Monday 22 February 2021

कुर्ला में नए उद्यमियों के लिए ओपन सेमिनार

कोरोना काल में कई मित्रों और रिश्तेदारों को स्वरोजगार के अवसर या आजीविका के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ हर किसी के कौशल को खुली चर्चा के साथ जीवन में लाने के उद्देश्य से कुर्ला पश्चिम के कर्मवीर भाऊराव पाटिल पुस्तकालय में प्रारंभिक बैठक हुई। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सूचना, कौशल और दृष्टि के तीन सिद्धांतों को अपनाने का आह्वान किया।

विनोद साडविलकर ने 'एक मेका सहाय करु अवघे धरु सुपंथ ’की अवधारणा के साथ सहयोग करने के उद्देश्य से आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली के मार्गदर्शन में एक चर्चा सत्र का आयोजन किया था। इस अवसर पर अनिल गलगली ने श्रोताओं से कहा कि रोजगार-स्वरोजगार के लिए, महिलाओं को नगर सामाजिक विकास अधिकारी से संपर्क करके एक महिला स्व-सहायता समूह का गठन करना चाहिए और स्वरोजगार करना चाहिए। सरकार के कौशल विभाग से संपर्क करके रोजगार-स्वरोजगार के अवसरों का लाभ उठाएं। सूचना, कौशल और परिप्रेक्ष्य के तीन सिद्धांतों को अपनाने से निश्चित रूप से स्वरोजगार में सफलता मिलेगी।

इस मौके पर समाधान बंसोड, मूनमून मुखर्जी, पुष्पा जाधव, कांता पवार, प्रणाली बेंडकर, संदीप परालकर, चारुदत्त पावस्कर, रमेश चव्हाण, संतोष वेंगुर्लेकर, प्रल्हाद उलेकर, विजय गायकवाड़, विजय माने, मंदार परुलेकर, चेतली महाडिक, विजेता महाडिक, राम चव्हाण, विजय माने, अज़ीज़ खान आदि उपस्थित थे। संगोष्ठी का आयोजन सुदर्शन जाधव, विनय गायकवाड़, गिरीश कटके, राजेंद्र गायकवाड़ ने किया था।

नव उद्योजकांसाठी कुर्ल्यात खुले चर्चासत्र

कोरोना काळात ब-याच मित्रमंडळी, नातेवाईक यांना स्वयं रोजगाराची संधी अथवा उपजीविकेचे साधन उपलब्ध व्हावे तसेच प्रत्येकाचे कौशल्य खुल्या चर्चेच्या माध्यमातून प्रत्यक्षात उतरविणे हे लक्ष्य डोळ्यासमोर ठेवून प्राथमिक बैठकीचे आयोजन कुर्ला पश्चिम येथील कर्मवीर भाऊराव पाटील वाचनालय प्रबोधिनी येथे आयोजित करण्यात आले होते. माहिती, कौशल्य आणि दृष्टीकोन या तीन सूत्रांचा अवलंब करण्याचे आवाहन आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी केले.

विनोद साडविलकर यांनी 'ऐक मेका सहाय्य करू अवघे धरू सुपथ' या संकल्पनेतून सहकार्य व्हावे या उद्देशाने माहिती अधिकार कार्यकर्ते अनिल गलगली यांच्या मार्गदर्शनाखाली चर्चा सत्र आयोजित केले होते. यावेळी उपस्थितांना अनिल गलगली यांनी सांगितले की रोजगार-स्वयंरोजगारासाठी मनपा समाज विकास अधिका-याशी संपर्क करून महिलांनी एकत्र येऊन महिला बचत गट बनवून स्वयंरोजगारीत व्हावे. तसेच शासनाच्या कौशल्य विभागाशी संपर्क करून रोजगार-स्वयंरोजगाराच्या संधीचा लाभ घ्यावा. माहिती, कौशल्य आणि दृष्टीकोन या तीन सूत्रांचा अवलंब केल्यास स्वयं रोजगारात नक्की यश मिळेल, असे गलगली यांनी प्रतिपादन केले.

यावेळी नव उद्योजक चर्चासाठी समाधान बनसोडे, मूनमून मुखर्जी, पुष्पा जाधव, कांता पवार, प्रणाली बेंडकर, संदीप परळकर, चारुदत्त पावसकर, रमेश चव्हाण, संतोष वेंगुर्लेकर, प्रल्हाद ऊळेकर, विजय गायकवाड, विजय माने, मंदार परुळेकर, चेताली महाडिक, विजेता महाडिक, राम चव्हाण, विजय माने, अजीज खान इ.मान्यवर उपस्थित होते. चर्चासत्राचे आयोजन सुदर्शन जाधव, विनय गायकवाड़, गिरीश कटके, राजेंद्र गायकवाड़ यांनी केले.

