Monday 30 January 2023

जीवन देवता की आराधना के साथ सम्पन्न हुआ विराट दीपमहायज्ञ

जीवन देवता की आराधना के साथ सम्पन्न हुआ विराट दीपमहायज्ञ

जनवरी 2024 में मुंबई होगा गायत्री अश्वमेध महायज्ञ

जीवन के नवीनीकरण करना अश्वमेध महायज्ञ का मुख्य उद्देश्य: डाॅ चिन्मय पण्ड्या


मुंबई के बोरीवली पश्चिम स्थित डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम मनोरंजन मैदान में गायत्री परिवार की ओर से विराट दीपमहायज्ञ का आयोजन हुआ। दीपमहायज्ञ में पहुंचे मुंबई के हजारों पीतवस्त्रधारी साधकों ने जीवन देवता की आराधना के साथ यज्ञ में अपनी आहुतियां दी। इस अवसर पर गायत्री परिवार के मुख्यालय शांतिकुंज हरिद्वार की टोली ने दीपमहायज्ञ को संगीतमय माहौल में कार्यक्रम संपन्न कराया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि देवसंस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के प्रतिकुलपति डाॅ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि मुंबई में गायत्री अश्वमेध महायज्ञ करने का मुख्य उद्देश्य लोगों के जीवन का नवीनीकरण करना है। जीवन का नवीनीकरण यानि उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव के साथ भारतीय संस्कृति का बीज बोना है। उन्होंने कहा कि इस धार्मिक अनुष्ठान के माध्यम से लोगों में वैचारिक शुद्धता आयेगी और इससे यहां से निकलने वाले प्रत्येक विचार भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत होगा जो युवापीढी को सकारात्मक दिशा के लिए प्रेरित कर सकेगा। अश्वमेध महायज्ञ के अनुयाज के क्रम में यह दीपमहायज्ञ लोगों में वैचारिक दृढ़ता को सुदृढ करने का अवसर लेकर आया है। उन्होंने कहा कि आज चहुं ओर मनुष्य में तनाव से भरा हुआ दिखता है, जबकि उसे तनाव से मुक्त रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म को पिता, संवेदना को पत्नी बना लो, फिर सारे रिश्ते नाते आपके साथ होंगे। तब आपका जीवन एक महामानव की तरह होगा, जिसकी छाया में अनंत लोग विचरण कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया अध्यात्मवाद भौतिकता के साथ बदलेगी। इस अवसर पर देवसंस्कृति विवि कुलपति शरद पारधी ने जनवरी 2024 में होने वाले गायत्री अश्वमेध महायज्ञ की रूपरेखा प्रस्तुत की, तो वहीं उन्होंने अश्वमेध महायज्ञ की तैयारी में अभी से जुट जाने का आवाहन किया। 


इस अवसर पर सांसद गोपाल शेटृटी, इंडिया होम लोन के सीएमडी महेश पूजारा, नाॅलेज मैनेजमेंट ग्रुप भाभा आटोमिक रिचर्स सेंटर के निदेशक डाॅ एपी तिवारी, राकेश गुप्ता, अखिल विश्व गायत्री परिवार के विश्व प्रकाश त्रिपाठी, गायत्री परिवार मुंबई प्रमुख मनुभाई पटेल, आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल गलगली आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।