Thursday 29 September 2016

वाईस चांसलर के खिलाफ शिकायत का स्वतंत्र रजिस्टर राज्यपाल सचिवालय नहीं रखता हैं

महाराष्ट्र के सभी विद्यापीठ के वाईस चांसलर के खिलाफ शिकायतों का प्रतिशत बढ़ने के बाद भी इनके खिलाफ आनेवाली शिकायतों का स्वतंत्र रजिस्टर राज्यपाल सचिवालय के पास नहीं होने का दावा आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को भेजे हुई जानकारी में राज्यपाल सचिवालय के शिक्षा विभाग ने किया हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने राज्यपाल सचिवालय से राज्य के सभी वाईस चांसलर के खिलाफ में आई शिकायतें और उसपर की गई कारवाई की जानकारी मांगी थी। राज्यपाल सचिवालय के शिक्षा विभाग के अवर सचिव और जन सूचना अधिकारी प्र.पां.लुबाल ने अनिल गलगली का आवेदन ख़ारिज करते हुए बताया कि उनका आवेदन जनरल होने से कौनसे वाईस चांसलर और विशेष शिकायत का जिक्र नहीं हैं। उनके कार्यालय में सभी वाईस चांसलर की शिकायत को लेकर स्वतंत्र रजिस्टर नहीं रखा जाता हैं। लुबाल ने आगे कहा कि आखिर जिस वाईस चांसलर के खिलाफ हुई शिकायत की जानकारी चाहिए उसे बताने पर उनके कार्यालय में उपलब्ध जानकारी उपलब्ध कराना उन्हें मुनासिफ़ होगा।  अनिल गलगली ने इस अजीब दावे के खिलाफ राज्यपाल के उपसचिव परिमल सिंह के पास प्रथम अपील दायर किया हैं।  राज्यपाल यह सभी  विद्यापीठ के चांसलर होने से  राज्यपाल सचिवालय में शिक्षा विभाग होते हुए ऐसी जानकारी का स्व
तंत्र रजिस्टर नहीं हैं, यह आश्चर्यजनक और विरोधाभास का उदाहरण होने की शिकायत करते हुए अनिल गलगली ने अवर सचिव पर जानकारी छुपाने का आरोप लगाया हैं।
महाराष्ट्र में मुंबई विद्यापीठ, डॉ बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाडा यूनिवर्सिटी, महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, नार्थ महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी जळगाव, डॉ पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ अकोला, सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी, शिवाजी यूनिवर्सिटी कोल्हापूर, सोलापूर यूनिवर्सिटी, मराठवाडा कृषि यूनिवर्सिटी परभणी, यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र ओपन यूनिवर्सिटी नासिक ऐसे विद्यापीठ हैं और उनके वाईस चांसलर के खिलाफ सैकड़ों शिकायतें चांसलर के पास आती हैं।


कुलगुरुच्या विरोधातील तक्रारीची राज्यपाल सचिवालयाकडे स्वतंत्र नोंदवही नाही

महाराष्ट्रातील सर्वच विद्यापीठाच्या कुलगुरुच्या विरोधात तक्रारीचे प्रमाण वाढलेले असताना या कुलगुरुच्या विरोधातील तक्रारीची राज्यपाल सचिवालयाकडे स्वतंत्र नोंदवही नसल्याचा दावा आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस पाठविलेल्या माहितीत राज्यपाल सचिवालयातील शिक्षण विभागाने केला आहे.
आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी राज्यपाल सचिवालयाकडे राज्यातील सर्व कुलगुरुच्या विरोधात आलेल्या तक्रारी आणि केलेली कारवाईची माहिती मागितली होती. राज्यपाल सचिवालयातील शिक्षण विभागाचे अवर सचिव आणि जन माहिती अधिकारी प्र.पां.लुबाळ यांनी अनिल गलगली यांचा अर्ज नाकारत कळविले की अर्ज मोघम स्वरुपाचा असून कोणत्या नेमक्या कुलगुरुविषयी अथवा विशिष्ट तक्रारीबाबत उल्लेख नाही.तसेच या कार्यालयात सर्व कुलगुरुच्या तक्रारीबाबत स्वतंत्र नोंदवही ठेवली जात नाही. लुबाळ यांनी पुढे कळविले की नेमक्या कोणत्या कुलगुरुच्या विरोधा कोणत्या तक्राराची माहिती हवी आहे ती कळविल्यास त्यासंबंधी या कार्यालयात उपलब्ध माहिती पुरविणे शक्य होईल. अनिल गलगली या दाव्याच्या विरोधात राज्यपालाचे उपसचिव परिमल सिंह यांस कडे प्रथम अपील दाखल केले आहे. राज्यपाल हे सर्व विद्यापी
ठाचे कुलसचिव असून राज्यपाल सचिवालयात शिक्षण विभाग असूनही अश्या माहितीची नोंद नाही, ही बाब आश्चर्यजनक आणि पटणारी नसल्याची खंत अनिल गलगली यांनी व्यक्त करत अवर सचिव माहिती लपवित असल्याचा आरोप केला.
महाराष्ट्रात मुंबई विद्यापीठ, डॉ बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाडा यूनिवर्सिटी, महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, नार्थ महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी जळगाव, डॉ पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ अकोला, सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी, शिवाजी यूनिवर्सिटी कोल्हापूर, सोलापूर यूनिवर्सिटी, मराठवाडा कृषि यूनिवर्सिटी परभणी, यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र ओपन यूनिवर्सिटी नाशिक अशी विद्यापीठ असून कुलगुरुच्या विरोधात असंख्य तक्रारी असतात.

Governor's office doesn't maintain a separate record file for complaints concerning Vice Chancellor's of Universities.

There's is a rise in complaints against the Vice Chancellor's of all universities in Maharashtra, yet the Governor's secretariat doesn't maintain a separate file of complaints for record purposes has been revealed in a reply to RTI Activist Anil Galgali by the Education department in the Governor's secretariat.
RTI Activist Anil Galgali had sought information from the Governor's secretariat regarding all complaints received by it against the Vice Chancellor's of Universities in Maharashtra. Shri PP Lumball, Under Secretary and Public Information Officer in the Education department within the Governor's secretariat rejected the RTI query filed by Galgali stating that the Information sought is general in nature since it does not mention any Particular Vice Chancellor regarding whom the information is sought and also if the information sought is of any specific complaint. Also the office doesn't maintain an record file for preserving the complaints against VC's of the Universities. Lumball has further informed that, if a query is raised regarding any specific complaint against a particular VC, in that case it would be able to provide whatever information which may be available with them. Anil Galgali has filed an 1st appeal with Dy Secretary of the Governor, Primal Singh against the claim of the Public Information Officer. Galgali further claimed that, the Governor is the Chancellor of all the Universities in Maharashtra and further has a Education department within its Secretariat hence its claim that a file to record complaints against VC's is not maintained by the office is surprising and non convincing regretted Galgali. Galgali alleged that it is an effort by Dy Secretary to conceal information.
The various Universities in Maharashtra are namely University of Mumbai, Dr Babasaheb Ambedkar Marathwada University, Maharashtra University of Health sciences, Nashik, Mahatma Phule Agricultural university, North Maharashtra University, Jalgaon, Dr Punjabrao Deshmukh Agricultural University, Akola, Savitri
bai Phule Pune University, Shivaji University, Kolhapur, Solapur University, Marathwada Agricultural University, Parbhani, Yashwantrao Chavan Maharashtra Open University, Nashik, have Vice Chancellor's against whom there are multiple complaints filed by people with the Governor, who is also the Chancellor of all the above Universities.

