मुंबई अश्वमेध गायत्री महायज्ञ के लिए हुआ भूमिपूजन
✓ राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि गायत्री परिवार से मेरा पुराना रिश्ता है
✓ हरिद्वार से आये यज्ञाचार्यों ने वैदिक रीति से कराया पूजन
✓ शांतिकुंज से गायत्री परिवार प्रमुख आनलाइन जुड़ें, दिया विशेष संदेश
गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के तत्वावधान में मायानगरी मुंबई में २३ से २८ जनवरी २०२४ की तिथियों में अश्वमेध गायत्री महायज्ञ होगा। भूमिपूजन समारोह के मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि गायत्री परिवार से मेरा पुराना रिश्ता है। मैंने गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा के स्नेह का पान किया है। गायत्री परिवार समाज व राष्ट्र के उत्थान में निःस्वार्थ भाव से जुटा हुआ संगठन का नाम है। राज्यपाल ने मुंबई में होने वाला अश्वमेध महायज्ञ की सफलता हेतु अपनी शुभकामनाएँ दी।
इस हेतु भूमिपूजन कार्यक्रम के लिए शांतिकुंज हरिद्वार से देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ.चिन्मय पण्ड्या के नेतृत्व मे यज्ञाचार्यों की टीम आई थी। विशेष गणमान्यों दम्पतियों ने वैदिक रीति से भूमिपूजन कार्यक्रम सम्पन्न कराया। यह महायज्ञ नवी मुंबई के खारघर सेक्टर-२८ स्थित सेंट्रल पार्क ग्राउण्ड में होगा।
शांतिकुंज हरिद्वार से अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने आनलाइन जुड़कर भूमिपूजन समारोह को संबोधित किया। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा के कुशल संचालन में वर्ष १९९२ में जयपुर से प्रारंभ हुआ आश्वमेधिक अनुष्ठान का यह ४९वां महायज्ञ है। इस महायज्ञ से जन मानस को आध्यात्मिक आहार मिलेगा। भारतीय संस्कृति के मानदण्डों के अनुरूप अश्वमेध गायत्री महायज्ञ के सारी गतिविधियाँ संचालित होंगी। अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि मुंबईवासियों के घर-घर यज्ञ पिता-गायत्री माता के संदेशों को हमारे परिजन पहुंचायेंगे। मुंबई जाग गया, तो हमारी भारतीय संस्कृति को जगाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।
महाराष्ट्र सरकार के वन व सांस्कृतिक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि परिवार निर्माण, समाज निर्माण एवं राष्ट्र निर्माण में गायत्री परिवार का योगदान अतुलनीय है। मुनगंटीवार ने आगे कहा कि एक समय राज्य जीतने के लिए अश्वमेध यज्ञ किया जाता था लेकिन यह अश्वमेध यज्ञ हमारे मन को जीतने के लिए है। 21वीं सदी में दिल जीतने वाला ही असली बादशाह है।
इससे पूर्व शांतिकुंज के युवा प्रतिनिधि एवं देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा राजसूय यज्ञ राज्य को विकसित करने के लिए, पुत्रेष्टि यज्ञ पुत्र प्राप्ति हेतु तथा अश्वमेध महायज्ञ राष्ट्र की चहुंमुखी विकास के लिए होता है। गायत्री परिवार को मुख्य उद्देश्य- राष्ट्र के विकास के साथ-साथ सम्पूर्ण मानव जाति के उत्थान का है।
इस अवसर पर हिरानंदानी ग्रुप के अध्यक्ष निरंजन हिरानंदानी, सोलर ग्रुप के अध्यक्ष सत्यनारायण नुवाल, रिलाइंस ग्रुप की राधिका मर्चेंट, अश्वमेध गायत्री महायज्ञ के संयोजक मनुभाई, सहित महाराष्ट्र, गुजरात, मप्र, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों से आये हजारों भाविक उपस्थित रहे।
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