मुंबई महानगरपालिका और 227 नगरसेवकों को 17 प्रभाग कमिटी पर प्रति प्रभाग 3 के हिसाब से नामनिर्देशित किए जानेवाले सदस्य शायद नहीं चाहिए। इसलिए गत 21 महीने से 17 प्रभाग कमिटी नामनिर्देशित सदस्य के बिना होने की जानकारी महानगरपालिका सचिव विभाग ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने दी हैं
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने महानगरपालिका सचिव कार्यालय से मुंबई की प्रभाग कमिटी पर नामनिर्देशित सदस्यों की नियुक्ति की जानकारी मांगी थी।महानगरपालिका सच्ची5 कार्यालय के उप महानगरपालिका सचिव अब्दुल लतीफ काझी ने अनिल गलगली को बताया की 8 मार्च 2017 से अबतक सर्व 17 प्रभाग कमिटी पर नामनिर्देशित सदस्यों की आजतक नियुक्तियां नहीं हुई हैं। यह नियुक्ति के लिए महानगरपालिका सचिव विभाग विज्ञापन देकर प्रक्रिया का आरंभ करते हैं।
भारत की राज्य घटना ने स्थानिक स्वराज्य संस्था के प्रशासन को लोकापयोगी करने के लिए मुंबई महानगरपालिका अधिनियम, 1888 में संलग्नित धारा 50टट इस नई धारा में सुधार कर सत्ता का विकेंद्रीकरण किया। उसी के मद्देनजर मुंबई महानगरपालिका के इलाके में 17 प्रभाग कमिटी गठित की गई। प्रत्येक प्रभाग कमिटी में प्रभाग से चुनकर आए नगरसेवकों का समावेश होता हैं। प्रभाग कमिटी क्षेत्र में सामाजिक कल्याण कार्यक्रम में सक्रिय प्रतिष्ठीत बिगर शासकीय संस्था और सामाजिक संस्था के तीन से कम इतने सदस्य नगरसेवको द्वारा नामनिर्देशित करते हैं।
नगरसेवकों के कामकाज पर यह नामनिर्देशित सदस्य अंकुश रखकर गलत कामों को विरोध करेंगे और भ्रष्टाचार मामले में रोड़ा बनेंगे, इस डर से इसके पहले चुनाव में पराजित पदाधिकारी और पंटरों को पिछले दरवाजे से प्रवेश भी दिलवाया था। 17 प्रभाग कमिटी पर 3 के हिसाब से 51 गैर राजनीतिक संस्था और सामाजिक संस्थाओं को काम करने का मौका मिल सकता था लेकिन मुंबई महानगरपालिका और ख़ासकर महानगरपालिका सचिव विभाग ने बरती नजरअंदाजी से अच्छा मौका गंवाने की टिप्पणी अनिल गलगली ने की हैं। नामनिर्देशित सदस्य नियुक्ति के मामले में महानगरपालिका आयुक्त ने ध्यान देते हुए भारतीय राज्य घटना का सम्मान करने की ज़रूरत बताते हुए अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र भेजकर नियुक्ति के मामले में जो भी अधिकारी जिम्मेदार होंगे उनपर कार्रवाई करने की मांग की हैं।
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