Friday 23 September 2016

14 वर्ष से अटका कुर्ला सबवे का काम दिसंबर 2016 तक होगा पूर्ण

बहुप्रतिक्षित कुर्ला पूर्व और पश्चिम को जोड़नेवाला ऐसा कुर्ला सबवेे का काम दिसंबर 2016 तक पूर्ण होगा, ऐसी जानकारी रेलवे और मनपा प्रशासन ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी हैं। मध्य रेलवे ने  3.84 करोड़ अबतक खर्च किया हैं वहीं मध्य रेलवे ने 2.11 करोड़ और मनपा 2.94 करोड़ ऐसे कुल मिलाकर  5.05 करोड़ खर्च कर रहे हैं।

कुर्ला सबवेे का काम यह पिछले 14 वर्षो से प्रलंबित हैं। मनपा और मध्य रेलवे में आपसी समन्वय न होने के चलते काम अटक गया था। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मध्य रेलवे और मनपा प्रशासन से इस काम को लेकर जानकारी मांगी थी। मनपा के कार्यकारी अभियंता (पूल) एफ.के.चव्हाण ने अनिल गलगली को बताया कि कुर्ला सबवे की कुल लंबाई 129.90 मीटर, चौड़ाई 7.60 मीटर और उंचाई 2.60 मीटर इतनी हैं। मनपा सिर्फ पश्चिमी छोर का अप्रोच रोड़ का काम करेगी जिसका कुल  खर्च रु. 2 करोड़ 94 लाख 88 हजार 383 हैं।  यह काम करने के लिए मे.जे.एल.कंस्ट्रक्शन कंपनी की नियुक्ती की गई हैं। काम शुरु करने की तारीख 15 फरवरी 2016 हैं जो  9 महीने में (बारिश छोड़कर ) पुरा होगा।

मध्य रेलवे के सहायक कार्यकारी अभियंता ( कंस्ट्रक्शन) के.प्रभाकरन ने अनिल गलगली को बताया कि अबतक रेलवे ने रु. 3 करोड़ 84 लाख 43 हजार रकम खर्च की हैं।  सोलापूर की मेसर्स महेश रुपचंदाणी कंपनी ने दिनांक 21 अक्तूबर 2014 को काम शुरु किया हैं जो दिनांक 31 दिसंबर 2016 को पूर्ण होगा। इसका काम मध्य और हार्बर रेलवे की पटरियों से तले हो रहा हैं।

अनिल गलगली के अनुसार करोड़ों का खर्च करने के बाद भी पिछले 14 वर्षों से कुर्ला सबवे शुरु नहीं हो पाया हैं। कुर्ला सबवे शुरु होते ही उसका लाभ हजारों पैदल चलनेवाले नागरिकों को तो होगा ही साथ ही में रेलवे की दुर्घटना की संख्या में गिरावट आने में मदद होगी, ऐसा विश्वास अनिल गलगली ने व्यक्त किया हैं।

14 वर्षे रखडलेल्या कुर्ला सबवेे चे काम डिसेंबर 2016 पर्यंत होईल पूर्ण

बहुप्रतिक्षित असा कुर्ला पूर्व आणि पश्चिमेला जोडणारा असा कुर्ला सबवे चे काम डिसेंबर 2016 पर्यंत पूर्ण होईल, अशी माहिती रेल्वे आणि पालिका प्रशासनाने आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस दिली आहे. मध्य रेल्वेने 3.84 कोटी आतापर्यंत खर्च केले असून आता मध्य रेल्वे 2.11 कोटी आणि पालिका 2.94 कोटी असे 5.05 कोटी खर्च करत आहे.


कुर्ल्याचा सबवे चे काम हे गेल्या 14 वर्षापासून प्रलंबित आहे. पालिका आणि मध्य रेल्वेच्या समन्वयाच्या अभावी काम रखडलेले होते. आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मध्य रेल्वे आणि पालिका प्रशासनाकडे या कामाबाबत माहिती विचारली होती. पालिकेचे कार्यकारी अभियंता (पूल) एफ.के.चव्हाण  यांनी अनिल गलगली यांस कळविले की कुर्ला सबवेची एकूण लांबी 129.90 मीटर, रुंदी 7.60 मीटर आणि उंची 2.60 मीटर इतकी आहे.  पालिका फक्त पश्चिमेकडील पोहोचमार्गाचे काम करणार असून त्याचा एकूण खर्च रु. 2 कोटी 94 लाख 88 हजार 383 आहे. हे काम करण्यासाठी मे.जे.एल.कंस्ट्रक्शन कंपनीची नेमणूक करण्यात आली आहे. काम सुरु करण्याची तारीख 15 फेब्रुवारी 2016 असून कामाचा कालावधी 9 महिन्याचा (पावसाळा वगळून) आहे.


मध्य रेल्वेचे सहायक कार्यकारी अभियंता ( कंस्ट्रक्शन) के.प्रभाकरण यांनी अनिल गलगली यांस कळविले की आतापर्यंत रेल्वेने रु. 3 कोटी 84 लाख 43 हजार रक्कम खर्च झाली आहे. सोलापूर येथील मेसर्स महेश रुपचंदाणी ने दिनांक 21 ऑक्टोबर 2014 रोजी काम सुरु केले असून दिनांक 31 डिसेंबर 2016 रोजी काम पूर्ण होईल.या सबवे चे काम मध्य आणि हार्बर रेल्वेच्या खालील भागात होत आहे.

अनिल गलगली यांच्या मते कोटयावधीचा खर्च करुनही गेल्या 14 वर्षापासून कुर्ला सबवे सुरु होऊ शकला नाही. कुर्ला सबवे सुरु होताच याचा लाभ हजारों पादचा-यांस होईल आणि रेल्वे दुर्घटनेत घट होण्यास मदत मिळेल, असा विश्वास अनिल गलगली यांनी व्यक्त केला.

Delayed by 14 years, Kurla Subway to be ready for use by December 2016


Construction of Subway passing underneath Kurla station will begin soon, After Inordinate delay of almost 14 years. Ongoing work on the subway is slated to be completed by December 2016, Inquiries by RTI activist Anil Galgali revealed. This time Railway and Mumbai Municipal Corporation have teamed up to finish the indefinitely delayed Project, Entailing a fresh cost Rs 5.05 crores. On completion this subway will provide a much needed link between the East & West side to one of the busiest suburban thoroughfares in Mumbai.


