लाईट जलने की जांच रिपोर्ट चुनाव निर्णय अधिकारी ने देने की जानकारी आरटीआई बुलढाणा जिलाधिकारी कार्यालयाने दी हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने बुलढाणा जिलाधिकारी कार्यालय से दिनांक 20 जून 2017 को निर्दलीय उम्मीदवार आशाताई अरुण झोरे ने की हुई शिकायत और उसपर चुनाव निर्णय अधिकारी ने पेश की हुई रिपोर्ट की जानकारी मांगी थी। बुलढाणा जिलाधिकारी कार्यालय के निर्वाचन विभाग ने अनिल गलगली को उपलब्ध कराई हुई जानकारी के अनुसार दिनांक 16 फरवरी 2017 को बुलढाणा जिला परिषद सार्वत्रिक चुनाव 2017 के लिए सुलतानपूर 57/6  इस मतदान केंद्र में उम्मीदवार क्रमांक 1 के नारियल  बटन के सामने लाईट जलने के बजाय उम्मीदवार  क्रमांक 4 के कमल बटन के सामनेवाली  एलईडी लाईट जलने की शिकायत सुबह 10 बजे की गई।  प्रथम शिकायत को निरर्थक मानकर चुनाव अधिकारी ने उस शिकायत को नजरअंदाज किया लेकिन उसके बाद फिर ड़ेढ बजे अन्य मतदाता ने शिकायत करते ही केंद्राध्यक्ष और चुनाव अधिकारी ने उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों की संमती से जायजा लेने पर चुनाव अधिकारी माणिकराव बाजड को शिकायत सच होने का प्रमाण मिला। उसके बाद केंद्राध्यक्ष रामनारायण सावंत ने निरीक्षण करने के बाद इसकी जानकारी चुनाव निर्णय अधिकारी, लोणार के ध्यानार्थ में लाई। 

बार बार की शिकायत के बाद सहायक चुनाव निर्णय अधिकारी, लोणार ने वोटिंग केंद्र का सीधा दौरा किया।  मतदाता रजिस्ट्रेशन बुक में अनुक्रमांक 333 इस मतदाता को दोनों चुनाव के बैलेट देने पर जिला परिषद के लिए बैलेट पर जिस उम्मीदवार को मतदान करना था उसकी निशानी की सामनेवाला बटन दबाने पर वांछित उम्मीदवार की निशानी के सामने एलईडी लाईट जलने के बजाय अन्य उम्म्मीदवार अनुक्रमांक 4 के उम्मीदवार के नाम के सामने वाले कमल की निशानी के सामने की एलईडी लाईट जली और गलत उम्मीदवार को मतदान होने की धांधली मतदाता ने ध्यानार्थ में लाई। जिसकी पृष्टि मतदान केंद्राध्यक्ष और सहायक चुनाव निर्णय अधिकारी ने की। 

ईवीएम मशीन में की धांधली को ध्यान में रखकर 57/6 सुलतानपुर गट के कंट्रोल युनिट पर होनेवाला मतदान बंद कर उसे सीलबंद किया गया और आरक्षित रखे नए ईवीएम मशीन ने मतदान पंजीकृत करनेवाले मतदाताओं से मतदान ठीक ढंग से होने की पृष्टि की गई। चुनाव निर्णय अधिकारी, लोणार ने इस रिपोर्ट को जिलाधिकारी तथा जिला चुनाव अधिकारी, बुलढाणा को भेजा। इसके अलावा मतदान केंद्र क्रमांक 57/6 में पुनः चुनाव कराने की मांग की और 21 फरवरी 2017 को पुनः मतदान लिया गया।  अनिल गलगली के अनुसार इस धांधली की जानकारी उम्मीदवार और मतदाता की शिकायत के बाद ही पता चली और शिकायत में सच साबित हुई।। ईवीएम मशीन की यह धांधली चुनाव अधिकारी ने पेश की हुई रिपोर्ट से साबित होने से भविष्य में इसतरह की धांधली पर रोक लगाने के लिए चुनाव आयोग कदम उठाएं और ईवीएम मशीन का नया विकल्प ढूंढे।  

