Sunday 24 November 2019

साइबर पुलिस स्टेशन में उप पुलिस निरीक्षक और पुलिस कांस्टेबल के रिक्त पद

साइबर पुलिस स्टेशन में साइबर अपराध को हल करने के लिए महत्वपूर्ण माने जानेवाले कई पद रिक्त हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को साइबर पुलिस स्टेशन द्वारा सूचित किया गया है कि उप निरीक्षक और पुलिस कांस्टेबल जैसे पद रिक्त थे।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने साइबर पुलिस स्टेशन को स्वीकृत पदों, कामकाजी पदों और रिक्तियों की जानकारी मांगी थी। साइबर पुलिस स्टेशन द्वारा भेजी गई जानकारी को मुंबई के सहायक पुलिस आयुक्त सूर्यकांत तरडे द्वारा अनिल गलगली को उपलब्ध कराई गई। इसमें से कुल 60 पदों में से 47 कार्यरत हैं और 13 पद रिक्त हैं। 60 पदों में के पुलिस उपनिरीक्षक और पुलिस कांस्टेबल का पद बहुत महत्वपूर्ण है। पुलिस उपनिरीक्षक के 17 पदों में से केवल 7 कार्यरत हैं। कुल पुलिस उप निरीक्षक के 10 पद खाली हैं। इसके अलावा, पुलिस कांस्टेबल के 26 पद स्वीकृत हैं, जबकि 18 पद रिक्त हैं, केवल 8 पुलिसकर्मी काम कर रहे हैं। स्वीकृत पदों के अभाव में, उप पुलिस निरीक्षक के स्थान पर 9 सहायक पुलिस निरीक्षक कार्यरत हैं और 3 पुलिस हवालदार और 7 पुलिस नाइक कार्यरत हैं। 1 पुलिस निरीक्षक का पद भी रिक्त है।


अनिल गलगली के अनुसार मुंबई में साइबर अपराधों की संख्या बढ़ रही है और अगर मंजूर पदों पर 100 प्रतिशत नियुक्तियां की जाती हैं तो पर रखा गया है, तो अपराध में कमी आएगी और अपराध करनेवाले हाथ भी थरथराएंगें।

सायबर पोलीस ठाण्यास लागले रिक्त पदांचे ग्रहण

सायबर गुन्ह्यांची उकल करण्याचा दृष्टीने महत्वाचा मानला जाणाऱ्या सायबर पोलीस ठाण्यास रिक्त पदांचे ग्रहण लागले आहे. पोलीस उपनिरीक्षक आणि पोलीस शिपाई सारखी पदे रिक्त असल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस सायबर पोलीस ठाण्याने दिली आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी सायबर पोलीस ठाण्याकडे मंजूर पदे, कार्यरत पदे आणि रिक्त पदांची माहिती विचारली होती. सायबर पोलीस ठाण्याने पाठविलेली माहिती अनिल गलगली यांस मुंबई पोलिसांचे सहाय्यक पोलीस आयुक्त सूर्यकांत तरडे यांनी उपलब्ध करुन दिली. या माहितीत एकूण 60 पैकी 47 पदे कार्यरत असून 13 पदे रिक्त असल्याची आकडेवारी दिली आहे. 60 पैकी पोलीस उपनिरीक्षक आणि पोलीस शिपाई हे पद अति महत्वाचे आहे. पोलीस उपनिरीक्षकांची 17 पदे मंजूर असून यापैकी फक्त 7 कार्यरत आहे. एकूण पोलीस उपनिरीक्षकांची 10 पदे रिक्त आहेत. त्याच्यशिवाय 26 पोलीस शिपाईचे पदे मंजूर असताना 18 पदे ही रिक्त आहेत, फक्त 8 पोलीस शिपाई कार्यरत आहेत. मंजूर पदे नसतानाही पोलीस उपनिरीक्षक ऐवजी 9 सहाय्यक पोलीस निरीक्षक कार्यरत आहेत व 3 पोलीस हवालदार आणि 7 पोलीस नाईक कार्यरत आहेत. 1 पोलीस निरीक्षक हे पद रिक्त आहेत.

