Saturday 3 December 2022

धारावी पुनर्विकास प्रकल्पावर आता पर्यंत झाले 31.27 कोटी खर्च

धारावी पुनर्विकास प्रकल्पावर आता पर्यंत झाले 31.27 कोटी खर्च

आता कुठे जाऊन धारावीचा विकासासाठी अदानी प्रॉपर्टीजची ५०३९ कोटींची निविदा सरस ठरली आहे. धारावीचा विकास होता होत नव्हता पण विविध प्रकारच्या खर्चावर शासनाने कोट्यवधी रुपये खर्च केले आहेत. मागील 16 वर्षात धारावी पुनर्विकास प्रकल्पावर 31.27 कोटी खर्च झाल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस झोपडपट्टी पुनर्वसन प्राधिकरणाने दिली आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी धारावी पुनर्विकास प्रकल्पावर आजमितीस झालेल्या खर्चाची माहिती विचारली होती. झोपडपट्टी पुनर्वसन प्राधिकरणाने अनिल गलगली यांस मागील 15 वर्षात करण्यात आलेल्या खर्चाची यादी दिली. 1 एप्रिल 2005 पासून 31मार्च 2020 अशी 15 वर्षाची खर्चाची माहिती त्यात आहे. 1 एप्रिल 2005 पासून 31 मार्च 2020 पर्यंत 31 कोटी 27 लाख 66 हजार 148 रूपये धारावी पुनर्विकास प्रकल्पावर खर्च करण्यात आले आहेत. पीएमसी शुल्कावर रु 15.85 कोटी खर्च दाखविण्यात आला आहे. यात जाहिराती आणि प्रसारावर रु 3.65 कोटी इतकी रक्कम खर्च करण्यात आली. व्यवसायिक शुल्क आणि सर्वेवर रु 4.14 कोटी खर्च झाले आहे. विधी शुल्कावर रु 2.27 कोटी खर्च करण्यात आले आहे. 

धारावी पुनर्विकास प्रकल्प (डीआरपी) चा शासन निर्णय 4 फेब्रुवारी 2004 रोजी जारी करण्यात आला. मागील 18 वर्षात एकही इंचाचा पुनर्विकास झाला नसून कोटयावधी रुपयांचा चुराडा करण्यात आल्याची खंत अनिल गलगली यांनी व्यक्त केली. खाजगी विकासकाऐवजी शासनाने धारावीचा पुनर्विकास केला तर मोठ्या प्रमाणात गृहनिर्माण साठा निर्माण होईल आणि शासनाची तिजोरी भरेल, असे सांगत अनिल गलगली यांनी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृह निर्माण मंत्री डॉ जितेंद्र आव्हाड यांस पत्र पाठविले होते पण शासनाने निविदा काढत खाजगी विकासकांना प्राधान्य दिले आणि अदानी प्रॉपर्टीजची 5039 कोटींची निविदा सरस ठरली आहे.

धारावी पुनर्विकास परियोजना पर अब तक किए गए 31.27 करोड़ रुपए खर्च

धारावी पुनर्विकास परियोजना पर अब तक किए गए 31.27 करोड़ रुपए खर्च

अब कहां जाकर धारावी के विकास के लिए अदानी प्रॉपर्टीज के 5039 करोड़ के टेंडर को मंजूरी मिल गई है। धारावी का विकास होते होते थम सा गया था। लेकिन सरकार ने विभिन्न काम पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। स्लम पुनर्वास प्राधिकरण ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को सूचित किया है कि धारावी पुनर्विकास परियोजना पर पिछले 15 वर्षों में 31.27 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने धारावी पुनर्विकास परियोजना पर किए गए खर्च के बारे में पूछताछ की थी। स्लम पुनर्वास प्राधिकरण ने अनिल गलगली को पिछले 15 वर्षों में किए गए खर्चों की एक सूची प्रदान की। इसमें 1 अप्रैल 2005 से 31 मार्च 2020 तक 15 वर्ष शामिल हैं। 1 अप्रैल 2005 से 31 मार्च 2020 तक धारावी पुनर्विकास परियोजना पर 31 करोड़ 27 लाख 66 हजार 148 रुपये खर्च किए गए हैं। पीएमसी चार्ज पर 15.85 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया गया है। विज्ञापन और प्रसार पर 3.65 करोड़ रुपये खर्च किए गए। व्यावसायिक शुल्क और सर्वेक्षण पर 4.14 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। कानूनी फीस पर 2.27 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। 

धारावी पुनर्विकास परियोजना (DRP) का सरकारी संकल्प 4 फरवरी, 2004 को जारी किया गया था। अनिल गलगली ने अफसोस जताया कि पिछले 17 वर्षों में एक इंच का पुनर्विकास नहीं हुआ है और करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। यदि सरकार निजी डेवलपर के बजाय धारावी को पुनर्विकास करती है, तो एक बड़ा हाउसिंग स्टॉक बन जाएगा और सरकार की तिजोरी भर जाएंगी, यह कहते हुए, अनिल गलगली ने तत्कालीन मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को एक पत्र भेजा था लेकिन सरकार ने निजी डेवलपर को वरियता दी और अदानी प्रॉपर्टीज के 5039 करोड़ के टेंडर को मंजूरी मिल गई।

Rs 31.27 crore spent on Dharavi Redevelopment project till date

Rs 31.27 crore spent on Dharavi Redevelopment project till date 

Now Adani Properties' tender of 5039 crores for the development of Dharavi has been approved. Dharavi was not developing but the government has spent crores of rupees on various expenses. The Slum Rehabilitation Authority has informed RTI activist Anil Galgali that Rs 31.27 crore has been spent on the Dharavi redevelopment project in the last 16 years.

Anil Galgali, an RTI activist, had inquired about the expenditure incurred on the Dharavi redevelopment project. The Slum Rehabilitation Authority provided Anil Galgali with a list of expenses incurred in the last 15 years. It covers 15 years from 1 April 2005 to 31 March 2020. From 1st April 2005 to 31st March 2020, 31 crore 27 lakh 66 thousand 148 rupees have been spent on Dharavi Redevelopment Project. An expenditure of Rs 15.85 crore has been shown on PMC charges.An amount of Rs 3.65 crore was spent on advertising and dissemination. Rs 4.14 crore has been spent on business charges and surveys. Rs 2.27 crore has been spent on legal fees.

Government Resolution of Dharavi Redevelopment Project (DRP) was issued on February 4, 2004. Anil Galgali lamented that not an inch of redevelopment has taken place in the last 18 years and crores of rupees have been squandered. If the government redevelops Dharavi instead of a private developer, a large housing stock will be created Anil Galgali has sent a letter to Chief Minister and Home Minister saying that the government's coffers will be filled and govt get benifit. But the government gave preference to private developers while issuing tenders and Adani Properties' tender of 5039 crores has been successful.

Thursday 10 November 2022

बक्सर में श्रीराम की लगेगी विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा- रामभद्राचार्य जी

बक्सर में श्रीराम की लगेगी विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा- रामभद्राचार्य जी

■ कथा में चित्रकूट स्थित तुलसी पीठाधीश्वर ने व्यक्त किया संकल्प

■ श्री वामनेश्वर कॉरिडोर व अहिल्या उद्धार मंदिर निर्माण की घोषणा


'अहिल्या धाम' में आयोजित सनातन संस्कृति समागम के श्रीराम कथा में तुलसी पीठाधीश्वर श्री रामभद्राचार्य जी ने कहा कि प्रभु श्रीराम विश्व के रत्न हैं। लिहाजा शख़्सियत के अनुसार उनकी पहचान भी होनी चाहिए। उन्होंने उनकी प्रथम कर्मभूमि सिद्धाश्रम की विश्वस्तरीय पहचान कायम करने के लिए बक्सर में भगवान श्रीराम की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की।

अपनी 1357 वीं श्रीराम कथा में महाराज श्री ने बक्सर की अस्मिता को विश्व पटल पर स्थापित करने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीराम कर्मभूमि बक्सर में हम ताड़का और सुबाहु का वध करते हुए भगवान श्रीराम की इतिहास की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित करेंगे। इसके साथ ही परम उन्होंने वामनेश्वर भगवान कॉरिडोर, अहिल्या माता मन्दिर का जीर्णोद्धार के साथ उन्हें उद्धार करते हुए श्रीराम की प्रतिमा स्थापित करने की वचनबद्धता भी दुहराई, ताकि श्रीराम जन्म भूमि का दर्शन करने वाले उनकी प्रथम कर्मभूमि को भी प्रणाम करने बक्सर आएं।

नौ-नौ रुपए से होगी राशि की व्यवस्था

स्वामी जी ने कहा की इस पावन कार्य को सिद्ध करने में मिनिस्टर से लेकर मिस्टर तक की भूमिका होगी। लिहाजा मंत्री अश्विनी चौबे के संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक परिवार से 99 रुपये की राशि इकट्ठा कर इसमें बक्सर की जनता की भागदारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा की भगवान श्रीराम का जन्म नवमी तिथि को हुआ था, लिहाजा 9 रुपये की राशि पूर्ण है। इस मौके पर स्वामी अभ्यानंद जी महाराज व स्वामी अगमानंद जी महाराज के अलावा समागम कार्यक्रम के संयोजक व मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, विधान परिषद के पूर्व अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह, अर्जित शाश्वत चौबे व अविरल शाश्वत चौबे समेत अन्य लोग मौजूद थे।



