Thursday 26 December 2019

चांदिवली में कैरियर गाइडेंस सेमिनार का आयोजन

नित्यानंद गुरु शैक्षिक ट्रस्ट ने सत्य सेवा संस्थान के साथ मिलकर बुधवार को चांदिवली के साकीनाका में 12 वीं के छात्रों के लिए एक कैरियर मार्गदर्शन सेमिनार का आयोजन किया गया था।

ईडन हाई स्कूल और जूनियर कॉलेज, साकीनाका, चांदिवली में करियर गाइडेंस सेमिनार का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली के हाथों हुआ। राजर्षि शाहू कॉलेज ऑफ लॉ के प्रिंसिपल संजय आर सिंह को मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था, जिन्होंने छात्रों का मार्गदर्शन किया और उन्हें विभिन्न कैरियर विकल्पों के साथ रोड मैप्स के बारे में जानकारी दी और कैरियर इन लॉ के बारे में विस्तृत जानकारी दी। 

यह कार्यक्रम नित्यानंद गुरु एजुकेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष रवि नायर और सत्य सेवा संस्था के अध्यक्ष बाबू बत्तेली द्वारा अच्छी तरह से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का सूत्रसंचालन कैलाश आगवने ने किया । इस कार्यक्रम ने छात्रों को विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवश्यक विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं को समझने में मदद हुई और छात्रों ने आयोजकों का आभार माना।

चांदिवली येथे करिअर मार्गदर्शन सेमिनारचे आयोजन

नित्यानंद गुरू शैक्षणिक न्यास आणि सत्य सेवा संस्थेच्या संयुक्त विद्यमाने बुधवारी चांदीवली येथील साकीनाका विभागात इयत्ता 12 वी च्या विद्यार्थ्यांसाठी करिअर मार्गदर्शन सेमिनार आयोजित केले होते.

चांदीवलीच्या साकीनाका येथील ईडन हायस्कूल व कनिष्ठ महाविद्यालयात करिअर मार्गदर्शन सेमिनार आयोजित करण्यात आले होते. आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांच्या हस्ते या सेमिनारचे उद्घाटन झाले. राजर्षी शाहू कॉलेज ऑफ लॉचे  प्रिन्सिपल अ‍ॅड संजय आर सिंह यांना मुख्य वक्ता म्हणून आमंत्रित करण्यात आले होते. त्यांनी विद्यार्थ्यांना मार्गदर्शन केले आणि करिअरच्या विविध पर्यायांविषयीच्या विविध मार्गांविषयी माहिती दिली आणि करिअर इन लॉ विषयी विस्तृत माहिती दिली. 

हा कार्यक्रम नित्यानंद गुरू एज्युकेशनल ट्रस्टचे अध्यक्ष रवी नायर आणि सत्य सेवा संस्थेचे अध्यक्ष बाबू बत्तेली यांनी आयोजित केला होता. अ‍ॅड कैलास आगवणे यांनी कार्यक्रमाचे सूत्रसंचालन होते. या कार्यक्रमामुळे विद्यार्थ्यांना विविध अभ्यासक्रमांमध्ये प्रवेशासाठी आवश्यक असलेल्या विविध प्रवेश परीक्षा समजण्यास मदत झाली आणि अशा प्रकारे विद्यार्थी यांनी संयोजकांचे आभारी मानले.

Career Guidance Seminar was organized at Chandivali

Nityanand Guru Educational trust In association with Satya Seva sanstha Organized a Career Guidance Seminar on Wednesday for students of Std 12th.

Career Guidance Seminar  was organized at Eden High school and Junior college at Sakinaka, Chandivali. It was inaugurated by the hand of RTI Activist Anil Galgali. Adv Sanjay R Singh, Principal of Rajarshi Shahu College of Law was invited as Chief Spekar who guided the students and informed them about the various road maps towards different career options and  gave detailed information about Career in Law.  This program was well organised by Ravi Nair, Chairman, Nityanand Guru Educational Trust & Babu Batteli, Chairman, Satya Seva sanstha. Adv Kailash Agavane was host of the program. This program helped students understand the various entrance exams necessary for admission in various courses and thus students were happy and thankful to the organizers.

Friday 20 December 2019

मनपा ने खतरनाक घोषित किए पुल पर अब भी यातायात सेवा हैं शुरु

मुंबई मनपा ने सांताक्रूज पूर्व हंस भुग्रा मार्ग पर स्थित पुल को एक महीने पहले खतरनाक घोषित किया लेकिन आज भी इस पुल से यातायात सेवा शुरु हैं। सचमुच में पुल खतरनाक हैं तो इसे ताबड़तोड़ बंद कर काम शुरु करने की मांग आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने की हैं। जबकि ऐसी स्थिती में संभावित दुर्घटना होती हैं तो मनपा और यातायात पुलिस को संयुक्त जिम्मेदार ठहराया जा सकता हैं।

मुंबई महानगरपालिका ने गत महीने प्रेस नोट जारी कर 23 नवंबर से पुल को बंद करने की घोषणा की थी। यह पुल हंस भुग्रा मार्ग को वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे से जोड़ता हैं। लेकिन आज तक पुल बंद नहीं हुआ हैं और यातायात सेवा सुरू हैं। जबकि इस पुल की स्थिती बेहद खतरनाक हैं और कई स्थानों पर दरार भी आई हैं। मुंबई मनपा और यातायात पुलिस को संयुक्त कारवाई कर इस पुल को बंद करना चाहिए। 

अनिल गलगली ने पूरे मामले को लेकर मनपा आयुक्त प्रवीणसिंह परदेशी, मुंबई पुलिस आयुक्त संजय बर्वे को पत्र लिखकर कारवाई की मांग की हैं। मुंबई मनपा ने फर्जी रिपोर्ट दी है  तो संबंधित अधिकारियों पर कारवाई की मांग की हैं। पुल की रिपोर्ट सही हैं तो इसे बंद करवाने में फेल साबित हुए यातायात पुलिस पर कारवाई होनी चाहिए।

पालिकेने धोकादायक म्हणून जाहीर केलेल्या पुलावरुन अद्यापही वाहतुक सुरु

मुंबई महानगरपालिकेने सांताक्रूज पूर्व हंस भुग्रा मार्गावरील पुल एका महिन्यांपूर्वी धोकादायक जाहीर केला होता पण अद्यापही या पुलावरुन वाहतुक सुरुच आहे. खरोखरच सदर पुल धोकादायक असल्यास तो तत्काळ बंद करण्याची मागणी आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी केली आहे. याउलट सद्यस्थितीत अपघात झाल्यास त्यास मुंबई महानगरपालिका आणि वाहतुक पोलीस यांस बरोबरीने जबाबदार ठरवले जाऊ शकते. 

मुंबई महानगरपालिकेने एका महिन्यांपूर्वी प्रेस नोट जारी करत 23 नोव्हेंबर पासून सदर पुल बंद करण्याची घोषणा केली होती. हा पुल हंस भुग्रा मार्गास वेस्टर्न एक्सप्रेस हायवेला जाऊन मिळतो. आजपर्यंत पुल बंद करण्यात आला नाही. प्रत्यक्षात अनिल गलगली यांनी गुरुवारी पुलाची पहाणी केल्यानंतर हा पुल अत्याधिक धोकादायक असल्याची बाब समोर तर आली आणि ठिकठिकाणी भेगा सुद्धा दिसत होत्या. मुंबई महानगरपालिका आणि वाहतुक पोलीस यांस संयुक्त कार्यवाही करत हा पुल बंद करण्याची आवश्यकता आहे. 

अनिल गलगली यांनी संपूर्ण प्रकरणाची तक्रार महानगरपालिका आयुक्त प्रवीणसिंह परदेशी आणि मुंबई पोलीस आयुक्त संजय बर्वे यांस पत्र लिहित करत कार्यवाहीची मागणी केली आहे.जर मुंबई महानगरपालिकेने खोटा अहवाल दिला असल्यास संबंधित अधिकारी वर्गावर कार्यवाहीची मागणी केली आहे आणि पुलाचा धोकादायक अहवाल खरा असल्यास वाहतुक पोलिसांवर कार्यवाही होणे गरजेचे असल्याचे मत अनिल गलगली यांनी व्यक्त केले आहे.

Activist demand closer of the bridge still being used despite declared dangerous

A month after BMC declared the bridge on Santacruz (e) Hans Bhugra Marg as dangerous, people still using it for traffic posing threat to commuters. RTI activist Anil Galgali has found this brazen violation and has alerted the concerned authorities urging them to stop the traffic passing over it and finish the renovation work of the old and dangerous building. Alerting the local administration, Galgali has said that in case of any eventuality, BMC and traffic police would jointly be held responsible. 


Notably, the Mumbai Municipal Corporation (BMC) had issued a press note last month announcing the closure of the bridge from November 23. The bridge connects Hans Bhugra Marg to Western Express Highway. "But unfortunately, the bridge have not been closed till today and the traffic service is still on. While the condition of this bridge is very dangerous and there have been cracks at many places," Galgali pointed out after vising the bridge personally. 

     Anil Galgali said that he has written a letter to BMC commissioner Praveen Singh Pardeshi, Mumbai Police commissioner Sanjay Barwe demanding immediate action on the entire issue. Galgali also said that if BMC officials have submitted a fake report about the bridge, then there should be an inquiry and action be taken against them for jeopardizing people's lives.

Thursday 19 December 2019

'बलिदान दिवस' पर याद किये गये काकोरी कांड के शहीद

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी शहीद-ए-वतन अशफ़ाक़ुल्लाह खान, पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, रोशन सिंह और राजेंद्रनाथ लाहिड़ी के 'बलिदान दिवस' पर'शहीदों की याद में' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शहीद-ए-वतन बिस्मिल अशफ़ाक़ फ़ाउंडेशन (रजि) और श्री घनश्यामदास पोद्दार विद्यालय के भूतपूर्व विद्यार्थियों के समूह 'क्रेज़ी पोद्दार किड्स' के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में #काकोरीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। गौरतलब है कि शहीद अशफ़ाक़उल्लाह ख़ान, पंडित रामप्रसाद बिस्मिल और रोशन सिंह को 19 दिसंबर 1927 को फांसी दी गई थी। इन तीनों के एक और साथी राजेंद्रनाथ लाहिड़ी को भी 19 दिसंबर को ही फांसी दी जानी थी लेकिन उन्हें 17 दिसंबर को ही फांसी दे दी गई थी।

वरिष्ठ पत्रकार और संस्था के अध्यक्ष सैयद सलमान ने इस अवसर पर बिस्मिल-अशफ़ाक़ की मित्रता, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका, एक दूसरे के प्रति उनके प्रगाढ़ रिश्तों पर अपने विचार रखते हुए शहीद अशफ़ाक़और पंडित बिस्मिल को निर्विवाद रूप से हिंदू-मुस्लिम एकता का अनुपम उदहारण बताया। उन्होंने बिस्मिल-अशफ़ाक़ को आदर्श मानकर राष्ट्रनिर्माण में युवाओं को आगे आने का आह्वान किया।

कार्यक्रम केे मुख्य अतिथि अनिल गलगली ने आज़ादी की लड़ाई में अपनी जान न्यौछावर करने वाले शहीदों के राष्ट्रीय एकात्मता और सद्भाव के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने की ज़रुरत पर ज़ोर दिया। वरिष्ठ पत्रकार जयप्रकाश सिंह ने सामाजिक सौहार्द कायम रखने और उसके लिए संघर्षरत रहने की युवा वर्ग से अपील की। कार्यक्रम में अरुण मिश्रा, नूर अहमद खान, सैयद इरफ़ान, इंद्रेश दुबे, इमरान ज़ाहिद खान, अमित सकपाल, प्रवीण जैन और पंकज सोनी ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार जितेंद्र यादव ने किया और आभार प्रदर्शन निखिल हरपुड़े ने व्यक्त किया।