Executive Engineer (Construction) of Central Railway, K. Prabhakaran informed Galgali that Ms  Mahesh Roopchandani of Solapur have been awarded the contract of construction by the Railways. Central Railway is to provide an additional fund of Rs 2.11 crores for completion of the project. On 21 October 2014 work starts by Contractor and would be finish on 31 December 2016. Central Railway had earlier spent Rs 3.84 crores on 129.9 metre on construction of a tunnel running under Main and Harbour Railway lines. This 7.60 metre wide tunnel with a height of 2.6 metres was constructed years ago, lay incomplete.

BMC had been entrusted the responsibility of construction of approach road to the western side of Subway, which alone would cost Rs 2.94 crores. Executive Engineer (Bridge) of Eastern Suburb of MCGM, F A Chavhan informed Galgali that Work has already officially begun on February 2016 and is to be completed in a period of nine months, Excluding the period of Rains.

"This uncompleted project had proved to be stupendous waste of resources, not put to use even after having spend Crores. I hope it will be completed now providing relief to common public, Also bringing down figures of deaths occurring during crossing of rail tracks", Galgali said.


Tuesday 20 September 2016

घाटकोपर मेट्रो का प्लेटफार्म क्रमांक 2 बंद

मुंबई मेट्रो के घाटकोपर स्टेशन का प्लेटफार्म क्रमांक 2 कई दिनों से बंद होने से यात्री परेशान हैं। एक ही प्लेटफार्म से गाडी का आवागमन हो रहा हैं।


आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई मेट्रो सहित एमएमआरडीए को ट्वीट कर यात्रियों को होनेवाली असुविधा की शिकायत की हैं। घाटकोपर स्थित मेट्रो का एक ही प्लेटफार्म क्रमांक 1 शुरु हैं और दूसरा प्लेटफार्म क्रमांक 2 बंद हैं। इसके चलते भीड़ अधिक होती हैं। अनिल गलगली ने इस प्लेटफार्म को तुरंत शुरु करने की मांग की हैं ताकि यात्रियों को होनेवाली दिक्कत दूर हो। जबकि यह मेट्रो का प्रथम स्टेशन होते हुए मेट्रो कंपनी इसपर ध्यान नहीं दे रही हैं।

घाटकोपर मेट्रोचा प्लेटफार्म क्रमांक 2 बंद

मुंबई मेट्रोच्या घाटकोपर स्टेशन येथील प्लेटफार्म क्रमांक 2 फार दिवसापासून बंद असल्याचा फटका प्रवाश्यांना बसला असून मेट्रो कंपनीचे ढिम्म प्रशासन कोणतीही कारवाई करत नाही.  एकाच प्लेटफार्मवरुन  गाडीची ये-जा सुरु आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मुंबई मेट्रो आणि एमएमआरडीए प्रशासनाला ट्वीट करत प्रवाश्यांना होणा-या त्रासाची तक्रार केली आहे. घाटकोपर येथील मेट्रोचा एकच प्लेटफार्म क्रमांक 1 सुरु आहे. दूसरा प्लेटफार्म क्रमांक 2 बंद आहे. ज्याचा परिणाम गर्दीवर होत आहे. अनिल गलगली यांनीे या प्लेटफार्मला ताबडतोब सुरु करण्याची मागणी केली आहे. जेणेकरून प्रवाश्यांना होणारा त्रास कमी होईल. खरे पाहिले तर घाटकोपर हे मेट्रोचे प्रथम स्टेशन असताना मेट्रो कंपनी याबाबीकडे दुर्लक्ष करत आहे.

Friday 16 September 2016

स्वाधीन क्षत्रिय ने बेस्ट का आवास का किराया और बिजली बिल की रकम अदा की


महाराष्ट्र राज्य के मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय ने अपनी इमानदारी का परिचय देते हुए बेस्ट के महाप्रबंधक के लिए आरक्षित निवास का किराया और बिजली का बिल की लाखों रुपए की रकम अदा की हैं। मुख्य सचिव के तौर पर बेस्ट के निवास का इस्तेमाल करते हुए किराया और बिजली बिल की कुल रकम  5 लाख 62

हजार 780 रुपए और 56 पैसे अदा करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को बेस्ट प्रशासन ने दी हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने बेस्ट प्रशासन से बेस्ट के महाव्यवस्थापक न होते हुए भी स्वाधीन क्षत्रिय ने बेस्ट महाप्रबंधक के लिए आरक्षित निवास के इस्तेमाल को लेकर जानकारी मांगी थी।  बेस्ट प्रशासन के जन सूचना अधिकारी और मुख्य अभियंता ( स्थापत्य) ने अनिल गलगली को बताया कि महाराष्ट्र सरकार के आदेश से स्वाधीन क्षत्रिय को दिनांक 27 जून 2006 से 9 मई 2010 और 31 जनवरी 2011 से 31 मार्च 2015 इस दौरान निवासस्थान दिया गया था। स्वाधीन क्षत्रिय ने बतौर बिजली बिल 3 लाख 95 हजार 58 रुपए और 56 पैसे अदा किए और किराया के तौर पर 1 लाख 68 हजार 722 रुपए अदा किए हैं।  बेस्ट महाप्रबंधक के लिए आरक्षित निवास का कुल एरिया 530 वर्ग मीटर हैं।  इलेक्ट्रिक हाऊस के ही नल कनेक्शन से बेस्ट महाप्रबंधक के लिए आरक्षित निवास को जलापूर्ति होने से उसका कोई बिल नहीं हैं।
मुख्य सचिव के तौर पर सेवा दे चुके रत्नाकर गायकवाड ने एमएमआरडीए निवास का बिजली और पानी का बिल अदा करने से इंकार किया था इसके विपरित स्वाधीन क्षत्रिय ने पद का दुरुप्रयोग किए बिना ही जो रकम थी उसे बिना कोई बखेड़ा खड़ा किए अदा की हैं।  गायकवाड  के लिए तो महाराष्ट्र सरकार को  मुख्य सचिव को मंत्री और राज्यमंत्री के तर्ज पर निवासस्थान में मुफ्त पानी, बिजली की सुविधा के अलावा किराया न लेने का फैसला लेना पड़ा था।