नारळ बटनासमोरील लाईट न लागता कमळ बटनसमोर एलईडी लाईट लागली

संपूर्ण देशात ईव्हीएम मशीनमधील घोळाची चर्चा असून ईव्हीएम मशीनमधील घोळ होत नसल्याचा दावा निवडणूक आयोगाने करत राजकीय पक्षांना ईव्हीएम मशीन घोळ सिद्ध करण्याचे आवाहन केले होते पण बुलढाणा जिल्हा परिषद सार्वत्रिक निवडणूक 2017 करीता सुलतानपूर येथील मतदान केंद्रात नारळ बटनासमोरील लाईट न लागता कमळ बटनसमोर एलईडी लाईट लागत असल्याचा चौकशी अहवाल निवडणूक निर्णय अधिका-यांनी दिला असल्याची धक्कादायक माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस बुलढाणा जिल्हाधिकारी कार्यालयाने दिली आहे. 

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी बुलढाणा जिल्हाधिकारी कार्यालयाकडे दिनांक 20 जून 2017 रोजी अपक्ष उमेदवार आशाताई अरुण झोरे यांनी केलेली तक्रार आणि त्याबाबत निवडणूक निर्णय अधिकारी सादर केलेल्या अहवालाची माहिती मागितली होती. बुलढाणा जिल्हाधिकारी कार्यालयातील निर्वाचन विभागाने अनिल गलगली यांस दिलेल्या माहितीनुसार दिनांक 16 फेब्रुवारी 2017 रोजी बुलढाणा जिल्हा परिषद सार्वत्रिक निवडणूक 2017 करीता सुलतानपूर 57/6  या मतदान केंद्रात उमेदवार क्रमांक 1 च्या नारळ बटनासमोरील लाईट न लागता उमेदवार क्रमांक 4 यांच्या कमळ बटनसमोर एलईडी लाईट लागत असल्याची तक्रार सकाळी 10 वाजता केली. प्रथम तक्रार निरर्थक समजून मतदान अधिकारी यांनी दुर्लक्ष केले त्यानंतर दीडच्या दरम्यान परत अन्य मतदाराने तक्रार करताच केंद्राध्यक्ष आणि मतदान अधिकारी यांनी उमेदवार प्रतिनिधींच्या संमतीने खात्री केली असता मतदान अधिकारी माणिकराव बाजड यांस तक्रारीत तथ्य आढळून आले. त्यानंतर केंद्राध्यक्ष रामनारायण सावंत यांनी निरीक्षण केल्यानंतर सदर बाब निवडणूक निर्णय अधिकारी, लोणार यांच्या निदर्शनास आणली. 

वारंवार होणा-या तक्रारीनंतर सहायक निवडणूक निर्णय अधिकारी, लोणार यांनी मतदान केंद्रावर प्रत्यक्ष भेट दिली. मतदार नोंदवहीतील अनुक्रमांक 333 या मतदारास दोन्ही निवडणूकीचे बैलेट दिल्यानंतर जिल्हा परिषदेकरिता बैलेट वरील ज्या उमेदवारास मतदान करावयाचे होते त्याचे संबंधित निशाणी समोरील बटन दाबल्यनंतर अचुक उमेदवाराच्या निशाणीसमोरील एलईडी लाईट न लागता अन्य उमेदवार अनुक्रमांक 4 वरील उमेदवार यांचे नावासमोरील कमळ निशाणीचे एलईडी लाईट लागल्याची व चुकीचे उमेदवारास मतदान होत असल्याची बाब मतदाराने निदर्शनास आणून दिली आणि त्याबाबतची खात्री मतदान केंद्राध्यक्ष व सहायक निवडणूक निर्णय अधिकारी यांनी केली. 

