Friday 9 October 2015

एलिवेटेड मेट्रो की तुलना में भूमिगत मेट्रो का खर्च ट्रिपल

मुंबई - एमएमआरडीए प्रशासन एमएमआरडीए कार्यक्षेत्र में मेट्रो का जाल बिछा रही है जिसमें कहीं एलिवेटेड तो कहीं भूमिगत मेट्रो को विरोध भी हो रहा हैं। एलिवेटेड मेट्रो की तुलना में भूमिगत मेट्रो का खर्च ट्रिपल होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एमएमआरडीए प्रशासन ने दी हैं। एलिवेटेड मेट्रो का खर्च प्रति किमी 250 से 300 करोड़ है वही भूमिगत मेट्रो का खर्च प्रति किमी ट्रिपल हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्रशासन से मेट्रो के काम को लेकर जानकारी मांगी थी। एमएमआरडीए प्रशासन ने अनिल गलगली को बताया कि एलिवेटेड मेट्रो मार्ग के लिए करीब प्रति किमी रु 250 से 300 करोड़ का खर्च आता है वही भूमिगत मेट्रो मार्ग का प्रति किमी खर्च ये एलिवेटेड मेट्रो मार्ग के प्रति किमी खर्च के करीब ट्रिपल हैं। दहिसर-चारकोप-बांद्रा-मानखुर्द इस मार्ग स्थित प्रथम चरण दहिसर से डी एन नगर इस योजना की कीमत रु 6390 करोड़ हैं। अंधेरी पूर्व से दहिसर पूर्व इस योजना की कीमत रु 6056 करोड़ और कुलाबा-बांद्रा-सीप्झ(अंधेरी) इस योजना की कीमत रु 23,136 करोड़ इतनी हैं। यानी एलिवेटड मार्ग होता तो रु 11,860 इतनी ही रकम की जरुरत लगती थी जो अब भूमिगत मार्ग के लिए रु 35,582 इतनी हैं यानी रु 23,721 करोड़ रकम ज्यादा खर्च हो रही हैं, ऐसा अनिल गलगली का कहना हैं। # सशक्त कमिटी ने दी हैं मान्यता एलिवेटेड मेट्रो ज्यादा खर्चिला न होते हुए भी भूमिगत मेट्रो का काम करने को लेकर केंद्र व राज्य सरकार के निदेश की जानकारी मांगने पर अनिल गलगली को 43 वे सशक्त कमिटी ( Empower Committee) की बैठक की रिपोर्ट की कॉपी दी हैं। वर्सोवा- अंधेरी- घाटकोपर इस मेट्रो वन के कार्यान्वय के दौरान मिले सबक के बाद आगे एलिवेटेड और भूमिगत मार्ग का तुलनात्मक अध्ययन करने के बाद एमएमआरडीए ने जमीनी हकीकत को मुंबई ट्रांसफॉर्मेशन सपोर्ट यूनिट के पास पेश किया। इसे निदेशक बी सी खटुआ ने दिनांक 26 अप्रैल 2013 को मान्यता दी हैं। एमएमआरडीए के महानगर आयुक्त यूपीएस मदान ने तर्क दिया था कि मुंबई के सड़कों की स्थिती संकरी और भीड़ भाड़ वाली हैं । साथ ही मेट्रो वन के निर्माण में देरी का सामना करने की नौबत आने से भविष्य के मेट्रो मार्ग पूर्व उपनगर के कुछ कम भीड़ वाले स्थान का अपवाद छोड़ कर भूमिगत बनाए जाए। भले ही भूमिगत मार्ग खर्चिला है लेकिन जमीन भूसंपादन, अतिक्रमण, ट्रैफिक की परेशानी, लगातार होनेवाली देरी और कीमत में होनेवाली वृद्धी जैसी समस्या पैदा नही होने का मत मदान ने व्यक्त किया। # महानगर प्रदेश में 25 मेट्रो मार्ग सर्वकष परिवहन अभ्यास 2008 के अनुसार मुंबई महानगर प्रदेश में कुल 25 मेट्रो मार्ग प्रस्तावित हैं जिसमें दहिसर-चारकोप-बांद्रा-मानखुर्द, अंधेरी पूर्व से दहिसर पूर्व, कुलाबा-बांद्रा-सीप्झ, वडाला-घाटकोपर-तीन हाथ नाका ठाणे-कासारवडवली, वडाला-मुख्य डाक कार्यालय GPO, सीप्झ-कांजूरमार्ग, शिवडी-प्रभादेवीे ये मुंबई के मेट्रो मार्ग हैं वही शेष बचे हुए मुंबई के बाहरी इलाके के मेट्रो मार्ग में जोगेश्वरी-विक्रोली लिंक रोड, भिवंडी-कल्याण, शिवडी-प्रभादेवी, दहिसर-मीरा रोड-माणिकपूर-विरार, ठाणे रिंग मेट्रो, ठाणे-घोडबंदर-दहिसर, बाळकुम(ठाणे)-भिवंडी-कल्याण-नार्थेन गाव, पोखरण-खारेगाव, कुशवली-अंबरनाथ, कांजूर मार्ग-महापे-कल्याण फाटा-पाईप लाईन, मानखुर्द-वाशी- नार्थेन गाव, वाशी-बेलापूर-न्यू एयरपोर्ट-पनवेल, तारघर-खारकोपर-नाव्हा शेवा-डोंगरी, खारकोपर-धुतम-पिरकोने-शिरकी-वडखल, डोंगरी-पिरकोने-जिते, शिरकी-वाशी-जिते, फोर्ट(होरिमन सर्कल)-उरण-डोंगरी, शेवरी- खारकोपर इन18 मेट्रो मार्ग का शुमार हैं। विस्तृत योजना रिपोर्ट आने पर प्रस्तावित मेट्रो मार्ग का खर्च बताया जाएगा, ऐसा अनिल गलगली को बताया गया हैं।

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