स्वाधीन क्षत्रिय यांनी बेस्टचे निवास भाडे आणि वीज देयकाची रक्कम अदा केली


महाराष्ट्र राज्याचे मुख्य सचिव असलेले स्वाधीन क्षत्रिय कसे प्रामाणिक आहे? याची प्रचिती बेस्टच्या महाव्यवस्थापकांसाठी राखीव असलेल्या निवासाचे भाडे आणि वीज देयकाची लाखांची रक्कम अदा केल्यानंतर आली आहे. मुख्य सचिव असतानाही बेस्टच्या निवासाचा वापर करताना भाडे आणि वीज देयकाची एकूण रक्कम  5 लाख 62 हजार 780 रुपये आणि 56 पैसे असल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस बेस्ट प्रशासनाने दिली आहे.
आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस बेस्ट प्रशासनाकडे बेस्टचे महाव्यवस्थापक नसताना स्वाधीन क्षत्रिय यांनी बेस्ट महाव्यवस्थापक यांच्यासाठी राखीव असलेले निवास वापरण्याबाबत माहिती विचारली होती. बेस्ट प्रशासनाचे जन माहिती अधिकारी आणि मुख्य अभियंता ( स्थापत्य) यांनी अनिल गलगली यांस कळविले की महाराष्ट्र शासनाच्या आदेशान्वये स्वाधीन क्षत्रिय यांस दिनांक 27 जून 2006 ते 9 मे 2010 आणि 31 जानेवारी 2011 ते  31 मार्च 2015 या दरम्यान निवासस्थान देण्यात आले होते. स्वाधीन क्षत्रिय यांनी वीज देयकापोटी  3 लाख 95 हजार 58 रुपये आणि 56 पैसे अदा केले तसेच भाड्यापोटी  1 लाख 68 हजार 722 रुपये अदा केले आहे. बेस्ट महाव्यवस्थापकासाठी राखीव असलेल्या निवासस्थानाचे क्षेत्रफळ 530 चौरस मीटर आहे. इलेक्ट्रिक हाऊससाठी असलेल्या जलजोडणीतून  बेस्टच्या महाव्यवस्थापकाच्या निवासाला पाणीपुरवठा  करण्यात येतो.
मुख्य सचिव असताना रत्नाकर गायकवाड यांनी एमएमआरडीए निवासाचे वीज आणि पाणी देयके अदा करण्यास नकार दिला होता याउलट स्वाधीन क्षत्रिय यांनी पदाचा दुरुप्रयोग न करता जी रक्कम होती ती कोणताही गाजावाजा न करता अदा केली आहे. गायकवाड यांच्यासाठी महाराष्ट्र शासनाने  मुख्य सचिवाना मंत्री आणि राज्यमंत्री धर्तीवर निवासस्थान मोफत पाणी, वीज आणि भाडेरहित करण्यात आले होते.

Swadheen Kshatriya pays rent to BEST and electricity charges for utilising it's bungalow.


The Chief Secretary of Maharashtra, Swadheen Kshatriya genuineness was proved when it was found that, he has paid the rent and electricity charges of the BEST GM's bungalow for the period it was utilized by him for his accommodation. Though he was CS, he had occupied the bungalow meant for the GM of BEST Undertaking and has paid Rs 5 lakhs 62 thousand 780 and paise 56 as rent and electricity charges accrued during his stay, this information was provided to RTI Activist Anil Galgali by the BEST administration.
RTI Activist Anil Galgali had sought information from the BEST Administration regarding the usage of the bungalow meant for the GM of BEST, by Swadheen Kshatriya, though he was not the GM of the BEST. The Public Information Officer and Chief Engineer ( Establishment) of the BEST Administration, informed Galgali that, as per directions of the State Government, the bungalow meant for GM was provided to Swadheen Kshatriya for the periods 27 th June 2006 to 9th May 2010 and 31st January 2011 to 31st March 2015. During his stay, Swadheen Kshatriya paid Rs 3 lakhs 95 thousand 58 and paise 56 only towards electricity charges and Rs 1 lakh 68 thousand 722 towards Rent. The bungalow admeasuring 530 sq metres has been provided water supply from the connection provided to Electric House.
During the term of Ratnakar Gaikwad as Chief Secretary, he had refused to pay for the charges of Rent, Electricity and water ( MMRDA) . In the contrary, Swadheen Kshatriya has not misused his position and has made payment for the services utilized, without making as fuss. During the term of Ratnakar Gaekwad, the government had to allow the facilities of accommodation with free water, electricity and rent, similar to the facilities of Cabinet Ministers and Ministers of State.

Monday 12 September 2016

मुकेश अंबानी ने एमएमआरडीए का रु 1577/- करोड़ का अतिरिक्त प्रीमियम अदा नहीं किया


देश के ही नहीं बल्कि विश्व में अमीर उद्योगपति से विख्यात रिलायंस इंडस्ट्रीज के सर्वेसर्वा मुकेश अंबानी एमएमआरडीए का बकाएदार हैं। अतिरिक्त प्रीमियम अदा नहीं करने से इनकी कंपनी मे.रिलायंस इंडस्ट्रीज प्रा.लि. से रु 1576 करोड़ 90 लाख 72 हजार 840 इतनी रकम अदा नहीं करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एमएमआरडीए प्रशासन ने दी हैं। जिओ सिम मुफ्त देनेवाले मुकेश अंबानी करोड़ो की बकाया धनराशि अदा नहीं करने की बात उजागर हुई हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्रशासन से बीकेसी स्थित सभी लीजधारक से बकाया रकम की जानकारी मांगी थी।एमएमआरडीए प्रशासन ने अनिल गलगली को निजी,  सरकारी और पब्लिक सेक्टर के अंतर्गत लीजधारकों की लिस्ट दी हैं। इस लिस्ट में  सर्वाधिक रकम मुकेश अंबानी के रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड इस कंपनी से आना शेष हैं। निजी संगठन के लीज के 19 मामलों में निर्माण काम को एक्सटेंशन दी गई हैं और उसके ऐवज में अतिरिक्त प्रीमियम की रकम कुल रु 2055 करोड़ 67 लाख 92 हजार 876 इतनी हैं। होते. इसमें से सिर्फ रु 426 करोड़ 98 लाख 44 हजार 941 इतनी वसूली जा चुकी हैं।  रु 1628 करोड़ 69 लाख 47 हजार 935 रकम आना शेष हैं। जिसमे सर्वाधिक रकम रु 1576 करोड़ 90 लाख 72 हजार 840 रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी पर बकाया हैं। बीकेसी की जी/सी-64 और जी/सी-66 इस जमीन की क्रमश: रु 1187 करोड़ 59 लाख 54 हजार 968 और रु 389 करोड़ 31 लाख 17 हजार 872 रकम अब तक अदा नहीं की हैं।  जी/सी-66 इस जमीन का काम पूर्ण नहीं हुआ हैं और जी/सी-64 जमीन पर काम पूर्ण नहीं हुआ हैं।  जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड जो रु 1577/- करोड़ का प्रीमियम अदा करने से भाग रही हैं उसी कंपनी जी/ आरजी-1ए इस अन्य जमीन का अतिरिक्त प्रीमियम रु 4 लाख 94 हजार 621 अदा किया हैं।
रिलायंस के अलावा नमन होटल्स प्राइवेट लिमिटेड ने रु 32 करोड़ 44 लाख 57 हजार 739 में से सिर्फ रु 8 करोड़ 76 लाख 28 हजार 100 इतनी रकम अदा की हैं। इनसे रु 23 करोड़ 68 लाख 29 हजार 639 रकम आना बकाया हैं। रकम अदा नहीं करने पर एमएमआरडीए ने पार्ट ओसी नहीं दी हैं। इंडियन न्यूज़पेपर सोसायटी ने रु 30 करोड़ 78 लाख 3 हजार 745 में से सिर्फ 2 करोड़ 65 लाख 33 हजार 116 अदा करने से अब इनपर  रु 28 करोड़12 लाख 70 हजार 629 रकम आना शेष हैं।
सरकारी संगठनों में से कमिश्नर ऑफ़ इनकम टैक्स इन्हें 2 विभिन्न जमीन का अतिरिक्त प्रीमियम क्रमश:  रु 27 करोड़ 63 लाख 25 हजार 68 और  रु 6 करोड़  96 लाख 712 इतनी रकम अदा करनी थी।जी/सी-41 से 43 इस जमीन पर निर्माण काम पूर्ण हुआ है इससे रु 5 लाख 56 हजार 59 इतनी रकम आना शेष हैं। वहीं जी/आर-4 सी इस जमीनी का निर्माण काम पूर्ण नहीं हुआ हैं इस जमीन से रु 27 करोड़ 63 लाख 25 हजार 68 में से रु 4.75 करोड़ की रकम आना शेष हैं।  महाराष्ट्र मेरीटाइम बोर्ड ने रु 7 करोड़ 21 लाख 10 हजार 647 रकम एमएमआरडीए को अदा नहीं की हैं।
सीबीआई, चार्टेड अकाउंटेंट, रीजनल पासपोर्ट ऑफिस, अकाउंटेंट जनरल, कमिश्नर ऑफ़ लेबर, बैंक ऑफ़ इंडिया,पंजाब नेशनल बैंक,केनरा बैंक, ओरीएंटल बैंक ऑफ़ कॉमर्स, बैंक ऑफ़ बडोदा, ओएनजीसी, इंडियन ऑईल कारपोरेशन लिमिटेड, इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ़ इंडिया, टाटा कम्युनिकेशन, परिनी डेवेलोपेर्स प्राइवेट लिमिटेड,टीसीजी इंफ्रास्ट्रक्चर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड, ईआयएच लिमिटेड, जेट एयरवेज लिमिटेड, रघुलीला, स्टारलाइट सिस्टम्स एलएलपी, नमन बीकेसी हाउसिंग सोसायटी ने समय पर अतिरिक्त प्रीमियम की रकम एमएमआरडीए को अदा की हैं।
अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एमएमआरडीेए के महानगर आयुक्त यूपीएस मदान को पत्र भेज्कर्बअतिरिक्त प्रीमियम की रकम  व्याज के सहित एक महीने में  वसूल करने की मांग की हैं।  अन्यथा ऐसी जमीन को वापस लेकर उसे पुनश्च लीज पर दी जाती हैं तो बड़ी रकम सरकार को मिलेगी जिससे सरकार के जनहित काम को मदद होने की बात गलगली ने कहीं हैं।

