Wednesday 31 January 2018

एमएमआरडीए का मराठी और अंग्रेजी कमजोर

एमएमआरडीए प्रशासन ने चिंचपोकली स्थित बिठाए बोर्ड में अंग्रेजी और मराठी की ऐसी-तैसी करते हुए अंग्रेजी में  Late Com. Gulabrao Ganacharya Chowk और मराठी में कै. कॉम्रेड गुलाबराव गणाचार्य ऐसा बोर्ड लगाना  जरुरी हैं।

इस मामले को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए के महानगर आयुक्त यूपीएस मदान को लिखित पत्र भेजकर मांग की हैं कि जिस ठेकेदार ने गलती की हैं उसपर जुर्माना लगाते हुए गलती को सुधारा जाए तथा एमएमआरडीए प्रशासन ने जहां जहां पर ऐसे बोर्ड लगाए हैं उसकी पुनश्च जांच कर सभी स्थानों पर हुई गलतियों को सुधारा जाए। 

एमएमआरडीएचे मराठी आणि इंग्रजी कच्चे 

एमएमआरडीए प्रशासनाने चिंचपोकळी येथे लावलेले नामफलकात इंग्रजी आणि मराठीची ऐसी-तैसी केली असून इंग्रजीत Late Com. Gulabrao Ganacharya Chowk आणि मराठीत कै. कॉम्रेड गुलाबराव गणाचार्य असे नामफलक असणे आवश्यक आहे. 

याबाबत आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी एमएमआरडीएचे महानगर आयुक्त यूपीएस मदान यांस लेखी पत्र पाठवून मागणी केली आहे की ज्या कंत्राटदारानी चूक केली आहे त्यावर दंड आकारत चूक सुधारावी आणि दुरुस्ती करावी. तसेच एमएमआरडीए प्रशासनाने जेथे जेथे अश्या प्रकाराचे नामफलक लावले आहे तेथे पुनश्च तपासणी करावी आणि चूक सुधारावी.

MMRDA is weak is spellings

MMRDA has made errors in the English and Marathi spellings of name boards seen at Chinchpokli, wherein the name should have been displayed as Late Com Gulabrao Ganacharya Chowk and in Marathi as.

RTI Activist Anil Galgali Inna letter addressed to MMRDA Commissioner UPS Madan has highlighted the errors committed by the contractor and has demanded the rectification of the errors. He also demanded that all the name boards fixed by them should be inspected and if mistakes are there should be rectified. Further the contractor awarded the job should be penalised for mistakes.

Tuesday 30 January 2018

एमएमआरडीए की वसूली नोटीस के खिलाफ में मुकेश अंबानी के रिलायंस कंपनी कोर्ट में

बलाढय और सबसे अधिक अमीर ऐसे जिनकी गिनती पूरे विश्व में हैं ऐसे मुकेश अंबानी की रिलायंस कंपनी ने कोर्ट में दस्तक देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षतावाली एमएमआरडीए प्रशासन को कोर्ट में गुनहगार के पिंजरे में खड़ा किया हैं। ऐसी जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एमएमआरडीए प्रशासन ने दी हुई जानकारी से सामने आ रही हैं। अतिरिक्त प्रीमियम अदा न करने से एमएमआरडीए प्रशासन ने मुकेश अंबानी की रिलायंस कंपनी समेत सभी बकायेदारों को अंतिम नोटीस जारी कर लीज को रद्द करने की चेतावनी दी थी। 

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने  विधीमंडल के अधिवेशन में मुकेश अंबानी समेत अन्य बकायेदारों के खिलाफ वसूली की कारवाई शुरु करने की जानकारी दी थी। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने जानकारी मांगने पर एमएमआरडीए प्रशासन ने  बताया कि बीकेसी स्थित सी-66  इस जमीन को लेकर रिलायंस कंपनी ने अंतिम नोटीस दी थी।  रिलायंस प्रा.लिमिटेड की ओर से मुंबई उच्च न्यायालय में दावा दायर किया हैं। मुकेश अंबानी की कंपनी ने एफएसआई इस्तेमाल के लिए प्रलंबित रकम रु 770.36/-  करोड़ में से 103 करोड़ अदा किया हैं जबकि वर्तमान में रु 692.95/- करोड़ देना शेष हैं वहीं इंडियन प्रेस पर रु 35.52/- करोड़ का बकाया हैं। 