Tuesday 17 December 2019

2020 तक पूर्ण होगा पूर्व और पश्चिम को जोड़नेवाले विद्याविहार रेलवे पुल का निर्माण

मुंबई महानगरपालिका प्रशासन ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को सूचित किया है कि पूर्व और पश्चिम को जोड़ने वाले बहुप्रतीक्षित विद्याविहार रेलवे पुल का निर्माण जोरों पर है और 2020 के अंत तक पूरा हो जाएगा। अनिल गलगली पिछले 10 सालों से विद्याविहार के इस रेलवे पुल के काम में तेजी लाने में सक्रिय हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई महानगरपालिका प्रशासन से विद्याविहार रेलवे पुल की जानकारी मांगी थी। मुंबई म्युनिसिपल पूल डिपार्टमेंट ने अनिल गलगली को बताया कि वर्तमान में ब्रिज के ड्रेन चौड़ीकरण और नींव का काम चल रहा है। यह काम 19 अप्रैल, 2018 को दिया गया था और पूरा होने की तारीख 1 नवंबर, 2020 है। विद्याविहार रेलवे पुल की लंबाई 480 मीटर है। चौड़ाई 17.5 से 24.5 तक है। परियोजना की कुल लागत 88 करोड़ 42 लाख 49 हजार 110 रुपये है। सेंट्रल रेलवे बोर्ड के इंजीनियर पीके गुप्ता ने मुंबई नगर निगम को सूचित किया है कि आईआईटी मुंबई से प्रमाणित किए गए डिजाइन और ड्राइंग मैप प्रस्तुत किए जाएं। साथ ही, कुल 11 करोड़ 2 लाख 73 हजार 116 रुपये का भुगतान ( क्रमशः इलेक्ट्रिकल 1 करोड़ 3 लाख 76 हजार 124 रुपये और 9 करोड़ 98 लाख 96 हजार 992 रुपये ) किया जाए। इसके अलावा, सिग्नल और टेलीकॉम के लिए क्रमशः 44 लाख 7 हजार 390 और 84 पैसे और 32 लाख 58 हजार 744 रुपये और 96 रुपये के लिए ऐसे कुल मिलाकर 76 लाख 66 हज़ार 135 रुपये और 80 पैसे के इंफ़ेक्शन शुल्क का भुगतान करने के लिए कहा गया है।


अनिल गलगली ने मनपा आयुक्त प्रवीण सिंह परदेशी को पत्र भेजकर मांग की है कि सेंट्रल रेलवे की फीस का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए ताकि पैसे की कमी के कारण काम में बाधा न आए।

2020 अखेरीस पूर्ण होईल पूर्व आणि पश्चिमेला जोडणा-या विद्याविहार रेल्वे पुलाचे बांधकाम

बहुप्रतिक्षित असा विद्याविहार पूर्व आणि पश्चिमेला जोडणा-या रेल्वे पुलाचे बांधकाम जोरात असून 2020 वर्ष अखेरीस बांधकाम पूर्ण होईल,अशी माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांना मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाने दिली आहे. अनिल गलगली हे गेल्या 10 वर्षांपासून विद्याविहार रेल्वे पुलांच्या जलद कामासाठी प्रशासनाकडे पाठपुरावा करत आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाकडे विद्याविहार रेल्वे पुलाची माहिती मागितली होती. मुंबई महानगरपालिका पूल विभागाने अनिल गलगली यांस कळविले की सद्यस्थितीत नाला रुंदीकरण आणि पुलाच्या पायाचे काम सुरु आहे. या कामाचे कार्यादेश दिनांक 19 एप्रिल 2018 रोजी देण्यात आले होते आणि काम पूर्ण होण्याचे दिनांक 1 नोव्हेंबर 2020 असे आहे. विद्याविहार रेल्वे पुलाची लांबी 480 मीटर आहे. रुंदी 17.5 ते 24.5 अशी आहे. प्रकल्पाची एकूण किंमत 88 कोटी 42 लाख 49 हजार 110 रुपये इतकी आहे. मध्य रेल्वेच्या मंडळ अभियंता पी के गुप्ता यांनी मुंबई महानगरपालिका प्रशासनास कळविले आहे की आयआयटी मुंबईतर्फे तपासलेले डिजाईन आणि ड्राईंग असलेले नकाशे जमा करावेत. तसेच इलेक्ट्रिकलचे अनुक्रमे 1 कोटी 3 लाख 76 हजार 124 रुपये आणि 9 कोटी 98 लाख 96 हजार 992 रुपये असे एकूण 11 कोटी 2 लाख 73 हजार 116 रुपये अदा करावेत. या व्यतिरिक्त सिग्नल आणि टेलिकॉमसाठी अनुक्रमे 44 लाख 7 हजार 390 रुपये व 84 पैसे आणि 32 लाख 58 हजार 744 रुपये व 96 पैसे असे एकूण 76 लाख 66 हजार 135 रुपये व 80 पैसे इंफ्रिग्नमेंट शुल्क अदा करण्यासाठी सांगितले आहे.

अनिल गलगली यांनी महापालिका आयुक्त प्रविनसिंह परदेशी यांस पत्र पाठवून मागणी केली आहे की मध्य रेल्वेच्या शुल्काची रक्कम लवकरात लवकर अदा करण्यात यावी जेणेकरून पैश्यांअभावी कामात अडथळा निर्माण होऊ नये.

Vidyavihar Railway Bridge connecting East & West will be completed by the end of 2020

Mumbai Municipal Administration has informed RTI activist Anil Galgali that the much awaited Vidyavihar Railway Bridge connecting East and West is in full swing and will be completed by the end of 2020. Anil Galgali has been accelerating the work of Vidyavihar railway bridges for the last 10 years.

RTI activist Anil Galgali had sought information from Vidyavihar railway bridge from Mumbai Municipal Corporation. Mumbai Municipal bridge Department informed Anil Galgali that the drain widening and foundation work of the bridge is currently underway. The work order was issue von April 19, 2018 and the completion date is November 1, 2020. The length of the Vidyavihar railway bridge is 480 meters. Widths range from 17.5 to 24.5. The total cost of the project is 88 crore 42 lakh 49 thousand 110 rupees. Central Railway Board Engineer PK Gupta has requested to the Mumbai Municipal Corporation to submit the designs and drawing for sechamtic plan duly proof checked by IIT Mumbai for approval. They also requested to submit the revised estimate of ROB within Railway portion to work out codal charges which are to be deposited with Railways for further processing of the proposal and for casting of agreements.

Also requested to paid the electrical charges about 11 crore 2 lakh 73 thousand 116 rupees. In addition, a total of Rs 76 lakh 66 thousand 135 rupees and 80 paise infraction charges have been asked to pay to Bmc for signal and telecom.

Anil Galgali has sent a letter to Municipal Commissioner Pravin Singh Pardesi demanding that the Central Railway's fees be paid as soon as possible so that work will not be hampered due to lack of money.

Sunday 8 December 2019

Big Sleep Out organised at Fort

PEHCHAN is hosting the World’s Big Sleep Out
on the 7th of December, 2019 in CROSS MAIDAN Street - Fort, Mumbai. The WBSO is scheduled to be held on 7th Dec 2019 in over 50 cities all around the world, along with the 26 Indian cities different parts of India. WBSO is supported by Dame Helen Mirren in Trafalgar Square, London ,  Will Smith in the Times Square, New York and Institute of Global Homelessness (IGH) in Chicago. Both will also attend the gathering on 7th December 2019. This is first time ever that such an event is being organised on such a Big scale in Mumbai.

Brijesh Arya Form Pehchan and Member State level shelter monitoring committee (SLSMC: set up by the Supreme Court of India )  stated that the current situation of homeless people is worrisome due to the denial of their basic services and entitlements. that Homeless populations struggle to recognize themselves as citizens as most of them lack in legal identity proofs. Further Brijesh Arya added that it isn’t only about men but also for women, children, old people, people with disabilities and chemical dependent people who suffer.

RTI Activist Anil Galgali say “there is great attention required from the government to deal with this issue. The situation of homeless women is more alarming as they have to go through different levels of mental, physical and sexual harassment while sleeping in the open and also in the shelters” Galgali met the Mumbai Municipal Corporation Commissioner Pravinsingh Pardeshi and discuss the problems of the homeless people in the city. Mr. Paradeshi ensured that shelter for the homeless will be constructed very soon. 

Faculty of Tiss, Mahesh Kamble discussed the How Govt betrayed the homeless and he also spoke on how to start right approach for bring in justice.

Leena Patil added that there are only 7 shelters in the city even after the order of Supreme court of India while 125 shelter is required looking at the number of homeless. There are not a single shelter for Male, female, and transgender. Transgender Vicki Shinde say that now time to come to give justice to transgender.

The event in Mumbai  will have solidarity speeches by people from all the walks of life as well as testimonies of the homeless commencing from 7 pm onwards. Around 10 pm all the participants will be asked to go to sleep or talk to the homeless there, without disturbing the sleepers / Sleep Outers. On this occasion, more than 100 people including Nandika Kumari, Abhinav, Sandeep Singh, Subash Rokade Ashim Das, Firoz, Anjali Kharwa, Nashim Sheikh, Siddharth Benjari Santabai Kantappa. The Sleep Out will end by 5 am of 8th Dec., 2019. 




क्रॉस मैदान में मनाया गया बिग स्लीप आउट

पहचान संस्था ने शनिवार की शाम को 8 बजे से  रविवार की सुबह 5 बजे तक सें फोर्ट स्थित क्रास मैदान में वर्ल्ड के बिग स्लीप आउट मनाया. 7 दिसंबर 2019 को दुनिया भर के 50 से अधिक शहरों के साथ भारत में 26 शहरों में एक साथ हुआ, बिग स्लीप आउट को लंदन में ट्राफलगर स्क्वायर, विल स्मिथ में टाइम्स स्क्वॉयर, न्यूयॉर्क में डेम हेलेन मिरेन और शिकागो में इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल होमलेसनेस (IGH) द्वारा समर्थित है.

पहचान संस्था व महाराष्ट्र राज्य निवारा समिति के सदस्य ब्रिजेश आर्य ने कहा कि बेघर लोगों आज भी आपने पहचान से वंचित है. पहचान- पत्र न होने के बजह से वह बुनियादी सेवाओं और अधिकारों से वंचित  है यह बहुत चिंताजनक है। बेघर लोग खुद को नागरिकों के रूप में पहचान पाने  के लिए संघर्ष करते है क्योंकि उनमें से अधिकांश कानूनी पहचान प्रमाणों की कमी है उन्होंने बतया की सुप्रीम कोर्ट के आदेश के वजह इस परिस्थिति में बदलाव आ रहा है. कई सामाजिक संस्थाए बेघर लोगों को उनका अधिकार दिलाने के लिए काम कर रही है.

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा की 
बेघर लोगों के मुद्दे से निपटने के लिए सरकार की ओर से बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है. बेघर महिलाओं की स्थिति अधिक भयावह है क्योंकि उन्हें खुले में और आश्रयों में सोते समय भी मानसिक, शारीरिक और उत्पीड़न के विभिन्न स्तरों से गुजरना पड़ता है. गलगली ने आगे कहा की अभी हाल ही में मुंबई महानगर पालिका के कमिशनर प्रवीणसिंह परदेशी से मुलाकात करके बेघर लोगों की समस्या को बताया था.  मुंबई महानगर पालिका कमिश्नर ने आश्वासन दिया था कि जल्दी बेघर लोगों के शेल्टर होम बनेगा. टीस के महेश कांबले ने कैसे बेघरों को न्याय मिले, इसपर अपनी बात रखी.

लीना पाटिल ने कहा की सुप्रीम कोर्ट के आदेश बाद भी मुंबई सिर्फ 7 शेल्टर होम जबकि मुंबई में 125 शेल्टर की जरूरत है अभी मुंबई वयस्क पुरुषो/ महिलाओ/ ट्रांसजेंडर के लिए एक भी शेल्टर होम नहीं है. इस मौके पर ट्रान्सजेंडर विकी पाटिल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि  ट्रान्सजेंडर को न्याय देने की जरूरत है.