मुकेश अंबानी यांनी एमएमआरडीएचा 1577 कोटीचा अतिरिक्त प्रीमियम भरलाच नाही


देशातच नव्हे तर जगातील धनाढय उद्योगपति असलेले रिलायंस इंडस्ट्रीजच सर्वेसर्वा मुकेश अंबानी एमएमआरडीएचे थकबाकीदार असून अतिरिक्त प्रीमियम न भरल्यामुळे मे.रिलायंस इंडस्ट्रीज प्रा.लि. कडून रु 1576 कोटी 90 लाख 72 हजार 840 इतकी रक्कम येणे बाकी असल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस एमएमआरडीए प्रशासनाने दिली आहे. जिओ सिम मोफत देणारे अंबानी कोटयावधीची थकबाकी भरत नसल्याचे स्पष्ट झाले आहे.
आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी एमएमआरडीए प्रशासनाकडे बीकेसी येथील सर्व लीजधारकावर असलेल्या थकबाकी रक्कमेची माहिती मागितली होती. एमएमआरडीए प्रशासनाने अनिल गलगली यांस खाजगी, सरकारी आणि पब्लिक सेक्टर या अंतर्गत लीजधारकांची यादीच दिली. या यादीत सर्वाधिक रक्कम मुकेश अंबानी यांच्या रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड या कंपनीकडून येणे बाकी असल्याची नोंद आहे. खाजगी संघटनेच्या लीजच्या 19 प्रकरणात बांधकामास मुदतवाढ दिली गेली आणि त्याबदल्यात अतिरिक्त प्रीमियमची रक्कम रु 2055 कोटी 67 लाख 92 हजार 876 इतकी होते. त्यापैकी फक्त रु 426 कोटी 98 लाख 44 हजार 941 इतकी वसूल झाली. रु 1628 कोटी 69 लाख 47 हजार 935 रक्कम येणे बाकी आहे. ज्यात सर्वाधिक रक्कम रु 1576 कोटी 90 लाख 72 हजार 840 रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनीवर प्रलंबित आहे. बीकेसी येथील जी/सी-64 आणि जी/सी-66 या जमीनीची अनुक्रमे रु 1187 कोटी 59 लाख 54 हजार 968 आणि रु 389 कोटी 31 लाख 17 हजार 872 रक्कम अद्यापपर्यन्त अदा केली नाही. जी/सी-66 या जमीनीचे काम पूर्ण झाले असून जी/सी-64 जमीनीवर काम पूर्ण झालेले नाही. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेडने जी/ आरजी-1ए या अन्य जमीनीवरील अतिरिक्त प्रीमियम रु 4 लाख 94 हजार 621 अदा केले आहे.
नमन होटल्स प्राइवेट लिमिटेड यांनी रु 32 कोटी 44 लाख 57 हजार 739 पैकी रु 8 कोटी 76 लाख 28 हजार 100 इतकी रक्कम अदा केली असल्याने आता त्यावर रु 23 कोटी  68 लाख 29 हजार 639 रक्कम येणे बाकी आहे . रक्कम अदा न केल्याने एमएमआरडीएने पार्ट ओसी दिली नाही. इंडियन न्यूज़पेपर सोसायटी रु 30 कोटी 78 लाख 3 हजार 745 पैकी फक्त 2 कोटी 65 लाख 33 हजार 116 अदा केल्याने आता त्यावर रु 28 कोटी 12 लाख 70 हजार 629 रक्कम येणे बाकी आहे.
शासकीय संघटनेतील कमिश्नर ऑफ़ इनकम टैक्स यावर 2 वेगवेगळया जमीनीचे अनुक्रमे रु 27 कोटी 63 लाख 25 हजार 68 आणि रु 6 कोटी 96 लाख 712 इतकी रक्कम देणे आवश्यक होते. जी/सी-41 ते 43 या जमीनीवरील बांधकाम पूर्ण झाले असून रु 5 लाख 56 हजार 59 इतकी रक्कम येणे बाकी आहे.तर जी/आर-4 सी या जमीनीवरील बांधकाम पूर्ण झाले नसून रु 27 कोटी 63 लाख 25 हजार 68 पैकी 4.75 कोटी रक्कम प्रलंबित आहे. महाराष्ट्र मेरीटाइम बोर्डचे रु 7 कोटी 21 लाख 10 हजार 647 रक्कम येणे बाकी आहे.
सीबीआय, चार्टेड अकाउंटेंट, रीजनल पासपोर्ट ऑफिस, अकाउंटेंट जनरल, कमिश्नर ऑफ़ लेबर, बैंक ऑफ़ इंडिया,पंजाब नेशनल बैंक,केनरा बैंक, ओरीएंटल बैंक ऑफ़ कॉमर्स, बैंक ऑफ़ बडोदा, ओएनजीसी, इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड, इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ़ इंडिया, टाटा कम्युनिकेशन, परिनी डेवेलोपेर्स प्राइवेट लिमिटेड,टीसीजी इंफ्रास्ट्रक्चर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड, ईआयएच लिमिटेड, जेट एयरवेज लिमिटेड, रघुलीला, स्टारलाइट सिस्टम्स एलएलपी, नमन बीकेसी हाउसिंग सोसायटीने अतिरिक्त प्रीमियम रक्कम अदा केले आहे.
अनिल गलगली यांनी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आणि एमएमआरडीएचे महानगर आयुक्त यूपीएस मदान यांस पत्र पाठवून अतिरिक्त प्रीमियम रक्कम व्याजासहित एका महिन्यात वसूल करण्याची मागणी केली. अन्यथा अश्या जमीन ताब्यात घेत त्यास पुनश्च लीजवर दिल्यास मोठी रक्कम शासनास मिळेल आणि शासनाच्या जनहित कामास मदत होईल.