4 वर्ष में निर्माण पूर्ण न होने पर अतिरिक्त प्रीमियम का रु 2047,60,06,832/- इतनी रकम जिन लोगों ने अदा नहीं किया हैं इनमें सबसे बड़ा बकायादार मुकेश अंबानी हैं, जिन्होंने   2 मामलो में  रु 1480,42,166,97/- और रु 425,01,35,526/- इतनी रकम एमएमआरडीए प्रशासन को अडा नहीं किया हैं। नमन हॉटेल रु 31,60,50,927/-, इंंडियन न्युजपेपर सोसायटी रु 54,44,80,293/-, मेसर्स जमुुनाबेन अंबानी फौंडेशन रु 23,49,27,646/-,  और तालीम रिसर्च फौंडेशन रु 32,61,95,743/- इतनी रकम अदा नहीं की हैं।

अनिल गलगली के अनुसार बकाया अदा नहीं करते हैं तबतक  रिलायंस प्रा.लिमिटेड कंपनी का काम ताबड़तोड़ बंद करने का अधिकार एमएमआरडीए प्रशासन को होते हुए कोई कारवाई नहीं की गई हैं। बकायेदारों का नाम और अन्य जानकारी एमएमआरडीए प्रशासन के वेबसाइट पर ऑनलाइन करने की जरुरत हैं। साथ ही में ऐसी कंपनियों को भविष्य में एमएमआरडीए और सरकारी योजना में सहभाग लेने से हमेशा के लिए रोक लगाने की मांग अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भेजे हुए पत्र में की हैं।  

एमएमआरडीएच्या वसूली नोटीस विरोधात मुकेश अंबानीच्या रिलायंस कंपनीने घेतली न्यायालयात धाव

बलाढय आणि सर्वाधिक श्रीमंत अशी ज्यांची गणना संपूर्ण जगात आहेत असे मुकेश अंबानी यांच्या रिलायंस कंपनीने न्यायालयात धाव घेत मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अध्यक्ष असलेल्या मएमआरडीए प्रशासनाला न्यायालयात आरोपीच्या पिंजऱ्यात उभे केले आहे. अशी माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस एमएमआरडीए प्रशासनाने दिलेल्या माहितीनुसार स्पष्ट होत आहे. अतिरिक्त प्रीमियम अदा न केल्यामुळे एमएमआरडीए प्रशासनाने मुकेश अंबानीच्या रिलायंस कंपनी सहित सर्व थकबाकीदारांस अंतिम नोटीस बजावित लीजच रद्द करण्याची गर्भगळीत धमकी दिली होती.

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी विधिमंडळाच्या अधिवेशनात मुकेश अंबानी सहित अन्य थकबाकीदारांकडून वसूलीची कार्यवाही सुरु केल्याची माहिती दिली होती. आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी याबाबत माहिती मागितली असता एमएमआरडीए प्रशासनाने कळविले की बीकेसी येथील सी-66  या जमिनीबाबत अंतिम नोटीस दिलेली आहे. रिलायंस प्रा.लिमिटेड यांच्या तर्फे मुंबई उच्च न्यायालयात दावा दाखल केला आहे. मुकेश अंबानीच्या कंपनीने एफएसआय वापरासाठी प्रलंबित रक्कम 770.36 कोटी पैकी 103 कोटी अदा केली असली तरी सद्या 692.95 कोटी देणे शेष आहे. तर इंडियन प्रेस यांसवर 35.52  कोटीची थकबाकी आहे.

4 वर्षात बांधकाम पूर्ण न केल्यामुळे अतिरिक्त प्रीमियम चे रु 2047,60,06,832/- इतकी रक्कम थकविली आहे यात सुद्धा सर्वात पुढे मुकेश अंबानी असून त्यांच्या 2 प्रकरणात रु 1480,42,166,97/-  आणि रु 425,01,35,526/- इतकी रक्कम एमएमआरडीए प्रशासनास येणे बाकी आहे. तर नमन हॉटेल रु 31,60,50,927/-, इंंडियन न्युजपेपर सोसायटी रु 54,44,80,293/-, मेसर्स जमुुनाबेन अंबानी फौंडेशन रु 23,49,27,646/-,  आणि तालीम रिसर्च फौंडेशन रु 32,61,95,743/- इतकी रक्कम येेणे बाकी आहे.