मुंबई में होने स्लीप आउट को समाज के हर वर्ग का समर्थन रहा है. इस अवसर पर नंदिका कुमारी ,अभिनव , संदीप सिंह , सुभाष रोकडे, असीम दास, फिरोज ,अंजलि खारवा, नसीम शेख , सिद्धार्थ  बेनजरी, संताबाई कन्त्प्पा सहित 100 से ज्यादा लोग थे. स्लीप आउट 8 दिसंबर, 2019 की सुबह 6 बजे तक चला.

क्रॉस मैदान पदपथावर बिग स्लीप आउट साजरा केला

पहचान संस्थेने शनिवारी संध्याकाळी आठ ते रविवारी सकाळी 5  वाजेपर्यंत फोर्ट येथील क्रॉस मैदान जवळील पदपथावर बिग स्लीप आउट दिवस साजरा केला. 7 डिसेंबर 2019 रोजी जगातील 50 हून अधिक देशात एकत्रित भारतातील 26 शहरांमध्ये बिग स्लीप आउट दिवस साजरा करण्यात आला. बिग स्लीप आउटला लंडनमधील ट्रॅफलगर स्क्वेअर, विल स्मिथमधील टाइम्स स्क्वेअर, न्यूयॉर्कमधील डेम हेलन मिरेन आणि शिकागोमधील इन्स्टिट्यूट ऑफ ग्लोबल होमलेसनेस (आयजीएच) यांनी समर्थित केले आहे.

पहचान संस्थेचे सदस्य व महाराष्ट्र राज्य निवारा समितीचे सदस्य ब्रिजेश आर्य म्हणाले की आजही बेघर लोक अस्मितेपासून वंचित आहेत. ओळखपत्र नसल्यामुळे तो मूलभूत सेवा आणि हक्कांपासून वंचित आहे हे फार चिंताजनक आहे. बेघर लोक स्वतःला नागरिक म्हणून ओळखण्यासाठी संघर्ष करीत आहेत कारण त्यांच्यापैकी बहुतेकांना कायदेशीर ओळखीचा पुरावा नसल्याचे ते म्हणाले की सुप्रीम कोर्टाच्या आदेशामुळे ही परिस्थिती बदलत आहे. अनेक सामाजिक संस्था बेघर लोकांना त्यांचा हक्क देण्यासाठी काम करत आहेत.

माहिती अधिकार कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी सांगितले
बेघरांचा मुद्दा हाताळताना सरकारचे बरेच लक्ष आवश्यक आहे. बेघर महिलांची परिस्थिती अधिक भयावह आहे कारण त्यांना मुक्त आश्रयस्थानात झोपतानाही मानसिक, शारीरिक आणि छळवणूक करण्याच्या विविध स्तरातून जावे लागत आहे. गलगली पुढे म्हणाले की, नुकतीच मुंबई महानगरपालिकेचे आयुक्त प्रवीणसिंह परदेशी यांची भेट घेऊन बेघर झालेल्या लोकांच्या समस्येविषयी सांगितले. मुंबई महानगरपालिका आयुक्तांनी लवकरच बेघर लोकांसाठी जास्तीत जास्त निवारा गृह बांधले जाईल, असे आश्वासन दिले होते. टीसचे महेश कांबळे यांनी कश्या पद्धतीने बेघरांना न्याय मिळू शकते, यावर मत मांडले.

लीना पाटील म्हणाल्या की सर्वोच्च न्यायालयाचा आदेश असूनही मुंबईकडे फक्त 7 निवारा घरे आहेत तर मुंबईला 125 निवारा आवश्यक आहे. सध्या मुंबईत प्रौढ पुरुष / महिला / ट्रान्सजेंडरसाठी एकही निवारा गृह नाही. ट्रान्सजेंडर विकी शिंदे यांनी आपली बाजू मांडत आता ट्रान्सजेंडरला न्याय देण्याची आवश्यकता असल्याचे सांगितले. यावेळी नंदिका कुमारी ,अभिनव , संदीप सिंह , सुभाष रोकडे, असीम दास, फिरोज ,अंजलि खारवा, नसीम शेख , सिद्धार्थ  बेनजरी, संताबाई कन्त्प्पा सह 100 पेक्षा लोक उपस्थित होती. स्लीप आउट 8 डिसेंबर 2019 च्या सकाळी 5 वाजेपर्यंत चालला.

Wednesday 4 December 2019

MMRDA tries to usurp RS 121 crore collected as Infrastructure development cess and accrued to MCGM

While implementing the Slum Rehabilitation schemes it is mandatory for MMRDA, as per rules to deposit with the amount earmarked for infrastructure development with the MCGM. But it has come to light that MMRDA is avoiding to transfer RS 121 crores that it was supposed to give to MCGM. Now to protect the beans from spilling, they have concealed and provided incomplete information to RTI Activist Anil Galgali on his query.

RTI activist Anil Galgali had sought information from the MMRDA Authority on September 27, 2019 that how much amount paid to Municipal Corporation of Mumbai accordance with the SRA Scheme, the name of the scheme, the total  amount paid and the balance amount. On October 25, 2019, Deputy City Planner Prashak Ganvir informed Anil Galgali without giving full details that only basic infrastructure charges upto March 2018 amounting to Rs 121 crore 78 lakh 56 thousand 35 have been deposited under the authority's SRA cell. Ganvir only provide the half and misleaded  information. After that Anil Galgali met SRA Cell Chief Mohan Sonar and request to supply the detail information. Subsequently, Ganveer was advised to write a letter to Anil Galgali, and Galgali also sent a letter on November 27, 2019. Nonetheless, Anil Galgali said that Ganveer was deliberately hiding this information.

According to Section 9.2 of DCR Rule 33 (10), it is clear that 90 % of the  total amount of Infrastructure Charges to paid to the local municipality. Now Anil Galgali wrote a letter to Chief Minister Uddhav Thackeray demanding an inquiry into why the MMRDA Authority does not give the money to the municipality. Also take strict action on MMRDA officer who deliberately hiding this crucial information.

The information uploaded on the website by the MMRDA authority has been silent on how much the basic infrastructure fee was collected and how much it paid to the municipality. So far, 30,504 Houses have been bulit by MMRDA authority in 203 SRA scheme and 21 schemes are currently operational and 4231 House's will be available. Anil Galgali has demanded that the MMRDA authority upload all the information on the website.

इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं में जमा 121 करोड़ रुपये मनपा को देने के बजाय निगलने की कोशिश में एमएमआरडीए

मुंबई में झुग्गी पुनर्वास योजनाओं को लागू करते समय, यह बताया गया है कि स्थानीय नगरपालिका को इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं की राशि देने का नियम है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एमएमआरडीए प्राधिकरण द्वारा एकत्र की गई 121 करोड़ रुपए की राशि जमा होने की जानकारी तो दी हैं लेकिन अपनी पोल खुलने के डर से एमएमआरडीए ने उसे मनपा को जमा किया हैं या नहीं, इसपर मौन साधा हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने 27 सितंबर, 2019 को एमएमआरडीए प्रशासन से जानकारी मांगी थी, जिसमें एसआरए योजना के अनुसार मनपा को भुगतान की जाने वाली राशि, योजना का नाम, कुल राशि का भुगतान, भुगतान की गई राशि और शेष राशि कितनी हैं। 25 अक्टूबर, 2019 को, डिप्टी सिटी प्लानर प्रशिक गणवीर ने अनिल गलगली को पूरी जानकारी दिए बिना बताया कि मार्च 2018 तक इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधा शुल्क 121 करोड़ 78 लाख 56 हजार 35 रुपये प्राधिकरण की एसआरए सेल के तहत जमा किया गया है। अधूरी जानकारी से गणवीर द्वारा सकारात्मक जवाब नहीं मिला।  तब अनिल गलगली ने एसआरए सेल के प्रमुख मोहन सोनार से मिलकर पूरी जानकारी देने के लिए अनुरोध किया। इसके बाद, गणवीर द्वारा अनिल गलगली को एक पत्र लिखने की सलाह दी गई, और गलगली ने 27 नवंबर, 2019 को एक पत्र भी भेजा। बहरहाल, अनिल गलगली ने कहा कि गणवीर जानबूझकर इस जानकारी को छिपा रहे हैं ताकि एमएमआरडीए की पोल नहीं खुले।

डीसीआर नियम 33 (10) की धारा 9.2 के अनुसार, यह स्पष्ट है कि स्थानीय नगरपालिका को इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं के लिए जमा की जाने वाली राशि का 90 प्रतिशत की रकम देनी चाहिए। अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा कि एमएमआरडीए प्राधिकरण मनपा को पैसा क्यों नहीं देता है। इसकी जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कारवाई करे।

एमएमआरडीए प्राधिकरण द्वारा वेबसाइट पर अपलोड की गई जानकारी में इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधा शुल्क कितना वसूला गया और उसने मनपा को कितना भुगतान किया। इसे छुपाया गया हैं। अबतक 203 योजना में 30,504 मकान एमएमआरडीए प्राधिकरण द्वारा बनाए गए हैं और 21 योजनाएँ वर्तमान में चालू हैं और 4231 मकान उपलब्ध होंगे। अनिल गलगली ने मांग की है कि एमएमआरडीए प्राधिकरण वेबसाइट पर सभी जानकारी अपलोड करें।

पायाभूत सुविधापायी जमा केलेले 121 कोटी पालिकेला न देता गिळंकृत करण्याच्या प्रयत्नात एमएमआरडीए

मुंबईत शहरात झोपडपट्टी पुर्नवसन योजना राबविताना पायाभूत सुविधांपायी जमा होणारी रक्कम स्थानिक पालिकेला देण्याचा नियम असतानाही एमएमआरडीए पायाभूत सुविधापायी जमा केलेले 121 कोटी पालिकेला आजपावेतो जमा न केल्याची बाब समोर आली आहे. एमएमआरडीए प्राधिकरणाने आपले बिंग फुटू नये याची दक्षता घेत 121 कोटी जमा झाल्याची अर्धवट माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस दिली आहे.


आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी एमएमआरडीए प्रशासनाकडे 27 सप्टेंबर 2019 रोजी माहिती मागितली होती की मुंबई महानगरपालिकेला एसआरए योजनच्या अनुषंगाने दिली जाणा-या रक्कमेची माहिती देताना योजनेचे नाव, एकूण दिली जाणारी रक्कम, अदा केलेली रक्कम आणि शिल्लक रक्कम किती आहे. 25 ऑक्टोबर 2019 रोजी उप नगर नियोजक प्रशिक गणवीर यांनी अनिल गलगली यांस संपूर्ण माहिती न देता फक्त कळविले की मार्च 2018 पर्यंत पायाभूत सुविधा शुल्क 121 कोटी 78 लाख 56 हजार 35 रुपये इतकी रक्कम प्राधिकरणाच्या एसआरए सेल अंतर्गत जमा करण्यात आलेली आहे. अर्धवट माहितीबाबत गणवीर यांसकडून सकारात्मक उत्तर मिळाले नाही. गणवीर यांनी संपूर्ण माहिती न देता दिलेल्या अर्धवट माहिती बाबत अनिल गलगली यांनी एसआरए सेलचे प्रमुख मोहन सोनार यांची भेट घेतली. त्यानंतर अनिल गलगली यांस पत्र लिहिण्याचा सल्ला गणवीर यांसकडून देण्यात आला आणि गलगली यांनी 27 नोव्हेंबर 2019 रोजी पत्रही पाठविले. तरी सुद्धा गणवीर हे माहिती जाणूनबुजून लपवित असल्याची खंत अनिल गलगली यांनी व्यक्त केली.