Open seminar for new entrepreneurs in Kurla

The preliminary meeting was held at Karmaveer Bhaurao Patil Library, Kurla West with the aim of providing self-employment opportunities or livelihood opportunities to many friends and relatives during the Corona period, as well as bringing everyone's skills to life through open discussion.  Anil Galgali, an RTI activist, called for adopting the three principles of information, skills and perspective to success in self business.

Vinod Sadvilkar had organized a discussion session under the guidance of RTI Activist Anil Galgali with the aim of cooperating with the concept of 'Ek Meka Sahayya Karu Avaghe Dharu Supath'. On this occasion, Anil Galgali told the audience that for employment-self-employment, women should come together by contacting the Municipal Social Development Officer and form a women's self-help group and become self-employed. Also take advantage of employment-self-employment opportunities by contacting the government's skills department. Adopting the three formulas of information, skill and perspective will definitely lead to success, asserted Galgali.

Samadhan Bansode, Moonmoon Mukherjee, Pushpa Jadhav, Kanta Pawar, Pranali Bendkar, Sandeep Paralkar, Charudatta Pawaskar, Ramesh Chavan, Santosh Vengurlekar, Pralhad Ulekar, Vijay Gaikwad, Vijay Mane, Mandar Parulekar, Chetali Mahadik, Vijeta Mahadik, Ram Chavan, Vijay Mane, Aziz Khan etc. were present on the occasion.The seminar was organized by Sudarshan Jadhav, Vinay Gaikwad, Girish Katke, Rajendra Gaikwad.


Monday 15 February 2021

राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति में देरी के कारण महाराष्ट्र में 60,000 अपील मामले प्रलंबित - अनिल गलगली

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चालू वर्ष के बजट में, केंद्र सरकार ने आरटीआई अधिनियम के कार्यान्वयन में बजट को कम कर दिया है। वहीं महाराष्ट्र राज्य में 60,000 अपीलें लंबित है क्योंकि तीन राज्य सूचना आयुक्तों को आरटीआई से निपटने के लिए नियुक्त नहीं किया गया हैं।

राष्ट्र सेवा दल रायगढ़ और ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए ग्राम सेवा समाज संस्थान द्वारा शुरू किए गए अध्ययन वर्ग का तीसरा चरण रविवार को पनवेल तालुका के बंधनवाड़ी में आयोजित किया गया। वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने "सूचना का अधिकार और इसके कार्यान्वयन" पर व्याख्यान दिया। गलगली ने आगे कहा कि राजनीतिक दल सत्ता में आते ही अपनी भूमिका बदल लेते हैं क्योंकि विपक्ष में रहने वाले दल RTI अधिनियम का समर्थन करते हैं और सत्ता में आते ही RTI अधिनियम का विरोध करते हैं।

अध्ययन वर्ग का आयोजन ग्राम सभा सामाजिक संस्था के अध्यक्ष संतोष ठाकुर की अध्यक्षता में किया गया था। इस मौकर पर रायगढ़ जिला शिक्षा अधिकार सभा के कार्यकारी अध्यक्ष रमेश पाटिल, मारुति गायकवाड़, दत्ता पाटिल लॉ कॉलेज के प्रो।संदीप घाडगे, ग्राम सभा के कार्यकारी सदस्य प्रशांत पाटिल, बालग्राम मित्र राजू पाटिल, तेजस चव्हाण, राजेश रसाल, जीविका मोरे, राजेश पाटिल के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयंसेवक,सामाजिक कार्यकर्ता, महिलाएं और युवा शामिल थे।

राज्य माहिती आयुक्तांची नेमणूका रखडल्यामुळे महाराष्ट्र राज्यात 60 हजार अपील प्रकरणे- अनिल गलगली

माहिती अधिकाराची प्रकरणे निकाली काढण्यासाठी अगोदरच 3 राज्य माहिती आयुक्तांची नेमणूक नसल्यामुळे महाराष्ट्र राज्यात साठ हजार अपील प्रकरण निकालाच्या प्रतीक्षेत असताना चालू वर्षाच्या अर्थ संकल्पात केंद्र सरकारने माहिती अधिकार कायद्याच्या अंमलबजावणीवरील खर्च कमी करणे हे दुर्दैवी असल्याचे मत ज्येष्ठ माहिती अधिकार कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी व्यक्त केले आहे. 