अनिल गलगली यांच्या मते थकबाकी अदा करत नाहीत तोपर्यंत रिलायंस प्रा.लिमिटेड कंपनीचे काम तत्काळ बंद करण्याचे अधिकार एमएमआरडीए प्रशासनास असूनही आजपावेतो याबाबतीत कोणतीही कार्यवाही केली गेली नाही. थकबाकीदारांची नावे थकबाकी रक्कम आणि अन्य माहितीसह एमएमआरडीए प्रशासनाच्या संकेतस्थळावर ऑनलाइन करणे आवश्यक आहे. तसेच यासारख्या कंपनीस भविष्यात एमएमआरडीए आणि शासकीय योजनेत सहभागी होण्यापासून कायमस्वरूपी बंदी घालण्याची मागणी अनिल गलगली यांनी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांस पाठविलेल्या पत्रात केली आहे.

Mukesh Ambani approaches court against MMRDA recovery notice

Mukesh Ambani who is one of the richest and most powerful person and owns Reliance group has taken MMRDA, headed by CM Devendra Fadnavis to court. This information has been revealed through a reply to a RTI query filed by RTI Activist Anil Galgali. Reliance group owes the MMRDA dues against premium for additional FSI used in its project at BKC & also Additional Surcharge for delay in Construction work. The MMRDA had issued a final notice to all its defaulters along with Reliance Industries Ltd calling for payment failing which the lease could be cancelled.   Chief Minister Devendra Fadnavis had assured the Legislature for initiating recovery proceedings against all the defaulters of MMRDA. RTI Activist Anil Galgali had sought information vide RTI on the issue. The MMRDA had on the query informed Galgali that, it has served final notice of recovery for the plot no C-66 at the BKC. Reliance Industries Ltd pursuant to the final notice has filed a case in the Mumbai High Court. Mukesh Ambani's company has consumed additional FSI on the plot and was supposed to pay Rs 770.36 crores for the FSI, out of which it paid only Rs 103 crores and RS 692.95 crores is still outstanding. The Indian Press owes another Rs 35.52 crores.   Simultaneously it was supposed to complete it's project within 4 years, which it has failed to complete, hence being liable to pay an additional surcharge which has still not been paid. The Ambani controlled Jamanuben Hirachand Ambani Foundation has not paid Rs 23,49,27,646 crores, Indian Newspaper Society was liable to pay Rs 54,44,80,293/- crores. M/s Naman Hotels outstanding is Rs 31,60,50,927/-  crores, Talim Research Foundation outstanding is Rs 32,61,95,743/- crores.   In a statement issued, Anil Galgali has claimed that, though the MMRDA Administration was empowered to stop work at the project for the purpose of recovery of its dues has failed to act on it. The MMRDA should provide all information about its defaulters along with the names and amount owed on its website. In a letter addressed to CM Devendra Fadnavis, Anil Galgali has demanded that such defaulting companies such be debarred from participating in Tenders and schemes of the State government and MMRDA permanently in future.  

Wednesday 24 January 2018

महाराष्ट्र में अब मुसलमान भी कर रहे हैं धर्म परिवर्तन

महाराष्ट्र में नाम और जन्मतिथि के साथ धर्म बदलने के मामलों में वृद्धि हुई हैं। अनिल गलगली की एक ताजा आरटीआई के आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में मुस्लिम धर्म को त्याग कर 87 प्रतिशत लोगों ने हिंदू धर्म का स्वीकार किया हैं। 69 प्रतिशत लोगों ने हिंदू धर्माचा त्याग करते हुए विभिन्न धर्मों का विकल्प का चयन किया हैं। जिसमें हिंदू से मुस्लिम बननेवालों का प्रतिशत 57 हैं। 

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने महाराष्ट्र सरकार की सरकारी प्रेस, लेखन साम्रगी और प्रकाशन निदेशालय से धर्म परिवर्तन की जानकारी मांगी थी। इस विभाग ने अनिल गलगली को 10 जून 2014 से 16 जनवरी 2018 इस दौरान जनता ने किए धर्म परिवर्तन की जानकारी दी हैं। कुल 1687 लोगों ने अपनी सहूलियत से धर्म परिवर्तन किया हैं। 

धर्म स्तर पर बात करते हैं तो कुल 1687 में से 1166 हिंदुओं ने अपना धर्म बदला हैं। सबसे अधिक 664 लोगों ने मुस्लिम धर्म का स्वीकार किया हैं।उसके बाद 258 लोग बुद्धिस्ट बने हैं। 138 ईसाई, 88 जैन, 11 शीख और 1 नव बुद्धिस्ट बना हैं। हिन्दू से मुस्लिम बनने का प्रतिशत 61 हैं। वहीं मुस्लिम से हिंदू बनने का प्रतिशत 87 हैं। कुल 263 में से 228 लोग हिंदू बन चुके हैं। वहीं 12 बुद्धिस्ट, 21 ईसाई और 2 जैन  बना हैं। 

