Saturday 30 May 2015

मुंबई मेट्रो की सुरक्षा पर एमएमआरडीए सालाना करती है 28.14 करोड़ का खर्च, प्रॉफिट कमाती है अंबानी की मुंबई मेट्रो कंपनी

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप योजना के तहत बनकर दौड़नेवाली मुंबई मेट्रो ने मनमानी तरीके से किराया बढ़ाकर मुंबईकरों की कमर तोड़ते हुए सरकार को कोर्ट में जाने के लिए विवश किया है। मनमानी तरीके से किराया बढ़ाकर प्रॉफिट कमानेवाली अनिल अंबानी की मुंबई मेट्रो वन कंपनी पर मेहरबानी कर मुंबई मेट्रो की पुरी सुरक्षा उठानेवाली एमएमआरडीए प्रशासन आज भी सालाना 28.14 करोड़ का खर्च करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को प्राप्त हुई है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्रशासन से मुंबई मेट्रो की सुरक्षा पर किए जानेवाले खर्च की जानकारी मांगी थी। एमएमआरडीए प्रशासन ने अनिल गलगली को जानकारी दी कि कुल सालाना सुरक्षा अग्रीमेंट खर्च 21.77 करोड़ ( रु.4.27 करोड़ जमा करनेवाली सुरक्षा रकम को छोड़कर+ 1 महीने की एडवांस रकम) के अलावा स्नीफर डॉग्स का अब तक का संभावित खर्च रु. 28.80 लाख इतना हैं। ये सब रकम 28 करोड़ 13 लाख 80 हजार इतनी होती हैं। एमएमआरडीए प्रशासन ने अब तक अप्रैल 2014 से जनवरी 2015 इन 10 महीनों में महाराष्ट्र स्टेट सिक्यूरिटी कॉरपोरशन को 8 करोड़ 69 लाख 66 हजार 64 रुपए अदा किया है। मुंबई मेट्रो वन प्राइवेट लिमिटेड इस कंपनी को हर महीने रु.3.20 लाख के हिसाब से 20 महीने में 32 लाख दिया है। मुंबई मेट्रो को सुरक्षा देने का फैसला 22 अक्टूबर 2010 को मुख्य सचिव और मुंबई पुलिस के साथ हुई बैठक में लिया गया और एमएमआरडीए प्रशासन ने उसपर मुहर लगाई है। मेट्रो कंपनी ने उनके जरिए तैनात किए गए प्राइवेट सुरक्षा व्यवस्था द्वारा स्थिती पर नियंत्रण लाने की बात रखी गई थी। मुंबई पुलिस ने मेट्रो और मोनोरेल की महत्ता और सॉफ्ट टार्गेट होने की आशंका जताते हुए सीआयएसएफ जैसे प्रशिक्षित एजेंसी पर विश्वास रखा। इसके चलते एमएमआरडीए प्रशासन को अब सालाना करोड़ों रुपए मुंबई मेट्रो की सुरक्षा पर खर्च करने की मजबूरी आन पड़ी हुई हैं। इतना पैसा खर्च करने के बाद भी मुंबई मेट्रो कंपनी एमएमआरडीए की रत्ती भर भी सुनती नही है और मेट्रो प्रोजेक्ट ये प्राइवेट संपत्ति होने की गुमान में बर्ताव कर रही हैं। ऐसी टिपण्णी कर अनिल गलगली ने ये खर्चा मुंबई मेट्रो कंपनी द्वारा करने की मांग की है। क्योंकि इस प्रोजेक्ट से एमएमआरडीए प्रशासन को एक छद्दम दमडी की कमाई नही हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय और एमएमआरडीए आयुक्त यूपीएस मदान को लिखे हुए पत्र में मांग की है कि सुरक्षा खर्च मुंबई मेट्रो वन प्राइवेट कंपनी से वसूल करे और भविष्य में सुरक्षा की जिम्मेदारी एमएमआरडीए प्रशासन के बजाय प्रॉफिट कमानेवाली मुंबई मेट्रो वन प्राइवेट कंपनी पर निश्चित करे।

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