मुंबईत सायबर गुन्ह्यांच्या संख्येत वाढ होत असून मंजूर पदे शत प्रतिशत कार्यरत ठेवली तर गुन्ह्यांची उकल होण्यात वाढ होईल आणि गुन्हे करणारे हातही धजावतील, असे मत अनिल गलगली यांनी व्यक्त केले.

Vacant posts of PSI and Police Constable at Cyber ​​Police Station

Vacancies at the cyber police station, which is considered important for solving cyber crimes. 13 posts out of 60 of PSI and Police Constable in cyber police station are vacant, according to reply to RTI Query filed by RTI Activist Anil Galgali.


RTI activist Anil Galgali had asked the cyber police station for information about the sanction post, actual working post and vacant posts in Cyber Police Station. The information sent by the cyber police station was made available to Anil Galgali by the Assistant Commissioner of Police of Mumbai, Suryakant Tarade. Of this, 47 out of the total 60 posts are working and 13 posts are vacant. The post of PSI and Police Constable of the total number of 60 is very important. Of the 17 posts of PSI, only 7 are working. 10 posts of PSI are vacant. Apart from this, 26 posts of police constable are sanction while 18 posts are vacant, only 8 policemen are working. In the absence of sanctioned posts, 9 Assistant Police Inspectors are employed instead of PSI and 3 Police Hawaldar and 7 Police Naik are working. 1 Police Inspector post is vacant.


The number of cyber crimes in Mumbai is increasing and if the sanction post are fillup 100% then the crime will decrease dramatically and cyber criminals also scare to fraud, said Anil Galgali. 

Thursday 21 November 2019

2014 में सरकार गठन के लिए फडणवीस सरकार ने संख्याबल के आंकड़े नहीं दिए थे ना राज्यपाल के पास थी विधायकों की लिस्ट

आज महाराष्ट्र में राज्यपाल विभिन्न दलों से विधायकों की लिस्ट और संख्याबल की मांग कर रहे हैं जबकि इसी महाराष्ट्र में वर्ष 2014 में बीजेपी ने राज्यपाल से अल्पमत सरकार बनाने का दावा किया और ध्वनिमत से विश्वास मत भी प्राप्त किया, लेकिन तब ये नहीं बताया कि उसे किन-किन विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सूचना के अधिकार के तहत अनिल गलगली द्वारा दायर की गई एक आरटीआई में ये बात सामने आई थीं ना राज्यपाल को इसकी जानकारी थी।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने बताया कि आरटीआई के तहत किए गए एक सवाल में ये खुलासा हुआ था। तब मैंने राज्यपाल सचिवालय से उन विधायकों के नामों की सूची मांगी थी, जिनके बल पर देवेंद्र फडणवीस ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। आरटीआई के जवाब में एक अधिकारी ने कहा कि 28 अक्टूबर 2014 को लगभग 6.40 बजे फडणवीस के हस्ताक्षर वाला एक पत्र बीजेपी के वरिष्ठ भाजपा नेता एकनाथराव खड़से-पाटिल, विनोद तावड़े, सुधीर मुनगंटीवार तथा पंकजा मुंडे-पाल्वे ने राज्यपाल सी.वी.राव को सौंपा था। वहीं गलगली ने ये भी बताया कि पत्र में राज्यपाल को सूचित किया गया था कि राज्य में बीजेपी एकमात्र सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। हम आपसे आग्रह करते हैं कि विधायक के नामों की सूची के बिना हमें सरकार बनाने का मौका दिया जाए। 

2014 मध्ये सरकार स्थापनेसाठी फडणवीस सरकारने संख्याबळाची आकडेवारी दिली नव्हती ना राज्यपालांकडे होती यादी

आज महाराष्ट्रात सत्ता स्थापन करण्यासाठी राज्यपाल विविध पक्षाकडे आमदारांची यादी आणि आकडेवारी मागत आहे पण वर्ष 2014 रोजी याच महाराष्ट्रात सरकार स्थापनेसाठी ध्वनिमताचा सोपस्कर मार्ग काढणा-या फडणवीस सरकारने सरकार स्थापनेसाठी संख्याबळाची कोणतीही आकडेवारी दिली नसल्याची कबुली राज्यपाल यांच्या सचिव कार्यालयाने आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांना वर्ष 2014 रोजी दिलेल्या माहितीत दिली होती. 