डीसीआर नियम 33(10) च्या कलम 9.2 प्रमाणे पायाभूत सुविधांपायी जमा होणा-या रक्कमेच्या 90 टक्के रक्कम ही स्थानिक पालिकेला देण्याची बाब स्पष्ट आहे तरी एमएमआरडीए प्राधिकरण रक्कम का पालिकेला देत का देत नाही, याची चौकशी करण्याची आणि जबाबदार अधिकारी वर्गावर कार्यवाही करण्याची मागणी अनिल गलगली यांनी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यांना लिहिलेल्या पत्रात केली आहे.


एमएमआरडीए प्राधिकरणाने संकेतस्थळावर जी माहिती अपलोड केली आहे त्यात पायाभूत सुविधा शुल्क किती वसूल केले आणि पालिकेला किती अदा केले, यावर मौन बाळगले आहे. आतापर्यंत एमएमआरडीए प्राधिकरणाने 203 योजनेत  30,504 सदनिका उपलब्ध झालेल्या आहेत तर सद्यस्थितीत 21 योजना सुरु असून 4231 सदनिका उपलब्ध होतील. एमएमआरडीए प्राधिकरणाने सर्व माहिती संकेतस्थळावर अपलोड करावी,अशी आग्रही मागणी अनिल गलगली यांची आहे.

Sunday 24 November 2019

साइबर पुलिस स्टेशन में उप पुलिस निरीक्षक और पुलिस कांस्टेबल के रिक्त पद

साइबर पुलिस स्टेशन में साइबर अपराध को हल करने के लिए महत्वपूर्ण माने जानेवाले कई पद रिक्त हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को साइबर पुलिस स्टेशन द्वारा सूचित किया गया है कि उप निरीक्षक और पुलिस कांस्टेबल जैसे पद रिक्त थे।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने साइबर पुलिस स्टेशन को स्वीकृत पदों, कामकाजी पदों और रिक्तियों की जानकारी मांगी थी। साइबर पुलिस स्टेशन द्वारा भेजी गई जानकारी को मुंबई के सहायक पुलिस आयुक्त सूर्यकांत तरडे द्वारा अनिल गलगली को उपलब्ध कराई गई। इसमें से कुल 60 पदों में से 47 कार्यरत हैं और 13 पद रिक्त हैं। 60 पदों में के पुलिस उपनिरीक्षक और पुलिस कांस्टेबल का पद बहुत महत्वपूर्ण है। पुलिस उपनिरीक्षक के 17 पदों में से केवल 7 कार्यरत हैं। कुल पुलिस उप निरीक्षक के 10 पद खाली हैं। इसके अलावा, पुलिस कांस्टेबल के 26 पद स्वीकृत हैं, जबकि 18 पद रिक्त हैं, केवल 8 पुलिसकर्मी काम कर रहे हैं। स्वीकृत पदों के अभाव में, उप पुलिस निरीक्षक के स्थान पर 9 सहायक पुलिस निरीक्षक कार्यरत हैं और 3 पुलिस हवालदार और 7 पुलिस नाइक कार्यरत हैं। 1 पुलिस निरीक्षक का पद भी रिक्त है।


अनिल गलगली के अनुसार मुंबई में साइबर अपराधों की संख्या बढ़ रही है और अगर मंजूर पदों पर 100 प्रतिशत नियुक्तियां की जाती हैं तो पर रखा गया है, तो अपराध में कमी आएगी और अपराध करनेवाले हाथ भी थरथराएंगें।

सायबर पोलीस ठाण्यास लागले रिक्त पदांचे ग्रहण

सायबर गुन्ह्यांची उकल करण्याचा दृष्टीने महत्वाचा मानला जाणाऱ्या सायबर पोलीस ठाण्यास रिक्त पदांचे ग्रहण लागले आहे. पोलीस उपनिरीक्षक आणि पोलीस शिपाई सारखी पदे रिक्त असल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस सायबर पोलीस ठाण्याने दिली आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी सायबर पोलीस ठाण्याकडे मंजूर पदे, कार्यरत पदे आणि रिक्त पदांची माहिती विचारली होती. सायबर पोलीस ठाण्याने पाठविलेली माहिती अनिल गलगली यांस मुंबई पोलिसांचे सहाय्यक पोलीस आयुक्त सूर्यकांत तरडे यांनी उपलब्ध करुन दिली. या माहितीत एकूण 60 पैकी 47 पदे कार्यरत असून 13 पदे रिक्त असल्याची आकडेवारी दिली आहे. 60 पैकी पोलीस उपनिरीक्षक आणि पोलीस शिपाई हे पद अति महत्वाचे आहे. पोलीस उपनिरीक्षकांची 17 पदे मंजूर असून यापैकी फक्त 7 कार्यरत आहे. एकूण पोलीस उपनिरीक्षकांची 10 पदे रिक्त आहेत. त्याच्यशिवाय 26 पोलीस शिपाईचे पदे मंजूर असताना 18 पदे ही रिक्त आहेत, फक्त 8 पोलीस शिपाई कार्यरत आहेत. मंजूर पदे नसतानाही पोलीस उपनिरीक्षक ऐवजी 9 सहाय्यक पोलीस निरीक्षक कार्यरत आहेत व 3 पोलीस हवालदार आणि 7 पोलीस नाईक कार्यरत आहेत. 1 पोलीस निरीक्षक हे पद रिक्त आहेत.

मुंबईत सायबर गुन्ह्यांच्या संख्येत वाढ होत असून मंजूर पदे शत प्रतिशत कार्यरत ठेवली तर गुन्ह्यांची उकल होण्यात वाढ होईल आणि गुन्हे करणारे हातही धजावतील, असे मत अनिल गलगली यांनी व्यक्त केले.

Vacant posts of PSI and Police Constable at Cyber ​​Police Station

Vacancies at the cyber police station, which is considered important for solving cyber crimes. 13 posts out of 60 of PSI and Police Constable in cyber police station are vacant, according to reply to RTI Query filed by RTI Activist Anil Galgali.


RTI activist Anil Galgali had asked the cyber police station for information about the sanction post, actual working post and vacant posts in Cyber Police Station. The information sent by the cyber police station was made available to Anil Galgali by the Assistant Commissioner of Police of Mumbai, Suryakant Tarade. Of this, 47 out of the total 60 posts are working and 13 posts are vacant. The post of PSI and Police Constable of the total number of 60 is very important. Of the 17 posts of PSI, only 7 are working. 10 posts of PSI are vacant. Apart from this, 26 posts of police constable are sanction while 18 posts are vacant, only 8 policemen are working. In the absence of sanctioned posts, 9 Assistant Police Inspectors are employed instead of PSI and 3 Police Hawaldar and 7 Police Naik are working. 1 Police Inspector post is vacant.


The number of cyber crimes in Mumbai is increasing and if the sanction post are fillup 100% then the crime will decrease dramatically and cyber criminals also scare to fraud, said Anil Galgali. 

Thursday 21 November 2019

2014 में सरकार गठन के लिए फडणवीस सरकार ने संख्याबल के आंकड़े नहीं दिए थे ना राज्यपाल के पास थी विधायकों की लिस्ट

आज महाराष्ट्र में राज्यपाल विभिन्न दलों से विधायकों की लिस्ट और संख्याबल की मांग कर रहे हैं जबकि इसी महाराष्ट्र में वर्ष 2014 में बीजेपी ने राज्यपाल से अल्पमत सरकार बनाने का दावा किया और ध्वनिमत से विश्वास मत भी प्राप्त किया, लेकिन तब ये नहीं बताया कि उसे किन-किन विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सूचना के अधिकार के तहत अनिल गलगली द्वारा दायर की गई एक आरटीआई में ये बात सामने आई थीं ना राज्यपाल को इसकी जानकारी थी।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने बताया कि आरटीआई के तहत किए गए एक सवाल में ये खुलासा हुआ था। तब मैंने राज्यपाल सचिवालय से उन विधायकों के नामों की सूची मांगी थी, जिनके बल पर देवेंद्र फडणवीस ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। आरटीआई के जवाब में एक अधिकारी ने कहा कि 28 अक्टूबर 2014 को लगभग 6.40 बजे फडणवीस के हस्ताक्षर वाला एक पत्र बीजेपी के वरिष्ठ भाजपा नेता एकनाथराव खड़से-पाटिल, विनोद तावड़े, सुधीर मुनगंटीवार तथा पंकजा मुंडे-पाल्वे ने राज्यपाल सी.वी.राव को सौंपा था। वहीं गलगली ने ये भी बताया कि पत्र में राज्यपाल को सूचित किया गया था कि राज्य में बीजेपी एकमात्र सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। हम आपसे आग्रह करते हैं कि विधायक के नामों की सूची के बिना हमें सरकार बनाने का मौका दिया जाए। 

2014 मध्ये सरकार स्थापनेसाठी फडणवीस सरकारने संख्याबळाची आकडेवारी दिली नव्हती ना राज्यपालांकडे होती यादी

आज महाराष्ट्रात सत्ता स्थापन करण्यासाठी राज्यपाल विविध पक्षाकडे आमदारांची यादी आणि आकडेवारी मागत आहे पण वर्ष 2014 रोजी याच महाराष्ट्रात सरकार स्थापनेसाठी ध्वनिमताचा सोपस्कर मार्ग काढणा-या फडणवीस सरकारने सरकार स्थापनेसाठी संख्याबळाची कोणतीही आकडेवारी दिली नसल्याची कबुली राज्यपाल यांच्या सचिव कार्यालयाने आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांना वर्ष 2014 रोजी दिलेल्या माहितीत दिली होती. 

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी महाराष्ट्राचे राज्यपाल यांस कडे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सरकारने सरकार स्थापनेसाठी किती संख्याबळाचे समर्थन असल्याचे पत्र दिले, त्या पत्राची प्रत देण्याची मागणी केली होती. राज्यपालाच्या अवर सचिव(प्रशासन) व जन माहिती अधिकारी उज्वला दांडेकर यांनी दिनांक 28.10.2014 रोजी संध्याकाळी 6.40 वाजता प्राप्त झालेल्या देवेंद्र फडणवीस यांच्या पत्राची प्रत दिली. देवेंद्र फडणवीस बरोबर एकनाथराव खडसे-पाटील,विनोद तावडे,सुधीर मुनगंटीवार आणि पंकजा मुंडे-पालवे या भाजपा कोअर कमिटी सदस्याचे हस्ताक्षर असलेल्या पत्राची प्रत दिली. राज्यपाल सी.विद्यासागर राव यांना कळविण्यात आले की भारतीय जनता पार्टी ही या निवडणुकीत सर्वाधिक जागा जिंकून विधानसभेत सर्वात मोठा पक्ष ठरला असल्याने मा. महोदय आपण आम्हाला सरकार स्थापन करण्याची संधी द्यावी.

Friday 15 November 2019

मागील 19 महिन्यात 1081 कोटींचे अमली आणि उत्तेजक पदार्थ मुंबई पोलिसांनी केले हस्तगत

मुंबई पोलिसांच्या हद्दीत अमली पदार्थ आणि उत्तेजक पदार्थाचा वापर वाढला असून मुंबई पोलिसांनी राबविलेल्या मोहिमेत मागील 19 महिन्यात 1081 कोटींचे अमली पदार्थ मुंबई पोलिसांनी केले हस्तगत केल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस मुंबई पोलिसांनी दिली आहे. मुंबई पोलिसांच्या कार्यवाहीत 1073 आरोपींना अटक झाली असून यात हेरॉईन, चरस, कोकेन, गांजा, एमडी, एलसीडी या अमली आणि उत्तेजक पदार्थांचा समावेश आहे.