सत्कर्म के लिए हर समय शुभ मुहूर्त: स्वामी अनंताचार्य

अहिल्या धाम अहिरौली में चल रहे सनातन संस्कृति समागम के चौथे दिन गुरुवार को वृंदावन से पधारे जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री अनंताचार्य जी महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा की विधि व महत्व का वर्णन किया। जिसमें वैष्णवाचार्यो व कथावाचकों के गुणों का वर्णन करते हुए महाराज श्री ने कहा कि व्यास पीठ पर बैठने वालों को ईर्ष्या, द्वेष व अहंकार से स्वयं को दूर रखना चाहिए। उन्हें खुद को सबसे छोटा समझना चाहिए, क्योंकि सबसे छोटे को गिरने का भय नहीं होता। कथावाचक को काम, क्रोध, लोभ व मोह से भी मुक्त होना चाहिए। क्योंकि सांसार के सागर में डूबा व्यक्ति किसी दूसरे को इस मोह-माया के सागर से कैसे निकाल सकता है? श्रीमद्भागवत कथा श्रवण विधि का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा भगवान के नाम सुमिरन या उनके गुणगान सुनने के लिए किसी निश्चित समय की आवश्यकता नहीं होती है।




After 9 months Western Railway finally get General Manager

After 9 months Western Railway finally get General Manager 

Effect of Anil Galgali's complaint


Western Railway is considered to be the better in railway services but The Western Railway is being mistreated by Ministry of Railway. For the last 9 months, the post of General Manager in Western Railway was vacant, which was complained by RTI activist Anil Galgali. After this complaint, the Railway Ministry woke up from a deep sleep and now Ashok Kumar Mishra is the new General Manager.

RTI activist Anil Galgali had asked for various information about the General Manager of Western Railway. Deputy Chief Staff Officer of Western Railway Ram Prasad B informed Anil Galgali that the post of General Manager of Western Railway is vacant from February 1, 2022. Presently Prakash Butani who is Additional General Manager has been given the charge. Competent authority for this appointment is Railway Board and it is advised to get information about the name of Competent Authority from Railway Board.

Anil Galgali has sent a letter to the Railway Minister and the administration demanding that the vacant post be filled immediately.Anil Galgali's demand got fame and after 9 months, Western Railway got the General Manager.

पश्चिम रेलवे को 9 महीने के बाद मिले महाप्रबंधक

पश्चिम रेलवे को 9 महीने के बाद मिले महाप्रबंधक

अनिल गलगली की शिकायत का असर 

पश्चिम रेलवे को रेलवे सेवाओं में अग्रणी माना जाता हैं लेकिन रेल मंत्रालय शायद पश्चिम रेलवे को गंभीरता से नहीं ले रही हैं. गत 9 महीनों से पश्चिम रेलवे में महाप्रबंधक का पद रिक्त था जिसकी शिकायत आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने की थी. इस शिकायत के बाद रेलवे मंत्रालय गहरी नींद से जाग उठा और अब अशोक कुमार मिश्रा यह नये महाप्रबंधक हैं.

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक के बारे में विभिन्न जानकारी मांगी थी. पश्चिम रेलवे के उप मुख्य कर्मचारी अधिकारी राम प्रसाद बी ने अनिल गलगली को बताया कि पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक का पद 1 फरवरी 2022 से रिक्त है. वर्तमान में प्रकाश बुटानी, जो अपर महाप्रबंधक हैं, को प्रभार दिया गया है। इस नियुक्ति के लिए सक्षम प्राधिकारी रेलवे बोर्ड है और रेलवे बोर्ड से सक्षम प्राधिकारी के नाम के बारे में जानकारी प्राप्त करने करने की सलाह दी गई हैं. अनिल गलगली ने रेल मंत्री और प्रशासन को पत्र भेजकर रिक्त पदों को तत्काल भरने की मांग की थी. अनिल गलगली की मांग को यश प्राप्त हुआ और 9 महीने के बाद पश्चिम रेलवे को महाप्रबंधक मिल ही गया.

9 महिन्यानंतर पश्चिम रेल्वेला लाभले महाव्यवस्थापक

9 महिन्यानंतर पश्चिम रेल्वेला लाभले महाव्यवस्थापक

अनिल गलगली यांच्या तक्रारीचा परिणाम

रेल्वे सेवेत अग्रणीय असलेल्या पश्चिम रेल्वेला रेल्वे मंत्रालय दुजाभाव वागणुक देत होते. मागील 9 महिन्यापासून पश्चिम रेल्वेला महाव्यवस्थापक नसल्याची तक्रार आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी करताच रेल्वे मंत्रालयाला जाग आली. अशोक कुमार मिश्रा हे नवीन महाव्यवस्थापक आहेत.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी पश्चिम रेल्वेच्या महाव्यवस्थापक बाबत विविध माहिती विचारली होती. पश्चिम रेल्वेच्या उप मुख्य कर्मचारी अधिकारी रामप्रसाद बी यांनी अनिल गलगली यांस कळविले की 1 फेब्रुवारी 2022 पासून पश्चिम रेल्वेचे महाव्यवस्थापक पद रिक्त आहे. सद्या प्रकाश बुटानी जे अप्पर महाव्यवस्थापक आहेत त्यांस प्रभार देण्यात आला आहे. या नियुक्तीसाठी सक्षम प्राधिकरण रेल्वे बोर्ड असून सक्षम प्राधिकारी यांच्या नावाची माहिती रेल्वे बोर्डाकडून घेण्याचा सल्ला देण्यात आला. अनिल गलगली यांनी रेल्वे मंत्री आणि प्रशासनास पत्र पाठवून मागणी केली आहे की तत्काळ हे रिक्त पद भरण्याची मागणी केली होती. त्यांचा मागणीला यश आले असून 9 महिन्यानंतर पश्चिम रेल्वेला महाव्यवस्थापक लाभले आहे. रेल्वे बोर्ड असून सक्षम प्राधिकारी यांच्या नावाची माहिती रेल्वे बोर्डाकडून घेण्याचा सल्ला देण्यात आला. अनिल गलगली यांनी रेल्वे मंत्री आणि प्रशासनास पत्र पाठवून मागणी केली आहे की तत्काळ हे रिक्त पद भरण्याची मागणी केली होती. त्यांचा मागणीला यश आले असून 9 महिन्यानंतर पश्चिम रेल्वेला महाव्यवस्थापक लाभले आहे.

Monday 24 October 2022

बालयोगी श्री सदानंद महाराज आश्रम को 69 गुंठा भूमि देने की मांग पर सकारात्मक विचार करने का मुख्यमंत्री का आश्वासन

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि बालयोगी श्री सदानंद महाराज आश्रम को सरकार वसई के पास तुंगारेश्वर पर्वत पर 69 गुंटा जमीन देने पर सकारात्मक विचार करेगी। इस प्रतिनिधिमंडल में आश्रम के सचिव केदारनाथ म्हात्रे एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश ठाकूर उपस्थित थे।

वन संरक्षण अधिनियम, 1980 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित भूमि के आवंटन के लिए राज्य सरकार से 'अनापत्ति पत्र' की आवश्यकता होती है। चूंकि यह मामला तीन साल से महाराष्ट्र सरकार के पास लंबित है। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, वन मंत्री, संबंधित मामलों को संभालने वाले उच्च अधिकारी के अलावा  आश्रम के तीन प्रतिनिधियों, स्वयं राम नाईक और सरकार से मामले को लेकर फॉलो अप करने वाले आरटीआई विशेषज्ञ अनिल गलगली के संयुक्त बैठक की मांग की। राम नाईक की मांग के बाद मुख्यमंत्री ने तद्नुसार बैठक बुलाने का वादा किया।

अनिल गलगली ने चार अलग-अलग आवेदन दाखिल किए हैं जिनमें निम्नलिखित मांगें की गई हैं। (1) आश्रम को 69 गुंठा भूमि दी जानी चाहिए। (2) भक्तों के आश्रमों में प्रवेश पर प्रतिबंध हटा दिया जाना चाहिए। (3) सातिवली से तुंगारेश्वर अभयारण्य में बॉक्ससाइट खदान तक मौजूदा 7.80 किमी सड़क की मरम्मत की जाए। (4) परशुराम कुंड और तुंगारेश्वर महादेव मंदिर को 2005 में 'सी' तीर्थ का दर्जा दिया गया था और पिछले 17 वर्षों में सरकार द्वारा कोई विकास कार्य नहीं किया गया है।

राम नाईक ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के साथ सकारात्मक चर्चा हुई है और आश्रम और भक्तों की समस्याओं का समाधान संयुक्त बैठक के माध्यम से किया जाएगा। इसके अलावा राम नाईक की दो प्रसिद्ध पुस्तकें 'चारैवेती! चरैवेती !!' और 'कर्म योद्धा राम नाईक' मुख्यमंत्री को भेंट दी।

बालयोगी श्री सदानंद महाराज आश्रमास 69 गुंठे जमीन देण्याच्या मागणीचा सकारात्मक विचार करण्याचे मुख्यमंत्र्यांचे आश्वासन

वसई जवळील तुंगारेश्वर पर्वतावरील 69 गुंठे जमीन बालयोगी श्री सदानंद महाराज आश्रमास देण्याचा सकारात्मक विचार सरकार करील असे आश्वासन महाराष्ट्राचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांनी उत्तर प्रदेशाचे माजी राज्यपाल राम नाईक यांच्या शिष्टमंडळास दिले. यावेळी आश्रमाचे सचिव केदारनाथ म्हात्रे आणि भाजप प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश ठाकूर उपस्थित होते.