Mukesh Ambani owes Rs 1577 crores as unpaid premium to MMRDA.


One of the prized industrialists not only in India, but across the world is on the defaulter list of MMRDA for non payment of premium charges to a tune of Rs 1576 crores 90 lakhs 72 thousand 840. This information was provided to RTI Activist Anil Galgali by the MMRDA administration. This had highlighted that a company which is providing free JIO Sims is dilly dallying a payment of dues worth crores.
RTI Activist Anil Galgali had sought information about the outstanding amounts from all categories of lease holders to the MMRDA. MMRDA administration provided Galgali with the list containing information about the Private, Government and the Public sector lease holders. This list also mentions the name of Mukesh Ambani owned Reliance Industries Ltd. In the private sector category, in all 19 cases are there, in which the lease holders were given extended time to start the construction of the project, these extensions resulted in accrual of total Rs 2055 crores 67 lakhs 92 thousand 876 as premium for the MMRDA. Out the outstanding, MMRDA has received Rs 426 crores 98 lakhs 44 thousand 941. It still has pending dues of Rs 1628 crores 69 lakhs 47 thousand 935. Out of the pending outstandings Reliance alone owes Rs 1576 crores 90 lakhs 72 thousand 840. The outstanding pertains to BKC situated plots G/C -64 ( Rs 1187 crores 59 lakhs 54 thousand 968) & G/C - 66( Rs 389 crores 31 lakhs 17 thousand 872). The development of the plot no G/C - 66 has been completed, whereas the development of plot no G/C - 64 has yet to get completed. The Reliance Industries Ltd has paid Rs 4 lakh 94 thousand 621 as premium against plot no G/RG -1A.
Naman Hotels has paid Rs 8 crores 76 lakhs 28 thousand 100 out of the total outstandings of Rs 32 crores 44 lakhs 57 thousand 739 and has to yet pay Rs 23 crores 68 lakhs 29 thousand 639. The MMRDA has withheld the part OC for the non payment. The Indian Newspaper Society has an Outstanding of Rs 28 crores 12 lakhs 70 thousand 629, after 8t paid Rs 2 crores 65 lakhs 33 thousand 116 out of the Rs 30 crores 78 lakhs 3 thousand 745 which was originally due.
From the Government sector, Rs 27 crores 63 lakhs 25 thousand 68 is due from the Commissioner of Income Tax for two different plots. It has completed the construction on plot G/C -41 to 43  and owes Rs 5 lakhs 56 thousand 59 against it. Whereas it has still to complete the construction on plot G/R - 4C and out of Rs 27 crores 63 lakhs 25 thousand 68 , Rs 4.75 crores is pending. Rs 7 crores 21 lakhs 10 thousand 647 is pending from the Maharashtra Maritime Board.
The following have paid their premium outstandings, CBI, ICAI, Regional Passport Office, Accountant General, Commissioner of Labour, Bank of India, PNB, Canara Bank, Oriental Bank of Commerce, Bank of Baroda, ONGC, Indian Oil Corporation Ltd, IDBI, Tata Communication, Parini Developers Pvt Ltd, TCG Infrastructure Holdings Pvt Ltd, EIH Ltd, Jet Airways Ltd, Raghuleela, Starlite systems LLP, Naman BKC Housing Society etc.
In a letter sent to CM Devendra Fadnavis and the MMRDA Commissioner UPS Madan, Anil Galgali has demanded that immediate recovery should be initiated and the amount should be recovered within 30 days with interest. If the amount is not recoverable then, it should immediately take the possession of the plot and once again re alot it to the highest bidder, which will bring revenue to the MMRDA and will help in initiating public development activities.

Tuesday 6 September 2016

सर जे जे कला महाविद्यालय में प्राध्यापक और अधिव्याख्याता के पद बड़े पैमाने पर रिक्त



महाराष्ट्र में कला का जतन करने का पवित्र कार्य मुंबई के जिस सर जे जे कला महाविद्यालय में हो रहा हैं वहां पर कला निदेशक की नजरअंदाजी से कला की शिक्षा प्रभावित हो रही हैं।  सर जे जे कला महाविद्यालयात में प्राध्यापक और अधिव्याख्याता के कुल 44 में से 33 पद रिक्त होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को महाविद्यालय की प्रबंधक अलका चव्हाण ने दी हैं।  विख्यात अभिनेता नाना पाटेकर,अमोल पालेकर, अरुधंती रॉय से लेकर राज ठाकरे ये जिस जेजे के प्रांगण से सीखकर बाहर निकले उसी जेजे महाविद्यालय में प्राध्यापक और अधिव्याख्याता की कमी महसूस होना दुर्भाग्यजनक हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सर जे जे कला महाविद्यालय से कुल शिक्षकों के पद और रिक्त पदों की जानकारी मांगी थी।  सर जे जे कला महाविद्यालय की जन सूचना अधिकारी और प्रबंधक अलका चव्हाण ने जानकारी देते हुए बताया कि प्राध्यापक के कुल 8 में से 7 और अधिव्याख्याता की 36 में से 26 पद रिक्त हैं। हंगामी अधिव्याख्याता के 6 और कॉन्ट्रैक्ट पर रखे हुए अधिव्याख्याता के 9 पद विकल्प के तौर पर कार्यरत हैं। सर जे जे कला महाविद्यालय में हंगामी शिक्षक( अधिव्याख्याता ) यह पद वर्ष 1993 से कार्यरत हैं। लेकिन वर्ष 1993 में न्यायालयीन फैसले के बाद हंगामी अधिव्याख्याता यह पद 1997 से  नियमित तौर पर कार्यरत हैं।  प्राध्यापक और अधिव्याख्याता के रिक्त पद पर नियुक्ती करने की जिम्मेदारी की जानकारी पूंछने पर  यह जिम्मेदारी कला निदेशक, कला संचालनालय की होने का दावा किया हैं।
अनिल गलगली ने कला निदेशक की इसतरह की नजरअंदाजी पर  आश्चर्य जताते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखे हुए पत्र में कला निदेशक पर कारवाई करते हुए ताबडतोब रिक्त पद पर नियुक्ती करने की हिदायत दी जाए। कला को प्रोत्साहन देने के लिए महाराष्ट्र सरकार प्रयासरत हैं और कला निदेशक की नकारात्मकता से क्षति होने का दर्द हैं, ऐसा गलगली का कहना हैं।