आरटीआय कार्यकर्ते  अनिल गलगली यांनी मुंबई पोलिसांकडे अर्ज करत माहिती विचारली होती की गेल्या एका वर्षात मुंबई पोलिसांच्या हद्दीत अमली आणि उत्तेजक पदार्थ अंतर्गत हस्तगत माल, पदार्थांचे नाव, एकूण किंमत आणि अटक आरोपींची संख्या किती आहे. मुंबई पोलिसांच्या गुन्हे शाखेचे सहाय्यक पोलीस आयुक्त विनोद शिंदे यांनी अनिल गलगली यांस वर्ष 2018 आणि चालू वर्षांच्या सप्टेंबर 2019 पर्यंतची माहिती दिली. या माहितीत 1 जानेवारी ते 31 डिसेंबर 2018 या कालावधीत हेरॉईन, चरस, कोकेन, गांजा, एमडी, एलसीडी हा 1363 किलो 3241 ग्रॅम 1364 मिली ग्रॅम हस्तगत केला. या मालाची किंमत ही 10,16 कोटी 3,2 लाख 56 हजार 45 हजार अशी होती तर एकूण 395 आरोपींना अटक करण्यात आली होती. यात सर्वाधिक आरोपी हे गांजा अमली पदार्थांचे सेवन करत असून त्याची संख्या ही 194 होती. 1 जानेवारी ते 30 सप्टेंबर 2019 या कालावधीत 64 कोटी 64 लाख 62 हजार 352 रुपये किंमतीचा 169 किलो 4150  ग्रॅम 1282 मिली ग्रॅम असा माल हस्तगत करण्यात आला. यंदा आरोपींच्या संख्येत दुप्पट वाढ झाली असून एकूण 678 आरोपींना अटक करण्यात आली आहे.

अनिल गलगली यांच्या मते मुंबईत बाहेरील राज्यांतून अमली आणि उत्तेजक पदार्थाचा पुरवठा होत असून पोलिस कार्यवाहीची व्याप्ती वाढवणे गरजेचे आहे आणि नागरिकांना सहभागी करत अमली पदार्थाच्या विरोधात जनजागृती आणि विशेष अभियान चालविण्याची गरज आहे.

पिछले 19 महीनों में मुंबई पुलिस ने 1,081 करोड़ रुपये की ड्रग्स और उत्तेजक दवाएं जब्त की

मुंबई पुलिस की सीमाओं में पिछले 19 महीनों में नशीली दवाओं की सामग्री और उत्तेजक पदार्थ का कारोबार बढ़ा है। मुंबई पुलिस ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को सूचित किया है कि उन्होंने 19 महीने में 1,081 करोड़ रुपये की सामग्री जब्त की है। मुंबई पुलिस की कार्यवाही में 1073 नशेबाजों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें हेरोइन, चरस, कोकीन, मारिजुआना, एमडी, एलसीडी और नशीले पदार्थ शामिल हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई पुलिस को सूचना देने के लिए आवेदन किया था, जिसमें पिछले एक साल के दौरान मुंबई पुलिस द्वारा जब्त किए गए ड्रग्स और उत्तेजक दवाएं की संख्या, पदार्थ का नाम, कुल किंमत और गिरफ्तार किए गए आरोपियों के बारे में जानकारी मांगी गई थी। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के सहायक पुलिस आयुक्त, विनोद शिंदे ने अनिल गलगली को वर्ष 2018 और वर्तमान वर्ष के सितंबर 2019 तक की जानकारी दी हैं। इस सूचना में, 1 जनवरी से 31 दिसंबर, 2018 तक, 1364 किलोग्राम 3241 ग्राम 1364 मिलीग्राम हेरोइन, खसरा, कोकीन, मारिजुआना, एमडी, एलसीडी जब्त किए गए थे। माल की कीमत 1016 करोड़ 32 लाख 56 हजार 45 हजार रुपये थी और कुल 395 आरोपी गिरफ्तार किए गए थे। सबसे ज्यादा आरोपी मारिजुआना उपयोगकर्ता थे, और उसकी संख्या 194 थी। 1 जनवरी से 30 सितंबर, 2019 के बीच, 64 करोड़ 64 लाख 62 हजार 352 रुपये की लागत वाली 169 किलोग्राम 4150 ग्राम 1282 मिली का माल जब्त किया गया। इस साल, आरोपियों की संख्या दोगुनी हो गई है और कुल 678 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

अनिल गलगली के अनुसार, मुंबई में बाहरी राज्यों से नशे की लत वाले और उत्तेजक पदार्थों की आपूर्ति होती हैं, इसलिए पुलिस कार्रवाई के दायरे का विस्तार करने की आवश्यकता है। साथ ही में नागरिकों की सहभागिता बढ़ाकर नशे के खिलाफ जागरूकता और विशेष अभियान चलाने की आवश्यकता है।


Mumbai police seizes drugs and narcotics worth Rs 1,081 Cr in 19 months

According to an Right to Information (RTI), filed with Mumbai Police, the narcotics cell of city police has seized drugs and narcotics worth Rs 1,081 Cr in last 19 months. Police has also arrested 1073 drug peddlers and other other accused in this connection.The figures indicating that the incidents of drug sales have shot up in these months, despite police launching massive crackdown to end this menace.

RTI activist Anil Galgali had ask for information to Mumbai Police about the number of items seized, name of the item, the total value and the number of accused arrested in the Drug case during the last one year. Assistant Commissioner of Police, Vinod Shinde of the Crime Branch of Mumbai Police provided the data of year 2018 and the current year till September 2019 to Anil Galgali. In this information, from January 1 to December 31, 2018, 1363 KG, 3241 Grams,1364 Milli Gram of heroin, measles, cocaine, marijuana, MD, LCD were seized. The value of the goods was Rs 10,16 crore 32 lakh 56 thousand 45 Rupees and 395 accused were arrested. The highest number of accused were marijuana users, and the number was 194. Between January 1 to September 30, 2019, goods worth 169 Kg, 4150 grams,1282 Milli Gram were recovered in Police Action. Total value of goods was Rs 64 crore 64 lakh 62 thousand 352. This year, the number of accused has doubled and a total 678 accused have been arrested. RTI filed by activist Anil Galgali says that the narcotics seized by police include Heroin, hashish, Koken, Marijuana, MD, LCD among others.


According to Anil Galgali, the supply of addictive and stimulant substances from outside states in Mumbai is expand and there should be the scope of police action increase and there is a need to raise awareness and special campaigns against drug addiction by involving citizens.


Wednesday 13 November 2019

श्मशानभूमि में लकड़ी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदारों को मनपा की नोटीस

महानगरपालिका के तहत श्मशानभूमि में मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए 300 किलोग्राम सूखी लकड़ी की आपूर्ति करने के लिए ठेकेदार नियुक्त किए गए हैं लेकिन शिकायतें हैं कि आपूर्ति करनेवाले इसमें घपला करते हैं। मुलुंड टी वार्ड के ठेकेदार के वी पारुलेकर को आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की शिकायत की सत्यापन करने के बाद कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने शिकायत की थी कि मुलुंड वेस्ट डंपिंग ग्राउंड के पास श्मशानभूमि में गीली और कम गुणवत्ता वाली लकड़ी की आपूर्ति की जा रही हैं। यहां के सहायक आयुक्त केबी गांधी ने तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया। चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेंद्र शिंगणापुरकर ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है जिसमें बताया गया है कि शिकायत की जांच के बाद आपको जिम्मेदार क्यों नहीं ठहराया जाना चाहिए और आपको अपना अनुबंध रद्द क्यों नहीं करना चाहिए। अनिल गलगली के अनुसार, नागरिकों को शिकायत करना आवश्यक है और महानगर पालिका का प्रशासन आगे की कड़ी कार्रवाई करेगा। मुंबई के सभी श्मशानभूमि में इस तरह की घपलेबाजी हो रही हैं, उस वार्ड में चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारियों को नजर रखनी चाहिए।

स्मशानभूमीत लाकडे पुरवठा करणाऱ्या कंत्राटदारांला पालिकेची नोटीस

मुंबई महानगरपालिका अंतर्गत स्मशानभूमीत मयत व्यक्तीला 300 किलो सुकी  लाकडे पुरवठा करण्यासाठी कंत्राटदारांची नेमणूक केली असून या पुरवठयात घोळ असल्याची तक्रारी येत आहेत. आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांच्या तक्रारीची पडताळणी केल्यानंतर मुलुंड टी वॉर्डातील कंत्राटदार के व्ही परुळेकर यास कारणे दाखवा नोटीस बजावली आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मुलुंड पश्चिम डंपिंग ग्राउंड जवळील स्मशानभूमीत ओली आणि कमी दर्जाची लाकडे पुरवठा करत असल्याची तक्रार केली. येथील सहायक आयुक्त के बी गांधी यांनी ताबडतोब कार्यवाही करण्याचे आदेश दिले. वैद्यकीय आरोग्य अधिकारी डॉ महेंद्र शिंगाणपूरकर यांनी कारणे दाखवा नोटीस जारी करत स्पष्ट केले आहे की तक्रार पडताळणी नंतर आपणास जबाबदार का धरु नये आणि आपला ठेका का रद्द करु नये याचे स्पष्टीकरण मागितले आहे. अनिल गलगली यांच्या मते नागरिकांनी तक्रार करणे आवश्यक असून पालिका प्रशासन आता अजून कठोर कार्यवाही करेल. मुंबईतील सर्व स्मशानभूमीत अशाच सावळागोंधळ सुरु असून त्या- त्या वॉर्डातील वैद्यकीय आरोग्य अधिकारी वर्गानी लक्ष ठेवणे आवश्यक आहे.

Notice issued contractors who supply wood at the cemetery

Contractors have been appointed to supply 300kg of dry wood to the deceased person in the cemetery under the Municipal Corporation of Mumbai. KV Parulekar, contractor at Mulund T Ward now under fire and Bmc issued a show cause notice after verifying the complaint of RTI activist Anil Galgali.

RTI activist Anil Galgali complained that Contractor was supplying wet and low quality wood to the cemetery near Mulund West dumping ground. Assistant Commissioner KB Gandhi here ordered immediate action. Medical health officer Dr Mahendra Shinganpurkar has issued a show cause notice explaining why you should not be held responsible and why  your contract not cancel after the complaint is investigated. According to Anil Galgali, citizens are required to complain and the administration of the municipality will take even harder action. All the cemeteries in Mumbai are undergoing such a blaze, so it's duty of all Medical Health Officer should be alert .