वन संरक्षण कायदा, 1980 आणि वन्यजीव संरक्षण कायदा 1972 अन्वये संरक्षित जमीन देण्यासाठी राज्य सरकारचे ‘ना हरकत पत्र’ लागते.  हे प्रकरण महाराष्ट्र सरकारकडे तीन वर्षे अनिर्णीत असल्यामुळे त्याबद्दलचा सकारात्मक निर्णय लवकर करण्यासाठी मा. मुख्यमंत्री, मा. उपमुख्यमंत्री, मा. वन मंत्री, संबंधित प्रकरण हाताळणारे उच्चाधिकारी, तसेच आश्रमाचे तीन प्रतिनिधी, स्वतः राम नाईक आणि या प्रकरणी पाठपुरावा करणारे विशेषज्ञ अनिल गलगली यांची संयुक्त बैठक घेण्याची मागणी राम नाईक यांनी केली.  त्याप्रमाणे बैठक बोलावण्याचे आश्वासन मुख्यमंत्री यांनी दिले.

अनिल गलगली यांनी चार स्वतंत्र अर्ज केले असून त्यामध्ये पुढील मागण्या केल्या आहेत. (1) 69 गुंठे जमीन आश्रमास देण्यात यावी. (2) भाविकांना आश्रमात जाण्यासाठी असलेला प्रतिबंध हटविण्यात यावा.  (3) तुंगारेश्वर अभयारण्यात अस्तित्त्वात असलेल्या सातीवली ते बॉक्साईट खाणीपर्यंतचा 7.80 किलोमीटर रस्त्याची दुरुस्ती करण्यात यावी.  (4) परशुराम कुंड आणि तुंगारेश्वर महादेव मंदिराला ‘क’ तीर्थस्थळाचा दर्जा 2005 मध्ये देण्यात आला असून गेल्या 17 वर्षात सरकारने कोणतीही विकासाची कामे केली नाहीत.

मुख्यमंत्री यांच्याशी सकारात्मक चर्चा झाली असून संयुक्त बैठकीद्वारे आश्रमाचे आणि भाविक जनतेचे प्रश्न सुटतील असा विश्वास श्री राम नाईक यांनी व्यक्त करून मुख्यमंत्र्यांना धन्यवाद दिले.  याशिवाय राम नाईक यांची दोन गाजलेली पुस्तके ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ आणि ‘कर्मयोद्धा राम नाईक’  मुख्यमंत्र्यांना राम नाईक यांनी दिली.

Thursday 29 September 2022

People's responsibility to make maximum use of RTI Act - Anil Galgali

People's responsibility to make maximum use of RTI Act - Anil Galgali

Right to Information Day was celebrated at Labor Commissioner , Kurla L Ward and Panvel

Right to Information Day was celebrated in Maharashtra. Explaining the importance of these days, RTI activist Anil Galgali asserted that maximum number of citizens need to use the RTI Act while government agencies need to cooperate with the citizens to the same extent. RTI activist Anil Galgali participated in the lectures organized in separate sessions at Labor Commissioner Bhawan, Kurla L Ward in Bandra and Congress Bhawan in Panvel.


RTI activist Anil Galgali asserted that this is the first time that a law has been passed for the public which guarantees information within 30 days. Now it is the responsibility of the people to make maximum use of the law and make it successful. Deputy Commissioner Bhaskar Morde, Assistant Commissioner Rohan Rumale, Satish Totawar, Praveen Kawle, Santosh Kokat, Anand Bhosale, Avinash Vade, Rajesh Jadhav were present at the Labor Commissioner Bhawan in Bandra. Assistant Commissioner Mahadev Shinde presided over the program in the discussion session held in the Ward Committee at Kurla L Ward. Anil Galgali guided the Public Information Officers at both the places. Anil Galgali also participate in Janajagruti Consumer Manch Raigad, Panvel Branch and Panvel Taluka Retired Sevak Mandal digintaries and guided the citizens on Right to Information Day in Congress Bhavan Hall. KL Jadhav, BP Mhatre, Subhash Phadke, Ramesh Chavan, Shivdas Palkar, Ratnakar Kulkarni were present on this occasion.

आरटीआय कायदाचा जास्तीत जास्त वापर करण्याची जबाबदारी लोकांची - अनिल गलगली

आरटीआय कायदाचा जास्तीत जास्त वापर करण्याची जबाबदारी लोकांची - अनिल गलगली


कामगार आयुक्त, कुर्ला एल वॉर्ड आणि पनवेल येथे साजरा करण्यात आला माहिती अधिकार दिन

माहिती अधिकार दिन महाराष्ट्रात साजरा करण्यात आला. या दिनांचे महत्व सांगताना आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी प्रतिपादन केले की जास्तीत जास्त नागरिकांनी आरटीआय कायदाचा वापर करणे आवश्यक आहे तर शासकीय यंत्रणेनी त्याच प्रमाणात नागरिकांना सहकार्य करण्याची आवश्यकता आहे. आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी वांद्रे येथील कामगार आयुक्त भवन, कुर्ला एल वॉर्ड आणि पनवेल येथील काँग्रेस भवन येथे वेगवेगळया सत्रात आयोजित व्याख्यानात भाग घेतला.


आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी प्रतिपादन केले की लोकांसाठी प्रथमच असा कायदा करण्यात आला आहे जो 30 दिवसांच्या आत माहिती देण्याची हमी देतो. आता लोकांची जबाबदारी आहे की जास्तीत जास्त कायदाचा वापर करत त्यास यशस्वी करणे. वांद्रे येथील कामगार आयुक्त भवन येथे उप आयुक्त भास्कर मोरडे, सहाय्यक आयुक्त रोहन रुमाले, सतीश तोटावर, प्रवीण कावळे, संतोष कोकाट, आनंद भोसले, अविनाश वडे, राजेश जाधव उपस्थित होते. तर कुर्ला एल वॉर्ड येथील प्रभाग समितीत आयोजित चर्चा सत्रात सहाय्यक आयुक्त महादेव शिंदे कार्यक्रमाचे अध्यक्ष होते. दोन्ही ठिकाणी अनिल गलगली यांनी जन माहिती अधिका-यांस मार्गदर्शन केले.  तर जनजागृती ग्राहक मंच रायगड, पनवेल शाखा व पनवेल तालुका निवृत्त सेवक मंडळातर्फे काँग्रेस भवन हॉलमध्ये माहिती अधिकार दिन निम्मित माहिती अधिकार - शंका व समाधान या विषयावर नागरिकांना मार्गदर्शन केले. यावेळी केएल जाधव, बीपी म्हात्रे, सुभाष फडके, रमेश चव्हाण, शिवदास पालकर, रत्नाकर कुलकर्णी उपस्थित होते.

आरटीआई कानून का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना लोगों की जिम्मेदारी - अनिल गलगली

आरटीआई कानून का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना लोगों की जिम्मेदारी - अनिल गलगली

श्रम आयुक्त,  कुर्ला एल वार्ड एवं पनवेल में सूचना का अधिकार दिवस मनाया गया

महाराष्ट्र में सूचना का अधिकार दिवस मनाया गया। इस दिन के महत्व को समझाते हुए, आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने जोर देकर कहा कि अधिकतम नागरिकों को आरटीआई अधिनियम का उपयोग करने की आवश्यकता है, जबकि सरकारी एजेंसियों को नागरिकों के साथ समान रूप से सहयोग करने की आवश्यकता है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने बांद्रा स्थित श्रम आयुक्त भवन, कुर्ला एल वार्ड और पनवेल में कांग्रेस भवन में अलग-अलग सत्रों में आयोजित व्याख्यान में भाग लिया।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि यह पहली बार है कि जनता के लिए एक कानून पारित किया गया है जो 30 दिनों के भीतर सूचना की गारंटी देता है। अब यह लोगों की जिम्मेदारी है कि वे कानून का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें और उसे सफल बनाएं। बांद्रा स्थित श्रमयुक्त भवन में उपायुक्त भास्कर मोर्डे, सहायक आयुक्त रोहन रुमाले, सतीश तोटावर, प्रवीण कावले, संतोष कोकट, आनंद भोसले, अविनाश वडे, राजेश जाधव मौजूद थे. कुर्ला एल वार्ड में वार्ड कमेटी में आयोजित चर्चा सत्र में सहायक आयुक्त महादेव शिंदे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. अनिल गलगली ने दोनों स्थानों पर जन सूचना अधिकारियों का मार्गदर्शन किया। जनजागृति उपभोक्ता मंच रायगढ़, पनवेल शाखा और पनवेल तालुका सेवानिवृत्त सेवक मंडल ने कांग्रेस भवन हॉल में सूचना का अधिकार दिवस पर नागरिकों का मार्गदर्शन किया। इस मौके पर केएल जाधव, बीपी म्हात्रे, सुभाष फड़के, रमेश चव्हाण, शिवदास पालकर, रत्नाकर कुलकर्णी मौजूद थे।

Monday 29 August 2022

वंदे मातरमच्या माध्यमातून सुगम आणि शास्त्रीय संगीतांचा आस्वाद घेतला रसिकांनी

एज्युकल स्पोर्ट्स फाउंडेशन तर्फे अविनाश धर्माधिकारी यांच्या संयोजन अंतर्गत विलेपार्ले येथील दीनानाथ मंगेशकर नाट्यगृहात बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय यांनी लिहिलेले गीत वंदे मातरम यावर मैफिल आयोजित करण्यात आली होती. एकाच वेळी सुगम आणि शास्त्रीय अशा दोन्ही संगीतांचा आस्वाद या मैफलीत रसिकांना घेतला.


