मुंबई का मेट्रो 3 प्रोजेक्ट से राज्य की राजनीति भी चमक रही है।सत्ताधीस कहते है कुछ अलग लेकिन वस्तुस्थिति अलग होने की चौकानेवाली जानकारी आरटीआई से सामने आयी है। मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा (एमएमआरसीएल) आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को उपलब्ध कराई गई जानकारी से स्पष्ट हो रही है कि मेट्रो 3 के प्रोजेक्ट से प्रभावितों का पुर्नवास चकाला, ओशिवारा, कुर्ला, विद्याविहार और वडाला में प्रस्तावित है और इसमें 2464 निर्माण इस प्रोजेक्ट के राह में आ रही है। नया नगर, माहिम स्थित 241 निर्माण 100% और अन्य स्थान वाले निर्माण पूर्णतः और अंशतः तोड़े जाएंगे।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड से कुलाबा-वांद्रे-सीप्झ इस मुंबई मेट्रो लाइन 3 प्रोजेक्ट के बारे में दिनांक 26 फरवरी 2015 को विभिन्न जानकारी मांगी थी। एमएमआरसीएल ने अनिल गलगली को बताया कि कफ परेड से आरे कॉलोनी के बीच वाले 24 स्थानों पर 2223 तो नया नगर स्थित 241 निर्माण प्रोजेक्ट की राह में आड़े आ रही है।2223 में से निवासी 1544, व्यावसायिक 576, निवासी कम व्यावसायिक 31 और अन्य 72 ऐसी संख्या हैं। सर्वाधिक नुकसान एमआयडीसी को हो रहा है जहां के 628 निर्माण तोडे जाएंगे। उसके बाद 355 गिरगाव, 294 कालबादेवी ,264 बीकेसी, 262 आरे कॉलनी ऐसी संख्या है।
सरकार की नीतियों की तर्ज पर प्रोजेक्ट से प्रभावितों का पुर्नवास 3 किलोमीटर रेडियस में जिस स्थान पर होगा उसकी जानकारी मांगने पर एमएमआरसीएल ने फिर एक बार स्पष्ट किया कि मेट्रो 3 के प्रभावितों का पुर्नवास चकाला,ओशिवारा, कुर्ला, विद्याविहार और वडाला में प्रस्तावित है। सार्वजनिक जमीन पर अतिक्रमित झोपडीधारकों का पुर्नवास भक्ती पार्क, वडाला और आणि वंडरलैंड,ओशिवारा स्थित एमएमआरडीए के मकानों में करने के लिए प्रस्तावित हैं। इस स्थान पर 225 वर्ग फूट क्षेत्रफल वाले मकान उपलब्ध हैं। इसके अलावा मेसर्स एचडीआयएल का निर्माण प्रगतिपथ पर है।वहां के मकान झोपडपट्टी पुर्नवसन प्राधिकरण द्वारा (एसआरए) प्रभावितों के पुर्नवास के लिए प्राप्त करने का प्रयास शुरु है। इसमें कुर्ला प्रीमियर (प), कुर्ला(पूर्व) स्थित भंडारी मेटलउर्गिज़ के समीप और मौजे चकाला एवमं मूळगाव अंधेरी आदि स्थानों पर 269 वर्ग फूट क्षेत्रफल वाले मकान उपलब्ध है।
मेट्रो 3 अंतर्गत कालबादेवी स्टेशन और गिरगाव स्थित निर्माण पूरी तरह से तोड़े जाने की जानकारी अनिल गलगली ने पूछने पर एमएमआरसीएल ने बताया कि गिरगाव स्टेशन स्थित विठ्ठलदास बिल्डिंग, वीआयपी लगेज, अन्नपूर्णा निवास, क्रांति नगर, एकता सोसायटी, धूत पपेश्वर, श्री राम भवन, स्वामी निवास और कालबादेवी स्थित नर्मदाबाई ट्रस्ट, कोटकर बिल्डिंग 17, कोटकर बिल्डिंग 19, सबीना बिल्डिंग/ तलाठी हाउस, तोड़ीवाला बिल्डिंग, मुन्नालाल मेन्शन ए और बी , सोना चेम्बर, फिश मार्केट, हेम विला, चटवाल बिल्डिंग, खान हाउस, बिल्डिंग नं. 591, बिल्डिंग नं. 593, बिल्डिंग नं. 595, राजशीला बिल्डिंग, कापड़िया बिल्डिंग, चीरा बाजार 605 और चीरा बाजार 607 ये लिस्ट है। ताज्जुब की बात ये भी है कि इस प्रोजेक्ट में विरोध में एक भी शिकायत एमएमआरसीएल को प्राप्त नही हुई है। जो शिकायते है उनमें जमीन और पुर्नवास से जुडी तथा अन्य समस्याओं का उल्लेख किया गया है।