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी महाराष्ट्राचे राज्यपाल यांस कडे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सरकारने सरकार स्थापनेसाठी किती संख्याबळाचे समर्थन असल्याचे पत्र दिले, त्या पत्राची प्रत देण्याची मागणी केली होती. राज्यपालाच्या अवर सचिव(प्रशासन) व जन माहिती अधिकारी उज्वला दांडेकर यांनी दिनांक 28.10.2014 रोजी संध्याकाळी 6.40 वाजता प्राप्त झालेल्या देवेंद्र फडणवीस यांच्या पत्राची प्रत दिली. देवेंद्र फडणवीस बरोबर एकनाथराव खडसे-पाटील,विनोद तावडे,सुधीर मुनगंटीवार आणि पंकजा मुंडे-पालवे या भाजपा कोअर कमिटी सदस्याचे हस्ताक्षर असलेल्या पत्राची प्रत दिली. राज्यपाल सी.विद्यासागर राव यांना कळविण्यात आले की भारतीय जनता पार्टी ही या निवडणुकीत सर्वाधिक जागा जिंकून विधानसभेत सर्वात मोठा पक्ष ठरला असल्याने मा. महोदय आपण आम्हाला सरकार स्थापन करण्याची संधी द्यावी.

Friday 15 November 2019

मागील 19 महिन्यात 1081 कोटींचे अमली आणि उत्तेजक पदार्थ मुंबई पोलिसांनी केले हस्तगत

मुंबई पोलिसांच्या हद्दीत अमली पदार्थ आणि उत्तेजक पदार्थाचा वापर वाढला असून मुंबई पोलिसांनी राबविलेल्या मोहिमेत मागील 19 महिन्यात 1081 कोटींचे अमली पदार्थ मुंबई पोलिसांनी केले हस्तगत केल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस मुंबई पोलिसांनी दिली आहे. मुंबई पोलिसांच्या कार्यवाहीत 1073 आरोपींना अटक झाली असून यात हेरॉईन, चरस, कोकेन, गांजा, एमडी, एलसीडी या अमली आणि उत्तेजक पदार्थांचा समावेश आहे.


आरटीआय कार्यकर्ते  अनिल गलगली यांनी मुंबई पोलिसांकडे अर्ज करत माहिती विचारली होती की गेल्या एका वर्षात मुंबई पोलिसांच्या हद्दीत अमली आणि उत्तेजक पदार्थ अंतर्गत हस्तगत माल, पदार्थांचे नाव, एकूण किंमत आणि अटक आरोपींची संख्या किती आहे. मुंबई पोलिसांच्या गुन्हे शाखेचे सहाय्यक पोलीस आयुक्त विनोद शिंदे यांनी अनिल गलगली यांस वर्ष 2018 आणि चालू वर्षांच्या सप्टेंबर 2019 पर्यंतची माहिती दिली. या माहितीत 1 जानेवारी ते 31 डिसेंबर 2018 या कालावधीत हेरॉईन, चरस, कोकेन, गांजा, एमडी, एलसीडी हा 1363 किलो 3241 ग्रॅम 1364 मिली ग्रॅम हस्तगत केला. या मालाची किंमत ही 10,16 कोटी 3,2 लाख 56 हजार 45 हजार अशी होती तर एकूण 395 आरोपींना अटक करण्यात आली होती. यात सर्वाधिक आरोपी हे गांजा अमली पदार्थांचे सेवन करत असून त्याची संख्या ही 194 होती. 1 जानेवारी ते 30 सप्टेंबर 2019 या कालावधीत 64 कोटी 64 लाख 62 हजार 352 रुपये किंमतीचा 169 किलो 4150  ग्रॅम 1282 मिली ग्रॅम असा माल हस्तगत करण्यात आला. यंदा आरोपींच्या संख्येत दुप्पट वाढ झाली असून एकूण 678 आरोपींना अटक करण्यात आली आहे.