अन्य धर्मों में भी परिवर्तन हुआ हैं। 165 इसाईओं ने धर्म बदला हैं। सबसे अधिक 100 लोग हिंदू बन गए हैं। 11 बुद्धिस्ट, 5 जैन, 47 मुस्लिम और 2 जैन बन गए हैं। 53 बुद्धिस्ट में से 17 हिंदू, 14 ईसाई,  1 जैन और  21 मुस्लिम बन चुके हैं। 16 शीख में से 2 ईसाई, 2 जैन और 14 मुस्लिम बन गए हैं। 9 जैन में से 2 हिंदू, 2 ईसाई, 4 मुस्लिम और 1 शीख बन गया हैं। वहीं 11 अन्य में से 6 हिंदू,  2 बुद्धिस्ट, 1 जैन, 1 मुस्लिम और 1 शीख बन चुके हैं। नव बुद्धिस्ट 4 थे जिन्होंने हिंदू धर्म को अपनाते हुए शत प्रतिशत धर्म बदला हैं।

अनिल गलगली के अनुसार महाराष्ट्र में ये आंकड़े अधिकृत हैं जिन्हें सरकारी कामकाज हो या अन्य कार्यों ने धर्म परिवर्तन का सबूत देने की आवश्यकता होती हैं वहीं सरकारी गैज़ेट में इसका पंजीकरण करते हैं। 

महाराष्ट्रात हिंदू धर्मात प्रवेश करणा-यांच्या संख्येत वाढ

महाराष्ट्रात नाव आणि जन्मतारीख या सोबत धर्म बदलण्याच्या संख्येत वाढ झाली आहे. मुंबईतील आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांच्या एक ताज्या आरटीआय आकड्यांनुसार महाराष्ट्र राज्यात मुस्लिम धर्माचा त्याग करत 87 टक्के लोकांनी हिंदू धर्मात प्रवेश करत हिंदू धर्माचा स्वीकार केला आहे तर हिंदू असलेल्या 69 टक्के लोकांनी हिंदू धर्माचा त्याग करत विविध धर्माचा पर्याय निवडला आहे ज्यात 57 टक्के लोकांनी मुस्लीम धर्मात प्रवेश केला आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी महाराष्ट्र शासनाच्या शासकीय प्रेस, लेखन साम्रगी आणि प्रकाशन संचालनालयाकडे धर्म परिवर्तनाची माहिती मागितली होती. या विभागाने अनिल गलगली यांस 10 जून 2014 पासून 16 जानेवारी 2018 या दरम्यान लोकांनी केलेल्या धर्म परिवर्तनाची माहिती दिली. एकूण 1687 लोकांनी आप-आपल्या सोयीने धर्म परिवर्तन केले आहे.

धर्म बदलण्याची तुलना केली तर एकूण 1687 पैकी 1166 हिंदु लोकांनी आपला धर्म बदलला आहे. यात सर्वाधिक 664 लोकांनी मुस्लिम धर्माचा स्वीकार केला आहे. त्यानंतर 258 लोक बुद्धिस्ट बनले आहे.138 ख्रिश्चन, 88 जैन, 11 शीख आणि 1 नव बुद्धिस्ट बनले आहे. हिंदूपासून मुस्लिम बनल्याची टक्केवारी 61 आहे.  मुस्लिम पासून हिंदू बनल्याची टक्केवारी 87 आहे. एकूण 263 मुस्लिम पैकी 228 लोक हिंदू बनले आहेत. तसेच 12 बुद्धिस्ट, 21 ख्रिश्चन आणि 2 जैन बनले आहेत.

अन्य धर्मातील लोकांनी सुद्धा परिवर्तन केले आहे. 165 ख्रिश्चनांनी धर्म बदलला आहे. सर्वाधिक 100 लोक हिंदू बनले आहेत.11 बुद्धिस्ट, 5 जैन, 47 मुस्लिम आणि 2 जैन बनले आहेत. 53 बुद्धिस्ट पैकी 17 हिंदू, 14 ख्रिश्चन ,1 जैन आणि 21 मुस्लिम बनले आहेत. 16 शीख पैकी 2 ख्रिश्चन, 2 जैन आणि 14 मुस्लिम बनले आहेत. 9 जैन पैकी 2 हिंदू, 2 ख्रिश्चन, 4 मुस्लिम आणि 1 शीख बनले आहेत. 11 अन्य पैकी 6 हिंदू,  2 बुद्धिस्ट, 1 जैन, 1 मुस्लिम आणि 1 शीख बनले आहेत. नव बुद्धिस्ट 4 होते त्यांनी हिंदू धर्मात प्रवेश करत शत प्रतिशत धर्म बदलला आहे.