ईव्हीएम मशीनमधील घोळ लक्षात घेत 57/6 सुलतानपुर गटाचे कंट्रोल युनिटवरील मतदान बंद करत ते सीलबंद केले तदनंतर राखीव असलेल्या नवीन ईव्हीएम मशीनमध्ये मतदान नोंदविलेल्या मतदारांना मतदान योग्य रीतीने होत असल्याबाबतची खात्री करुन घेतली.  निवडणूक निर्णय अधिकारी, लोणार यांनी हा अहवाल जिल्हाधिकारी तथा जिल्हा निवडणूक अधिकारी, बुलढाणा यांस पाठविला. तसेच मतदान केंद्र क्रमांक 57/6 मध्ये फेरनिवडणूक घेण्याची मागणी केली आणि 21 फेब्रुवारी 2017 राजी फेरमतदान सुद्धा घेण्यात आले. अनिल गलगली यांच्या मते सदर तक्रार उमेदवार आणि मतदार यांनी केल्यानंतर निदर्शनास आली आणि तक्रारीत तथ्य सुद्धा आढळले आहे. ईव्हीएम मशीनमधील घोळ हा निवडणूक अधिका-यांनी सादर केलेल्या अहवालावरुन सिद्ध झाले असल्याने भविष्यात अश्याप्रकारच्या घोळवर आळा घालण्यासाठी निवडणूक आयोगाने योग्य पाऊले उचलत दक्षता घ्यावी आणि ईव्हीएम मशीनचा नवीन पर्याय निवडावा.

On pressing button against Coconut,the LED lamp against Lotus gets lighted

When the whole country was discussing the 'Managed' EVM Machines in the recently concluded elections, the Election Commission kept denying any fraud and a went a step further by asking parties to prove the possibilities of EVM management by organising a demo for the parties to challenge and prove the EVM management fraud. At the same time in the recently concluded elections for Buldhana Zilla Parishad in 2017, an incident came to light at the Sultanpur located polling station, where in the voter who pressed the button for the symbol of Coconut, the LED lamp of the symbol Lotus used to flash. This has been reported to the Collector by the Returning Officer in his enquiry report. This shocking information was provided to RTI Activist Anil Galgali by the Buldhana Collector's Office.

RTI Activist Anil Galgali had filed a query before the Buldhana Collector's Office seeking information about the complaint of Independent candidate Smt Ashatai Arun Zore dt 20th June 2017 and also seeking details of the enquiry report filed by the Election Returning Officer. As per the information provided by the Buldhana Collector's Office's Elections department to Anil Galgali, on 16th February 2017 on the day the Election for Buldhana Zilla Parishad was underway, in a polling station 57/6 coming under Sultanpur, the candidate no 1, who was allotted the symbol of Coconut, on pressing the button before the said name and symbol of candidate no 1, the LED lamp which signifies the vote being cast for the candidate, against Candidate no 4, with symbol of Lotus used to glow. The first complaint of this malfunction was made at 10 am, which was not paid cognizance of the Election Officer on duty. Further at around 1.30 pm again a few complaints poured in, on which the polling booth incharge and the Election Officer checked on the matter after obtaining consent of the polling agents belonging to all parties in the polling station. On checking into the complaint, the Election Officer Manikrao Baazad found substance on the complaints, this was further cross-checked by the booth incharge Ramnarayan Sawant who after inspection brought this to the notice of the Election Returning Officer, Lonar.

On receiving repeated complaints the Assistant Returning Officer Lonar, himself visited the polling station. The voter serial no 333 on the voting register on voting for both the ballots and on casting the vote for Zilla Parishad Election on casting the vote for a candidate , instead of the lamp against the candidate lighting up, the lamp against Candidate no 4 was glowing up, which was confirmed by the polling station Officers and the Asst Election Returning Officer.