अनिल गलगली यांच्या मते मुंबईत बाहेरील राज्यांतून अमली आणि उत्तेजक पदार्थाचा पुरवठा होत असून पोलिस कार्यवाहीची व्याप्ती वाढवणे गरजेचे आहे आणि नागरिकांना सहभागी करत अमली पदार्थाच्या विरोधात जनजागृती आणि विशेष अभियान चालविण्याची गरज आहे.

पिछले 19 महीनों में मुंबई पुलिस ने 1,081 करोड़ रुपये की ड्रग्स और उत्तेजक दवाएं जब्त की

मुंबई पुलिस की सीमाओं में पिछले 19 महीनों में नशीली दवाओं की सामग्री और उत्तेजक पदार्थ का कारोबार बढ़ा है। मुंबई पुलिस ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को सूचित किया है कि उन्होंने 19 महीने में 1,081 करोड़ रुपये की सामग्री जब्त की है। मुंबई पुलिस की कार्यवाही में 1073 नशेबाजों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें हेरोइन, चरस, कोकीन, मारिजुआना, एमडी, एलसीडी और नशीले पदार्थ शामिल हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई पुलिस को सूचना देने के लिए आवेदन किया था, जिसमें पिछले एक साल के दौरान मुंबई पुलिस द्वारा जब्त किए गए ड्रग्स और उत्तेजक दवाएं की संख्या, पदार्थ का नाम, कुल किंमत और गिरफ्तार किए गए आरोपियों के बारे में जानकारी मांगी गई थी। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के सहायक पुलिस आयुक्त, विनोद शिंदे ने अनिल गलगली को वर्ष 2018 और वर्तमान वर्ष के सितंबर 2019 तक की जानकारी दी हैं। इस सूचना में, 1 जनवरी से 31 दिसंबर, 2018 तक, 1364 किलोग्राम 3241 ग्राम 1364 मिलीग्राम हेरोइन, खसरा, कोकीन, मारिजुआना, एमडी, एलसीडी जब्त किए गए थे। माल की कीमत 1016 करोड़ 32 लाख 56 हजार 45 हजार रुपये थी और कुल 395 आरोपी गिरफ्तार किए गए थे। सबसे ज्यादा आरोपी मारिजुआना उपयोगकर्ता थे, और उसकी संख्या 194 थी। 1 जनवरी से 30 सितंबर, 2019 के बीच, 64 करोड़ 64 लाख 62 हजार 352 रुपये की लागत वाली 169 किलोग्राम 4150 ग्राम 1282 मिली का माल जब्त किया गया। इस साल, आरोपियों की संख्या दोगुनी हो गई है और कुल 678 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

अनिल गलगली के अनुसार, मुंबई में बाहरी राज्यों से नशे की लत वाले और उत्तेजक पदार्थों की आपूर्ति होती हैं, इसलिए पुलिस कार्रवाई के दायरे का विस्तार करने की आवश्यकता है। साथ ही में नागरिकों की सहभागिता बढ़ाकर नशे के खिलाफ जागरूकता और विशेष अभियान चलाने की आवश्यकता है।


Mumbai police seizes drugs and narcotics worth Rs 1,081 Cr in 19 months

According to an Right to Information (RTI), filed with Mumbai Police, the narcotics cell of city police has seized drugs and narcotics worth Rs 1,081 Cr in last 19 months. Police has also arrested 1073 drug peddlers and other other accused in this connection.The figures indicating that the incidents of drug sales have shot up in these months, despite police launching massive crackdown to end this menace.