Sunday 10 November 2019

250% की वृद्धि जल विभाग द्वारा उसी ठेकेदार को दिया 44 करोड़ का ठेका

उसी काम के लिए जिसे 2018 में मुंबई महानगरपालिका प्रशासन द्वारा रद्द कर दिया गया था, अब मुंबई महानगरपालिका प्रशासन ने काम के ठेके में 250 प्रतिशत की वृद्धि की और उसी ठेकेदार को 44 करोड़ काम का आबंटित किया हैं। अब, मुंबई नगरपालिका प्रशासन ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की शिकायत के बाद निविदाओं की जांच शुरू की है।

एपीआई सिविल कंपनी को मुंबई महानगरपालिका प्रशासन द्वारा मार्च 2018 को जारी किए गए टेंडर में सीवॉल के एपॉक्सी पैटिंग का काम मिला। इस कार्य की राशि 2.60 करोड़ थी। लेकिन मुंबई महानगरपालिका प्रशासन ने काम रद्द कर दिया। इसके बाद उसी काम में कुछ नए कामों को जोड़ते हुए, मुंबई महानगरपालिका प्रशासन ने सितंबर 2019 को 44.81 करोड़ का नया टेंडर जारी किया, जिसे फिर से पहले वाला ठेकेदार एपीआई सिविल कंपनी प्राप्त हुआ। इसमें नए काम जैसे कोटिंग करना, जल वाहिनी साफ ​​करना शामिल था। केवल 18 महीनों में, पिछली दर और नई दर में 250% की वृद्धि हुई। पिछली दर और नई दर की तुलना करते हुए, अनिल गलगली ने मुंबई के महानगरपालिका आयुक्त प्रवीण सिंह परदेशी और अतिरिक्त आयुक्त प्रवीण दराडे से शिकायत की है कि मुंबई महानगरपालिका प्रशासन को 31 करोड़ रुपये का जुर्माना लगेगा। ठेकेदार जो पहले 30 प्रतिशत कम लागत पर काम करने के लिए सहमत हो गया था, अब कुल राशि से केवल 2 प्रतिशत कम पर काम करेगा।

कुल 185 के बजाय, अब काम की लागत में 463 रुपये की वृद्धि हुई है और कुल लागत 648 रुपये है। इस पर मुंबई महानगर पालिका प्रशासन को 31 करोड़ रुपये की अतिरिक्त चपत लगेगी। अनिल गलगली के अनुसार, ठेकेदार को लाभ देने के उद्देश्य से मनपा अधिकारियों ने मुंबई महानगरपालिका को होनेवाला घाटे को नजरअंदाज किया। दोनों निविदाओं में दोष दायित्व में कोई अंतर नहीं है, लेकिन कार्य के नए निविदा को एक सुनियोजित तरीके से जारी करते हुए वृद्धि की गई हैं। अनिल गलगली की मांग के बाद मुंबई मनपा प्रशासन ने मुख्य अभियंता, सतर्कता को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है।

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250 टक्क्यांची वाढ करत जल खात्याने दिले त्याच कंत्राटदाराला 44 कोटींचे काम

2018 साली जे काम मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाने रद्द केले त्याच कामासाठी मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाने 250 टक्क्यांची वाढ करत त्याच कंत्राटदाराला 44 कोटींचे काम दिले असून या व्यवहारात पालिकेला 31 कोटीचा भुर्दंड बसणार आहे. आता मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाने आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांच्या तक्रारीनंतर या निविदांची चौकशी सुरु केली आहे.

मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाने मार्च 2018 रोजी ज्या कामासाठी निविदा सार्वजनिक केली होती ते जलवाहिन्याच्या एपोक्सी पैटिंगचे काम एपीआय सिव्हील कंपनीस मिळाले होते. या कामाची रक्कम 2.60 कोटी होती. पण हे काम मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाने रद्द केले. त्यानंतर त्याच कामात आणखी काही नवीन कामे जोडत मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाने 44.81 कोटींची नवीन निविदा सप्टेंबर 2019 रोजी काढली जे पुन्हा त्याच पूर्वीच्या म्हणजे एपीआय सिव्हील कंपनीस मिळाले. यात कोटींग, वाहिन्याची सफाई अशी नवीन कामाचा समावेश होता. फक्त 18 महिन्यात पूर्वीच्या दरात आणि नवीन दरात 250 टक्क्यांनी वाढ झाली. पूर्वीच्या दराची आणि नवीन दराची तुलना केल्यास मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाला 31 कोटीचा भुर्दंड बसणार असल्याची तक्रार अनिल गलगली यांनी मुंबई महानगरपालिका आयुक्त प्रविनसिंह परदेशी आणि अतिरिक्त आयुक्त प्रवीण दराडे यांसकडे केली आहे. जो कंत्राटदार यापूर्वी 30 टक्के कमी किंमतीत काम करण्यास राजी होता तोच आता एकूण रक्कमेच्या फक्त 2 टक्के कमी किंमतीत काम करणार आहे.

एकूण 185 ऐवजी आता कामाचा किंमतीत 463 रुपयांची वाढ झाल्यामुळे एकूण 648 रुपये मोजावे लागत आहे. यामुळे मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाला 31 कोटी अतिरिक्त मोजावे लागतील. अनिल गलगली यांच्या मते कंत्राटदाराला लाभ करुन देताना अधिकारी वर्गानी मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाला होणारा भुर्दंड लक्षात घेतला नाही. दोन्ही निविदेत डिफेक्ट लायबलिटी मध्ये कोणताही फरक नसून सुनियोजित पद्धतीने कामाची नवीन निविदा चढया दराने काढण्यात आली आहे. अनिल गलगली यांच्या निवेदनाची दखल घेत मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाने प्रकरणाची चौकशी करण्याचे आदेश मुख्य अभियंता, दक्षता यांस दिले आहे.

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Tuesday 5 November 2019

वर्ली से शिवड़ी तक के उन्नत मार्ग की प्रक्रिया धीमी

21 महीने पहले मुंबई महानगर क्षेत्र प्राधिकरण की एक बैठक में, 1276 करोड़ रुपये की अपेक्षित लागत को मंजूरी दी गई है, लेकिन वर्ली-शिवड़ी उन्नत मार्ग के विकास की प्रक्रिया धीरे-धीरे शुरू की गई है। एमएमआरडीए प्राधिकरण के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा यह जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी गई है।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्राधिकरण से वर्ली-शिवड़ी उन्नत मार्ग के बारे में जानकारी मांगी थी। एमएमआरडीए प्राधिकरण के इंजीनियरिंग विभाग ने अनिल गलगली को सूचित किया कि वर्ली से शिवड़ी मार्ग की लंबाई लगभग 4.51 किमी है और चौड़ाई 17 मीटर है। फरवरी 27, 2018 को मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण की 147 वीं बैठक में इस परियोजना के लिए अपेक्षित व्यय 1276 करोड़ रुपये की मंजूरी मिल गई है। वर्तमान में ठेकेदार नियुक्ति और सलाहकार नियुक्ति के लिए निविदा प्रक्रिया जारी है। वर्ली से शिवडी मार्ग के लिए जिस विभाग की एनओसी की आवश्यकता होती है, उसमें मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, महाराष्ट्र सागर डिवीजन प्रबंधन प्राधिकरण, स्लम पुनर्वास प्राधिकरण, यातायात विभाग और मुंबई नगर निगम के वृक्ष प्राधिकरण शामिल हैं। 

अनिल गलगली के अनुसार, वर्ली-शिवड़ी मार्ग मुंबई सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और एमएमआरडीए प्राधिकरण को इस मार्ग के लिए युद्धस्तर पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है।


वरळी ते शिवडी उन्नत मार्गाची प्रक्रिया संथगतीने

21 महिन्यापूर्वी मुंबई महानगर प्रदेश प्राधिकरणाच्या बैठकीत 1276 कोटीचा अपेक्षित खर्च मंजूर होऊनही वरळी ते शिवडी उन्नत मार्गाची प्रक्रिया संथगतीने सुरु असून कंत्राटदार, सल्लागार नेमणूकीपासून विविध एनओसीअभावी काम रखडलेले आहे. सदर माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस एमएमआरडीए प्राधिकरणाच्या अभियांत्रिकी विभागाने दिली आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी एमएमआरडीए प्राधिकरणाकडे वरळी ते शिवडी उन्नत मार्गाची माहिती विचारली होती. एमएमआरडीए प्राधिकरणाच्या अभियांत्रिकी विभागाने अनिल गलगली यांना कळविले की वरळी ते शिवडी उन्नत मार्गाची लांबी सुमारे 4.51 किलोमीटर आणि रुंदी 17 मीटर आहे. या प्रकल्पाच्या अपेक्षित खर्च मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरणाच्या 147 व्या दिनांक 27 फेब्रुवारी 2018 रोजी झालेल्या बैठकीत मंजूर केल्याप्रमाणे रु 1276 कोटी इतका आहे. सद्यस्थितीत कंत्राटदार नियुक्तीची व सल्लागार नेमणुकीची निविदा प्रक्रिया प्रगतीपथावर आहे. वरळी ते शिवडी उन्नत मार्गाकरिता ज्या विभागाची एनओसी आवश्यक आहे त्यात मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, महाराष्ट्र सागरी किनारा विभाग व्यवस्थापन प्राधिकरण, झोपडपट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण, वाहतुक विभाग आणि मुंबई महानगरपालिकेतील वृक्ष प्राधिकरण या विभागाचा समावेश आहे.

अनिल गलगली यांच्या मते हा वरळी ते शिवडी उन्नत मार्ग मुंबई सार्वजनिक वाहतुक व्यवस्था अंतर्गत महत्वाचा टप्पा असून एमएमआरडीए प्राधिकरणाने या मार्गासाठी युध्दस्तरावर कार्यवाही करण्याची आवश्यकता आहे. 

Process for proposed Worli to Sewri elevated road moves in a slow pace

MMRDA had in its authority meeting approved construction of an Worli to Sewri elevated road costing RS 1276 crores almost 21 months back, but the process to start the project has lost momentum and pace. Lack of various NOC's with appointment of contractors and advisors remains pending. This information was provided by the Engineering department of the MMRDA to RTI Activist Anil Galgali.

RTI activist Anil Galgali had asked the MMRDA authority for information about the Worli- Sewri Elevated road. The engineering department of the MMRDA authority informed Anil Galgali that the length of the Worli-to-Sewri road is about 4.51 km and the width is 17 meters. The expected expenditure for this project is Rs 1276 crore as approved at a 147 meeting of Mumbai Metropolitan Region Development Authority on February 27, 2018. At present the tender process for contractor appointment and consultant appointment is in progress. The department which requires the NOC for the Worli- Sewri road includes Mumbai Port Trust, Maharashtra Seashore Division Management Authority, Slum Rehabilitation Authority, Traffic Department and Tree Authority of Mumbai Municipal Corporation.


According to Anil Galgali, this Worli-Sewri road is an important phase in the Mumbai public transport system and MMRDA authority needs to take action on the battlefield for this road.

Wednesday 30 October 2019

प्रत्येक आधार कार्ड बनविण्यासाठी येणा-या खर्चाची माहिती सरकारकडे उपलब्ध नाही

हजारो कोटी रुपये खर्च करून आधार ओळखपत्र योजना देशात आणली गेली होती, परंतु प्रत्येक आधार कार्ड बनवताना होणा-या खर्चाची माहिती उपलब्ध नाही, अशी माहिती भारतीय विशिष्ट ओळख प्राधिकरणाने आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांना दिली.या व्यतिरिक्त, एकूण आवश्यक कार्ड आणि आता किती कार्डे आवश्यक आहेत याबद्दल देखील सरकारकडे माहिती नाही.

माहिती अधिकार कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी युनिक आयडेंटिफिकेशन ऑथॉरिटी ऑफ इंडियाला आधार ओळखपत्राची विविध माहिती मागितली होती. भारतीय विशिष्ट ओळख प्राधिकरणाचे सहायक महासंचालक अशोक कुमार यांनी अनिल गलगली यांच्या अर्जावर कळविले की एकूण आवश्यक कार्ड आणि आता आवश्यक असलेल्या कार्डाची माहिती उपलब्ध नाही. एकूण कार्ड बनविण्याच्या अंदाजित लक्ष्याबद्दल 20 सप्टेंबर 2019 रोजीच्या अधिसूचनेची एक प्रत देण्यात आली, तर या कार्डाच्या एकूण अधिसूचनेत एकूण अंदाजित कार्डांची संख्याही नमूद केलेली नाही. आतापर्यंत एकूण किती कार्ड तयार केले गेले आणि किती कार्ड वितरित केले या माहितीवर, गलगलीचा अर्ज लॉजिस्टिक्स विभागात हस्तांतरित करण्यात आला आहे. तसेच कार्ड तयार करण्यासाठी लागणार्‍या खर्चाबाबत गलगलीचा अर्ज वित्त विभागाकडे वर्ग करण्यात आला. 

वित्त विभागाचे सहायक महासंचालक सय्यद रवीश अली यांनी अनिल गलगली यांना स्पष्ट केले की, मागितलेली माहिती वित्त विभागात उपलब्ध नाही. अनिल गलगली यांनी संकेतस्थळाला भेट दिली असता, 124 कोटी 62 लाख 21 हजार 866 कार्ड तयार झाल्याचे आढळले. तथापि प्रत्येक आधार कार्ड बनविण्यासाठी येणा-या खर्चाची माहिती उपलब्ध नव्हती.