अनिल गलगली यांच्या मते महाराष्ट्रातील ही आकडेवारी अधिकृत आहे. ज्यांस सरकारी कामकाजात किंवा अन्य कामात धर्म परिवर्तन झाल्याचा पुरावा देण्याची आवश्यकता असते अश्या लोकांना नोंदणी करावी लागते. 

For conversion, Hindu is a preferred religion

There is a increasing trend in Maharashtra in changing the Name and Date of births along with the religion amongst person's. In data provided by Anil Galgali obtained through RTI, from amongst Muslims who have converted to other religions, 87% preferred to embrace Hinduism. Amongst the total persons who converted 69% were Hindu's, and from amongst those, 57% adopted Muslim faith.

As many as 1687 people have converted their religion in the last 43 months in the Maharashtra, Hindus taking lead in number of conversion as 1166 out of 1687 people beloning to this faith, switched to another religions, including Muslims, Buddhist, Christians etc, during the period from June 10, 2014 to Jan 16, 2018.

Government recodrs available with the Directorate of Government Printing and Stationery (DGPS), Mumbai shows that 44 per cent (749 out 0f 1687) chose to accept Islam while only 21 per cent people preffered Hindu religion to switch their faith," RTI query filed by activist Anil Galgali has revealed.

Information furnished by the DGPS also says that out of 1166 Hindu people, 258 adopted Buddhist, 138 adopted Christianity, 88 adopted Jain, 664 adopted Islam while 11 people become Sikh. 

And so far is Muslim's conversion is concered, total 263 Muslims converted their religion and 228 people (87 per cent) chose to become Hindu, while 12 preferred to be buddhist, 21 Christian, two Muslim adopted Jain religion.Out of 1687 people who changed their religion, 53 seekers belonged Buddhist, 165 Christian, Nine Jain, 16 Sikhs and 11 others.

Commenting over the trend, activist Anil Galgali said, "These are the numbers recorded by the DGPS. It maintains the record which are reported to it, otherwise the actual numbers of the people who seek to change their religion is quite high."

Monday 15 January 2018

अमिताभ बच्चन का अवैध निर्माण को मनपा ने किया नियमित

महान अभिनेता अमिताभ बच्चन के अलावा और  6 रसूखदारों का अवैध निर्माण को मनपा ने  नियमित करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को पी दक्षिण मनपा वॉर्ड कार्यालय के पद निर्देशित अधिकारी और सहायक अभियंता ने एक पत्र के द्वारा दी हैं।  

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को भेजे हुए पत्र में पी दक्षिण मनपा वॉर्ड कार्यालय के पद निर्देशित अधिकारी और सहायक अभियंता ने साफ़ किया हैं कि अमिताभ बच्चन और अन्य लोगों ने किया हुआ अवैध निर्माण को  एमआरटीपी 53(1) कानून के तहत नोटीस जारी की थी। उसके बाद मालिक /निवासी/विकासक की ओर  से आर्किटेक्ट शशांक कोकीळ अँड असोसिएट्स ने  दिनांक 5 जनवरी  2017 को मंजूर प्लान में जो काम नहीं था इसे  मंजूर करने के लिए संशोधित प्लान मंजुरी के लिए कार्यकारी अभियंता, इमारत प्रस्ताव ( पश्चिम उपनगर ), पी विभाग के समक्ष पेश किया था उसके बाद कार्यकारी अभियंता, इमारत प्रस्ताव ( पश्चिम उपनगर ), पी विभाग की ओर से अवैध निर्माण को नियमित किया गया।

