आरटीआई एक्टिविस्ट फोरम द्वारा गणतंत्र दिवस पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए आरटीआई कार्यकर्ताओं को पुरस्कार दिया गया है। करी रोड स्थित नाम जोशी मनपा स्कूल में आयोजित शिविर में विभिन्न मुद्दों पर शहरी के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के आरटीआई कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया गया।
शिविर के मुख्य वक्ता पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने कहा कि सभी को सूचना का अधिकार अधिनियम का प्रयोग करना चाहिए। सूचना का अधिकार अधिनियम के बारे में जागरूकता बढ़नी चाहिए। सूचना का अधिकार अधिनियम के सभी वर्गों को पढ़ा जाना चाहिए। क्योंकि कानून का उपयोग करते समय, आपको कानून को जानना आवश्यक है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सूचना का अधिकार कानून का उपयोग कैसे और कहां किया, इस पर मार्गदर्शन दिया। कार्यकर्ताओं को सूचना के अधिकार के लिए आवेदन करते समय मुद्दों को प्रस्तुत करना चाहिए। ताकि सार्वजनिक सूचना अधिकारी को आपके द्वारा मांगी गई जानकारी देना आसान हो जाए। सभी कार्यकर्ता महाराष्ट्र सरकार की वेबसाइट खोलें और प्रतिदिन जारी सरकारी आदेशों को पढ़ें। तभी आप सूचना के अधिकार का प्रयोग कर सकते हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता भास्कर प्रभु ने सूचना के अधिकार अधिनियम के सभी धाराओं की जानकारी से अवगत होने के लिए प्रत्येक कार्यकर्ता की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ संजय लखे पाटिल ने किसानों के मुद्दों को आरटीआई के उपयोग से सुलझाने और सरकार की पोल खोल खोलने की तरक़ीब की जानकारी दी। पूर्व सहायक पुलिस आयुक्त विलास तुपे ने पुलिस प्रशासन के मामलों का मार्गदर्शन किया। पुलिस प्रशासन में कुछ लोग सार्वजनिक रूप से गलतफहमी पैदा करते हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं को इस बात की जानकारी दी कि कैसे और कहां कुछ खास धाराओं का इस्तेमाल किया गया। इस शिविर में विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन किया गया। कई लोगों ने विशेषज्ञों से विभिन्न प्रकार सवाल उठाए और उनकी शंकाओं का समाधान हुआ।
कार्यक्रम का संचालन आरटीआई एक्टिविस्ट फोरम के अध्यक्ष सुधीर कश्यप ने किया जबकि संतोष सावर्डेकर, गणेश उनाले, अनूप मडये, राजेश मोरे, मुरलीधर परदेशी, राजन पवार, सुफयान पेनकर और अयूब शेख ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की।
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