मुंबई मेट्रो लाइन 3 प्रोजेक्ट के बारे में सरकार और एमएमआरसीएल अलग अलग दावा कर रहे है जबकि प्रत्यक्ष में वस्तुस्थिती और सच्चाई हटकर है। सरकार एक भी प्रभावितों का पुर्नवास नही होगा ऐसा दावा कर रही थी लेकिन आरटीआई की जानकारी एकदम उसके विपरीत और विरोधाभास वाली है, ये बताते हुए अनिल गलगली ने जनसुनवाई से पहले सर्वप्रथम योजना और प्रभावितों का पुर्नवास की जानकारी ऑनलाइन करने की मांग मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एमएमआरसीएल को भेजे हुए पत्र में की है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड से कुलाबा-वांद्रे-सीप्झ इस मुंबई मेट्रो लाइन 3 प्रोजेक्ट के बारे में दिनांक 26 फरवरी 2015 को विभिन्न जानकारी मांगी थी। एमएमआरसीएल ने अनिल गलगली को बताया कि कफ परेड से आरे कॉलोनी के बीच वाले 24 स्थानों पर 2223 तो नया नगर स्थित 241 निर्माण प्रोजेक्ट की राह में आड़े आ रही है।2223 में से निवासी 1544, व्यावसायिक 576, निवासी कम व्यावसायिक 31 और अन्य 72 ऐसी संख्या हैं। सर्वाधिक नुकसान एमआयडीसी को हो रहा है जहां के 628 निर्माण तोडे जाएंगे। उसके बाद 355 गिरगाव, 294 कालबादेवी ,264 बीकेसी, 262 आरे कॉलनी ऐसी संख्या है।
सरकार की नीतियों की तर्ज पर प्रोजेक्ट से प्रभावितों का पुर्नवास 3 किलोमीटर रेडियस में जिस स्थान पर होगा उसकी जानकारी मांगने पर एमएमआरसीएल ने फिर एक बार स्पष्ट किया कि मेट्रो 3 के प्रभावितों का पुर्नवास चकाला,ओशिवारा, कुर्ला, विद्याविहार और वडाला में प्रस्तावित है। सार्वजनिक जमीन पर अतिक्रमित झोपडीधारकों का पुर्नवास भक्ती पार्क, वडाला और आणि वंडरलैंड,ओशिवारा स्थित एमएमआरडीए के मकानों में करने के लिए प्रस्तावित हैं। इस स्थान पर 225 वर्ग फूट क्षेत्रफल वाले मकान उपलब्ध हैं। इसके अलावा मेसर्स एचडीआयएल का निर्माण प्रगतिपथ पर है।वहां के मकान झोपडपट्टी पुर्नवसन प्राधिकरण द्वारा (एसआरए) प्रभावितों के पुर्नवास के लिए प्राप्त करने का प्रयास शुरु है। इसमें कुर्ला प्रीमियर (प), कुर्ला(पूर्व) स्थित भंडारी मेटलउर्गिज़ के समीप और मौजे चकाला एवमं मूळगाव अंधेरी आदि स्थानों पर 269 वर्ग फूट क्षेत्रफल वाले मकान उपलब्ध है।
मेट्रो 3 अंतर्गत कालबादेवी स्टेशन और गिरगाव स्थित निर्माण पूरी तरह से तोड़े जाने की जानकारी अनिल गलगली ने पूछने पर एमएमआरसीएल ने बताया कि गिरगाव स्टेशन स्थित विठ्ठलदास बिल्डिंग, वीआयपी लगेज, अन्नपूर्णा निवास, क्रांति नगर, एकता सोसायटी, धूत पपेश्वर, श्री राम भवन, स्वामी निवास और कालबादेवी स्थित नर्मदाबाई ट्रस्ट, कोटकर बिल्डिंग 17, कोटकर बिल्डिंग 19, सबीना बिल्डिंग/ तलाठी हाउस, तोड़ीवाला बिल्डिंग, मुन्नालाल मेन्शन ए और बी , सोना चेम्बर, फिश मार्केट, हेम विला, चटवाल बिल्डिंग, खान हाउस, बिल्डिंग नं. 591, बिल्डिंग नं. 593, बिल्डिंग नं. 595, राजशीला बिल्डिंग, कापड़िया बिल्डिंग, चीरा बाजार 605 और चीरा बाजार 607 ये लिस्ट है। ताज्जुब की बात ये भी है कि इस प्रोजेक्ट में विरोध में एक भी शिकायत एमएमआरसीएल को प्राप्त नही हुई है। जो शिकायते है उनमें जमीन और पुर्नवास से जुडी तथा अन्य समस्याओं का उल्लेख किया गया है।
मुंबई मेट्रो लाइन 3 प्रोजेक्ट के बारे में सरकार और एमएमआरसीएल अलग अलग दावा कर रहे है जबकि प्रत्यक्ष में वस्तुस्थिती और सच्चाई हटकर है। सरकार एक भी प्रभावितों का पुर्नवास नही होगा ऐसा दावा कर रही थी लेकिन आरटीआई की जानकारी एकदम उसके विपरीत और विरोधाभास वाली है, ये बताते हुए अनिल गलगली ने जनसुनवाई से पहले सर्वप्रथम योजना और प्रभावितों का पुर्नवास की जानकारी ऑनलाइन करने की मांग मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एमएमआरसीएल को भेजे हुए पत्र में की है।
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