गोरेगांव पूर्व येथे 7 बंगले आहेत. पी दक्षिण मनपा कार्यालय ने अमिताभ बच्चन, राजकुमार हिराणी, ओबेरॉय रियालिटी, पंकज बलानी, हरेश खंडेलवाल, संजय व्यास, हरेश जगतानी ऐसे 7 लोगों को मंजूर प्लान नुसार जांच में पाई अनियमितता को पूर्ववत करने के लिए एमआरटीपी की नोटीस 7 दिसंबर 2016 को जारी की।  एमआरटीपी की नोटीस के बाद आर्किटेक्ट शशांक कोकील ने 5 जनवरी 2017 को पेश किया प्रस्ताव 17 मार्च 2017 को इमारत व प्रस्ताव विभाग ने नामंजुर कर दिया इसको लेकर इमारत व प्रस्ताव विभाग ने 11 अप्रैल 2017 को पी दक्षिण कार्यालय को अधिकृत तौर पर जानकारी देते ही 6 मई 2017 को पी दक्षिण कार्यालय ने अंतिम आदेश जारी करते हुए अवैध निर्माण स्वयं से निकालने की हिदायत दी। इसके बाद आर्किटेक्ट शशांक कोकील ने दोबारा प्रस्ताव पेश किया।

अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मनपा आयुक्त अजोय मेहता को पत्र भेजकर ताबडतोब एमआरटीपी कानून के तहत कारवाई करते हुए अवैध निर्माण को तोड़ने की मांग की थी लेकिन इस अवैध निर्माण को नियमित करने के लिए ही मनपा ने एमआरटीपी प्रक्रिया को धीमी करने का आरोप अनिल गलगली ने लगाया हैं। इमारत प्रस्ताव विभाग के कुछ अधिकारियों को अवैध निर्माण को  नियमित करने के प्रयास को सफलता मिलने की टिप्पणी अनिल गलगली ने की हैं। ग़रीबों की झोपडी पर बुलडोजर चलनेवाली  मुंबई महानगरपालिका रसूखदारों के अवैध निर्माण को नियमित करने में स्वयं को धन्य मानती हैं। इसपर अनिल गलगली ने नाराजगी जताई हैं।

अमिताभ बच्चन यांचे अनधिकृत बांधकामास पालिकेने केले नियमित

महान अभिनेता अमिताभ बच्चन यांच्या सहित अन्य 6 मोठ्या धेंड्यानी केलेले बांधकाम पालिकेने नियमित केल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस पी दक्षिण पालिका वॉर्ड कार्यालयाचे पद निर्देशित अधिकारी आणि सहायक अभियंता यांनी पत्राद्वारे कळविली आहे. 

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस पाठविलेल्या पत्रात पी दक्षिण पालिका वॉर्ड कार्यालयाचे पद निर्देशित अधिकारी आणि सहायक अभियंता यांनी स्पष्ट केले की अमिताभ बच्चन आणि अन्य लोकांनी केलेले अनधिकृत बांधकामास एमआरटीपी 53(1) कायद्या अंतर्गत नोटीस बजाविण्यात आली होती. त्यानंतर मालक/रहिवाशी/विकासक यांच्यातर्फे वास्तुविशारद शशांक कोकीळ अँड असोसिएट्स यांनी दिनांक 5 जानेवारी 2017 रोजी मंजूर आराखड्यात नसलेल्या बाबी मंजूर करण्याकामी सुधारित आराखडे मंजुरीकरिता कार्यकारी अभियंता, इमारत प्रस्ताव ( पश्चिम उपनगरे), पी विभाग यांच्याकडे सादर केले होते त्यानंतर कार्यकारी अभियंता, इमारत प्रस्ताव ( पश्चिम उपनगरे), पी विभाग यांच्याकडून अनधिकृत बांधकाम नियमित करण्यात आलेले आहे.

गोरेगांव पूर्व येथील 7 बंगला आहेत. अमिताभ बच्चन, राजकुमार हिराणी, ओबेरॉय रियालिटी, पंकज बलानी, हरेश खंडेलवाल, संजय व्यास, हरेश जगतानी अश्या 7 लोकांना मंजूर आराखडयानुसार आढळून आलेल्या अनियमितता पूर्ववत करण्यासाठी एमआरटीपीची नोटीस 7 डिसेंबर 2016 बजावली होती. एमआरटीपीची नोटीसनंतर वास्तुविशारद शशांक कोकीळ यांनी 5 जानेवारी 2017 रोजी सादर केलेला प्रस्ताव 17 मार्च 2017 रोजी इमारत व प्रस्ताव खात्याने नामंजुर केला. याबाबत इमारत व प्रस्ताव खात्याने 11 एप्रिल 2017 रोजी पी दक्षिण कार्यालयास रीतसर माहिती देताच 6 मे 2017 रोजी पी दक्षिण कार्यालयाने अंतिम आदेश जारी करत अनधिकृत बांधकाम स्वतःहुन काढण्याची तंबी दिली. यानंतर वास्तुविशारद शशांक कोकीळ यांनी दुसऱ्यादा प्रस्ताव सादर केला होता.