RTI activist Anil Galgali had ask for information to Mumbai Police about the number of items seized, name of the item, the total value and the number of accused arrested in the Drug case during the last one year. Assistant Commissioner of Police, Vinod Shinde of the Crime Branch of Mumbai Police provided the data of year 2018 and the current year till September 2019 to Anil Galgali. In this information, from January 1 to December 31, 2018, 1363 KG, 3241 Grams,1364 Milli Gram of heroin, measles, cocaine, marijuana, MD, LCD were seized. The value of the goods was Rs 10,16 crore 32 lakh 56 thousand 45 Rupees and 395 accused were arrested. The highest number of accused were marijuana users, and the number was 194. Between January 1 to September 30, 2019, goods worth 169 Kg, 4150 grams,1282 Milli Gram were recovered in Police Action. Total value of goods was Rs 64 crore 64 lakh 62 thousand 352. This year, the number of accused has doubled and a total 678 accused have been arrested. RTI filed by activist Anil Galgali says that the narcotics seized by police include Heroin, hashish, Koken, Marijuana, MD, LCD among others.


According to Anil Galgali, the supply of addictive and stimulant substances from outside states in Mumbai is expand and there should be the scope of police action increase and there is a need to raise awareness and special campaigns against drug addiction by involving citizens.


Wednesday 13 November 2019

श्मशानभूमि में लकड़ी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदारों को मनपा की नोटीस

महानगरपालिका के तहत श्मशानभूमि में मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए 300 किलोग्राम सूखी लकड़ी की आपूर्ति करने के लिए ठेकेदार नियुक्त किए गए हैं लेकिन शिकायतें हैं कि आपूर्ति करनेवाले इसमें घपला करते हैं। मुलुंड टी वार्ड के ठेकेदार के वी पारुलेकर को आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की शिकायत की सत्यापन करने के बाद कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने शिकायत की थी कि मुलुंड वेस्ट डंपिंग ग्राउंड के पास श्मशानभूमि में गीली और कम गुणवत्ता वाली लकड़ी की आपूर्ति की जा रही हैं। यहां के सहायक आयुक्त केबी गांधी ने तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया। चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेंद्र शिंगणापुरकर ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है जिसमें बताया गया है कि शिकायत की जांच के बाद आपको जिम्मेदार क्यों नहीं ठहराया जाना चाहिए और आपको अपना अनुबंध रद्द क्यों नहीं करना चाहिए। अनिल गलगली के अनुसार, नागरिकों को शिकायत करना आवश्यक है और महानगर पालिका का प्रशासन आगे की कड़ी कार्रवाई करेगा। मुंबई के सभी श्मशानभूमि में इस तरह की घपलेबाजी हो रही हैं, उस वार्ड में चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारियों को नजर रखनी चाहिए।

स्मशानभूमीत लाकडे पुरवठा करणाऱ्या कंत्राटदारांला पालिकेची नोटीस

मुंबई महानगरपालिका अंतर्गत स्मशानभूमीत मयत व्यक्तीला 300 किलो सुकी  लाकडे पुरवठा करण्यासाठी कंत्राटदारांची नेमणूक केली असून या पुरवठयात घोळ असल्याची तक्रारी येत आहेत. आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांच्या तक्रारीची पडताळणी केल्यानंतर मुलुंड टी वॉर्डातील कंत्राटदार के व्ही परुळेकर यास कारणे दाखवा नोटीस बजावली आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मुलुंड पश्चिम डंपिंग ग्राउंड जवळील स्मशानभूमीत ओली आणि कमी दर्जाची लाकडे पुरवठा करत असल्याची तक्रार केली. येथील सहायक आयुक्त के बी गांधी यांनी ताबडतोब कार्यवाही करण्याचे आदेश दिले. वैद्यकीय आरोग्य अधिकारी डॉ महेंद्र शिंगाणपूरकर यांनी कारणे दाखवा नोटीस जारी करत स्पष्ट केले आहे की तक्रार पडताळणी नंतर आपणास जबाबदार का धरु नये आणि आपला ठेका का रद्द करु नये याचे स्पष्टीकरण मागितले आहे. अनिल गलगली यांच्या मते नागरिकांनी तक्रार करणे आवश्यक असून पालिका प्रशासन आता अजून कठोर कार्यवाही करेल. मुंबईतील सर्व स्मशानभूमीत अशाच सावळागोंधळ सुरु असून त्या- त्या वॉर्डातील वैद्यकीय आरोग्य अधिकारी वर्गानी लक्ष ठेवणे आवश्यक आहे.