या कार्यक्रमाच्या सुरुवातीला आमदार पराग अळवणी, एबीपी माझाचे संपादक राजीव खांडेकर, अभिनेते सचिन खेडेकर, डॉ सुधीर निरगुडकर, श्रीधर फडके, मनोज नाथानी, अनिल गलगली उपस्थित होते. शब्द मल्हारचे निरुपणकार स्वानंद बेदरकर यांनी सुरुवातीला सांगितले की वंदे मातरम् हे गीत आज सर्वत्र म्हंटले जात असले तरी ते पूर्ण म्हटले जात नाही. त्याचे फक्त पहिलेच कडवे म्हटले जाते. 

या मैफलीत संपूर्ण पाच कडव्यांचे वंदे मातरम गायले गेले आणि ते तीन वेगवेगळ्या चालींमध्ये ऐकवले. गायकीबरोबरच वेगवेगळे वाद्य आणि त्यांचा आविष्कार रसिकांनी अनुभवला. देस रागाबरोबरच नव्या दोन रागांमध्ये दोन चाली ज्ञानेश्वर कासार यांनी या गीतासाठी रचल्या असून स्वत: ज्ञानेश्वर कासार यांच्याबरोबर आशिष रानडे यांनी गायन केले. तर पं. सुभाष दसककर, अनिल दैठणकर, मोहन उपासनी, अनिल धुमाळ, उमेश खैरनार, ओंकार अपस्तंभ, ओंकार भुसारे यांनी संगीत साथ दिली. प्रकाशयोजना विनोद राठोड यांची होती.

स्वानंद बेदरकर यांचे निरुपण खूपच अभ्यासपूर्ण व प्रेरणादायी होते आणि रसिकांनी दाद दिली. आनंद मठ पासून बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय यांच्या जीवनाचा प्रवास व त्यात अनेकांच्या योगदानाचा उहापोह केला.

वंदे मातरम के माध्यम से दर्शकों ने सरल और शास्त्रीय संगीत का आनंद लिया

बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखित वंदे मातरम पर एक संगीत कार्यक्रम का आयोजन एजुकल स्पोर्ट्स फाउंडेशन द्वारा अविनाश धर्माधिकारी के समन्वय में विलेपार्ले के दीनानाथ मंगेशकर थिएटर में किया गया था। इस कॉन्सर्ट में दर्शकों ने एक साथ सुगम और शास्त्रीय संगीत दोनों का लुत्फ उठाया।

कार्यक्रम की शुरुआत में विधायक पराग अलवानी, एबीपी माझा के संपादक राजीव खांडेकर, अभिनेता सचिन खेडेकर, डॉ सुधीर निर्गुडकर, श्रीधर फड़के, मनोज नथानी, अनिल गलगली मौजूद थे. शब्द मल्हार के संगीतकार स्वानंद बेदारकर ने शुरू में कहा था कि हालांकि वंदे मातरम गीत आज हर जगह गाया जाता है, लेकिन इसे पूर्ण नहीं गाया जाता है। केवल पहली पंक्ति कहा जाती है।

इस संगीत कार्यक्रम में वंदे मातरम को पांच रागों में गाया गया और तीन अलग-अलग तरीकों में बजाया गया। गायन के साथ-साथ दर्शको ने विभिन्न संगीत वाद्ययंत्रों और उनके आविष्कारों का अनुभव किया। इस गीत के लिए देस राग के साथ, नए दो रागों में दो तरीक़े की रचना ज्ञानेश्वर कसार ने की है और इसे आशीष रानाडे ने स्वयं ज्ञानेश्वर कसार के साथ गाया है। पं. सुभाष दसक्कर, अनिल दैथंकर, मोहन उपासनी, अनिल धूमल, उमेश खैरनार, ओंकार आपस्तंभ, ओंकार भुसारे ने संगीत दिया। लाइटिंग डिजाइन विनोद राठौड़ ने किया था।

स्वानंद बेदारकर की प्रस्तुति बहुत ही अंतर्दृष्टिपूर्ण और प्रेरक थी और दर्शकों द्वारा सराहना की गई। आनंद मठ से बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के जीवन की यात्रा और उसमें अनेक लोगों के योगदान का वर्णन किया गया।

Tuesday 23 August 2022

पूर्व छात्रों ने एकत्र आकर मनाया हादगे सर का अमृतमहोत्सव

मुंबई के प्रसिद्ध कुर्ला पश्चिम वाडिया एस्टेट स्थित कराची हाईस्कूल के पूर्व शिक्षक दत्तात्रेय हादगे का अमृत महोत्सव हाल ही में आयोजित किया गया था। सभी पूर्व छात्रों ने एकत्रित आकर अमृतमहोत्सव मनाया और हादगे सर को शुभकामनाएं दीं।

कुर्ला पश्चिम के कराची हाई स्कूल सभागार में पूर्व शिक्षक दत्तात्रेय हादगे का अभिचिंतन समारोह आयोजित किया गया। दत्तात्रेय हादगे ने अमृत महोत्सव मनाने के लिए सभी का धन्यवाद किया। इस मौके पर पिता अर्जुन हादगे, पत्नी सुजाता हादगे, पूर्व मुख्याध्यापक घनश्याम पुजारी, माणिक काले मान्यवर उपस्थित थे। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकों, पूर्व शिक्षकों और पूर्व छात्रों ने श्रीनिवास सावंत के आयोजन के तहत अपनी भावनाओं को व्यक्त किया. इस अवसर पर अनिल गलगली, वजीर चांद मुल्ला, राजेंद्र मालुसरे, दिलीप गोलतकर, अनंत पालव, भालजी महाडीक, विजय खानोलकर, किशोर परब, तुकाराम थुबे, जयवंत पांचाल, उदय म्हात्रे, सुशील भोवर, रवि हाडकर, वंदना रानडे, विलास कापसे, हरीश चालके, मोहन आंबेकर और अन्य पूर्व छात्र मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन नागेश हुनवणे ने किया।

माजी विद्यार्थ्यांनी एकत्र येत साजरा केला हादगे सरांचा अमृतमहोत्सव

मुंबईतील प्रसिद्ध असे कुर्ला पश्चिम वाडीया इस्टेट येथील कराची हायस्कूलचे माजी शिक्षक दत्तात्रय हादगे यांचा अभीष्टचिंतन सोहळा नुकताच पार पडला. सर्व माजी विद्यार्थ्यांनी एकत्र येत अमृतमहोत्सव साजरा करत हादगे सरांना शुभेच्छा दिल्या.

कुर्ला पश्चिम येथील कराची हायस्कूलच्या सभागृहात माजी शिक्षक दत्तात्रय हादगे यांचा अभीष्टचिंतन सोहळा आयोजित करण्यात आला होता. दत्तात्रय हादगे यांनी अमृत महोत्सव साजरा केल्याबद्दल सर्वाचे आभार मानले. यावेळी त्यांचे वडील अर्जुन हादगे, पत्नी सुजाता हादगे, माजी मुख्याध्यापक घनश्याम पुजारी, माणिक काळे हे मान्यवर उपस्थित होते. श्रीनिवास सावंत यांच्या आयोजनाअंतर्गत शाळेतील शिक्षक, माजी शिक्षक आणि माजी विद्यार्थ्यांनी आपले मनोगत व्यक्त केली. यावेळी अनिल गलगली, वझीर चांद मुल्ला, राजेंद्र मालुसरे, दिलीप गोलतकर, अनंत पालव, भालजी महाडिक, विजय खानोलकर, किशोर परब, तुकाराम ठुबे, जयवंत पांचाळ, उदय म्हात्रे, सुशील भोवर, रवी हडकर , वंदना रानडे, विलास कापसे, हरिष चाळके, मोहन आंबेकर व अन्य माजी विद्यार्थी हजर होते. कार्यक्रमाचे संचालन नागेश हुणावणे यांनी केले.

संघर्षनगर के छात्र - छात्राओं के लिए माध्यमिक विद्यालय के लिए प्रयास करुंगी- शबाना आजमी

चांदिवली के संघर्ष नगर के 10वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं का मेधावी समारोह और करियर मार्गदर्शन समारोह का आयोजन निवारा हक सुरक्षा समिति के माध्यम से कम्युनिटी भवन किया गया.  इस कार्यक्रम में लगभग 200 छात्रों और उनके अभिभावकों ने भाग लिया. पूर्व सांसद पद्म भूषण शबाना आज़मी ने कहा कि संघर्षनगर के छात्र - छात्राओं के लिए माध्यमिक विद्यालय के लिए प्रयास करुंगी.

