महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल विद्यासागर राव ने अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में राजभवन में कम यात्राओं पर अधिक व्यस्त थे। 5 वर्ष में उन्होंने 214 विभिन्न हवाई यात्राओं पर कुल 45 लाख खर्च किए। यह जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को राजभवन ने दी हैं जबकि 214 में 83 यात्राएं सिर्फ हैदराबाद की थी और 22 यात्राएं चेन्नई की हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने राजभवन से जानकारी मांगी थी कि तत्कालीन राज्यपाल विद्यासागर राव ने 5 वर्ष में विदेश और भारत में कई हुई यात्राओं की जानकारी खर्च सहित दे। राजभवन के कार्यालय अधीक्षक प्रदीप आंगने ने अनिल गलगली को स्पष्ट किया कि विद्यासागर राव ने एक भी विदेश की यात्रा नहीं की। राज्यपाल को राज्य और भारत में दौरे में राज्य अतिथि की सुविधा दी जाती हैं इसलिए निवास खर्च की जानकारी उनके पास नहीं हैं। 2 जनवरी 2015 से लेकर 3 सितंबर 2019 इन 57 महिनों में कुल हवाई,रोड और बोट के खर्च पर 45 लाख 3 हजार 651 रुपए खर्च हुए हैं। विद्यासागर राव ने कुल 214 यात्राएं की जिसमें अधिकांश हवाई यात्रा हैं। सभी यात्राएं सरकारी बताई गई हैं लेकिन इसमें 83 यात्राएं सिर्फ हैदराबाद से जुड़ी हुई हैं। कुछ यात्राएं चेन्नई, विजयवाड़ा, अमरावती और तिरुपति की हैं। चेन्नई की कुल 22 यात्राएं हैं।
आरटीआई की जानकारी के अनुसार पहले 3 वर्ष राव ने जमकर यात्राएं की। वर्ष 2015 में 54, वर्ष 2016 में 53 और वर्ष 2017 में 49 यात्राएं की। वर्ष 2018 में 36 और वर्ष 2019 में 22 यात्राएं की। महाराष्ट्र के बाहर 3 से 15 दिनों तक राव लगातार रहे।
अनिल गलगली के अनुसार राज्यपाल पर हुआ खर्च जनता के टैक्स से जमा हुए रकम से होता हैं। इसलिए हर यात्रा की जानकारी खर्च सहित राजभवन के वेबसाइट पर आनी चाहिए ताकि राज्यपाल के कामकाज की जानकारी आम लोगों को आसानी से मिल सके। राव की 50 प्रतिशत से अधिक यात्राएं उनके गृह क्षेत्र से जुड़ी होने से इसका ब्यौरा यात्रा का विवरण सहित सार्वजनिक करना चाहिए,ऐसी मांग अनिल गलगली ने वर्तमान राज्यपाल सहित मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और वित्त मंत्री अजित पवार से की है।
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