अनिल गलगली यांच्या म्हणण्यानुसार, आकडेवारीत माहिती देण्याऐवजी भारतीय विशिष्ट ओळख प्राधिकरणाने उडवाउडवीची उत्तरे देऊन प्रत्यक्षात मागितलेली माहिती आणि उत्तर देण्याचे टाळले आहे. जर माहिती उपलब्ध नसेल तर ती कोठे उपलब्ध आहे यावर मौन बाळगून आहे. अनिल गलगली यांनी पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांना पत्र लिहून सर्वसामान्यांना समजेेल अश्या सोप्या पद्धतीने संपूर्ण प्रकरणाची माहिती सार्वजनिक करण्याची मागणी केली आहे.

Govt has no data on cost incurred per card for Aadhar - RTI

The government launched the ambitious Aadhar card based identification system by spending thousands of crores. But when asked about the cost incurred for issuing per card, the UIDAI seems to have no data or calculation for it, as per the response provided in a reply to a query filed by RTI Activist Anil Galgali. Also the government seems unware of how many cards would be totally required and also how much cards remains pending.

RTI activist Anil Galgali had asked the Unique Identification Authority of India to have information linked to the Aadhaar identity card. On the application of Anil Galgali, Assistant Director General of Unique Identification Authority of India, Ashok Kumar inform that the information about total required cards and the number of cards required is not available now.

A copy of the notification dated 20 September 2019 regarding the estimated target of making the total card was handed over, while go through with notification for this card does not even mention the total estimated number of cards.On the information of the total cards made and the number of cards distributed so far, Galgali's application has been transferred to the logistics division. Similarly, Galgali's application was transferred to the Finance Department for the expenses incurred for making the card. 

Assistant Director General of Finance Department Syed Ravish Ali made it clear to Galgali that the information sought was not available in the Finance Department. When Anil Galgali check the website, it was found that 124 crore 62 lakh 21 thousand 866 cards have been generated. However, the information of spending amount cost for incurred per card for Aadhar has not available.

According to Anil Galgali, instead of giving the information that could have been given in the figures, the Unique Identification Authority of India is avoiding it by giving misleading replies. If information is not available at there level, it is silent on where it is available. Anil Galgali wrote a letter to Prime Minister Narendra Modi and urge to make the information of this entire matter understandable language to the common people, thus making it public.

Friday 25 October 2019

महाराष्ट्र सरकार कब देगी मुंबई विद्यापीठ को बकाया अनुदान की 27.98 करोड़ की रकम

मुंबई विद्यापीठ को महाराष्ट्र सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार का अनुदान मिलता हैं जिसमें से वर्तमान स्थिती में कुल 65.12 करोड़ रुपए में से 27.98 करोड़ रुपए सरकार के पास प्रलंबित होने की जानकारी मुंबई विद्यापीठ ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी हैं। यह प्रलंबित अनुदान के योजना में स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे अध्यासन, राष्ट्रीय उच्चस्तर शिक्षा अभियान, मुंबई अर्थशास्त्र और सार्वजनिक नीतियां और प्रकल्प माय मराठी का शुमार हैं।


आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई विद्यापीठ से जानकारी मांगी थी कि मुंबई विद्यापीठ को महाराष्ट्र सरकार द्वारा मिलनेवाला विभिन्न अनुदान कि जानकारी दी जाए। मुंबई विद्यापीठ के वित्त व लेखा विभाग के उपकुलसचिव राजेंद्र अंबावडे ने अनिल गलगली को बताया कि लेखा व विकास कक्ष के लिए 63 करोड़ 32 लाख 72 हजार 997 रुपए मंजूर अनुदान था लेकिन असल में 35 करोड़ 82 लाख 72 हजार 997 रुपए प्राप्त हुआ हैं जिसमें से 27 करोड़ 50 लाख यह रक्कम प्रलंबित हैं। इस  सामाजिक कक्ष के अंतर्गत महिला वसतिगृह के लिए रु 10 करोड़, रत्नागिरी में डॉ बाबासाहेब आंबेडकर महाविद्यालय के लिए रु 1. 79 करोड़, सिंधुदुर्ग में विजयालक्ष्मी महाविद्यालय के लिए रु 91.57 लाख, महाराष्ट्र राज्य विश्वकोश निर्मिती मंडल के लिए रु 57.60 लाख, अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण कार्य के लिए रु 4.13 लाख ऐसा अनुदान प्राप्त हुआ हैं। लेकिन स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे अध्यासन के लिए रु 5 करोड़ मंजूर अनुदान था जिसमें से सिर्फ रु 1 करोड़ प्राप्त हुआ हैं। आज भी रु 4 करोड़ की रकम सरकार के पास प्रलंबित हैं। राष्ट्रीय उच्चस्तर शिक्षा अभियान के लिए मंजूर अनुदान रु 20 करोड़ हैं जिसमें से रु 15 करोड़ प्राप्त हुआ हैं और रु 5 करोड़ यह रकम प्रलंबित हैं। मुंबई अर्थशास्त्र और सार्वजनिक नीतियों के लिए रु 25 करोड़ मंजूर होते हुए सरकार ने सिर्फ रु 6.50 करोड़ जारी किए हैं और रु 18.50 करोड़ यह रकम आज भी प्रलंबित हैं। ऐसा कुल  रु 63 करोड़ 32 लाख 72 हजार 997 मंजूर अनुदान में से सरकार ने  रु 35 करोड़ 82 लाख 72 हजार 997 दिए हैं और रु 27 करोड़ 50 लाख यह रकम प्रलंबित हैं। इसके अलावा जर्मन विभाग में रु 1.80 करोड़ मंजूर अनुदान में से सरकार ने  रु 1 करोड़ 31 लाख 72  हजार 700 रकम जारी की हैं और रु 48 लाख 27 हजार 300 यह रकम प्रलंबित हैं। सरकार ने वर्ष 2009-10 से वर्ष 2018-19 इन गत 10 वर्ष में सिर्फ संकीर्ण विभाग में मंजूर अनुदान की रकम 100 प्रतिशत दी हैं जिसकी रकम रु 2 करोड़ 74 लाख 63 हजार 633 इतनी हैं।

अनिल गलगली के अनुसार सरकार ने जो रकम मंजूर की हैं वह रकम ताबड़तोड़ मुंबई विद्यापीठ को देना जरूरी हैं जिससे मुंबई विद्यापीठ को उन योजनाओं को गति देना आसान होगा। 

महाराष्ट्र शासनाने थकविले मुंबई विद्यापीठाच्या अनुदानाची रक्कम 27.98 कोटी

मुंबई विद्यापीठास महाराष्ट्र शासनातर्फे विविध प्रकारचे अनुदान मिळत असून सद्यस्थितीला 65.12 कोटी रुपये पैकी 27.98 कोटी रुपये शासनाकडे प्रलंबित असल्याची माहिती मुंबई विद्यापीठाने आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस दिली आहे. या प्रलंबित अनुदानाच्या योजनेत स्वर्गीय बाळासाहेब ठाकरे अध्यासन, राष्ट्रीय उच्चस्तर शिक्षा अभियान, मुंबई अर्थशास्त्र आणि सार्वजनिक धोरण आणि प्रकल्प माय मराठीचा समावेश आहे.


आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मुंबई विद्यापीठाकडे माहिती मागितली होती की मुंबई विद्यापीठास महाराष्ट्र शासनातर्फे मिळणाऱ्या विविध अनुदानाची माहिती देण्यात यावी. मुंबई विद्यापीठाच्या वित्त व लेखा विभागाचे उपकुलसचिव राजेंद्र अंबावडे यांनी अनिल गलगली यांस कळविले की लेखा व विकास कक्षासाठी 63 कोटी 32 लाख 72 हजार 997 रुपये मंजूर अनुदान होते पण प्रत्यक्षात 35 कोटी 82 लाख 72 हजार 997 रुपये प्राप्त झाले असून 27 कोटी 50 लाख ही रक्कम प्रलंबित आहे. या सामाजिक कक्षा अंतर्गत महिला वसतिगृहासाठी रु 10 कोटी, रत्नागिरीत डॉ बाबासाहेब आंबेडकर महाविद्यालयासाठी रु 1. 79 कोटी, सिंधुदुर्ग येथे विजयालक्ष्मी महाविद्यालयासाठी रु 91.57 लाख, महाराष्ट्र राज्य विश्वकोश निर्मिती मंडळासाठी रु 57.60 लाख, अखिल भारतीय उच्च शिक्षण सर्वेक्षण कार्यासाठी रु 4.13 लाख असे अनुदान प्राप्त झाले आहे. पण स्वर्गीय बाळासाहेब ठाकरे अध्यासनासाठी रु 5 कोटी मंजूर अनुदान असून त्यापैकी फक्त रु 1 कोटी प्राप्त झाले आहे. रु 4 कोटी रक्कम शासनाकडे प्रलंबित आहे. राष्ट्रीय उच्चस्तर शिक्षा अभियानासाठी मंजूर अनुदान रु 20 कोटी असून त्यापैकी रु 15 कोटी प्राप्त झाले असून रु 5 कोटी ही रक्कम प्रलंबित आहे. मुंबई अर्थशास्त्र आणि सार्वजनिक धोरणासाठी रु 25 कोटी मंजूर असताना शासनाने फक्त रु 6.50 कोटी दिले असून रु 18.50 कोटी ही रक्कम आजही प्रलंबित आहे. असे एकूण रु 63 कोटी 32 लाख 72 हजार 997 मंजूर अनुदानांपैकी शासनाने रु 35 कोटी 82 लाख 72 हजार 997 दिले असून रु 27 कोटी 50 लाख ही रक्कम प्रलंबित आहे. याचशिवाय जर्मन विभागात रु 1.80 कोटी मंजूर अनुदानांपैकी शासनाने रु 1 कोटी 31 लाख 72  हजार 700 रक्कम दिली असून रु 48 लाख 27 हजार 300 ही रक्कम प्रलंबित आहे. शासनाने वर्ष 2009-10 पासून वर्ष 2018-19 या  गेल्या 10 वर्षात फक्त संकीर्ण विभागात मंजूर अनुदानाची रक्कम 100 टक्के दिली असून ती रक्कम रु 2 कोटी 74 लाख 63 हजार 633 इतकी आहे.

अनिल गलगली यांच्या मते शासनाने जी रक्कम मंजूर केली आहे ती रक्कम तत्काळ मुंबई विद्यापीठास देणे आवश्यक आहे जेणेकरुन मुंबई विद्यापीठास त्या योजनेला गती देण्यास शक्य होईल.

Mumbai University's grant of Rs 27.98 crores remains unpaid by state government

Mumbai University is entitled for various grants from the state government totalling Rs 65.12 crores, out of which almost RS 27.98 crores remains unpaid to the University, according to an response to an RTI query by the Mumbai University to RTI Activist Anil Galgali. This pending grant plan includes the late Balasaheb Thackeray Adhyasan, National Higher Level Education Campaign, Mumbai Economics and Public Policy and Project My Marathi.


RTI activist Anil Galgali had ask the information from Mumbai University about the various grants received by the Maharashtra government. Rajendra Ambawade, Deputy Secretary, Finance and Accounting Department of Mumbai University informed Anil Galgali that there was an approved grant of Rs 63 crore 32 lakh 72 thousand 997 for the Accounting and Development Cell, but in reality Rs 35 crore 82 lakh 72 thousand 997 was received and Rs 27 crore 50 lakh was pending. In the last 10 years, from the year 2009-10 to the year 2018-19, the Government has given only 100% of the grant sanctioned in the narrow section, amounting to Rs. 2 crore 74 lakh 63 thousand 633. Under this social class Rs 10 crore for women hostel, Rs 1. 79 crore for Dr. Babasaheb Ambedkar College in Ratnagiri, Rs 91.57 lakh for Vijayalakshmi College in Sindhudurg, Rs 57.60 lakh for Maharashtra State Encyclopedia Generation Board, Rs 4.13 lakh for All India Higher Education Survey work which 100% grant received by Mumbai University. But the late Balasaheb Thackeray Adhyashan has given a grant of Rs 5 crore for the study, of which only Rs 1 crore has been received. An amount of Rs 4 crore is pending with the government. The grant sanctioned for the National Higher Level Education Mission is Rs 20 crore, out of which Rs 15 crore has been received and Rs 5 crore is pending. While Rs 25 crore is sanctioned for Mumbai economics and public policy, the government has given only Rs 6.50 crore and Rs 18.50 crore is still pending. Out of the total grant of Rs 63 crore 32 lakh 72 thousand 997, the government has provided only Rs 35 crore 82 lakh 72 thousand 997 and Rs 27 crore 50 lakh is pending. In addition, out of the approved grant of Rs 1.80 crore in the German department, the government has given Rs 1 crore 31 lakh 72 thousand 700 and Rs 48 lakh 27 thousand 300 is pending. 