इस अवसर पर आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, साकीनाका थाने के पंकज परदेशम, वरिष्ठ अधिकारी उत्तम धागे, काउंसलर रामेश्वरी पाटिल, दीपक दाते ऑफ निवार, तानाजी कांबले, रामभाऊ गजकोश, विनीता स्टेफन, अनीता जाधव, शेख साहब, सोनवणे काकी, संयोजक संजय डावरे मंच पर मौजूद थे।

इस समय संघर्ष नगर की संस्थापक पूर्व सांसद पद्म भूषण शबाना आज़मी ने बताया कि संघर्ष नगर में एक प्राथमिक विद्यालय के लिए संयुक्त प्रयास किया। इसी तरह, आइए एक साथ प्रयास करें और माध्यमिक विद्यालय को शुरु किया जाए. उन्होंने सभी छात्रों को उनके भविष्य के करियर के लिए शुभकामनाएं भी दीं। उत्तीर्ण छात्रों को स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र, तुलसी के पौधे और कलम देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन निवारा हक्क सुरक्षा समिती  के समन्वयक संजय डावरे ने किया।  इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अनीता जाधव, रावण गायकवाड़, वसंत खाड़े, अशोक पाटिल, दिलीप जाधव, प्रकाश शिंदे, मिरजोलकर काका, माणिक शिंदे, सुभाष शिंदे, वीरेंद्र मिश्रा, रेखा हलदनकर, अंसारी ताई, गीता नाचरे, पाटिल ताई, गीतांजलि ताई, इमरान शेख, रमेश कांबले , श्याम कांबले, प्रकाश दाहिजे, विजय गायकवाड, भाई चौहान ने विशेष परिश्रम लिया.

Friday 8 April 2022

प्रारुप प्रभागांच्या भौगोलिक सीमा निश्चित करण्यासाठी पालिकेने खर्च केले 27.10 लाख

बृहन्मुंबई महानगर पालिकेच्या सन 2022 मध्ये होणाऱ्या सार्वत्रिक निवडणुकीसाठी तयार करण्यात आलेले भौगोलिक सीमा राज्य सरकारने रद्द केल्या आहेत. पण या प्रारुप प्रभागांच्या भौगोलिक सीमा निश्चित करण्यासाठी पालिकेने एकूण 27.10 लाख  रुपये खर्च केल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस निवडणूक कार्यालयाने दिली आहे.


आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी बृहन्मुंबई महानगरपालिकेच्या  निवडणूक कार्यालयाकडे प्रारुप प्रभागांच्या भौगोलिक सीमा निश्चित करण्यासाठी आलेल्या खर्चाची माहिती मागितली होती. निवडणूक कार्यालयाने अनिल गलगली यांस कळविले की प्रारुप प्रभागांच्या भौगोलिक सीमा निश्चित करण्यासाठी पालिकेने एकूण 27.10 लाख रुपये खर्च केले आहे. यात प्रारुप प्रभागांच्या भौगोलिक सीमा प्रसिद्ध करण्यासाठी शासकीय मुद्रण व लेखन सामग्री संचालनालय यांना 19.87 लाख रुपये इतक्या रक्कमेचे अधिदान करण्यात आले आहे. तसेच हरकती व सूचना या कार्यक्रमासाठी हॉलच्या भाड्यासाठी यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान यांना 3.97 लाख देण्यात आले आहे. अधिकारी-कर्मचारी यांच्या भोजनासाठी मेसर्स सेंट्रल कॅटरर्स यांस 1.53 लाख, व्हिडीओ शूटिंग, एलईडी स्क्रीन करिता मे. आरंभ एंटरप्रायजेसयांना 1.52 लाख रुपये, स्टेशन करिता मे. वसंत ट्रेडर्स यांना 18 हजार आणि मेसर्स विपुल यांस 189 रुपये देण्यात आले आहे.

अनिल गलगली यांच्या मते नियोजन न करता केलेला खर्च वाया गेला कारण राज्य सरकारने सीमा रद्द केल्या आणि त्यामुळे मुंबईकरांच्या करातून जमा झालेल्या पैश्यांची उधळपट्टी झाली आहे. 

मनपा ने मॉडल वार्डों की भौगोलिक सीमाओं के निर्धारण के लिए 27.10 लाख रुपये खर्च किए

राज्य सरकार ने वर्ष 2022 में मनपा के आम चुनाव के लिए खींची गई भौगोलिक सीमाओं को रद्द कर दिया है। हालांकि, चुनाव कार्यालय ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को सूचित किया है कि मनपा ने इन मॉडल वार्डों की भौगोलिक सीमाओं को निर्धारित करने के लिए कुल 27.10 लाख रुपये खर्च किए हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मनपा चुनाव कार्यालय से मॉडल वार्डों की भौगोलिक सीमाओं के सीमांकन में हुए खर्च की जानकारी मांगी थी। चुनाव कार्यालय ने अनिल गलगली को बताया कि मनपा ने मॉडल वार्डों की भौगोलिक सीमाओं के सीमांकन के लिए कुल 27.10 लाख रुपये खर्च किए हैं। मॉडल वार्डों की भौगोलिक सीमाओं के प्रकाशन हेतु शासकीय मुद्रण एवं लेखन सामग्री निदेशालय को 19.87 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है। साथ ही यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान को आपत्ति और सुझाव कार्यक्रम के लिए हॉल का किराया के तौर पर 3.97 लाख रुपए अदा किया। अधिकारी-कर्मचारी भोजन के लिए मेसर्स सेंट्रल कैटरर्स को 1.53 लाख, मेसर्स आरंभ को वीडियो शूटिंग, एलईडी स्क्रीन के लिए 1.52 लाख रु. वसंत ट्रेडर्स को 18,000 रुपये और मेसर्स विपुल को 189 रुपये अदा किए गए।

अनिल गलगली के अनुसार, अनियोजन के चलते राज्य सरकार ने सीमा को रद्द कर दिया और मुंबईकरों के टैक्स के पैसे की बर्बादी हुई।

https://fb.watch/ceGD-veG9j/

पालिकेने अनिल गलगली यांस माहिती अधिकार कायदा अंतर्गत दिलेले उत्तर

Monday 28 March 2022

परिचारिकांना न्याय मिळवून देण्यासाठी समाजाने पुढाकार घ्यावा- अनिल गलगली

परिचारिकांना न्याय मिळवून देण्यासाठी समाजाने पुढाकार घ्यावा- अनिल गलगली

केईएम नर्सेस वेलफेयर सोसायटीचे वार्षिक स्नेह संमेलन

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी परिचारिका समुदायाचे सार्वजनिक आभार मानत प्रतिपादन केले की कोरोना काळात डॉक्टरांच्या बरोबरीने परिचारिका यांनी केलेल्या अतुलनीय कामगिरी बजावली आणि त्यामुळे नागरिकांना दिलासा मिळाला. अश्या परिचारिका यांना सर्व स्तरावर न्याय मिळवून देण्यासाठी समाजाने पुढाकार घेणे आवश्यक आहे.

केईएम नर्सेस वेलफेयर सोसायटी २०२२ च्या कार्यकारिणीने केईएम परिचारिका इमारत परिसरात वार्षिक स्नेह संमेलनाचे आयोजन केले होते. प्रमुख पाहुणे म्हणून आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांना निमंत्रित करण्यात आले होते. परिचारिकेच्या कार्याबद्दल त्यांनी आदर व्यक्त करत भविष्यात त्यांना येणा-या अडचणी या प्रशासनापर्यंत पोहचवून सकारात्मक निराकरण करणार असल्याचे मनोगत व्यक्त केले. रूग्ण मित्र विनोद साडविलकर यांनी केईएमच्या परिचारिकेच्या सहकार्याने गरीब गरजू रुग्णांना मदत होत असल्याबाबत कृतज्ञता व्यक्त केली.

वार्षिक स्नेहसंमेलनास मेट्रन प्रतिमा नाईक, सिस्टर इंचार्ज मेघना गांगुर्डे, असिस्टंट मेट्रन लता कांबळे, सिस्टर इन्चार्ज रिध्दी राणे, वाॅर्ड असिस्टंट रविंद्र वरखडे, सिस्टर ट्यूटर ज्योत्सना जाधव, सिस्टर इन्चार्ज श्वेता परब, निलीमा शिंदे, स्टाफ नर्स श्रुती गमरे, सायली माने, स्नेहा पाटील, प्रज्ञा देसक व सहकारी परिचारिका यांनी विविध कलागुणांचे सादरीकरण उत्तमरित्या केले. मेट्रन प्रतिमा नाईक यांनी अनिल गलगली व विनोद साडविलकर यांचा स्मृतीचिन्ह देऊन सन्मान केला. याप्रसंगी सर्व परिचारिकांनी नृत्य, गाणी अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमाचे सुरेख आयोजन केले.

