Monday, 15 June 2015
देश के 53 प्रतिशत फास्ट ट्रैक कोर्ट बंद, प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा टॉय टॉय फिस्स
मुंबई- प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचारी नेताओं के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने की घोषणा टॉय टॉय फिस्स होने से इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा किसी भी तरह आदेश न देने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को देते हुए गत 15 वर्ष में 53 प्रतिशत फास्ट ट्रैक कोर्ट होने का कबूलनामा दिया है। वर्तमान में बिहार राज्य में सर्वाधिक 179 फास्ट ट्रैक कोर्ट है उसके बाद 92 फास्ट ट्रैक कोर्ट होने से महाराष्ट्र का नंबर लगता है। इसके विपरित दिल्ली ने नए से 10 और केरल राज्य ने मंजूर संख्या में एक की बढ़ोत्तरी करते हुए 38 फास्ट ट्रैक कोर्ट कार्यरत रखने से अपराधियों के मामले जल्द से जल्द निपटान करने का संकल्प दिख रहा है वहीँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात राज्य के 63 प्रतिशत फास्ट ट्रैक कोर्ट बंद हुए है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने प्रधानमंत्री कार्यालय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचारी नेताओं के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने की घोषणा और उसी के तहत जारी किए हुए आदेश की कॉपी मांगी थी। न्याय विभाग के अवर सचिव पी पी गुप्ता ने सही जानकारी न देने से अनिल गलगली ने दायर किए हुए प्रथम अपील पर भारत सरकार के न्याय विभाग के निदेशक प्रशांत कुमार पोनूगोती ने जारी किए हुए आदेश में स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई भी आदेश प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी नही किए है क्योंकि इसकी जिम्मेदारी संबंधित राज्यों की है। अनिल गलगली को देश के 29 राज्यों में वर्ष 2000 में मंजूर फास्ट ट्रैक कोर्ट की संख्या और इस समय पर कार्यरत फास्ट ट्रैक कोर्ट की जानकारी दी गई है।
देश के 29 राज्यों में कुल 1734 फास्ट ट्रैक कोर्ट को वर्ष 2000 में मंजूरी दी गई है और वर्तमान में सिर्फ 815 फास्ट ट्रैक कोर्ट कार्यरत हैं। बिहार राज्य में सर्वाधिक 179 वहीँ 92 महाराष्ट्र, 84 मध्य प्रदेश, 77 पश्चिम बंगाल, 72 आंध्र प्रदेश में फास्ट ट्रैक कोर्ट कार्यरत है। लगातार 15 वर्ष मुख्यमंत्री के तौर पर चुने गए नरेंद्र मोदी के गुजरात राज्य में सिर्फ 5 वर्ष 166 फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट शुरु थे जिसमें से 105 आगे चलकर बंद होने से अब 61 कार्यरत हैं । मध्यप्रदेश के 85 में से 84, महाराष्ट्र के 187 में से 92, आंध्रप्रदेश के 86 में से 72, बिहार के 183 में से 179, छत्तीसगढ़ के 31 में से 21, हरीयाणा के 36 में से 6, जम्मू कश्मीर के 12 में से 5, झारखंड के 89 में से 11, कर्नाटक के 93 में से 39, मणिपुर के 3 में से 2, नागालैंड के 3 में से 2, ओडिशा के 72 में से 30, पंजाब के 29 में से 20, सिक्किम के 3 में से 1, तमिलनाडु के 49 में से 32, त्रिपुरा के 3 में से 2, पश्चिम बंगाल के 152 में से 77 फास्ट ट्रैक कोर्ट शुरु है। अनिल गलगली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर जिन राज्यों ने फास्ट ट्रैक कोर्ट बंद किए है उनपर कारवाई करने की मांग की है। अपराधी और राजनीतिक नेताओं का गठबंधन तोडने के लिए ऐसे फास्ट ट्रैक कोर्ट की जरुरत होने से केंद्र सरकार ने इस मामले में सभी मुख्यमंत्री और मुख्य सचिवों की बैठक बुलाकर उस आशय के आदेश देने की मांग अनिल गलगली ने की है।
# पूरीतरह बंद
उत्तर प्रदेश के 242, राजस्थान के 83, उत्तरखंड के 45, हिमाचल प्रदेश के 9 आउट अरुणाचल प्रदेश के 5 फास्ट ट्रैक कोर्ट हमेशा के लिए पुरीतरह बंद किए गए हैं।
# शत प्रतिशत कार्यरत
आसाम, गोवा, मिझोराम,मेघालय इन राज्यों में शत प्रतिशत फास्ट ट्रैक कोर्ट कार्यरत है। इनमें 20 आसाम, 5 गोवा, 3 मिझोराम, 3 मेघालय का समावेश है।
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