राष्ट्र सेवा दल रायगड व ग्राम संवर्धन सामाजिक संस्थेच्या वतीने ग्रामीण भागातील सामाजिक कार्यकर्त्यांसाठी सुरू केलेल्या अभ्यास वर्गाचे रविवारी पनवेल तालुक्यातील बांधनवाडी येथे तिसरे पुष्प संपन्न झाले. " माहितीचा अधिकार व त्याची अंमलबजावणी " या विषयावर ज्येष्ठ माहिती अधिकार कार्यकर्ते अनिल गलगली यांचे व्याख्यान आयोजित करण्यात आले होते. यावेळी मार्गदर्शन करताना गलगली यांनी हे मत मांडले. गलगली पुढे म्हणाले की सत्तेवर येताच राजकीय पक्ष आपली भूमिका बदलते कारण जे पक्ष विरोधी पक्षात असतात ते माहिती अधिकार कायद्याचे समर्थन करतात आणि सत्तेवर येताच माहिती अधिकार कायदाला येनकेनप्रकारेण विरोध करतात.

ग्राम संवर्धन सामाजिक संस्थेचे अध्यक्ष सामाजिक कार्यकर्ते संतोष ठाकूर यांच्या अध्यक्षतेखाली झालेल्या ह्या अभ्यास वर्गास शिक्षण हक्क सभेचे रायगड जिल्हा कार्याध्यक्ष रमेश पाटील, मारुती गायकवाड, ऍड. दत्ता पाटील लॉ कॉलेजचे प्रा.संदीप घाडगे, ग्राम संवर्धन सामाजिक संस्थेचे कार्यकारी सदस्य प्रशांत पाटील, बालग्राम मित्र राजू पाटील, तेजस चव्हाण, राजेश रसाळ, जीविका मोरे, राजेश पाटील यांच्यासह ग्रामीण भागात स्वयंप्रेरणेने सामाजिक काम करणारे कार्यकर्ते, महिला व तरुण उपस्थित होते.

Maharashtra 60,000 appeal cases due to delay in appointment of State Information Commissioner - Anil Galgali

RTI Activist Anil Galgali said it was unfortunate that the central government had slashed the implementation of RTI Act in the current year's budget. Also 60,000 appeals were pending in Maharashtra as 3 state information commissioners had not been appointed to handle RTI cases. 

The third flower of the study class started by Rashtra Seva Dal Raigad and Gram Samvardhan Samajik Sanstha for social workers in rural areas was held at Bandhanwadi in Panvel taluka on Sunday. Senior RTI activist Anil Galgali gave a lecture on "Right to Information and Its Implementation". This was stated by Galgali while giving guidance. Galgali further said that political parties change their role as soon as they come to power because the parties in the opposition support the RTI Act and oppose the RTI Act as soon as they come to power.

The study class was conducted under the chairmanship of Santosh Thakur, President of Gram Samvardhan Samajik Sanstha in which Ramesh Patil, Raigad District Working President of Right to Education Sabha, Maruti Gaikwad, Adv. Prof. Sandeep Ghadge of Datta Patil Law College, Prashant Patil, Executive Member of Gram Samvardhan Samajik Sanstha, Balgram Mitra Raju Patil, Tejas Chavan, Rajesh Rasal, Jivika More, Rajesh Patil along with volunteer social workers, women and youth in rural areas were present.

Wednesday 3 February 2021

धारावी पुनर्विकास परियोजना पर 31.27 करोड़ रुपए खर्च

धारावी का विकास होते होते थम सा गया है। लेकिन सरकार ने विभिन्न काम पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। स्लम पुनर्वास प्राधिकरण ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को सूचित किया है कि धारावी पुनर्विकास परियोजना पर पिछले 15 वर्षों में 31.27 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने धारावी पुनर्विकास परियोजना पर किए गए खर्च के बारे में पूछताछ की थी। स्लम पुनर्वास प्राधिकरण ने अनिल गलगली को पिछले 15 वर्षों में किए गए खर्चों की एक सूची प्रदान की। इसमें 1 अप्रैल 2005 से 31 मार्च 2020 तक 15 वर्ष शामिल हैं। 1 अप्रैल 2005 से 31 मार्च 2020 तक धारावी पुनर्विकास परियोजना पर 31 करोड़ 27 लाख 66 हजार 148 रुपये खर्च किए गए हैं। पीएमसी चार्ज पर 15.85 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया गया है। विज्ञापन और प्रसार पर 3.65 करोड़ रुपये खर्च किए गए। व्यावसायिक शुल्क और सर्वेक्षण पर 4.14 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। कानूनी फीस पर 2.27 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। 