Notice issued contractors who supply wood at the cemetery

Contractors have been appointed to supply 300kg of dry wood to the deceased person in the cemetery under the Municipal Corporation of Mumbai. KV Parulekar, contractor at Mulund T Ward now under fire and Bmc issued a show cause notice after verifying the complaint of RTI activist Anil Galgali.

RTI activist Anil Galgali complained that Contractor was supplying wet and low quality wood to the cemetery near Mulund West dumping ground. Assistant Commissioner KB Gandhi here ordered immediate action. Medical health officer Dr Mahendra Shinganpurkar has issued a show cause notice explaining why you should not be held responsible and why  your contract not cancel after the complaint is investigated. According to Anil Galgali, citizens are required to complain and the administration of the municipality will take even harder action. All the cemeteries in Mumbai are undergoing such a blaze, so it's duty of all Medical Health Officer should be alert .

Sunday 10 November 2019

250% की वृद्धि जल विभाग द्वारा उसी ठेकेदार को दिया 44 करोड़ का ठेका

उसी काम के लिए जिसे 2018 में मुंबई महानगरपालिका प्रशासन द्वारा रद्द कर दिया गया था, अब मुंबई महानगरपालिका प्रशासन ने काम के ठेके में 250 प्रतिशत की वृद्धि की और उसी ठेकेदार को 44 करोड़ काम का आबंटित किया हैं। अब, मुंबई नगरपालिका प्रशासन ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की शिकायत के बाद निविदाओं की जांच शुरू की है।

एपीआई सिविल कंपनी को मुंबई महानगरपालिका प्रशासन द्वारा मार्च 2018 को जारी किए गए टेंडर में सीवॉल के एपॉक्सी पैटिंग का काम मिला। इस कार्य की राशि 2.60 करोड़ थी। लेकिन मुंबई महानगरपालिका प्रशासन ने काम रद्द कर दिया। इसके बाद उसी काम में कुछ नए कामों को जोड़ते हुए, मुंबई महानगरपालिका प्रशासन ने सितंबर 2019 को 44.81 करोड़ का नया टेंडर जारी किया, जिसे फिर से पहले वाला ठेकेदार एपीआई सिविल कंपनी प्राप्त हुआ। इसमें नए काम जैसे कोटिंग करना, जल वाहिनी साफ ​​करना शामिल था। केवल 18 महीनों में, पिछली दर और नई दर में 250% की वृद्धि हुई। पिछली दर और नई दर की तुलना करते हुए, अनिल गलगली ने मुंबई के महानगरपालिका आयुक्त प्रवीण सिंह परदेशी और अतिरिक्त आयुक्त प्रवीण दराडे से शिकायत की है कि मुंबई महानगरपालिका प्रशासन को 31 करोड़ रुपये का जुर्माना लगेगा। ठेकेदार जो पहले 30 प्रतिशत कम लागत पर काम करने के लिए सहमत हो गया था, अब कुल राशि से केवल 2 प्रतिशत कम पर काम करेगा।

कुल 185 के बजाय, अब काम की लागत में 463 रुपये की वृद्धि हुई है और कुल लागत 648 रुपये है। इस पर मुंबई महानगर पालिका प्रशासन को 31 करोड़ रुपये की अतिरिक्त चपत लगेगी। अनिल गलगली के अनुसार, ठेकेदार को लाभ देने के उद्देश्य से मनपा अधिकारियों ने मुंबई महानगरपालिका को होनेवाला घाटे को नजरअंदाज किया। दोनों निविदाओं में दोष दायित्व में कोई अंतर नहीं है, लेकिन कार्य के नए निविदा को एक सुनियोजित तरीके से जारी करते हुए वृद्धि की गई हैं। अनिल गलगली की मांग के बाद मुंबई मनपा प्रशासन ने मुख्य अभियंता, सतर्कता को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है।

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250 टक्क्यांची वाढ करत जल खात्याने दिले त्याच कंत्राटदाराला 44 कोटींचे काम

2018 साली जे काम मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाने रद्द केले त्याच कामासाठी मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाने 250 टक्क्यांची वाढ करत त्याच कंत्राटदाराला 44 कोटींचे काम दिले असून या व्यवहारात पालिकेला 31 कोटीचा भुर्दंड बसणार आहे. आता मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाने आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांच्या तक्रारीनंतर या निविदांची चौकशी सुरु केली आहे.

मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाने मार्च 2018 रोजी ज्या कामासाठी निविदा सार्वजनिक केली होती ते जलवाहिन्याच्या एपोक्सी पैटिंगचे काम एपीआय सिव्हील कंपनीस मिळाले होते. या कामाची रक्कम 2.60 कोटी होती. पण हे काम मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाने रद्द केले. त्यानंतर त्याच कामात आणखी काही नवीन कामे जोडत मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाने 44.81 कोटींची नवीन निविदा सप्टेंबर 2019 रोजी काढली जे पुन्हा त्याच पूर्वीच्या म्हणजे एपीआय सिव्हील कंपनीस मिळाले. यात कोटींग, वाहिन्याची सफाई अशी नवीन कामाचा समावेश होता. फक्त 18 महिन्यात पूर्वीच्या दरात आणि नवीन दरात 250 टक्क्यांनी वाढ झाली. पूर्वीच्या दराची आणि नवीन दराची तुलना केल्यास मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाला 31 कोटीचा भुर्दंड बसणार असल्याची तक्रार अनिल गलगली यांनी मुंबई महानगरपालिका आयुक्त प्रविनसिंह परदेशी आणि अतिरिक्त आयुक्त प्रवीण दराडे यांसकडे केली आहे. जो कंत्राटदार यापूर्वी 30 टक्के कमी किंमतीत काम करण्यास राजी होता तोच आता एकूण रक्कमेच्या फक्त 2 टक्के कमी किंमतीत काम करणार आहे.

एकूण 185 ऐवजी आता कामाचा किंमतीत 463 रुपयांची वाढ झाल्यामुळे एकूण 648 रुपये मोजावे लागत आहे. यामुळे मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाला 31 कोटी अतिरिक्त मोजावे लागतील. अनिल गलगली यांच्या मते कंत्राटदाराला लाभ करुन देताना अधिकारी वर्गानी मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाला होणारा भुर्दंड लक्षात घेतला नाही. दोन्ही निविदेत डिफेक्ट लायबलिटी मध्ये कोणताही फरक नसून सुनियोजित पद्धतीने कामाची नवीन निविदा चढया दराने काढण्यात आली आहे. अनिल गलगली यांच्या निवेदनाची दखल घेत मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाने प्रकरणाची चौकशी करण्याचे आदेश मुख्य अभियंता, दक्षता यांस दिले आहे.

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Tuesday 5 November 2019

वर्ली से शिवड़ी तक के उन्नत मार्ग की प्रक्रिया धीमी

21 महीने पहले मुंबई महानगर क्षेत्र प्राधिकरण की एक बैठक में, 1276 करोड़ रुपये की अपेक्षित लागत को मंजूरी दी गई है, लेकिन वर्ली-शिवड़ी उन्नत मार्ग के विकास की प्रक्रिया धीरे-धीरे शुरू की गई है। एमएमआरडीए प्राधिकरण के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा यह जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी गई है।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्राधिकरण से वर्ली-शिवड़ी उन्नत मार्ग के बारे में जानकारी मांगी थी। एमएमआरडीए प्राधिकरण के इंजीनियरिंग विभाग ने अनिल गलगली को सूचित किया कि वर्ली से शिवड़ी मार्ग की लंबाई लगभग 4.51 किमी है और चौड़ाई 17 मीटर है। फरवरी 27, 2018 को मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण की 147 वीं बैठक में इस परियोजना के लिए अपेक्षित व्यय 1276 करोड़ रुपये की मंजूरी मिल गई है। वर्तमान में ठेकेदार नियुक्ति और सलाहकार नियुक्ति के लिए निविदा प्रक्रिया जारी है। वर्ली से शिवडी मार्ग के लिए जिस विभाग की एनओसी की आवश्यकता होती है, उसमें मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, महाराष्ट्र सागर डिवीजन प्रबंधन प्राधिकरण, स्लम पुनर्वास प्राधिकरण, यातायात विभाग और मुंबई नगर निगम के वृक्ष प्राधिकरण शामिल हैं। 

