Saturday, 17 October 2015
३०६ नई अतिरिक्त डिवीज़न का प्रस्ताव सरकार ने खारिज किया
वर्ष २०१५-२०१६ के लिए १२ विद्यापीठ स्तर पर प्राप्त ३०६ नई अतिरिक्त डिवीज़न का प्रस्ताव सरकार ने खारिज करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने दी है जिसमें सर्वाधिक १५४ नई अतिरिक्त डिवीज़न का प्रस्ताव शिवाजी विद्यापीठ, कोल्हापूर का था।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग से नई अतिरिक्त डिवीज़न का प्रस्ताव और मौजूदा स्थिती की जानकारी मांगी थी। अनिल गलगली को पहले जानकारी नही दी गई। प्रथम अपीलीय अधिकारी और उप सचिव ने सुनवाई लेकर आदेश जारी करने के बाद कार्यासन अधिकारी और जन सूचना अधिकारी रणजीत अहिरे ने अनिल गलगली को बताया कि शैक्षणिक वर्ष २०१५-२०१६ के लिए कुल ३०६ नई अतिरिक्त डिवीज़न का प्रस्ताव सरकार को प्राप्त हुआ था। लेकिन सरकार ने दिनांक २९ अप्रैल २०१५ के सरकारी परिपत्रक के अंतर्गत शैक्षणिक वर्ष २०१५-२०१६ के लिए नए महाविद्यालय/ विद्या शाखा/विषय/ अभ्यास क्रम/ डिवीज़न को मान्यता न देने का फैसला लिया गया। इसी के चलते सभी प्रस्ताव विद्यापीठ को पुन: भेजे गए।
वर्ष २०१५-२०१६ के लिए १२ विद्यापीठ str पर प्राप्त ३०६ नई अतिरिक्त डिवीज़न के प्रस्तावों में सर्वाधिक १५४ प्रस्ताव शिवाजी विद्यापीठ, कोल्हापूर ने भेजे थे। उसके बाद ६२ मुंबई विद्यापीठ, ३० सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ, १६ संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ, १६ जलगाव के उत्तर महाराष्ट्र विद्यापीठ, १२ सोलापूर विद्यापीठ, ८ नागपूर स्थित राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज विद्यापीठ, ५ नांदेड स्थित स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाडा विद्यापीठ, २ गडचिरोली स्थित गोंडवाना विद्यापीठ और १ मुंबई के एसएनडीटी विद्यापीठ के प्रस्ताव थे। अनिल गलगली का मानना है कि देश में पहली बार इसतरह से नए महाविद्यालय/ विद्या शाखा/विषय/ अभ्यास क्रम/ डिवीज़न को मान्यता न देने का लिया हुआ फैसला सरकार की बौद्धिक दिवालियापन की ओर संकेत करता हैं। अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र भेजकर इसतरह से जारी किया हुआ परिपत्रक रद्द करने की मांग की हैं।
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