Looking at the malfunction of the EVM Machine at the polling booth no 57/6, the polling was closed at the Sultanpur block control unit and the machine was sealed and the reserved standby unit was put in use after due verification. The report of the same was sent to the Buldhana Collector and the Dist Election Officer by the Election Returning Officer. Simultaneously a repoll in the booth was demanded and the repoll was conducted on 21st February 2017. Anil Galgali in a statement has said that the said fault was brought to notice by a voter and the it was also found to be true. The EVM Fraud is also highlighted in the report of the Election Returning Officer and proved. To avoid such repitition in future the Election Commission should think of other alternatives and a new system to cast votes be devised instead of the EVM.

Thursday 20 July 2017

15.84 करोड़ का चेक बाउंस होते ही एचडीआईएल कंपनी को काम बंद करने की एसआरए की नोटीस

मुंबई की बिल्डर लॉबी की आर्थिक स्थिती कमजोर होने से एक समय पर मुंबई को ख़रीदने का सपना देखनेवाले राजनेता और अधिकारियों के सहयोग से विख्यात बने राकेश दिवाण की एचडीआईएल कंपनी दिवालिया होने के कगार पर हैं।  हाल ही में 15.84 करोड़ का 4 चेक बाउंस होते ही एचडीआईएल कंपनी को एसआरए ने नोटीस जारी करत बिक्री वालक विकास निर्माण काम रोकने का आदेश देने की सनसनीखेज जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एसआरए ने दी हैं।  बिक्री के लिए बनी बिल्डिंग बिना अनुमति बनाने पर विवादित विश्वास पाटील ने एचडीआईएल कंपनी पर फ़िदा होते हुए उसे अधिकृत कर डेफरमेंट मंजूर किया था। 

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली यांनी एसआरए से कुर्ला पश्चिम स्थित एचडीआईएल कंपनी ने बनाई बिल्डिंग को लेकर जानकारी मांगी थी। अनिल गलगली को म्हाडा ने उपलब्ध कराई जानकारी में बताया कि एचडीआईएल इस कंपनी को कुर्ला स्थित 'प्रीमियर प्रोजेक्ट' के लिए दिनांक 23 सितंबर 2016 को मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्वास पाटील की मान्यता से डेफरमेंट मंजूर किया गया। अधिकृतकरन के लिए जुर्माना इस शीर्षक के तहत 61 करोड़ 55 लाख 15 हजार 330 का डेफरमेंट मंजूर किया। इसमें से तीसरे हफ्ते की रकम का रु 15 करोड़ 84 लाख 95 हजार 201 की रकम का चार चेक बैंक में पेश करते ही चेक बाउंस हुआ। लेखा अधिकारी ने 22 जून 2017 को एचडीआईएल कंपनी को लिखित पत्र भेजकर बकाया रकम 18 प्रतिशत ब्याजसहित वसूल करने का निर्देश कार्यकारी अभियंता -2 को दिया था। कार्यकारी अभियंता -4 ने 10 जुलाई 2017 को एचडीआईएल कंपनी और आर्किटेक्ट इंद्रजीत एस देशमुख को लिखित पत्र भेजकर जबतक लेखा विभाग से एनओसी लाई नहीं जाती हैं तबतक बिक्री वाले हिस्से का विकास निर्माण काम बंद करने की नोटीस जारी की हैं।

अनिल गलगली ने  एचडीआईएल कंपनी के विकासक पर चेक बाऊन्स करने पर एफआईआर दर्ज करते हुए आर्किटेक्ट को ब्लैक लिस्ट करने की मांग मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखे हुए पत्र में की हैं।  अनुमति लिए बिना बनाई बिल्डिंग को अधिकृत करने के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्वास पाटील ने लिए हुए निर्णय की जांच करने की मांग की हैं।  