अनिल गलगली के अनुसार, वर्ली-शिवड़ी मार्ग मुंबई सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और एमएमआरडीए प्राधिकरण को इस मार्ग के लिए युद्धस्तर पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है।


वरळी ते शिवडी उन्नत मार्गाची प्रक्रिया संथगतीने

21 महिन्यापूर्वी मुंबई महानगर प्रदेश प्राधिकरणाच्या बैठकीत 1276 कोटीचा अपेक्षित खर्च मंजूर होऊनही वरळी ते शिवडी उन्नत मार्गाची प्रक्रिया संथगतीने सुरु असून कंत्राटदार, सल्लागार नेमणूकीपासून विविध एनओसीअभावी काम रखडलेले आहे. सदर माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस एमएमआरडीए प्राधिकरणाच्या अभियांत्रिकी विभागाने दिली आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी एमएमआरडीए प्राधिकरणाकडे वरळी ते शिवडी उन्नत मार्गाची माहिती विचारली होती. एमएमआरडीए प्राधिकरणाच्या अभियांत्रिकी विभागाने अनिल गलगली यांना कळविले की वरळी ते शिवडी उन्नत मार्गाची लांबी सुमारे 4.51 किलोमीटर आणि रुंदी 17 मीटर आहे. या प्रकल्पाच्या अपेक्षित खर्च मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरणाच्या 147 व्या दिनांक 27 फेब्रुवारी 2018 रोजी झालेल्या बैठकीत मंजूर केल्याप्रमाणे रु 1276 कोटी इतका आहे. सद्यस्थितीत कंत्राटदार नियुक्तीची व सल्लागार नेमणुकीची निविदा प्रक्रिया प्रगतीपथावर आहे. वरळी ते शिवडी उन्नत मार्गाकरिता ज्या विभागाची एनओसी आवश्यक आहे त्यात मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, महाराष्ट्र सागरी किनारा विभाग व्यवस्थापन प्राधिकरण, झोपडपट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण, वाहतुक विभाग आणि मुंबई महानगरपालिकेतील वृक्ष प्राधिकरण या विभागाचा समावेश आहे.

अनिल गलगली यांच्या मते हा वरळी ते शिवडी उन्नत मार्ग मुंबई सार्वजनिक वाहतुक व्यवस्था अंतर्गत महत्वाचा टप्पा असून एमएमआरडीए प्राधिकरणाने या मार्गासाठी युध्दस्तरावर कार्यवाही करण्याची आवश्यकता आहे. 

Process for proposed Worli to Sewri elevated road moves in a slow pace

MMRDA had in its authority meeting approved construction of an Worli to Sewri elevated road costing RS 1276 crores almost 21 months back, but the process to start the project has lost momentum and pace. Lack of various NOC's with appointment of contractors and advisors remains pending. This information was provided by the Engineering department of the MMRDA to RTI Activist Anil Galgali.

RTI activist Anil Galgali had asked the MMRDA authority for information about the Worli- Sewri Elevated road. The engineering department of the MMRDA authority informed Anil Galgali that the length of the Worli-to-Sewri road is about 4.51 km and the width is 17 meters. The expected expenditure for this project is Rs 1276 crore as approved at a 147 meeting of Mumbai Metropolitan Region Development Authority on February 27, 2018. At present the tender process for contractor appointment and consultant appointment is in progress. The department which requires the NOC for the Worli- Sewri road includes Mumbai Port Trust, Maharashtra Seashore Division Management Authority, Slum Rehabilitation Authority, Traffic Department and Tree Authority of Mumbai Municipal Corporation.


According to Anil Galgali, this Worli-Sewri road is an important phase in the Mumbai public transport system and MMRDA authority needs to take action on the battlefield for this road.