Tuesday, 15 September 2015
मुंबई विद्यापीठ के कामकाज का जिम्मा अनुपस्थित सिनेट सदस्यों के कंधों पर
नए सिनेट सदस्यों का चुनाव आगे धकेलकर नामनिर्देशित सदस्यों के कंधे पर विद्यापीठ का कामकाज चलाने की सूचना राज्य सरकार ने मुंबई विद्यापीठ सहित राज्य के सभी विद्यापीठों से की हैं। लेकिन मुंबई विद्यापीठ की वर्ष २०१३ से २०१५ के दौरान हुई सिनेट की सभा में कई नामनिर्देशित सदस्यों की उपस्थिती को देखते हुए इन सदस्यों से कई सदस्यों ने सिनेट की सभा में उपस्थिती दर्ज नही होने की चौंकानेवाली जानकारी आरटीआई कार्यकर्ते अनिल गलगली को दी हैं। वही कई नामनिर्देशित सदस्यों के पद सिनेट का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी रिक्त होने सेे मुंबई विद्यापीठ का कामकाज प्रभावित करण्यात में राज्य सरकार कुछ अधिक रूचि लेने की बात सामने आती हैं।
राज्य सरकार आगामी विंटर अधिवेशन तक नया विद्यापीठ कानून लागू करने के मूड हैं। उससे सरकार ने नए सिनेट सदस्यों का चुनाव अगले वर्ष करने का मुहूर्त निकाला हैं। स्वाभाविक तौर पर विद्यापीठ के कामकाज की जिम्मेदारी नामनिर्देशित सदस्यों पर हैं। पिछले सिनेट में विद्यापीठ में २१ नामनिर्देशित सदस्य थे। इन सदस्यों ने अपने कार्यकाल में कुल कितने सिनेट सभाओं हाजिर थे, इसकी जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सूचना का अधिकार में विद्यापीठ से मांगी थी। उसमें कई सदस्य ये एक भी सिनेट सभा को हाजिर न होने की बात सामने आई हैं।
# हमेशा अनुपस्थित होनेवाले सदस्य
सर्वदलीय ऐसे सिनेट के तौर पर नियुक्त जितेंद्र आव्हाड, प्रकाश बिनसाले, प्रवीण दरेकर, राज श्रॉफ,चरण सिंग सप्रा और श्रीराम दांडेकर येे वर्ष २०१३ से २०१५ के दौरान हुए सिनेट सभा में अनुपस्थित थे। मुंबई विद्यापीठ में सिनेट सदस्यों में विद्यापीठ कानून के अनुसार करीब तीन पद ये उच्च शिक्षण के विभिन्न प्राधिकरण के निदेशक और सह निदेशक को दी जाती हैं। उसमें मुंबई विभाग के उच्च शिक्षण के सहनिदेशक, तंत्रशिक्षण संचालनाय के निदेशक और वैद्यकीय शिक्षण संचालनाय के निदेशक को भी सिनेट सदस्य पद दिया गया हैं। उच्च शिक्षा उप निदेशक डॉ एम.एस. मोलवणे, तंत्र शिक्षा संचालनालय उप निदेशक दयानंद मेश्राम और वैद्यकीय शिक्षा निदेशक इन तीनों सदस्यों में से एक भी सदस्य ने वर्ष २०१३ से २०१५ इस दौरान सिनेट की सभा में हाजिर नही हुए।
# अनुपस्थित सदस्यों पर कारवाई नही
महाराष्ट्र विद्यापीठ कानून के अनुसार सिनेट सदस्यों में कोई भी सदस्य लगातार तीन सिनेट सभा में अनुपस्थित रहने पर उसका सदस्य पद रद्द होने की कारवाई होे सकती हैं। लेकिन मुंबई विद्यापीठ ने इसतरह की कोई भी कारवाई न करने का गंभीर न होने का मत अनिल गलगली ने व्यक्त किया । इसतरह अनुपस्थित रहनेवाले सिनेट सदस्यों पर कारवाई करते हुए जो सरकारी पदों पर आसीन जिम्मेदार अधिकारी है उनपर सेवा बर्ताव नियमातंर्गत कारवाई होनी चाहिए।
# २१ नामनिर्देशित सदस्य
सिनेट में विद्यापीठ में २१ नामनिर्देशित सदस्यों में २ विधानसभा,२ विधान परिषद सदस्य होते हैं। कुलपती ने चयनित किए हुए विभिन्न क्षेत्र के मान्यवर ७, मान्यताप्राप्त संस्था के प्रमुख २, विद्यापीठ के अंतर्गत संस्था और विभाग के ३, विद्यापीठ के कर्मचारी ३,जिल्हापरिषद की शिक्षा समिती के सदस्य १ और महापालिका प्राधिकरण १ सदस्य होते हैं।
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