आरटीआई कानून यह देश के आम लोगों को प्राप्त हुआ उनके अधिकारों का कानून होते हुए भी आज बड़े पैमाने पर इस कानून की धार को कमजोर करने का प्रयास सरकारी स्तर पर हो रहा हैं, ऐसा आरोप करते हुए भूतपूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने कहा कि आम जनता यही इस लोकतंत्र के सही मायने में राजा और रानी हैं। इस अधिवेशन में कर्मठ अधिकारी तुकाराम मुंढे और हाल ही में रिटायर्ड केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर अचर्यालु का अभिनंदन प्रस्ताव अनिल गलगली ने रखा जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी मिली।
मुंबई के प्रभादेवी विभाग में भूपेश गुप्ता भवन में आरटीआई एक्टिविस्ट फोरम के द्वितीय अधिवेशन का शैलेश गांधी ने किया। इस मौके पर वरिष्ठ विचारवंत शिवाजी राऊत, समाजसेविका अंजली दमानिया, सूचना अधिकार कार्यकर्ता अनिल गलगली, सुलेमान भिमाणी, सुधीर पराजंपे, कमलाकर शेणाय उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ विचारवंत शिवाजी राऊत ने कहा कि विभिन्न विषयों पर सूक्ष्म विवेचन अधिवेशन में हुआ हैं। अब इसके अमलीजामा और क्रियान्वयन पर जोर देते हुए पूरे देश में इसका जनजागरण करने की जरुरत हैं। शैलेश गांधी ने सरकार की प्रामाणिकता पर संदेह व्यक्त किया हैं। अंजली दमानिया ने आरटीआई कानून के इस्तेमाल की जानकारी देते हुए कहा कि सूचना मिलते ही संबंधित विभाग के पास शिकायत करने की जरुरत हैं। साथ ही जमीन खरीदी की जानकारी सरलता से प्राप्त करने के लिए किन किन वेबसाइट पर उसे तलाशने के लिए मौजूदा विकप्प की जानकारी दी। अनिल गलगली ने आरटीआई के अलावा सरकारी कामों में देरी का कानून पर प्रकाश डालते हुए अपील की लोग मौखिक के बजाय लिखित शिकायत करने पर अधिक जोर दे ताकि अधिकारियों को उसकी आदत होगी और उसने कार्रवाई नहीं की तो सरकारी कामों में देरी का कानून जा इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता हैं। .
बैंकिंग विशेषज्ञ विश्वास उटगी ने बैंकिंग क्षेत्र में होनेवाली लूट और सरकार की दोहरी भूमिका की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि सिर्फ मुंबई में नहीं बल्कि महाराष्ट्र राज्य के जिला स्तर पर जाकर लोगों को वर्तमान माहौल समझाने की जरुरत हैं। मुंबई के पूर्व सहायक पुलिस आयुक्त विलास तुपे ने एन्टी करप्शन ब्यूरो के काम करने के दौरान मामलों की जानकारी देते हुए ऐसे मामलो में नागरिकों की मदद पर प्रबोधन किया। सुलेमान भिमाणी ने एसएआर के तहत समस्याओं का निराकरण कैसे हो सकता हैं? उसपर बातें रखी। कमलाकर शेनॉय ने किस तरीक़े से एफआईआर दर्ज की जा सकती हैं उसकी जानकारी उदाहरणों से पेश की। सुधीर पराजंपे ने शिक्षा का अधिकार के तहत आर्थिक के तौर पर कमजोर लोगों को प्रवेश प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया की जानकारी दी। फोरम के अध्यक्ष सुधाकर काश्यप ने अब तक फोरम का कामकाज और भविष्य में आनेवाली चुनौतियों पर बातें रखी। कार्यक्रम का सूत्रसंचालन एनडी खान ने किया वहीं प्रि. रमेश खानविलकर ने आभार माना। इस मौके पर स्वाती पाटील, संतोष सावर्डेकर, एड आम्रपाली मगरे, अनुप मधये, सुरेश लोखंडे, आयुब शेख, राजी सरोदे, सुफियान पेनकर, सतीश निकाळजे, चंद्रकांत कांबले, राजन पवार, गणेश उंडाले, संतोष पवार, आनंद इंगराजू मोरे, गणेश कांबले, राजेश मोरे, मुरलीधर परदेशी, योगेश कांबले आदी उपस्थित थे।
आरटीआई एक्टिविस्ट फोरम के दूसरे अधिवेशन में कर्मठ अधिकारी तुकाराम मुंढे और हाल में रिटायर्ड हुए केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर अचर्यालु का अभिनंदन प्रस्ताव आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने रखा। गलगली के प्रस्ताव को सभागार में उपस्थितजनों ने तालियों की गूंज में मंजूरी दी।
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