According to Anil Galgali, the amount which the government has approved must be given to the University of Mumbai immediately so that the University of Mumbai can accelerate that plan.

Thursday 10 October 2019

मुंबई में विश्व बेघर दिन मनाया गया

विश्व बेघर दिन मुंबई के कमाठीपुरा में मनाया गया। सूचना  अधिकार कार्यकर्ता अनिल गलगली ने राज्य के बेघर को मालिकाना मकान दिलाने के लिए शुरु प्रयास की जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सकारात्मक भूमिका से बेघर का 'अच्छे दिन' आएंगे।

मुंबई के कमाठीपुरा में पहचान संस्था के अध्यक्ष ब्रिजेश आर्य जो महाराष्ट्र राज्य निवारा समिति के सदस्य भी हैं इनकी पहल पर विश्व बेघर दिन मनाया गया। अनिल गलगली जो बेघर के लिए काम करते हैं उन्होंने कहा कि मुंबई महानगरपालिका प्रशासन ने मुंबई में 125 शेल्टर का निर्माण काम शुरु किया गया। राज्य की महानगरपालिका अब बेघरों को मकान दिलाने के लिए सकारात्मक हुुई हैं क्योंकि स्वयं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यह सकारात्मक हैं। पहचान संस्था के अध्यक्ष ब्रिजेश आर्य ने कहा कि निवारा समिती के निर्णय का अब दिल्ली, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडू यह अनुकरण कर रहे हैं और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बार बार सहयोग किया हैं। निवारा समिती यह हर एक मकान देने के लिए संकल्पित हैं। इस मौके पर लीना पाटील, सुहास रोकडे, शीला पवार, अंजली सातेलिया, नसीम शेख, सलमा बी, विजय गजबिनकर उपस्थित थे।

मुंबईत जागतिक बेघर दिवस साजरा

जागतिक बेघर दिवस मुंबईतील कमाठीपुरा येथे साजरा करण्यात आला. माहिती अधिकार कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी राज्यातील बेघरांना हक्काचे घर मिळवून देण्यासाठी सुरु असलेल्या प्रयत्नाची माहिती देत म्हणाले की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांच्या सकारात्मक भूमिकेमुळे बेघरांचे 'अच्छे दिन' येतील.

मुंबईतील कमाठीपुरा येथे पहचान संस्थेचे अध्यक्ष ब्रिजेश आर्य जे महाराष्ट्र राज्य निवारा समितीचे सदस्य आहेत, यांच्या पुढाकाराने जागतिक बेघर दिवस साजरा करण्यात आला. अनिल गलगली जे बेघरांसाठी काम करतात, ते म्हणाले की मुंबई महानगरपालिका प्रशासनाने मुंबईत 125 निवारे बांधण्यासाठी काम सुरु केले असून राज्यातील महानगरपालिका आता बेघरांसाठी सकारात्मक झाली आहेत कारण दस्तुरखुद्द मुख्यमंत्री हे सकारात्मक आहेत. पहचान संस्थेचे अध्यक्ष ब्रिजेश आर्य म्हणाले की निवारा समितीच्या निर्णयाचा आता दिल्ली, आंध्रप्रदेश, तमिळनाडू हे अनुकरण करत असून मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी वेळोवेळी सहकार्य केले आहे आणि निवारा समिती हे प्रत्येकाला घर देण्यासाठी कटिबध्द आहे. यावेळी लीना पाटील,सुहास रोकडे, शीला पवार, अंजली सातेलिया, नसीम शेख, सलमा बी,विजय गजबिनकर उपस्थित होते.

Mumbai Celebrate World Homeless Day

World Homeless Day was celebrated at Kamathipura in Mumbai. RTI Activist  Anil Galgali said that efforts are being made to provide permanent home to the homeless in the state. The positive role of Chief Minister Devendra Fadnavis will lead to the 'good days' of the homeless.

World Homeless Day was celebrated at Kamathipura in Mumbai with the initiative of Brijesh Arya, President of the NGO Pehchan, who is also a member of Maharashtra State level Shelter Monitory Committee. Anil Galgali, who works for the homeless, said that the municipal administration of Mumbai has started work on construction of 125 shelters in Mumbai and the municipalities in the state are now positive for the homeless as the Chief Minister himself is positive. President of the Pehchan, Brijesh Arya, said that the decision of the shelter committee is now being followed by Delhi, Andhra Pradesh, Tamil Nadu and Chief Minister Devendra Fadnavis has cooperated with it from time to time and the shelter committee is determined to give everyone a home. Lina Patil, Suhas Rokade, Shila Pawar, Anjali Satelia, Naseem Sheikh, Salma B, Vijay Gajbinkar were present on the occasion.

Wednesday 9 October 2019

विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस मनाया गया

सेरेब्रल पाल्सी एसोसिएशन ऑफ इंडिया, सांताक्रूज़ (पूर्व ) द्वारा विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस के मौके मनराज प्रतिष्ठान के सहयोग से एक विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन सांताक्रूज़ (पूर्व ) स्थित मुख्यालय में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ शैलेंद्र सिंह (वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट) के अलावा आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, डॉ ईशा गुप्ता (एमडी बाल रोग विशेषज्ञ) शिविर के मुख्य अतिथि थे। संस्थान की ओर से मानसिक विकलांगों के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थीं। विजेताओं को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया।

संस्था की प्रमुख मंजूषा सिंह ने संगठन के बारे में जानकारी प्रदान की। मरीजों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को विनोद साडविलकर, जितेंद्र तांडेल, जयराम नाईक, जय साटेलकर, योगेश माने,धनंजय पवार, गणेश पवार, स्नेहा पवार, मंदेश पवार, सुजाता सावंत, स्वाती पाटील, श्रुती गमरे, डाॅ.श्रुती हळदणकर, डाॅ.वासंती करीधावन, संदिप हिरे, विश्वनाथ सावंत, श्याम भगत, राॅड्रीग्स (एक्वा फाउंडेशन), राघव चौधरी, सिंथीया मॅथ्यूस, नम्रता मेहता, भावेश मेहता, अनिल देव, दिपक मेहता, गीता मेहता, गीता ठक्कर, चारूदत पावसकर, शिक्षिका संजना मसूरकर, भोपाल सीपीए संस्था के जसवंत राणा उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बच्चों और माता-पिता की भागीदारी के साथ, 115 लोगों ने स्वास्थ्य शिविर का लाभ उठाया। संगठन की ओर से सामाजिक कार्यकर्ता मनोज नाथानी और विनोद साडविलकर को विशेष धन्यवाद दिया गया। राजू गोल्लर, शशिकांत फड़के सीपीए स्टाफ ने कड़ी मेहनत की।  विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस को सभी उपस्थित जनों ने अपने दु:खों को भूलकर उत्साह में मनाया।

विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस साजरा करण्यात आला

सेरेब्रल पाल्सी असोसिएशन ऑफ इंडिया, सांताक्रुझ(पू) या संस्थेमार्फेत विश्व सेरीब्रल पाल्सी दिवसाचे औचित्य साधत मनराज प्रतिष्ठानच्या संयुक्त विद्यमाने विशेष आरोग्य शिबीराचे आयोजन करण्यात आले. कार्यक्रमाचे प्रमुख पाहुणे डाॅ.शैलेन्द्र सिंह (ज्येष्ठ रेडीओलाॅजीस्ट), आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली, डाॅ.इशा गुप्ता(एम.डी.बालरोग तज्ञ) हे प्रमुख पाहुणे यांच्या हस्ते शिबीराचे दिप प्रज्वलन करून करण्यात आले. संस्थेच्या वतीने मतिमंद व बहुविकलांगाच्या स्पर्धा घेण्यात आले होते. विजेत्या स्पर्धकांना बक्षिस देऊन प्रोत्साहित केले. 

संस्थेच्या हेड मंजूषा सिंह यांनी संस्थेची माहिती दिली. रुग्ण मित्र व समाजसेवकांचा सन्मान करण्यात आला. कार्यक्रमास विनोद साडविलकर, जितेंद्र तांडेल,जयराम नाईक,जय,साटेलकर,योगेश माने,धनंजय पवार, गणेश पवार, स्नेहा पवार, मंदेश पवार, सुजाता सावंत, स्वाती पाटील, श्रुती गमरे, डाॅ.श्रुती हळदणकर, डाॅ.वासंती करीधावन, संदिप हिरे, विश्वनाथ सावंत, श्याम भगत, राॅड्रीग्स(एक्वा फाउंडेशन), राघव चौधरी, सिंथीया मॅथ्यूस, नम्रता मेहता, भावेश मेहता, अनिल देव, दिपक मेहता, गीता मेहता, गीता ठक्कर, चारूदत पावसकर, शिक्षिका संजना मसूरकर, भोपाल सीपीए संस्थेचे जसवंत राणा इ.तसेच कार्यक्रम यशस्वी करण्यासाठी मुलांनी व पालकांनी सहभाग घेतल्याने ११५ लोकांनी आरोग्य शिबीराचा लाभ घेतला, संस्थेच्या वतीने समाजसेवक मनोज नाथानी व विनोद साडविलकर यांचे विशेष आभार मानण्यात आले. राजू गोल्लार, शशीकांत फडके सीपीएचे कर्मचारी यांनी विशेष मेहनत घेतली. सर्व दुःख विसरून विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस उत्साहात साजरा करण्यात आला.

World Cerebral Palsy Day was celebrated

A special health camp was organized by the Cerebral Palsy Association of India, Santacruz (East) on the occasion of World Cerebral Palsy Day at the headquarters in Santacruz (East) in collaboration with the Manraj Pratishthan. Dr. Shailendra Singh (Senior Radiologist), RTI activist Anil Galgali, Dr. Esha Gupta (MD Pediatrician) was the Chief guest of the camp. Competitions were organized by the institute. The winners were encouraged by giving prizes.

Institute head Manjusha Singh brief the institution aim and work. Vinod Sadvilkar, Jitendra Tandel, Jairam Naik, Jai Satelkar, Yogesh Mane, Dhananjay Pawar, Ganesh Pawar, Sneha Pawar, Mandesh Pawar, Sujata Sawant, Swati Patil, Shruti Gamre, Dr. Shruti Hadankar, Dr. Vasanti Kareedhavan, Sandip Hire, Vishwanath Sawant, Shyam Bhagat, Radrigues (Aqua Foundation), Raghav Chaudhary, Cynthia Mathews, Namrata Mehta, Bhavesh Mehta, Anil Dev, Deepak Mehta, Geeta Mehta, Geeta Thakkar, Charudat Pavas Tax, teacher Sanjana Masurkar, Jaswant Rana of Bhopal CPA institution were present. 115 children took advantage of the health camp, with the participation of children and parents to make the program a success. Special thanks were given to social workers Manoj Nathani and Vinod Sadvilkar on behalf of the organization. Raju Golar, Shashikant Phadke CPA Staff worked hard to success. The World Cerebral Palsy Day was celebrated with enthusiasm by all the present people forgetting their sorrows.