#अनिलगलगली #मुंबई2022 #KEMHospital #केईएमरुग्णालय #परिचारिका #नर्स #वार्षिकस्नेहसंमेलन

https://www.facebook.com/764999096874209/posts/7395554467151939/


Tuesday 22 March 2022

125 मंडलों ने मिलकर कुर्ला में मनाई शिव जयंती

कुर्लेकर ने ' एक हुए कुर्लेकर एक शिवजयंती सर्वत्र' घोषित कर वर्ष 2019 से उसी दिन यानी फाल्गुन वद्य तृतीया को शिव जयंती मनाने का फैसला किया। कुर्ला में 125 सार्वजनिक मंडल, संगठन, राजनीतिक दल एक साथ आए और एक साथ जुलूस निकाला गया। वर्ष 2019, वर्ष 2020 में भव्य तरीके से शोभायात्रा निकाली गई। लेकिन वर्ष 2021 में कोरोना संकट के कारण कोई भव्य जुलूस नहीं निकला। लेकिन इस साल कुर्लेकर ने एक साथ आकर शिव जयंती को भव्य जुलूस के साथ मनाया। इस साल का उत्साह कुछ अलग था। ढोल, पारंपरिक हल्गी वाद्ययंत्र, श्रीकृष्ण क्रीड़ा मंडल की लड़कियों की लेज़िम मंडली, शिव-युग के हथियारों का प्रदर्शन, छत्रपति शिवाजी महाराज और मावला बने कलाकारों ने सभी का ध्यान खींचा। इस जुलूस में शिवराय की पालकी का कुर्ला के हर स्थान पर स्वागत किया गया। इस जुलूस में कुल 5000 नागरिक मौजूद थे।

इस जुलूस में पारंपरिक वेशभूषा में महिलाओं ने श्री सर्वेश्वर मंदिर में शिवराय का झूला का प्रदर्शन किया। पुलिस उपायुक्त प्रणव अशोक ने छत्रपति शिवाजी महाराज का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस मौके पर विधायक मंगेश कुडालकर, सूचना अधिकार कार्यकर्ता अनिल गलगली, पूर्व नगरसेविका डॉ अनुराधा पेडणेकर, मनोज नाथानी, छत्रपती शिवाजी महाराज जन्मोत्सव समिती के उमेश गायकवाड, गणेश चिकणे, दिलीप सराटे, भानुदास गाडे, अजय बालू यादव, किरण सुर्वे, किशोर सोनावणे, अजय शुक्ला, किरण दामले के साथ सभी राजनीतिक दल, मंडल के पदाधिकारी की उपस्थिती थी। इस भव्य दिव्य जुलूस में कुर्लेकरों में उत्साह का माहौल बन गया था।

125 मंडळांनी एकत्र येऊन कुर्ल्यात साजरी झाली तिथीनुसार शिवजयंती

'झाले कुर्लेकर एकत्र एकच शिवजयंती सर्वत्र' अशी घोषणा करून कुर्लेकरांनी सन 2019 सालापासून शिवजयंती एकाच दिवशी म्हणजे फाल्गुन वद्य तृतीयेला साजरी करण्याचे ठरवले. कुर्ल्यातील 125 सार्वजनिक मंडळे , संस्था, राजकीय पक्ष एकत्र आले आणि एकत्रित मिरवणूक काढण्यास सुरुवात केली. सन 2019, सन 2020 अशा दोन वर्षी भव्य स्वरूपात मिरवणूक काढण्यात आली होती. परंतु सन 2021 साली कोरोनाच्या संकटामुळे भव्य मिरवणूक होऊ शकली नाही. परंतु यंदाच्या वर्षी कुर्लेकरांनी एकत्रित येऊन भव्य दिव्य अशी मिरवणूक काढून शिवजयंती साजरी केली. यंदाचा जल्लोष काही वेगळाच होता. ढोल ताशे, पारंपरिक हलगी वादन, श्रीकृष्ण क्रीडा मंडळाच्या मुलींचे लेझीम पथक, शिवकालीन शस्त्रकला प्रात्यक्षिके, छत्रपती शिवराय व मावळयांच्या वेशात कलाकार यांनी सर्वांचे लक्ष्य वेधून घेतले. या मिरवणुकीतील शिवरायांच्या पालखीचे प्रत्येक मंडळ स्थानी जल्लोषात करण्यात आले. या मिरवणुकीत एकूण 5000 नागरिक बंधू भगिनी उपस्थित होते.

या मिरवणुकीत श्री सर्वेश्वर मंदिरात महिलांनी पारंपरिक वेशभूषा परिधान करून शिवरायांचा पाळणा सादर केला. पोलिस उपायुक्त प्रणव अशोक यांनी छत्रपती शिवरायांना हार घालून स्वागत केले., याप्रसंगी आमदार मंगेश कुडाळकर, माहिती अधिकार कार्यकर्ते अनिल गलगली, माजी नगरसेविका डॉ अनुराधा पेडणेकर, मनोज नाथानी, छत्रपती शिवाजी महाराज जन्मोत्सव सोहळा समितीचे उमेश गायकवाड, गणेश चिकणे, दिलीप सराटे, भानुदास गाडे, अजय बाळू यादव, किरण सुर्वे, किशोर सोनावणे, अजय शुक्ला, किरण दामले तसेच सर्व राजकीय पक्षांचे आणि मंडळांचे पदाधिकारी यांची उपस्थिती होती. या भव्यदिव्य मिरवणुकीने कुर्लेकरांमध्ये उत्साहाचे व जल्लोषाचे वातावरण निर्माण झाले आहे.

Shiva Jayanti was celebrated in Kurla by 125 Mandal's

Kurlekar decided to celebrate Shiva Jayanti on the same day i.e. Falgun Vadya Tritiya from the year 2019 by announcing that 'Kurlekar together, one Shiva Jayanti is everywhere'. 125 local Mandal's, NGO, political parties in Kurla came together and started marching together. In the year 2019, the year 2020, the procession was taken out in a grand manner. But the Corona crisis in 2021 did not lead to a grand procession. But this year, Kurlekar came together and celebrated Shiva Jayanti with a grand procession. This year's Celebration was something different. Drums, traditional halgi instruments, lezim troupe of Shrikrishna Krida Mandal girls, Shiva-era weapons demonstrations, performers in the guise of Chhatrapati Shivaji and Mavala captured everyone's attention. In this procession, every spot procession welcome By local Resident. A total of 5000 Resident were present in the procession.

In this procession, women in traditional attire performed Shivaraya in the Sarveshwar temple. Deputy Commissioner of Police Pranab Ashok welcomed Chhatrapati Shivaji Maharaj with a garland. On this occasion MLA Mangesh Kudalkar, RTI activist Anil Galgali, former corporator Dr. Anuradha Pednekar, Manoj Nathani, Umesh Gaikwad of Chhatrapati Shivaji Maharaj Janmotsav Sohla Samiti, Ganesh Chikne, Dilip Sarate, Bhanudas Gade, Ajay Balu Yadav, Kiran Surve, Kishore Sonawane, Ajay Shukla , Kiran Damle as well as office bearers of all political parties and circles were present. This magnificent procession has created an atmosphere of excitement and elation in Kurlekar.

Monday 21 March 2022

समाज को दिशा देनेवाले ग्रंथालय कर्मियों की मांग पर सरकार उदासीन- अनिल गलगली

मुंबई के आझाद मैदान में महाराष्ट्र राज्य ग्रंथालय संघ की ओर से विभिन्न मांग को लेकर किया गया आंदोलन को समर्थन देते हुए आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि समाज को दिशा देनेवाले ग्रंथालय कर्मियों की मांग पर सरकार उदासीन हैं.

आजाद मैदान में महाराष्ट्र राज्य ग्रंथालय संघ की ओर से विभिन्न मांग को लेकर आंदोलन चल रहा हैं. आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि वर्ष 2012 से नई मान्यता नहीं दी गई हैं और कार्यरत ग्रंथालय की अवस्था दयनीय हैं. राज्य के उच्च व तंत्र शिक्षा विभाग आखिर क्या करता हैं ? ऐसा सवाल करते हुए गलगली ने कहा कि खास ऐसे मुंबई मराठी ग्रंथ संग्रहालय को 5 करोड़ का अनुदान दिया जाता हैं और ग्रामीण क्षेत्र के ग्रंथालय की ओर सरकार का ध्यान नहीं हैं. ग्रंथालय सेवकों की अनंत समस्याएं हैं. उस ओर ताबड़तोड़ ध्यान देने की आवश्यकता हैं. गलगली ने आगे कहा कि शिक्षा क्षेत्र में ग्रंथालय हैं लेकिन ग्रंथपाल ही नहीं हैं, ऐसी भयानक परिस्थिती हैं. पढ़ने की संस्कृती का दावा करनेवाली सरकार ईमानदारी से काम करनेवाले कर्मचारियों को किंमत नहीं दे रही हैं,यह खेदजनक हैं. इस मौके पर डॉ गजानन कोटेवार, डॉ दत्ता परदेशी, एड प्रवीण पाटील, सुनील कुबल, डॉ कृष्णा नाईक, अनिल सोनावणे, डॉ राजशेखर वालेकर, प्रमोद खानोलकर आदी उपस्थित थे.
महाराष्ट्र राज्य ग्रंथालय संघ के आंदोलन को अनिल गलगली का खुला समर्थन

समाजाला दिशा देणा-या ग्रंथालय कर्मचाऱ्यांच्या मागण्यांबाबत सरकार उदासीन- अनिल गलगली

मुंबई येथील आझाद मैदानात महाराष्ट्र राज्य ग्रंथालय संघाच्या वतीने विविध मागण्यांसाठी सुरु असलेल्या आंदोलनास पाठिंबा दर्शवित आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी प्रतिपादन केले की समाजाला दिशा देणा-या ग्रंथालय कर्मचाऱ्यांच्या मागण्यांबाबत सरकार उदासीन आहे. 