15.84 कोटींचे धनादेश बाउंस होताच एचडीआयएल कंपनीस काम बंद करण्याची एसआरएची नोटीस

मुंबईतील बिल्डर लॉबीची आर्थिक स्थिती खालावली असून एकेकाळी मुंबई विकत घेण्याचे स्वप्न उराशी बाळगत राजकारणी आणि अधिका-यांच्या सहकार्याने नामवंत बनलेले राकेश दिवाण यांची एचडीआयएल कंपनी डबघाईच्या दिशेने प्रशस्त होत आहे. नुकतेच 15.84 कोटींचे 4 धनादेश बाउंस होताच एचडीआयएल कंपनीस एसआरएने नोटीस जारी करत विक्रीसाठी होत असलेले विकास बांधकाम थांबविण्याचे आदेश दिले असल्याची धक्कादायक माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस एसआरएने दिली आहे. विक्रीसाठी बनविलेल्या इमारती परवानगी न घेता बांधल्यानंतरही विश्वास पाटलांनी एचडीआयएल कंपनीवर दिवाणा होत त्यांस नियमित करत डेफरमेंट मंजूर केले होते.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस एसआरएकडे कुर्ला पश्चिम येथील एचडीआयएल कंपनीने बांधलेल्या इमारतीबाबत माहिती विचारली होती. अनिल गलगली यांस म्हाडाने उपलब्ध करुन दिलेल्या माहितीत कळविले की एचडीआयएल या कंपनीस कुर्ला येथील 'प्रीमियर प्रोजेक्ट' करिता दिनांक 23 सप्टेंबर 2016 रोजी मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्वास पाटील यांच्या मान्यतेने डेफरमेंट मंजूर करण्यात आले होते. नियमितकरणासाठी दंड या शीर्षकाखाली 61 कोटी 55 लाख 15 हजार 330 साठी डेफरमेंट मंजूर केले. यापैकी तिसऱ्या हप्त्याची रक्कमेचे रु 15 कोटी 84 लाख 95 हजार 201 रक्कमेचे चार धनादेश बँकेत सादर केले असता न वटता परत आले आहेत. लेखा अधिकारी यांनी 22 जून 2017 रोजी एचडीआयएल कंपनीस लेखी पत्र पाठवून थकीत रक्कम 18 टक्के व्याजासह वसूल करण्याचे निर्देश कार्यकारी अभियंता -2 यांस दिले आहेत. कार्यकारी अभियंता -4 यांनी 10 जुलै 2017 रोजी एचडीआयएल कंपनी आणि वास्तुविशारद इंद्रजीत एस देशमुख यांस लेखी पत्र पाठवुन जोपर्यंत लेखा विभागाकडून ना हरकत प्रमाणपत्र सादर होत नाही तोपर्यंत विक्रीच्या भागातील विकास बांधकाम बंद करण्याची नोटीस जारी केली आहे.

अनिल गलगली यांनी एचडीआयएल कंपनीचे विकासकावर चेक बाऊन्स केल्याबद्दल गुन्हा दाखल करत वास्तुविशारद यांस काळया यादीत टाकण्याची मागणी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांना लिहिलेल्या पत्रात केली आहे. तसेच परवानगी न घेता बांधलेल्या इमारती नियमित करण्यासाठी मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्वास पाटील यांनी घेतलेल्या निर्णयाची चौकशी करण्याची मागणी केली आहे.

SRA issues stop work notice on HDIL after cheque amount Rs 15.84 crores bounces

The financial condition of the builders lobby in Mumbai has come in doldrums is now a known fact, but once one builder who, with support from the politicians and Officers had dreamt of purchasing the whole of Mumbai is facing acute financial crunch can be observed from the situation of the Rakesh Diwan owned HDIL company. 4 cheques totalling Rs 15.84 crores of part payment issued in favour of the SRA as payment of deferment penalities has bounced forcing the SRA to issue stop work notice on the sale component building has come to light due to the information provided by SRA to RTI Activist Anil Galgali. It has to be understood that the HDIL had started the Construction of its sale component building without obtaining the requisite permission from the SRA. The CEO of SRA, Mr Vishwas Patil in an act of benevolence had approved the deferment in a process to regularise the Construction.

