Saturday, 19 September 2015

यूपीए सरकार ने बिना टेंडर जारी किया था 13,663.22 करोड़ का 'आधार' का काम

आम लोगों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक आधार कार्ड को लेकर हुआ विरोध जगजाहिर हैं। यूपीए सरकार ने बिना टेंडर 'आधार' का 13663.22 करोड़ रुपए का काम का ठेका जारी करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने दी हैं।अब तक 90.30 करोड़ कार्ड जारी होने के साथ 6562.88 करोड़ रुपए की रकम ठेकेदार कंपनियों को दी जा चुकी हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (आधार )से आधार कार्ड के लिए प्रावधान की गई रकम के साथ खर्च हुई रकम और टेंडर की प्रक्रिया की जानकारी मांगी थी। आधार क जन सूचना अधिकारी एस.एस. बिष्ट ने अनिल गलगली को भेजी हुई जानकारी में स्पष्ट किया कि इस काम के लिए किसी भी तरह का टेंडर जारी नही हुआ हैं । कुल 25 कंपनियों को अलग अलग जिम्मेदारी दी गई है। 19 मई 2014 को आरईएफ (Request for Empanelment -यानी पैनल के लिए अनुरोध ) 2014 में तय मानकों के आधार पर ही एजेंसी को काम दिया गया हैं। आधार कार्ड भारतीय नागरिकों को वितरित करना अनिवार्य है। अब तक 90.30 करोड़ आधार कार्ड का वितरण किया जा चुका हैं। वही अन्य जन सूचना अधिकारी एवमं आधार के वित्तीय उप निदेशक आर हरीश ने अनिल गलगली को बताया कि आधार कार्ड की योजना कुल 13,663.22 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया हैं। दिनांक 31 जुलाई 2015 तक 6,562.88 करोड़ रुपए की रकम दी जा चुकी हैं। अनिल गलगली ने इसकी जांच करने की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करते हुए कहा कि इतना बड़ा ठेका जो 125 करोड़ भारतीयों के जीवन से ताल्लुक रखता है और ऐसे काम में पारदर्शकता की जरूरत होते हुए टेंडर प्रक्रिया को नजरअंदाज करना सरासर गलत हैं। टेंडर निकाले बिना जिस तरीके से पूरी प्रक्रिया कार्यान्वित हुई है उसकी जांच होना अत्यावश्यक होने की बात अनिल गलगली ने कही। जिन कंपनियों को ठेका दिया गया है उनमें सर्वाधिक 8 ठेका एचसीएल इन्फो सिस्टम्स और विप्रो को दिया गया हैं। 2 ठेका टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस लिमिटेड को दिया गया हैं। अन्य 14 ठेकेदारों में मैक एसोसिएट्स, एचपी इंडिया सेल्स प्राइवेट लिमिटेड, नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर सर्विसेस लिमिटेड, सगेम मोर्फो सिक्यूरिटी प्राइवेट लिमिटेड, टोटेम इंटरनेशनल लिमिटेड, लिंक्वेल टेलीसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, साईं इन्फोसिस्टम लिमिटेड, गेओदेसिक लिमिटेड, आई डी सोलुशन्स, एनआईएसजी , एसटीक्यूसी, टेलीसिमा कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड, सत्यम कंप्यूटर सर्विसेस लिमिटेड ( महिंद्रा सत्यम) और एल 1 आइडेंटिटी सोलुशन्स ऑपरेटिंग कंपनी का शुमार हैं। इसके अलावा एयरसेल, भारती एयरटेल लिमिटेड, बीएसएनएल, रेलटेल कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड, रिलायंस कम्युनिकेशन और टाटा कम्युनिकेशन्स को एक ही ठेका दिया है। इस तरह का सेंसटिव डाटा और फिंगर प्रिंट्स निजी कंपनियों के हाथों में होना खतरनाक होने की बात साइबर लॉ एक्सपर्ट्स आणि रिसर्चर हर्षित शाह ने व्यक्त किया हैं।

No comments:

Post a Comment