Monday 6 August 2018

धीरुभाई अंबानी अस्पताल का सरकार को पेश की गई रिपोर्ट देने से इनकार  

रायगड के लोधीवली स्थित धीरुभाई अंबानी अस्पताल के खिलाफ शिकायत आने के बाद आरोग्य सेवा मंडल ने दौरा कर सरकार को सौंपी हुई रिपोर्ट उप निदेशक,आरोग्य सेवा,मुंबई मंडल ने देने से इनकार किया हैं.अस्पताल की जानकारी सार्वजनिक क्रियाकलाप से न जुड़ी होने का दावा करते हुुुए महाराष्ट्र सरकार नर अपरोक्ष तऱीके से धीरुभाई अंबानी अस्पताल में सुरु धांधली का समर्थन किया हैं.

रायगड के लोधीवली स्थित धीरुभाई अंबानी अस्पताल के खिलाफ आई हुई शिकायत के बाद डॉ रत्ना रावखंडे, उपनिदेशक, आरोग्य सेवा मंडल ने 22 दिसंबर 2017 को अस्पताल का दौरा करते हुए उसकी रिपोर्ट सरकार को पेश की. आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने इसी रिपोर्ट की कॉपी मांगने पर उपनिदेशक,आरोग्य सेवा मंडल के मुख्य प्रशासकीय अधिकारी महेश बोडले ने अनिल गलगली को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 8 (त्र) के अंतर्गत जानकारी देने से इनकार किया.

सूचना का अधिकार, 2005 की धारा 8 (त्र) में उल्लेख है कि इस अधिनियम में निहित कोई बात के होते हुए भी किसी नागरिक को ऐसी सूचना देने में कोई बाधा नहीं होगी जिसका व्यक्तिगत सूचना से संबंध हो, जिसके प्रकटन का किसी सार्वजनिक क्रियाकलाप या हित से कोई नाता ना हो या जिससे व्यक्ति विशेष की निजता का अनाधिकृत रूप से हस्तक्षेप होता हो, जब तक केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी या राज्य जन सूचना अधिकारी या अपीलीय प्राधिकारी जैसी भी स्थिति हो संतुष्ट नहीं हो जाता है कि बड़े जनहित में ऐसी सूचना का प्रकटन न्‍यायोचित है परन्तु यह तब जबकि सूचना को संसद या किसी राज्य विधान सभा को नकारा ना जा सकता होए तो किसी व्‍यक्ति को भी नहीं नकारा जाएगा. सूचना देने में कोई बाधा नहीं होगी जिसका व्यक्तिगत सूचना से संबंध हो, जिसके प्रकटन का किसी सार्वजनिक क्रियाकलाप या हित से कोई नाता ना हो या जिससे व्यक्ति विशेष की निजता का अनाधिकृत रूप से हस्तक्षेप होता हो, जब तक केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी या राज्य जन सूचना अधिकारी या अपीलीय प्राधिकारी जैसी भी स्थिति हो संतुष्ट नहीं हो जाता है कि बड़े जनहित में ऐसी सूचना का प्रकटन न्‍यायोचित है परन्तु यह तब जबकि सूचना को संसद या किसी राज्य विधान सभा को नकारा ना जा सकता होए तो किसी व्‍यक्ति को भी नहीं नकारा जाएगा.

अनिल गलगली के अनुसार लोधीवली के धीरुभाई अंबानी अस्पताल के खिलाफ शिकायत बढ़ने के बाद भी सरकारी स्तर पर कार्रवाई नहीं हो रही हैं और रिपोर्ट को गत 7 महीने से छिपाया जा रहा हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और आरोग्य मंत्री डॉ दीपक सावंत को पत्र भेजकर यह रिपोर्ट ताबड़तोड़ सार्वजनिक करते हुए रिपोर्ट की जानकारी न देनेवाले मुख्य प्रशासकीय अधिकारी पर कार्रवाई करने की मांग की हैं. यह रिपोर्ट पेश होते ही निर्णय लेते हुए कार्रवाई करना आवश्यक होते हुए आखिर इस रिपोर्ट में ऐसी कौनसी जानकारी छिपी हैं? यह सवाल करते हुए गलगली ने कहा कि इस रिपोर्ट को सरकार स्वयंस्फूर्त होकर प्रकाशित करे.

धीरुभाई अंबानी हॉस्पिटलचा शासनास सादर केलेला अहवाल देण्यास नकार 

रायगड येथील लोधीवली मधील धीरुभाई अंबानी हॉस्पिटल बाबतीत आलेल्या तक्रारीनंतर आरोग्य सेवा मंडळाने भेट देत शासनास सादर केलेला अहवाल उपसंचालक, आरोग्य सेवा, मुंबई मंडळाने देण्यास नकार दिला आहे. हॉस्पिटलची माहिती व्यापक नसल्याचा दावा करत महाराष्ट्र शासन अप्रत्यक्षपणे अंबानी हॉस्पिटलमध्ये सुरु असलेल्या सावळागोंधळाचे समर्थन करत असल्याचे दिसून येत आहेत.