सर जे जे कला महाविद्यालयास प्राध्यापक आणि अधिव्याख्यातेची भासते चणचण



महाराष्ट्रात कलेचे जतन करण्याचे पवित्र कार्य मुंबईतील ज्या सर जे जे कला महाविद्यालयात होते तेथे कला संचालकाचे दुर्लक्ष असल्याचा परिणाम कलेवर होत आहे.  सर जे जे कला महाविद्यालयातील प्राध्यापक आणि अधिव्याख्यातेच्या एकूण 44 पैकी 33 पदे रिक्त असल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस महाविद्यालय प्रबंधक अलका चव्हाण यांनी दिली आहे. प्रख्यात अभिनेते नाना पाटेकर,अमोल पालेकर, अरुधंती रॉय ते राज ठाकरे यांस ज्या जेजे वृक्षाच्या कुशीतून उदयास आले तेथे प्राध्यापक आणि अधिव्याख्यातेची चणचण भासणे ही बाब दुर्दैवाची आहे.
आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी सर जे जे कला महाविद्यालयाकडे एकूण शिक्षकांची पदे आणि रिक्त पदाची माहिती मागितली होती. सर जे जे कला महाविद्यालयाच्या जन माहिती अधिकारी आणि प्रबंधक अलका चव्हाण यांनी माहिती देत कळविले की प्राध्यापकाची 8 पैकी 7 आणि अधिव्याख्याताची 36 पैकी 26 पदे रिक्त आहेत. तसेच हंगामी अधिव्याख्याता आणि कंत्राटी अधिव्याख्याता याची प्रत्येकी 6-9 पदे पर्यायी व्यवस्था म्हणून कार्यरत आहेत. सर जे जे कला महाविद्यालयात हंगामी शिक्षक( अधिव्याख्याता ) हे पद वर्ष 1993 पासून कार्यरत आहेत. परंतु वर्ष 1993 मध्ये न्यायालयीन निर्णयानंतर हंगामी अधिव्याख्याता हे पद 1997 पासून नियमितपणे कार्यरत आहे. प्राध्यापक आणि अधिव्याख्याता पद भरण्याची जबाबदारी बाबत गलगली यांनी विचारले असता ही जबाबदारी कला संचालक, कला संचालनालय यांची असल्याची माहिती देण्यात आली.
अनिल गलगली यांनी कला संचालकाच्या अश्याप्रकारच्या दुर्लक्षपणाकडे आश्चर्य व्यक्त करत मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांस लिहिलेल्या कला संचालकावर कार्यवाहीची मागणी करत ताबडतोब रिक्त पदे भरण्यासाठी कला संचालकास आदेश जारी करण्याची मागणी केली आहे. कलेस वाव देण्यासाठी महाराष्ट्र शासन धडपडत असताना अशी नकारात्मकता त्यास अयशस्वी करण्यास कारणीभूत ठरते, असे गलगली यांनी नमूद केले आहे.

Acute vacancy of Professor's and Lecturers at the Sir JJ School of Arts


Sir JJ School of Art's, which is the primary institution in Maharashtra for promotion, education and preserving the culture of Art's is itself an object of neglect by the Director of Art's , which is leading to the deterioration of the Art's. Almost 33 out of the 44 posts of Professor's and Lecturers are lying vacant as per the information provided by Registrar Alka Chavan to RTI Activist Anil Galgali. It is a sad plight for the institution which has produced prominent personalities such as Nana Patekar, Amol Palekar, Arundhati Roy to Raj Thackeray.
RTI Activist Anil Galgali had sought information about the total faculty positions and the current status from the Sir JJ School of Art's. Replying to this query, the Public Information Officer and Registrar Alka Chavan informed that, 7 out of the 8 posts of the Professors are lying vacant and 26 of the 36 posts for Lecturers are also vacant. Similarly 6 posts of Ad-hoc Lecturers and 9 post of Contract Lecturers are functional as interim arrangements. The position of Ad-hoc Lecturers is functioning since 1993 , but after an court order these posts were regularised since 1997. On the query of the authority responsible for filling the vacant positions, it was informed that, the post of Professor's and Lecturers are filled by the Director of Art's and Directorate of Art's.
Anil Galgali in a letter addressed to CM Devendra Fadnavis expressed surprise at the utter neglect shown by the Director of Art's and the Directorate of Art's towards the prestigious Sir JJ School of Art's and had sought action against them. Simultaneously Galgali demanded that the vacant positions be filled up urgently. The neglect exhibited by the Director is in contrast to the aims of the Government for promotion of Art's and will have a negative impact on the aims of the government.

