Friday, 16 November 2018

मुंबई डीपी प्लान तैयार करने पर १३.५९ करोड़ हुए खर्च

 बड़े लंबे इंतजार के बाद बनाई गई मुंबई शहर की डीपी (२०३४) को तैयार करने के लिए मुंबई महानगरपालिका प्रशासन ने अबतक १३.५९ करोड़ रुपए खर्च करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी हैं। इनमें सिर्फ विशेष कार्य अधिकारी रमानाथ झा के वेतन पर ४६.५५ लाख खर्च हुए हैं वहीं सूचना एवं आपत्ति जताने के लिए आयोजित सुनवाई के लिए 3 रिटायर्ड अफ़सरों पर 20 लाख खर्च हुए हैं।


मुंबई मनपा आयुक्त सीताराम कुंटे इनके समय में बनाया गया डीपी प्लान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कैंसल किया था। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई की डीपी यानी डेवलपमेंट प्लान (२०३४) की तैयारी को लेकर मनपा प्रशासन किए हुए खर्च की जानकारी मांगी थी। मुंबई महानगरपालिका प्रशासन के विकास नियोजन विभाग ने अनिल गलगली को जानकारी दी कि मुंबई की डीपी (२०३४) की पुर्नरचना के लिए अबतक १३ करोड़ ५९ लाख और ५६ हजार खर्च हुए हुए हैं। फरवरी २०१५ में प्रकाशित किए प्रारुप डेवलपमेंट प्लान (२०३४) पर ५ करोड़ ६० लाख ५ हजार खर्च हुए जिसमें २५ फरवरी २०१५ को प्रकाशित प्लान के काम के लिए नियुक्त सलाहकार मेसर्स इजिस जियोप्लान को ३.४२ करोड़ अदा किए। एमबी ग्राफिक्स और प्रिंटमोअर को ९६ लाख, मेसर्स एडीसीसी को १ करोड़ १३ लाख, वीके पाठक सलाहकार और इन्फॉरमल कमिटी सदस्यों को ७ लाख ९० हजार तथा मेसर्स विदर्भ इन्फोटेक को २०१५ में स्वीकार सूचना और आपत्ति डेटा एंट्री काम के लिए १६ लाख अदा किए हैं।


संशोधित प्रारुप डेवलपमेंट प्लान २०१५  में कुल १.९१ करोड़ खर्च किए गए हैं। विशेष कार्य अधिकारी रमानाथ झा को मई २०१५ से मई २०१६ इस कार्यकाल में वेतन पर १६.५५ लाख खर्च हुए और उनके लिए खरीदा गया नया कंप्यूटर पर ४६ हजार खर्च किया गया। कंसल्टेट फॉर डीसीआर टीम के कांजलकर को ३ लाख ७० हजार और इंफॉर्मल कमिटी सदस्यों को २ लाख दिए गए। मेसर्स अखिल भारतीय स्थानिक स्वराज्य संस्था द्वारा उपलब्ध कराए गए विभिन्न प्रकार के मनुष्यबल के लिए ३ करोड़ ३५ लाख ५५ हजार अदा किया हैं। बैटरी बैकअप के लिए मेसर्स एनएम सिस्टम को २९ हजार अदा किया गया हैं।


२७ मई २०१६ को प्रकाशित संशोधित प्रारुप डेवलपमेंट प्लान २०१४-२०३४ में ६ करोड़ ८ लाख ६ हजार खर्च हुए हैं। इसमें विशेष कार्य अधिकारी रमानाथ झा को जून २०१६ सितंबर २०१८ इस कार्यकाल में वेतन के तौर ओर ४० लाख अदा किए हैं। डीपी प्लान के अंतर्गत प्राप्त सूचना और आक्षेप पर आयोजित सुनवाई के लिए गठित कमिटी के ३ सदस्यों पर १९ लाख ९९ हजार ख़र्च किया गया हैं। इनमें गौतम चटर्जी, सुरेश सुर्वे और सुधीर घाटे का शुमार था। डीपी प्लान के विज्ञापन पर १४.८३ लाख खर्च हुए हैं वहीं भोजन पर २ लाख ८३ हजार खर्च हुए हैं। इसमें ३१ जुलाई २०१७ को मनपा की मंजूरी के लिए नगरसेवकों पर सिर्फ भोजन पर १ लाख ६५ हजार खर्च हुए हैं। मनपा की वेबसाइट पर डीपी प्लान को अपलोड करने के लिए लाइसेंस खरीदने के लिए मेसर्स आर्क जीआयएस सर्वर एंडहांस इंटरप्राइजेस को १ करोड़ २६ लाख अदा किए हैं। संशोधित डीपी २०३४ का नक्शा प्रिंटिंग के लिए ४६ लाख ९ हजार मेसर्स जयंत प्रिंटरी एलएलपी को अदा किया हैं। प्रारुप डेवलपमेंट प्लान २०३४ के तहत ताबड़तोड़ काम पर १० लाख ५७ हजार खर्च किए गए हैं।


अनिल गलगली के अनुसार यह रकम अधिक ख़र्चीली हैं। अगर पहला डीपी प्लान ठीक ढंग से बनाया जाता तो आम लोगों के टैक्स का पैसा बच जाता था।

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