Sunday 22 March 2015

दिल्ली विधानसभा चुनाव की 2 कहानी, शराब बांटने में बढ़ोत्तरी और नकद कम बांटी गई

हाल ही में संपन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोटरों को खुश करने कर अपनी ओर आकर्षित करने के लिए उम्मीदवारों ने विभिन्न हथकंडे अपनाने से कोई कसर नही छोड़ी। वर्ष 2013 के चुनाव की  तुलना में वर्ष 2015 में शराब बांटने में बढ़ोत्तरी तो नकद बांटने में कमी आयी है।  मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दिल्ली पुलिस ने दी हुई जानकारी में शराब बांटने में 26 प्रतिशत से बढ़ोत्तरी और नकद बांटने में 81 प्रतिशत की कमी आने की बात सामने आ रही है।



मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने दिल्ली पुलिस से वर्ष 2013 और वर्ष 2015 इन विधानसभा चुनाव में बरामद की हुई शराब और नकद रकम की जानकारी मांगी थी। दिल्ली पुलिस मुख्यालय के  उपायुक्त( मुख्यालय ) और जन सूचना अधिकारी ने अनिल गलगली को बताया कि वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में कुल 33 लाख 38 हजार 500 रुपए ऐसी नकद जब्त की है और विभिन्न  प्रकार की जो शराब जब्त की है उसमें 1,47,613 क्वार्टर(पव्वा),  7,235 हाफ(अध्धा), 6,929 बोतल, 1,055 बीयर और 10 लीटर शराब हैं। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में कुल 1 करोड़ 76 लाख 88 हजार 540 रुपए ऐसी नकद रकम जब्त की है और विभिन्न प्रकार की जो शराब जब्त की है उसमें 1,16,044 क्वार्टर(पव्वा), 8,654 बोतल, 4,038 हाफ(अध्धा), 630 बीयर और 2407 लीटर शराब है। इन मामलों में उम्मीदवार का नाम और गिरफ्तार व्यक्तियों के नाम के साथ कार्रवाई की जानकारी मांगने पर अनिल गलगली का आवेदन अपराध शाखा के जन सूचना अधिकारियों के पास भेजा गया।



गत 2 चुनाव की तुलना करने पर इस वर्ष शराब बांटने की प्रक्रिया 26 प्रतिशत से बढ़ने और नकद रकम बांटने में 81 प्रतिशत की कमी आयी हैं। विधानसभा चुनाव के बाद दुसरी बार मुख्यमंत्री बने अरविंद केजरीवाल ने शराब और नकद रकम बांटने की शिकायत प्रचार के दौरान  सार्वजनिक कर वोटरों को ऐसे लोगों से सतर्क रहने की अपील करने के बाद भी नकद कम शराब बांटने वालों ने अपना रोल खूब निभाया है। जो शराब और नकद रकम जब्त की गई है वह संख्या को देखते हुए असल में कितना वितरण हुआ होगा? इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली पुलिस आयुक्त को पत्र भेजकर उम्मीदवार और अन्य लोग जो इन मामलों में संलिप्त है। ऐसे लोगों की फ़ोटो और नाम को सरकारी और दिल्ली  पुलिस की वेबसाइट पर ऑनलाइन करने की मांग की है ताकि भविष्य में लोक लज्जा से ऐसे मामलों में कोई संलिप्त नही होगा।
   

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