Wednesday 6 May 2020

अपने ही प्रिन्स अली खान अस्पताल को सेवा से बचाता कोविड चीफ

कोविड19 टास्क फोर्स के चीफ डॉ संजय ओक यह मुंबई में कौनसा अस्पताल कोविड हो? इसका निर्णय लेते हैं। लेकिन इन्होंने स्वयं जिस प्रिंस अली खान अस्पताल के सीईओ हैं उस अस्पताल को कोविड की सेवा से बचाने का काम किया हैं। डॉ ओक ने आख़िर ऐसा क्यों किया हैं? यह जांच का विषय होने का आरोप लगाते हुए आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने इस 165 बेड्स वाले अस्पताल को कोविड अस्पताल घोषित करने की मांग मुख्यमंत्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे से की हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे, महापौर किशोरी पेडनेकर, मुख्य सचिव अजोय मेहता, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ प्रदीप व्यास और मनपा आयुक्त प्रविनसिंह परदेशी को भेजे पत्र में ध्यान आकृष्ट किया हैं कि मुंबई का नामचीन माजगाव स्थित प्रिन्स अली खान अस्पताल को कोविड अस्पताल घोषित करने की जरुरत हैं। आज वरली और आसपास के क्षेत्र में कोविड मरीजों को मरोल स्थित सेव्हन हिल अस्पताल में भेजा जाता हैं। इससे समय की बर्बादी होती हैं। गलगली ने आगे कहा कि इस अस्पताल में वर्तमान में 165 बेड्स में से सिर्फ 18 बेड्स व्याप्त हैं। इससे दक्षिण मुंबई के मरीजों को पूर्व या पश्चिम उपनगर में भेजने की कसरत से बचा जा सकता हैं। कोविड मरीजों को नजदीक के माजगाव स्थित प्रिन्स अली खान अस्पताल उपलब्ध होगा।

डॉ संजय ओक यह जिस प्रिन्स अली खान अस्पताल के सीईओ हैं और कोविड चीफ भी हैं। उनका उनके ही 165 बेड्स की क्षमता वाले अस्पताल पर ध्यान क्यों नही गया? इसपर अनिल गलगली ने आश्चर्य व्यक्त किया हैं।

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