रायगड येथील लोधीवली मधील धीरुभाई अंबानी हॉस्पिटल बाबतीत आलेल्या तक्रारीनंतर डॉ रत्ना रावखंडे, उपसंचालक, आरोग्य सेवा मंडळ यांनी 22 डिसेंबर 2017 रोजी हॉस्पिटलला भेट देत शासनास अहवाल सादर केला आहे. आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली या अहवालाची प्रत मागितली असता उपसंचालक, आरोग्य सेवा मंडळाचे मुख्य प्रशासकीय अधिकारी महेश बोडले यांनी अनिल गलगली यांस कळविले की माहितीचा अधिकार अधिनियम, 2005 चे कलम 8 (त्र) अंतर्गत माहिती देण्यास नकार दिला आहे. माहितीचा अधिकार अधिनियम, 2005 चे कलम 8 (त्र) असे नमूद केले आहे की जी माहिती प्रकट करणे हे व्यापक लोकहिताच्या दृष्टीने आवश्यक आहे अशी, यथास्थिति, जन माहिती अधिका-यांची किंवा अपील प्राधिका-यांची खात्री पटली असेल, त्या खेरीज, जी प्रकट करण्याचा कोणत्याही सार्वजनिक कामकाजाशी किंवा हितसंबंधाशी काहीही संबंध नाही किंवा जी व्यक्तीच्या खाजगी बाबीत आगंतुक हस्तक्षेप करील, अशी वैयक्तिक तपशीलासंबंधातील माहिती: परंतु, जी माहिती संसदेला किंवा राज्य विधानमंडळाला देण्यास नकार देता येणार नाही, ती माहिती कोणत्याही व्यक्तीला देण्यासही नकार देता येणार नाही.

अनिल गलगली यांच्या मते लोधीवली येथील धीरुभाई अंबानी हॉस्पिटलच्या बाबतीत तक्रारी वाढत असून शासन स्तरावर कार्यवाही केली जात नाही आणि भेटीचा अहवाल गेल्या 7 महिन्यापासून दडपला जात आहे. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आणि डॉ दीपक सावंत यांस पत्र पाठवून मागणी केली आहे की असा अहवाल ताबडतोब सार्वजनिक करत अहवाल देण्यास नकार देणाऱ्या मुख्य प्रशासकीय अधिकारी यांस वर कार्यवाही करावी. असे अहवाल सादर होताच निर्णय घेत कार्यवाही करणे अपेक्षित असून नेमके या अहवालात काय दडले आहे? याची माहिती शासनाने स्वतःहून प्रकटीकरण करण्याची आवश्यकता आहे.

Refusal to Give Copy of Report Submitted to the Government of Dhirubhai Ambani Hospital

The office of Deputy Director Health Services, Thane Division, Government of Maharashtra, has refused to provide the 22 December, 2017, inspection visit report to RTI Activist Anil Galgali stating that it is not comprehensive. A very serious matter as it seems to be an attempt  clearly not only to shield but indirectly support rampant corrupt practices by Government inaction.

Dr.Ratna Raokhande, Deputy Director Health, Thane Division had submitted her inspection visit report to the Government of Maharashtra. On an RTI query submitted by noted RTI activist Anil Galgali requesting for a copy of the said report , the chief administrative officer Mahesh Bodale has refused to provide the same on the ground that under the 2015 RTI Act Section 8 (f) "information which relates to personal information the disclosure of which has not relationship to any public activity or interest, or which would cause unwarranted invasion of the privacy of the individual unless the Central Public Information Officer or the State Public Information Officer or the appellate authority, as the case may be, is satisfied that the larger public interest justifies the disclosure of such information: Provided that the information, which cannot be denied to the Parliament or a State Legislature shall not be denied to any person."

According to Anil Galgali, while complaints have been increasing against the Dhirubhai Ambani Hospital, Lodhivali,  there seems to be inaction on part of the Government and the report has been deliberately hidden from public for the past seven months. Anil Galgali has demanded by his letter to the Chief Minister Devendra Fadanvis and Minister for Public Health and Family Welfare  Deepak Sawant to make the report public and act against Chief Officer for refusing the information sought under RTI.

It was expected that immediately on submission of the report the Government should have acted. Now questions are being raised as to what is hidden in the report. The Government must make the same public and act without delay in the interest of public health, said Galgali.