अनिल गलगली यांनी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आणि पालिका आयुक्त अजोय मेहता यांस पत्र पाठवून ताबडतोब एमआरटीपी कायदा अंतर्गत कार्यवाही करण्याची मागणी करत अनधिकृत बांधकामे तोडण्याची मागणी केली होती पण या अनधिकृत बांधकामास नियमित करण्यासाठी वेळखाऊ धोरण पालिकेने अवलंब करण्याचा आरोप अनिल गलगली यांनी केला आहे. इमारत प्रस्ताव खात्यातील काही अधिका-यांस अनधिकृत बांधकाम नियमित करण्याच्या प्रयत्नाला यश आले असल्याची टीका अनिल गलगली यांनी केली आहे.गरिबांच्या झोपडीवर बुलडोझर चालविणारी मुंबई महानगरपालिका बड्या धेंड्याच्या अनधिकृत बांधकामास नियमित करण्यात धन्यता मानते, अशी खंत अनिल गलगली यांनी व्यक्त केली आहे.

BMC regularises illegal modification in Amitabh Bachchan's Goregaon  bungalow.

The Mumbai Municipal corporation has regularised the illegal modifications observed in the bungalow belonging to Superstar Amitabh Bachchan and 6 other bigwigs, as per the information provided by the Competent Officer and Asst Engineer of the P South Ward to RTI Activist Anil Galgali.

In a letter sent to RTI Activist Anil Galgali, the competent officer and Asst Engineer P South Ward has informed that, a notice under Section 53(1) of the MRTP Act was issued to Super star actor Amitabh Bachchan and 6 other bigwigs for illegal Construction in their respective bungalows. In response to the notice, Architect Shashank Kokil and Associates representing the Owner/Residents/Developer's submitted a fresh ammended plan on 5th January 2017 to the Executive Engineer (Building Proposal), Western Suburbs, P Ward. The Execution Engineer acting on the application with ammended plans have regularised the violation as per the previous approved plans.

7 bungalow built in Goregaon East locality. The P South Ward Office  Under MRTP have been issued notices  to 7 persons including Amitabh Bachchan, Rajkumar Hirani, Oberoi Realty, Pankaj Balaji, Sanjay Vyas, Haresh Khandelwal , Haresh Jagtani etc on 7th December 2016,  for the variations observed in contrast of the Approved plans. On receiving the MRTP notices, the Architect Shashank Kokil submitted proposal on 5th January 2017 which was rejected by the MCGM's Building Proposal department on 17th March 2017. This rejection was conveyed to the Architect vide it's letter dt 11th April 2017 along with a copy to P south ward as information and conveying its final order to remove all the illegal construction and violation. The P South Ward Office also issued a final order Dt 6th May 2017 to themselves remove the violation and restore as per Original sanctioned plans. Thereafter the Architect Shashank Kokil resubmitted ammended plans.

Anil Galgali had in a letter addressed to CM Devendra Fadnavis had demanded strict and immediate action under the MRTP Act against the violators and carrying out demolition of the violation. Galgali had also alleged in that letter that several officer's of the department were hand in glove and were adopting delaying tactics for the purpose of securing approvals through regularisation proposal, which seems to have succeeded, alleged Galgali. In a blatant display of disparity, the Mumbai Municipal corporation bulldozes the structure's of the poor Slum dwellers and in the other side works towards regularising the illegal Construction of the Rich and the Powerful, lamented Anil Galgali.

Saturday 13 January 2018

सतीश शेट्टी हत्या मामले की श्वेतपत्रिका जारी हो

आरटीआई कार्यकर्ता सतीश शेट्टी हत्या की जांच धीमी गति से शुरु हैं इसलिए इस हत्या मामले की श्वेतपत्रिका सरकार और 
सीबीआई से जारी करने की मांग आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने करते हुए वर्तमान में आरटीआई कानून को और  मजबूत करने की जरुरत बताई। 

