Monday, 13 April 2015

मोनो रेल का मार्ग बदलने से रखड़ी योजना

हाल ही में  कैग ने मोनो रेल के प्रथम चरण का पोस्टमार्टम कर गंभीर अनियमितता का आरोप लगाया है।वहीँ दुसरी ओर मोनो रेल के द्वितीय चरण में रेषा मार्ग बदलकर 1 किलोमीटर से अधिक वृद्धि की गई है। मुख्यमंत्री और नगर विकास विभाग की अनुमति लिए बिना किए गए बदलाव से एमएमआरडीए को करोड़ों रुपए का आर्थिक घाटा होने का आरोप आरटीआई कार्यकर्ते अनिल गलगली ने लगाया है।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्रशासन से मोनो रेल की बदली गई रेषा मार्ग को लेकर जानकारी मांगी थी।  मोनो रेल के उपपरिवहन नियोजक ने अनिल गलगली को बताया कि जी डी आंबेकर मार्ग स्थित गोरा कुंभार चौक से माने मास्टर चौक तक की रेषा मार्ग में तब्दीली की गई है। अब इस मार्ग के बजाय आचार्य धोंडे और ई बोर्जेस मार्ग ऐसी नई रेषा मार्ग तैयार की गई है। इस नए बदलाव से कितनी मीटर की वृद्धि हुई है और बढ़े हुए खर्च की जानकारी मांगने पे अनिल गलगली की बढ़े हुए खर्च की जानकारी उपलब्ध न होने की बात बताई गई है।इस बदलाव से 383 मीटर का अंतर और बढा है और मूल प्लान में जो रेषा मार्ग 0.717 मीटर का था वह अब 1.1 किलोमीटर इतना हुआ हैं। इससे आंबेडकर नगर स्टेशन पूरीतरह स्थानांतरित हुआ है।

मूल प्लान स्थित रेषा मार्ग को बदलने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा जारी किए गए आदेश की कॉपी मांगने पर अनिल गलगली को बताया गया कि एमएमआरडीए प्राधिकरण ने दिए हुए उचित अधिकार के अधीन रहकर महानगर आयुक्त रत्नाकर गायकवाड की मंजूरी ली गई है। महानगर आयुक्त रत्नाकर गायकवाड ने दिनांक 24 सितंबर 2009 को स्वयं जगह का जायजा लेकर रेषा मार्ग में बदलाव करने की सूचना जारी करने का रिकॉर्ड सब इंजीनियर पी एल कडू ने मोनो रेल से जुड़े हुए दस्तावेजों में दर्ज किया है। महानगर आयुक्त रत्नाकर गायकवाड की मंजूरी के बाद ही दिनांक 19 नवंबर 2010 को उस बदलाव को कार्यांन्वित करने के लिए मोनो रेल के निदेशक विष्णु कुमार ने अधिकृत पत्र जारी किया है।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने इस मामले को लेकर उसवक्त के 'मिस्टर क्लीन' मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को  पत्र भेजकर जांच की मांग को आज तक सरकारी मुहूर्त मिल नही पाया है। अनिल गलगली ने अब फिर एक बार नए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र भेजकर किसके लाभ के लिए रेषा मार्ग बदलकर उसका ख्याल रखा गया है ? इसकी जांच कर संबंधितों पर योग्य कारवाई करने की मांग की है।



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