मुख्यमंत्री अध्यक्षता वाली एमएमआरडीए प्रशासन से स्वेच्छानिवृत्ती लेनेवाला अपात्र अधिकारी रमन्ना का नया एडजस्टमेंट अब मुंबई मेट्रो की कंपनी एमएमाआरसीएल में कर उसे कार्यकारी निदेशक पद पर नियुक्त किया गया है। जिस अधिकारी को सेवा से मुक्त करने का आदेश सरकार ने दिया था उसे 10 वर्ष पालने का काम किया गया और भांडाफोड़ होते ही स्वेच्छानिवृत्ती लेनेवाले रमन्ना को दोबारा मदद की गई है।
आरटीआई कार्यकर्ते अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्रशासन से जानकारी मांगी थी कि आर. रमन्ना और अन्य अधिकारियों को सेवा से मुक्त करने के लिए सरकार ने जारी किए आदेश पर कौनसी कारवाई की गई है. एमएमआरडीए प्रशासन ने अनिल गलगली को बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने दिनांक 11.10.2004 के आदेशानुसार 4 अधिकारियों पर कारवाई करने का आदेश दिया था. लेकिन एमएमआरडीए प्रशासन ने रमन्ना को विशेष मदत कर सेवा से मुक्त करने के बजाय उनकी नए तौर पर सरल सेवा की खुला प्रवर्ग में परिवहन नियोजक इस पद पर नियुक्ती कर दी. इसके पहले पिछडा(अनुसूचित जाती) वर्ग का लाभ लेनेवाले रमन्ना का मामला उजागर होते ही उसे सरल सेवा में समाविष्ट कर लिया गया. रमन्ना जैसे और जो अधिकारी थे उनमें से प्रवीण कुमार और मिंझ ने कारवाई के डर से अपने पदों से इस्तीफा दिया.पी.के.नाईक सीमा क्षेत्र के होने से उन्हें बरकरार रखा गया.एमएमआरडीए प्रशासन में अनियमित-अवैध नियुक्ति और प्रमोशन की जांच सेवानिवृत अवर सचिव श्री कोचरेकर द्वारा करने पर चयन समिती व विभागीय प्रमोशन समिती के 2 अधिकारियों की जिम्मेदार ठहराया गया और उनके खिलाफ अनुशासन उल्लघंन की कारवाई कर जिम्मेदारी की सजा दी गई.लेकिन जिस अधिकारी के चलते कारवाई की गई उसे नई नियुक्ती देकर गलत कामों को प्रोत्साहन दिया गया. सरकार ने आदेश देने के बावजूद वर्तमान महानगर आयुक्त यूपीएस मदान ने उसवक्त दिनांक 29.04.2002 को प्रोजेक्ट डायरेक्टर के तौर पर रमन्ना का बचाव किया था.स्वयं मदान ने भी उस वक्त माना था कि इन अधिकारियों को सरकार के निर्णय के चलते नियुक्ती/प्रमोशन का लाभ नहीं मिलना चाहिए था.लेकिन वह लाभ अनजाने में उन्हें दिए गए है.
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने दिनांक 20 नवंबर 2014 को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस,मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय के पास शिकायत करते ही रमन्ना ने एमएमआरडीए प्राधिकरण का अतिरिक्त प्रमुख परिवहन नियोजन इस पद का इस्तीफा देकर स्वेच्छानिवृत्ती मंजूर करने के लिए दिनांक 22 दिसंबर 2014 को आवेदन किया जिसे स्वीकार कर उसे दिनांक 21 जनवरी 2015 से सेवा से कार्यमुक्त करने जानकारी एमएमआरडीए प्रशासन ने गलगली को दिनांक 13 मार्च 2015 को एक पत्र भेजकर बताई। असल में दिनांक 15 दिसंबर 2014 को रमन्ना को मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड में एडजस्ट कर कार्यकारी निदेशक इस पद पर नियुक्त किया गया था। अनिल गलगली ने मुख्य मंत्री को पत्र भेजकर इस मामले की जांच करने की मांग की है।
आरटीआई कार्यकर्ते अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्रशासन से जानकारी मांगी थी कि आर. रमन्ना और अन्य अधिकारियों को सेवा से मुक्त करने के लिए सरकार ने जारी किए आदेश पर कौनसी कारवाई की गई है. एमएमआरडीए प्रशासन ने अनिल गलगली को बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने दिनांक 11.10.2004 के आदेशानुसार 4 अधिकारियों पर कारवाई करने का आदेश दिया था. लेकिन एमएमआरडीए प्रशासन ने रमन्ना को विशेष मदत कर सेवा से मुक्त करने के बजाय उनकी नए तौर पर सरल सेवा की खुला प्रवर्ग में परिवहन नियोजक इस पद पर नियुक्ती कर दी. इसके पहले पिछडा(अनुसूचित जाती) वर्ग का लाभ लेनेवाले रमन्ना का मामला उजागर होते ही उसे सरल सेवा में समाविष्ट कर लिया गया. रमन्ना जैसे और जो अधिकारी थे उनमें से प्रवीण कुमार और मिंझ ने कारवाई के डर से अपने पदों से इस्तीफा दिया.पी.के.नाईक सीमा क्षेत्र के होने से उन्हें बरकरार रखा गया.एमएमआरडीए प्रशासन में अनियमित-अवैध नियुक्ति और प्रमोशन की जांच सेवानिवृत अवर सचिव श्री कोचरेकर द्वारा करने पर चयन समिती व विभागीय प्रमोशन समिती के 2 अधिकारियों की जिम्मेदार ठहराया गया और उनके खिलाफ अनुशासन उल्लघंन की कारवाई कर जिम्मेदारी की सजा दी गई.लेकिन जिस अधिकारी के चलते कारवाई की गई उसे नई नियुक्ती देकर गलत कामों को प्रोत्साहन दिया गया. सरकार ने आदेश देने के बावजूद वर्तमान महानगर आयुक्त यूपीएस मदान ने उसवक्त दिनांक 29.04.2002 को प्रोजेक्ट डायरेक्टर के तौर पर रमन्ना का बचाव किया था.स्वयं मदान ने भी उस वक्त माना था कि इन अधिकारियों को सरकार के निर्णय के चलते नियुक्ती/प्रमोशन का लाभ नहीं मिलना चाहिए था.लेकिन वह लाभ अनजाने में उन्हें दिए गए है.
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने दिनांक 20 नवंबर 2014 को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस,मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय के पास शिकायत करते ही रमन्ना ने एमएमआरडीए प्राधिकरण का अतिरिक्त प्रमुख परिवहन नियोजन इस पद का इस्तीफा देकर स्वेच्छानिवृत्ती मंजूर करने के लिए दिनांक 22 दिसंबर 2014 को आवेदन किया जिसे स्वीकार कर उसे दिनांक 21 जनवरी 2015 से सेवा से कार्यमुक्त करने जानकारी एमएमआरडीए प्रशासन ने गलगली को दिनांक 13 मार्च 2015 को एक पत्र भेजकर बताई। असल में दिनांक 15 दिसंबर 2014 को रमन्ना को मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड में एडजस्ट कर कार्यकारी निदेशक इस पद पर नियुक्त किया गया था। अनिल गलगली ने मुख्य मंत्री को पत्र भेजकर इस मामले की जांच करने की मांग की है।
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