Friday, 3 April 2015

मेट्रो स्टेशन पर स्वर्ग और मेट्रो के तले नरक

वर्सोवा से घाटकोपर इस हिस्से में दौड़नेवाली मेट्रो के तले गंदगी और अव्यवस्था पर एमएमआरडीए ने अपना हाथ ऊपर करते हुए मुंबई मेट्रो के तले स्थित क्षेत्र की मरम्मत और सुशोभिकरण काम की जिम्मेदारी मनपा एमएमओपीएल की होने की जानकारी आरटीई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी है। मेट्रो पिलर के तले फ्लावर बेड का सुशोभिकरण करने के लिए स्वयं आगे आई एमएमओपीएल ने इच्छा जताकर भी 823 दिनों से काम न करने की बात स्पष्ट हुई हैं।

वर्सोवा स्व घाटकोपर इस हिस्से में दौड़नेवाली मेट्रो के तले फैली गंदगी और अव्यवस्था को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्रशासन से जानकारी मांगी थी। एमएमआरडीए प्रशासन ने अनिल गलगली को बताया कि वर्सोवा से घाटकोपर इस हिस्से में दौड़नेवाली मेट्रो के तले स्थित सड़क, फुटपाथ, सीवरेज लाईन मरम्मत का काम मुंबई महानगरपालिका का है और फ्लावर बेड सुशोभिकरण का काम एमएमओपीएल कंपनी का हैं। मेट्रो के तले स्थित पिलर के हिस्से के बीच का सुशोभिकरण का काम नही किया गया है। ये काम करने की जिम्मेदारी किसकी होने की जानकारी अनिल गलगली द्वारा पूंछने पर काम ये जिम्मेदारी मे. मुंबई मेट्रो -1 प्रा. लिमिटेड की होने की जानकारी दी गई। काम न करने पर  मेट्रो कंपनी ठेकेदार को जारी की हुई नोटिस अथवा दंडात्मक कारवाई की जानकारी मांगने एमएमआरडीए द्वारा दिनांक 17 अक्टूबर 2012 को मुंबई मेट्रो वन प्रायवेट लिमिटेड इस कंपनी द्वारा सुशोभिकरण करने की मांगी हुई अनुमति की कॉपी दी। एमएमआरडीए के ट्रांसपोर्टेशन एंड कम्युनिशन विभाग के प्रमुख पी आर के मूर्ति ने 1 जनवारी 2013 को 15 शर्तों पर अनुमति देने की बात सामने आई लेकिन मेट्रो वन कंपनी ने 29 महीने में कुछ भी काम नहि किया जिसके चलते पीआरके मूर्ति ने दिनांक 3 मार्च 2015 को कंपनी के प्रोजेक्ट हेड और व्होलटाइम डायरेक्टर भारत बी मोदगिल को पत्र भेजकर मुंबई मेट्रो कंपनी को दी हुई अनुमति की याद दिलाते हुए ताबडतोब सुशोभिकरण काम करने की सूचना जारी की हैं।

इसतरह एमएमआरडीए प्रशासन को उल्लू बनाकर मेट्रो कंपनी मुंबईकरों के जीवन से भी खेलने का आरोप अनिल गलगली का हैं। मेट्रो स्टेशन पर स्वर्ग और मेट्रो के तले नरक ऐसी अवस्था करने वाली मेट्रो कंपनी पर एमएमआरडीए कारवाई करे और मनपा को उसके हिस्से का काम करने की सूचना देकर आम लोगों की परेशानी दूर करने की मांग अनिल गलगली ने आखिर में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास की हैं।


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