RTI Activist Anil Galgali had sought information from the SRA about the HDIL project situated in Kurla West. The MHADA in the information provided to Anil Galgali mentioned that the SRA CEO Vishwas Patil had approved the deferment in the Premier project of the HDIL on 23rd September 2016. The regularisation of the project was sought to be done through levying a penalty in the name of deferment to a tune of Rs 61 crore 55 Lakhs 15 Thousand 330. The third installment of the payment was made vide 4 cheques totally amounting to Rs 15 crores 84 lakhs 95 thousand 201 which were returned by the bank. The Audit Officer, in a letter dt 22 June 2017 demanded the outstanding payment with 18% interest and directed the Executive Engineer -2 to recover the same. The Executive Engineer 4 in a letter addressed to HDIL and Architect Indrajeet S Deshmukh dt 10 July 2017 has directed them to stop the Construction activity of the sale component building till it obtains the NOC from the Audit department. 

In a letter addressed to Chief Minister Devendra Fadnavis, Anil Galgali has demanded that, a case for cheque bouncing should be registered against the HDIL and the Architect Indrajeet S Deshmukh should be black listed. Similarly an enquiry should be ordered against the Then CEO Vishwas Patil for taking decision of regularising a building which was being constructed without obtaining the necessary permissions.

Tuesday 18 July 2017

पश्चिम रेलवे ने आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा पर 1 वर्ष में खर्च किया 2.22 करोड़

मुंबई उपनगरी सेवा के तहत बारबार होनेवाली दुर्घटनाएं और गोल्डन घंटे में न मिलनेवाली स्वास्थ्य की सेवा से परेशान हुई पश्चिम रेलवे ने गत एक वर्ष में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा पर 2.22 करोड़ खर्च करने की जानकारी  आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को पश्चिम रेलवे ने दी हैं। जबकि मध्य रेलवे ने 1 रुपए क्लिनिक शुरु कर खर्च की बचत की हैं। 

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने पश्चिम रेलवे  प्रशासन से आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा कक्ष की विभिन्न जानकारी मांगी थी।  पश्चिम रेलवे के स्वाथ्य अधिकारी डॉ जी.के.सिंह ने अनिल गलगली को बताया कि फरवरी 2016 से जनवरी 2017 इस दौरान पश्चिम रेलवे ने  2 करोड़ 21 लाख 71 हजार 145 रुपए खर्च किए हैं और  ठेकेदार कंत्राटदार प्रिंसीपल सिक्युरिटीज अँड एलाईड सर्विसेस यह हैं।  2 वर्ष के ठेके के लिए लाएसेंस शुल्क शून्य हैं। पश्चिम रेलवे ने 4,60,140/- रुपए डिपॉज़िट के तौर पर लिए हैं और परफॉर्मेंस गारंटी के तौर पर  (बीपीजी) रुपए 30,08,358/- ठेकेदार से लिए हैं।  पश्चिम रेलवे के 10 स्टेशन पर फरवरी फेब्रुवारी 2016 से आपातकालीन स्वास्थ्य केंद्र शुरु हैं जिसमें  चर्चगेट, मुंबई सेंट्रल, बांद्रा, अंधेरी, गोरेगाव, कांदिवली, बोरिवली, वसई रोड, विरार और पालघर स्टेशन का शुमार हैं।

अनिल गलगली ने पश्चिम रेलवे की इस पहल का स्वागत करते हुए रेलवेे मंत्री सुरेश प्रभू, पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक को लिखे पत्र में लिखा हैं कि मध्य रेलवे के तर्ज पर पश्चिम रेलवे भी 1 रुपीज क्लिनिक शुरु करती हैं तो पश्चिम रेलवे की करोडों रुपए की बचत होगी।