आझाद मैदान येथे महाराष्ट्र राज्य ग्रंथालय संघाच्या वतीने विविध मागण्यांसाठी आंदोलन सुरु आहे. आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली म्हणाले की वर्ष 2012 पासून नवीन मान्यता दिली नसून अस्तित्वात असलेल्या ग्रंथालयाची अवस्था बिकट आहे. राज्याचे उच्च व तंत्र शिक्षण खाते नेमके काय करत आहे? असा सवाल करत गलगली म्हणाले की विशिष्ट असे मुंबई मराठी ग्रंथ संग्रहालयाला 5 कोटींचे अनुदान दिले जाते आणि ग्रामीण भागातील ग्रंथालयाकडे शासनाचे दुर्लक्ष होत आहे. ग्रंथालय सेवकांचे अनंत प्रश्न आहे त्याकडे तत्काळ लक्ष देणे गरजेचे आहे. गलगली पुढे म्हणाले की शिक्षण क्षेत्रात ग्रंथालय आहेत पण ग्रंथपालच नाही अशी दारुण परिस्थिती आहे.  वाचन संस्कृतीच्या बाता करणारे शासन ते काम प्रामाणिकपणे काम करणाऱ्या कर्मचाऱ्यांना वा-यांवर सोडत आहे, ही चिंताजनक बाब आहे. यावेळी डॉ गजानन कोटेवार, डॉ दत्ता परदेशी, एड प्रवीण पाटील, सुनील कुबल, डॉ कृष्णा नाईक, अनिल सोनावणे, डॉ राजशेखर वालेकर, प्रमोद खानोलकर आदी उपस्थित होते.

Thursday 17 March 2022

267 करोड़ के 19 में से 17 ऑक्सिजन प्लांट समय पर बिठाने में मनपा अधिकारी और ठेकेदार फेल

कोरोना समय में विवादित ऑक्सिजन प्लांट के टेंडर में हुई अनियमितता और अधिक मूल्य देने का आरोप लगाया गया था। बड़ा दावा कर मुंबई में बिठाया गया 267 करोड़ के मूल्य के 19 में से 17 ऑक्सिजन प्लांट का काम समय अवधि तक पूर्ण करने में ठेकेदार और उनके सरंक्षक अधिकारी फेल होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को उपलब्ध हुए जवाब से सामने आई हैं वही दूसरीओर कुछ कार्रवाई करने के नाम पर ठेकेदारों को सिर्फ 4.07 करोड़ का नाममात्र जुर्माना लगाकर अभय देने का काम हुआ हैं। 


आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई मनपा से मुंबई में बिठाए गए ऑक्सिजन प्लांट की जानकारी मांगी थी। मनपा के यांत्रिकी व विद्युत विभाग के कार्यकारी अभियंता शाम भारती ने अनिल गलगली को 19 प्लांट की जानकारी दी हैं इसमें से 17 ऑक्सिजन प्लांट का निर्माण काम समय पर पूर्ण नहीं किया गया। इस 19 में से 12 काम मेसर्स हायवे कन्स्ट्रक्शन कंपनी को वहीं 7 काम यह मेसर्स जीएसएन असोसिएट को दिया गया हैं। 

मुंबई महानगरपालिका ने पहिले चरण में मेसर्स हायवे कन्स्ट्रक्शन कंपनी को 9 स्थानों पर  22,790 एलपीएम प्लांट का निर्माण करने के लिए 25 जून 2021 को कार्यादेश जारी किया गया जिसकी किंमत 77.15 करोड़ इतनी हैं। सभी काम की अवधि  30 दिन की थी। वीएन देसाई, बीडीबीए, कस्तुरबा, नायर, कूपर और केईएम में प्लांट 19 अगस्त 2021 को पूर्ण किया गया और 20 अगस्त 2021 को कुर्ला भाभा, 25 अगस्त 2021 को सायन वहीं 26 अगस्त 2021 को जीटीबी में काम पूर्ण किया गया। इसमें 3.06 करोड़ का जुर्माना लगाया गया। इस कारवाई को ठेकेदार ने चुनौती दी हैं। 

पहिले चरण में पूरी तरह फेल होने के बाद असफल साबित हुए मेसर्स हायवे कन्स्ट्रक्शन कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने के बजाय मनपा ने मेहरबान होकर दूसरे चरण में और 59.36 करोड़ का नया काम का कार्यादेश 27 सप्टेंबर 2021 को जारी किया गया। इसमें 19,760 एलपीएम प्लांट निर्माण का काम था। दहिसर और ऑक्टय नाके का काम समय पर पूरा किया गया लेकिन केजे सोमय्या स्थित काम 12 दिन की देरी से पूरा किया गया। 

तीसरा चरण इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि प्रोजेक्ट की किंमत यह 130.86 करोड़ इतनी हैं जिसमें 43,500 एलपीएम प्लांट का निर्माण करने का काम यह मेसर्स जीएसएन असोसिएटस को दिया गया। कार्यादेश 27 सितंबर 2021 को जारी किया गया लेकिन एक भी काम निश्चित अवधि में पूरा नहीं किया गया। 12 से 86 दिन की देरी से हुई लेकिन इसमें ठेकेदार को मनपा अधिकारियों ने बचाने का काम करते हुए सिर्फ 1.04 करोड़ का जुर्माना लगाया गया। इसमें बीकेसी फेज 1, बीकेसी फेज 2, नेस्को, दहिसर चेकनाका, भायखला और मुलुंड का रिचर्डसन अँड कृडस वहीं कांजूरमार्ग को लेकर 7 स्थान हैं।

पहिले चरण में 30 दिन यह काम को पूरा करने की समय अवधि थी जिसे दुसरे और तीसरे चरण में बढ़ाकर 45 दिन किया गया। इस खेल में ठेकेदार को मदद करने के बावजूद 8 काम यह अवधि बढ़ाकर देने के बाद भी समय पर पूरे नहीं हो पाए। काम जो समय में पूरे नहीं हो पाए उसके लिए जो खुलासा किया गया वह समझ से परे हैं। इसमें बड़ी बारिश और बिजली आपूर्ति को आगे किया गया है। एक स्थान पर प्लांट निर्माण के लिए मौजूदा घरों का निष्कासन न होने का कारण दिया गया हैं।

अनिल गलगली का कहना हैं कि ऑक्सिजन प्लांट टेंडर तैयार करते वक्त बाजारमूल्य से अधिक किंमत उल्लेखित करने से मनपा को 100 करोड़ से अधिक का घाटा हुआ हैं। अनुभव न होते हुए भी जिन ठेकेदारों को काम दिया गया उनपर मामूली जुर्माना लगाकर मनपा अधिकारी अपनी गलतियों को छिपाने का काम कर रहे हैं। इसलिए बाद में ठेकेदार को मदद करने के लिए पहले जो समय अवधि 30 दिन की थी उसे बढ़ाकर 45 दिन किया गया इसके बाद भी काम समय पर पूरा नहीं हो पाया। इस काम में जूनियर से लेकर सीनियर अधिकारियों ने किस उद्देश्य से नजरअंदाजी की इसकी जांच होनी चाहिए। जुर्माना सिर्फ ठेकेदार को लगाया गया हैं जबकी सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी निश्चित कर कारवाई करने की मांग अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मनपा आयुक्त को भेजे हुए पत्र में की हैं।

267 कोटींचे 19 पैकी 17 ऑक्सिजन प्लांट वेळेत पूर्ण करण्यात पालिका अधिकारी व कंत्राटदार अपयशी

कोरोना काळात वादग्रस्त ठरलेल्या ऑक्सिजन प्लांट निविदेत अनियमितता आणि अधिक मूल्य देण्याचा आरोप करण्यात आला होता. मोठमोठे दावे करत मुंबईत उभारलेल्या 267 कोटींचे 19 पैकी 17 ऑक्सिजन प्लांट वेळेत पूर्ण करण्यात कंत्राटदार आणि त्यांचे पाठीराखे अधिकारी वर्गास अपयश आल्याची धक्कादायक माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस उपलब्ध करुन देण्यात आलेल्या माहितीतून समोर आली आहे तर काहीतरी कारवाई करण्याच्या हेतुने कंत्राटदारांवर फक्त 4.07 कोटींचा शुल्लक दंड आकारत अभय देण्यात आले आहे.


आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी बृहन्मुंबई महानगरपालिकेकडे मुंबईत उभारण्यात आलेल्या ऑक्सिजन प्लांटची माहिती विचारली होती. पालिकेच्या यांत्रिकी व विद्युत खात्याचे कार्यकारी अभियंता शाम भारती यांनी अनिल गलगली यांस 19 प्लांटची माहिती दिली आहे त्यापैकी एकाही ऑक्सिजन प्लांटचे काम वेळेत पूर्ण करण्यात आले नाही. या 19 पैकी 12 कामे मेसर्स हायवे कन्स्ट्रक्शन कंपनीस तर 7 कामे ही मेसर्स जीएसएन असोसिएटसला देण्यात आली आहेत. 

पहिल्या टप्प्यात 77.15 कोटींचे काम

बृहन्मुंबई महानगरपालिकेने पहिल्या टप्प्यात मेसर्स हायवे कन्स्ट्रक्शन कंपनीस 9 ठिकाणी 22,790 एलपीएम प्लांट उभारणी करण्यासाठी 25 जून 2021 रोजी कार्यादेश जारी केले ज्याची एकूण किंमत 77.15 कोटी इतकी होती. सर्व कामांची मुदत 30 दिवस होती. व्हीएन देसाई, बीडीबीए, कस्तुरबा, नायर, कूपर आणि केईएम येथील प्लांट 19 ऑगस्ट 2021 रोजी पूर्ण करण्यात आले आणि 20 ऑगस्ट रोजी कुर्ला भाभा, 25 ऑगस्ट रोजी सायन तर 26 ऑगस्ट रोजी जीटीबी येथील काम पूर्ण करण्यात आले. यात 3.06 कोटींचा दंड आकारण्यात आला असून या कारवाईला कंत्राटदाराने आव्हान दिले आहे.

दुसऱ्या टप्पा 59.36 कोटींचा 

पहिल्या टप्प्यात अपयशी ठरलेल्या मेसर्स हायवे कन्स्ट्रक्शन कंपनीस काळया यादीत टाकण्याऐवजी पालिकेने उदार होत दुसऱ्या टप्प्यात 59.36 कोटींचे नवीन कामाचे कार्यादेश 27 सप्टेंबर 2021 रोजी जारी केले. यात 19,760 एलपीएम प्लांट उभारणी करण्याचे काम होते. दहिसर आणि ऑकंट्रोई नाक्यावरील काम वेळेत पूर्ण झाले पण केजे सोमय्या येथील काम 12 दिवसांच्या विलंबाने पूर्ण करण्यात आले. 

तिसरा टप्पा 130.86 कोटींचा 

तिसरा टप्पा यासाठी महत्वाचा आहे कारण प्रकल्पाची किंमत ही 130.86 कोटी इतकी असून यात 43,500 एलपीएम प्लांट उभारणी करण्याचे काम हे मेसर्स जीएसएन असोसिएटसला देण्यात आली. कार्यादेश 27 सप्टेंबर 2021 रोजी काढण्यात आले पण एकही काम मुदतीत पूर्ण करण्यात आले नाही. 12 ते 86 दिवसांचा विलंब झाला पण यात कंत्राटदारांस पालिका अधिकारी वर्गानी वाचवले आणि फक्त 1.04 कोटींचा दंड आकारला. यात बीकेसी फेज 1, बीकेसी फेज 2, नेस्को, दहिसर चेकनाका, भायखळा आणि मुलुंड येथील रिचर्डसन अँड कृडस तसेच कांजूरमार्ग येथील 7 ठिकाणे आहेत.

कामाची मुदत कशी वाढविली?

पहिल्या टप्प्यात 30 दिवसांची मुदत ही दुसऱ्या आणि तिसऱ्या टप्प्यात वाढवित 45 दिवस करण्यात आली. यात कंत्राटदारांना झुकते माप देण्यात आले तरीही 8 कामे ही अधिक दिवस वाढवूनही पूर्ण करण्यात आली नाही. काम मुदतीत न करण्यामागे जी कारणे दिली आहेत ती न पटण्याजोगी असून यात मोठा पाऊस आणि नसलेला वीज पुरवठा ही समाविष्ट करण्यात आली आहेत तर एका ठिकाणी प्लांट बांधण्यासाठी अस्तित्वात असलेल्या खोल्यांचे निष्कासन न होण्याचे कारण दिले आहे.

अनिल गलगली यांच्या मते ऑक्सिजन प्लांट निविदा तयार करताना बाजारमूल्य पेक्षा अवाढव्य किंमत नमूद करण्यात आली त्यामुळे पालिकेस 100 कोटींचे नुकसान झाले आहे. अनुभव नसतांनाही ज्या कंत्राटदारांस काम दिले त्यास दंड आकारत पालिका अधिकारी आपल्या चुकांवर पांघरूण घालत आहे. कंत्राटदारांस मदत करण्यासाठी आधी 30 दिवसांची असलेल्या मुदतीत 45 दिवस करण्यात आले त्यानंतरही कामे वेळेत पूर्ण करण्यात आली नाही. यात कामांत कनिष्ठ ते वरिष्ठ अधिकारी यांनी कोणत्या प्रयोजनाने दुर्लक्ष केले याची चौकशी करणे आवश्यक आहे तसेच दंड फक्त कंत्राटदार यांस आकारला गेला असून सर्व अधिकार वर्गाची जबाबदारी निश्चित करत त्यांच्यावरही कारवाई करण्यात यावी, अशी मागणी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आणि पालिका आयुक्तांना लिहिलेल्या पत्रात गलगली यांनी केली आहे.

Friday 28 January 2022

सरकार ने विधान परिषद के सदस्यों की राज्यपाल को भेजी गई 12 व्यक्तियों की सूची देने से इंकार कर दिया

एक ओर राजभवन स्थित राज्यपाल सचिवालय विधान परिषद के लिए प्राप्त 12 सदस्यों की सूची उपलब्ध नहीं कराता है। उधर, महाराष्ट्र सरकार ने विधान परिषद के 12 सदस्यों की सूची राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजी है, वह सूची समेत अन्य जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को देने को तैयार नहीं हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली कई महीनों से इस सूची की मांग कर रहे हैं। लेकिन दुर्भाग्य से न तो राज्यपाल सचिवालय और न ही महाराष्ट्र सरकार सूची देने को तैयार है। अनिल गलगली ने राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्यपाल द्वारा मनोनीत 12 विधान परिषद सदस्यों के लिए स्वीकृत प्रस्ताव एवं प्रस्ताव की जानकारी मुख्य सचिव कार्यालय से मांगी थी। मुख्य सचिव कार्यालय ने गलगली के आवेदन को संसदीय कार्य विभाग को अग्रेषित कर दिया। इस विभाग के कक्ष अधिकारी टी. एन शिखरामे ने अनिल गलगली को बताया कि धारा 8(1) के तहत जानकारी उपलब्ध नहीं करायी जा सकती क्योंकि मामला अभी पूरा नहीं हुआ है.

अनिल गलगली के मुताबिक विधान परिषद के सदस्यों की नियुक्ति और भेजी गई सूची देने से राज्यपाल सचिवालय और महाराष्ट्र सरकार इन दोनों की ओर से टालमटोल की जा रही है। महाराष्ट्र सरकार को ईमानदारी से इस सूची को जनता के लिए उपलब्ध कराना चाहिए। इसमें आख़िर समस्या क्या है? इसका खुलासा हो जाएगा।

राज्यपालांकडे विधानपरिषद सदस्यांसाठी मंजुरीसाठी पाठविलेल्या 12 जणांची यादी देण्यास शासनाचा नकार

एकीकडे राजभवन येथील राज्यपालाचे सचिवालय विधानपरिषद सदस्यांसाठी प्राप्त 12 जणांची यादी देत नाही तर दुसरीकडे ज्या महाराष्ट्र शासनाने राज्यपालांकडे विधानपरिषद सदस्यांसाठी 12 जणांची यादी मंजुरीसाठी पाठविलेली आहे ते ही यादी सहित माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस आता  देण्यास तयार नाही.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली हे कित्येक महिन्यापासून त्या यादीची मागणी करत आहे. परंतु दुर्दैवाने यादी देण्यास ना राज्यपाल सचिवालय तयार आहे ना महाराष्ट्र शासन. अनिल गलगली यांनी मुख्य सचिव कार्यालयाकडे राज्य मंत्रिमंडळ बैठकीत राज्यपाल नामित 12 विधानपरिषद सदस्यांसाठी मंजूर करण्यात आलेला प्रस्ताव आणि ठरावाची माहिती मागितली होती. मुख्य सचिव कार्यालयाने गलगली यांचा अर्ज संसदीय कार्य विभागाकडे हस्तांतरित केला. या विभागाचे कक्ष अधिकारी टी. एन. शिखरामे यांनी अनिल गलगली यांस कळविले की अद्यापही प्रकरण पूर्ण व समाप्त झाले नसल्याने ही माहिती कलम 8(1) अनुसार उपलब्ध करुन देता येत नाही. 

अनिल गलगली यांच्या मते विधानपरिषद सदस्य नेमणूक आणि पाठविलेल्या यादी बाबत दोन्हीकडून टाळाटाळ केली जात आहे. महाराष्ट्र शासनाने प्रामाणिकपणे ही यादी जनतेस उपलब्ध करुन देणे आवश्यक आहे. यामुळे नेमकी अडचण काय आहे? याचा खुलासा होईल.