आजाद मैदान में आरटीआई एक्टिविस्ट फोरम द्वारा आयोजित सतीश शेट्टी का क्या हुआ ? इस विरोध आंदोलन में अपनी बात रखते हुए अनिल गलगली ने आरटीआई कानून का हर सरकार अपनी अपनी सहूलियत से कैसे इस्तेमाल करती हैं उसका उदाहरण पेश किया।सतीश शेट्टी हत्या मामले पर श्वेतपत्रिका जारी होती हैं तो सरकार और सीबीआई ने किए हुए जांच की जानकारी जनता के सामने आ सकती हैं। सूचना का अधिकार कानून की धारा 4 को प्रत्येक सार्वजनिक प्राधिकरण ने कार्यान्वित किया तो आरटीआई आवेदन की संख्या में कमी होगी और एक क्लिक पर जानकारी उपलब्ध हो । सरकार और बाबू लोग जानबूझकर इसमें रोड़ा डालने का प्रयास करने का आरोप गलगली का हैं। शहीद सतीश शेट्टी के भाई संदीप ने सरकारी यंत्रणा पर विश्वास न होने का आरोप लगाते हुए सूत्रधार और हत्यारों को जेल भेजने तक चुप न बैठने की घोषणा की।मजदूर नेता विश्वास उटगी ने इस कानून की परिधि में निजी और कार्पोरेट संस्थान को लाने की जरुरत बताई।फोरम के अध्यक्ष सुधाकर कश्यप ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को 5 मांग वाला पत्र भेजकर मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति करना और निवृत्त न्यायाधीस को वरीयता देने की मांग की। इस मौके पर महाराष्ट्र के पुणे, परभणी, नगर, सांगली इन इलाकों से आरटीआई कार्यकर्ताओं के अलावा स्वाती पाटील, रमेश खानविलकर, शंकर पुजारी, अरुण माने, प्रवीण अरुणकर, क्षीरसागर आदी उपस्थित थे। इस मौके पर सतीश शेट्टी का क्या हुआ, मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति हो, निजी और कार्पोरेट संस्थान को आरटीआई के तहत लाया जाए, जैसी घोषणा की गई। 

सतीश शेट्टी हत्या प्रकरणाची श्वेतपत्रिका काढावी

आरटीआय कार्यकर्ते सतीश शेट्टी खूनाचा तपास संथगतीने सुरु असून या हत्या प्रकरणाची श्वेतपत्रिका शासन आणि सीबीआयने काढण्याची मागणी आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी करत आजही आरटीआय कायद्यास अजून बळकट करण्याची गरज असल्याचे प्रतिपादन केले.

आझाद मैदानात आरटीआय ऍक्टिव्हिस्ट फोरमतर्फे आयोजित सतीश शेट्टीचे काय झाले? या निदर्शने प्रसंगी अनिल गलगली यांनी आरटीआय कायदा प्रत्येक सरकार आपआपल्या सोयीने कशा वापरतात याची उदाहरणे दिली. सतीश शेट्टी हत्या प्रकरणाची श्वेतपत्रिका काढली गेली तर सरकार आणि सीबीआयने केलेल्या तपासाची माहिती जनतेसमोर येईल. माहितीचा अधिकार कायदाचे कलम 4 अन्वये देशातील प्रत्येक सार्वजनिक प्राधिकरणाने कार्यान्वित केले तर माहिती अधिकार अर्जाची संख्या कमी होऊ शकते आणि सर्व माहिती एका क्लिकवर उपलब्ध होऊ शकते पण सरकार आणि बाबू मंडळी जाणूनबुजून त्यात अडथळा आणण्याचा प्रयत्न करत असल्याचा आरोप गलगली यांनी केला. शहीद सतीश शेट्टी यांचे बंधू संदीप यांनी सरकारी यंत्रणेवर विश्वास नसल्याची टीका करत खरे सूत्रधार आणि खूनी गजाआड पाठविल्याशिवाय गप्प बसणार नसल्याची घोषणा केली. कामगार नेते विश्वास उटगी यांनी या कायद्याच्या कक्षेत खाजगी आणि कार्पोरेट संस्थानास आणण्याची गरज असल्याचे सांगितले. फोरमचे अध्यक्ष सुधाकर कश्यप यांनी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांस 5 मागण्यांचे पत्र पाठवित मुख्य माहिती आयुक्त नेमणे तसेच निवृत्त न्यायाधीसांस प्राधान्य देण्याची मागणी केली. यावेळी महाराष्ट्रातील पुणे, परभणी, नगर, सांगली या भागातून आरटीआय कार्यकर्ते आले होते. यावेळी स्वाती पाटील, रमेश खानविलकर, शंकर पुजारी, अरुण माने, प्रवीण अरुणकर, क्षीरसागर आदी उपस्थित होते. याप्रसंगी सतीश शेट्टीचे काय झाले, मुख्य माहिती आयुक्त नेमा, खाजगी आणि कार्पोरेट संस्थानास आरटीआय अंतर्गत आणा, अश्या घोषणाही करण्यात आल्यात.