धारावी पुनर्विकास परियोजना (DRP) का सरकारी संकल्प 4 फरवरी, 2004 को जारी किया गया था। अनिल गलगली ने अफसोस जताया कि पिछले 17 वर्षों में एक इंच का पुनर्विकास नहीं हुआ है और करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। यदि सरकार निजी डेवलपर के बजाय धारावी को पुनर्विकास करती है, तो एक बड़ा हाउसिंग स्टॉक बन जाएगा और सरकार की तिजोरी भर जाएंगी, यह कहते हुए, अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री डॉ जितेंद्र आव्हाड को एक पत्र भेजा है।

Rs 31.27 crore spent on Dharavi redevelopment project

Whether Dharavi was developed or not, the government has spent crores of rupees on various expenses. The Slum Rehabilitation Authority has informed RTI activist Anil Galgali that Rs 31.27 crore has been spent on the Dharavi redevelopment project in the last 15 years.

Anil Galgali, an RTI activist, had inquired about the expenditure incurred on the Dharavi redevelopment project. The Slum Rehabilitation Authority provided Anil Galgali with a list of expenses incurred in the last 15 years. It covers 15 years from 1 April 2005 to 31 March 2020. From 1st April 2005 to 31st March 2020, 31 crore 27 lakh 66 thousand 148 rupees have been spent on Dharavi Redevelopment Project. An expenditure of Rs 15.85 crore has been shown on PMC charges.An amount of Rs 3.65 crore was spent on advertising and dissemination. Rs 4.14 crore has been spent on business charges and surveys. Rs 2.27 crore has been spent on legal fees.

Government Resolution of Dharavi Redevelopment Project (DRP) was issued on February 4, 2004. Anil Galgali lamented that not an inch of redevelopment has taken place in the last 17 years and crores of rupees have been squandered. If the government redevelops Dharavi instead of a private developer, a large housing stock will be created. Anil Galgali has sent a letter to Chief Minister Uddhav Thackeray and Home Minister Dr Jitendra Awhad saying that the government's coffers will be filled and govt get benifit.

धारावी पुनर्विकास प्रकल्पावर 31.27 कोटी खर्च

धारावीचा विकास होता होईना पण विविध प्रकारच्या खर्चावर शासनाने कोट्यवधी रुपये खर्च केले आहेत. मागील 15 वर्षात धारावी पुनर्विकास प्रकल्पावर 31.27 कोटी खर्च झाल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस झोपडपट्टी पुनर्वसन प्राधिकरणाने दिली आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी धारावी पुनर्विकास प्रकल्पावर आजमितीस झालेल्या खर्चाची माहिती विचारली होती. झोपडपट्टी पुनर्वसन प्राधिकरणाने अनिल गलगली यांस मागील 15 वर्षात करण्यात आलेल्या खर्चाची यादी दिली. 1 एप्रिल 2005 पासून 31मार्च 2020 अशी 15 वर्षाची खर्चाची माहिती त्यात आहे. 1 एप्रिल 2005 पासून 31 मार्च 2020 पर्यंत 31 कोटी 27 लाख 66 हजार 148 रूपये धारावी पुनर्विकास प्रकल्पावर खर्च करण्यात आले आहेत. पीएमसी शुल्कावर रु 15.85 कोटी खर्च दाखविण्यात आला आहे. यात जाहिराती आणि प्रसारावर रु 3.65 कोटी इतकी रक्कम खर्च करण्यात आली. व्यवसायिक शुल्क आणि सर्वेवर रु 4.14 कोटी खर्च झाले आहे. विधी शुल्कावर रु 2.27 कोटी खर्च करण्यात आले आहे. 


धारावी पुनर्विकास प्रकल्प (डीआरपी) चा शासन निर्णय 4 फेब्रुवारी 2004 रोजी जारी करण्यात आला. मागील 17 वर्षात एकही इंचाचा पुनर्विकास झाला नसून कोटयावधी रुपयांचा चुराडा करण्यात आल्याची खंत अनिल गलगली यांनी व्यक्त केली. खाजगी विकासकाऐवजी शासनाने धारावीचा पुनर्विकास केला तर मोठ्या प्रमाणात गृहनिर्माण साठा निर्माण होईल आणि शासनाची तिजोरी भरेल, असे सांगत अनिल गलगली यांनी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृह निर्माण मंत्री डॉ जितेंद्र आव्हाड यांस पत्र पाठविले आहे.