Thursday 1 September 2016

मुंबई विद्यापीठ में रिटायर्ड अफसरों के पुनर्वास पर रु 2.80/- लाख का बेकार खर्चा


मुंबई विद्यापीठ में विभिन्न विभाग चलाने के लिए सक्षम प्रमुख होते हुए मुंबई विद्यापीठ के अलावा राज्य के विभिन्न विभागों के 12 रिटायर्ड अफसरों का पुनर्वास पर हर माह को  रु 2.80/- लाख का खर्च हो रहा हैं। इसमें विशेष कार्य अधिकारी, समन्वय का समावेश होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुंबई विद्यापीठ ने दी हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई विद्यापीठ से वर्ष 2016 में नियुक्त किए गए रिटायर्ड अफसरों और कर्मियों की जानकारी मांगी थी। मुंबई विद्यापीठ के सहायक कुलसचिव विकास डवरे ने अनिल गलगली को बताया कि 12 में से 9 लोग मुंबई विद्यापीठ के रिटायर्ड अफसर हैं और 4 लोग राज्य सरकार से रिटायर्ड अफसर हैं। 5 विशेष कार्यकारी अधिकारियों में एम व्ही पद्मनाभन ( 25,000/-)  कुलगुरु के कार्यालय से हैं। वहीं  वी आर शिंत्रे वित्त व लेखा विभाग (20,000/-), द.रा.शेवाले अधिदान व लेखा अधिकारी का कार्यालय ( 20,000/-), कृष्णकांत परब ट्रांसपोर्ट कमिश्नर कार्यालय ( 20,000/-) और  मोहन साटम दुग्ध व्यवसाय विकास विभाग से ( 20,000/-) रिटायर्ड अफसर हैं। 4 समन्वय में से आर. जी. कांबले पदव्युत्तर विभाग ( 25,000/-) एस.जी.मस्के अध्यापक नियुक्ती विभाग ( 15,000/-) , ब्लांच डिसोझा कुलसचिव का कार्यालय ( 25,000/-) और अनिलकुमार गावडे (40,000/-)  उच्च शिक्षा विभाग, पुणे के कार्यालय से हैं। मुंबई विद्यापीठ के क्षेत्र विभाग कार्यालय के पुष्करण चंद्रण को उपअभियंता विद्युत् (40,000/-)  और प्रकाश चव्हाण की वीजतंत्री ( 15,000/-) पद पर नियुक्ती की गई हैं। अधीक्षक के पद पर के.बी.मगोदिया जो मुद्रणालय के रिटायर्ड अफसर हैं जिन्हें रु 15,000/- वेतन दिया जाता हैं।
अनिल गलगली के अनुसार मुंबई विद्यापीठ की आर्थिक स्थिती इतनी मजबूत नहीं हैं। 12 रिटायर्ड अफसरों पर महीने को रुपए 2.80/- लाख की बर्बादी समर्थनीय नहीं हैं। अनिल गलगली ने राज्यपाल को लिखित पत्र भेजकर इन नियुक्तियों को रद्द करते हुए इसके लिए जिम्मेदार कुलगुरु की जांच करने और उनपर कारवाई करने की मांग की हैं।

मुंबई विद्यापीठात सेवानिवृत्त अधिका-यांच्या पुनर्वसनावर रु 2.80/- लाखांचा वायफळ खर्च


मुंबई विद्यापीठातील विविध खाती चालविण्यासाठी सक्षम प्रमुख असताना राज्यातील विविध खात्यातील 12 सेवानिवृत्त अधिका-यांचे पुनर्वसन करण्यासाठी प्रति महिन्याला रु 2.80/- लाखांचा वायफळ खर्च होत आहे. यामध्ये विशेष कार्य अधिकारी, समन्वय यांचा समावेश होत असल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस मुंबई विद्यापीठाने दिली आहे.
आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी मुंबई विद्यापीठाकडे वर्ष 2016 मध्ये नेमणूक केलेल्या सेवानिवृत्त अधिकारी आणि कर्मचा-यांची माहिती मागितली होती. मुंबई विद्यापीठाचे सहायक कुलसचिव विकास डवरे यांनी अनिल गलगली यांस कळविले की 12 पैकी 9 लोक मुंबई विद्यापीठातील सेवानिवृत्त अधिकारी आहेत आणि 3 लोक राज्य शासनातील सेवानिवृत्त अधिकारी आहेत. 5 विशेष कार्यकारी अधिका-यांमध्ये एम व्ही पद्मनाभन ( 25,000/-)  कुलगुरुच्या कार्यालयातील आहेत. तर व्ही आर शिंत्रे वित्त व लेखा विभाग (20,000/-), द.रा.शेवाले अधिदान व लेखा अधिकारी यांचे कार्यालय ( 20,000/-), कृष्णकांत परब परिवहन आयुक्त कार्यालय ( 20,000/-) आणि मोहन साटम दुग्ध व्यवसाय विकास विभागातील ( 20,000/-) सेवानिवृत्त अधिकारी आहेत. 4 समन्वयकांपैकी आर. जी. कांबले पदव्युत्तर विभाग ( 25,000/-) एस.जी.मस्के अध्यापक नियुक्ती विभाग ( 15,000/-) , ब्लांच डिसोझा कुलसचिवांचे कार्यालय ( 25,000/-) आणि अनिलकुमार गावडे (40,000/-)  उच्च शिक्षण विभाग, पुणे यांच्या कार्यालयातील आहेत. क्षेत्र विभाग कार्यालयातील पुष्करण चंद्रण यांची उपअभियंता विद्युत (40,000/-)  आणि प्रकाश चव्हाण यांची वीजतंत्री ( 15,000/-) पदावर नेमणूक केली आहे.अधीक्षक या पदावर के.बी.मगोदिया हे मुद्रणालयातील सेवानिवृत्त अधिकारी असून त्यांस 15,000/- वेतन दिले जाते.
अनिल गलगली यांच्या मते मुंबई विद्यापीठाची आर्थिक स्थिती बळकट नसताना 12 सेवानिवृत्त अधिका-यांची नेमणूक करत महिन्याला रुपये 2.80/- लाखांचा चुराडा समर्थनीय नाही. अनिल गलगली यांनी राज्यपालास लेखी पत्र पाठवित या नेमणूका रद्द कराव्यात आणि अश्या नेमणूका करणा-या कुलगुरुची चौकशी करत त्यांच्यावर कारवाई करण्याची मागणी केली आहे.

Mumbai University's rehabilitation plan of retired officials costs it Rs 2.80 lakhs


Though Mumbai University has with it competent people to head it's various departments, it has rehabilitated 12 person's retired from all over the state on positions like Officer on Special Duty,  Coordinator etc and there by spending Rs 2.80 lakhs per month on them, as per the information provided by the Mumbai University to RTI Activist Anil Galgali.
RTI Activist Anil Galgali had sought information about the various appointments of retired officials and staff in the year 2016 by the Mumbai University. The Asst Registrar of Mumbai University Vikas Daware informed Galgali that, out of the 12 appointments, 9 people retired personal from the Mumbai University and 3 are retired from the state government. Of the 5 Special Executive Officer's, M V Padmanabhan (25000/-) retired from Vice Chancellor's office, V R Shintre from Finance and Audit ( 20000/-), D R Shewale from Pay & Account office ( 20000/-), Krishnakant Parab , Transport commissioner office ( 20000/-), and Mohan Satam from the Dairy development department (20000/-), are retired from the respective departments. Out of the 4 coordinators R G Kamble from Post Graduate department  (25000/-), S G Mhaske , Professor Appointments department (15000/-), Blanche D'Souza , Vice Chancellor's office ( 25000/-), and Anil Kumar Gawde (40,000/-) from the Higher and Technical Education, Pune. Pushkaran Chandran from the Mumbai University's Regional Division office has been appointed as Dy Engineer Electrical (40000/-), and Prakash Chavan as Electrical Technician (15000/-) has been appointed. K B Magodia, retired from the Press department has been appointed as Superintendent and is paid Rs 15000/- per month.
Anil Galgali has raised objections to such appointments of 12 retired persons, by the Mumbai University and that too at a time when it's own financial condition is not sound which is wasting Rs 2.80 lakhs per month. In a letter addressed to Governor, Galgali has demanded that the appointments be cancelled and an enquiry be conducted on the Vice Chancellor for carrying out such appointments.