Friday, 28 August 2015

मुसलमानों की आबादी बढ़ी लेकिन हज का कोटा घटा

देश में मुसलमानों की आबादी बढ़ने के बावजूद भारत से हज यात्रा को जाने के लिए तय कोटा हर वर्ष कम होने से  में 21 प्रतिशत की कटौती होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को हज कमिटी ऑफ़ इंडिया ने दी है। पिछले वर्ष 99,914 लोग हज यात्रा पर गए थे जिसमें उत्तर प्रदेश से सर्वाधिक और उसके पीछे-पीछे पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र से हज की यात्रा पर जानेवालों की संख्या है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने हज कमिटी ऑफ़ इंडिया से हज यात्रा के संबंध से जुडी विभिन्न जानकारी मांगी थी। हर एक मुसलमान जीते-जी कमसे कम एक बार हज की यात्रा करने की मंशा रखता है। हज कमिटी ऑफ़ इंडिया के जन सूचना अधिकारी अब्दुल शेख ने अनिल गलगली को वर्ष 2011 से वर्ष 2014 इन 4 वर्षों के आंकड़े दिए। इनमें सर्वाधिक संख्या उत्तर प्रदेश से है। वर्ष 2014 में 99,914 हज यात्रा में जानेवालों में से 24,622 अकेले उत्तर प्रदेश से थे।उसके पीछे पश्चिम बंगाल का दूसरा क्रमांक हैं। पश्चिम बंगाल से ये संख्या 9,358 इतनी है। उसके बाद महाराष्ट्र (8,490), जम्मू और कश्मीर ( 6,984), केरला (6,517),बिहार (6,224), आंध्र प्रदेश ( 5,775), कर्नाटक (5,337),  राजस्थान (3,942) और गुजरात ( 3,779) ऐसे आंकड़े हैं। विशेष यानी इसमें सरकारी कोटा सिर्फ 500 था और 468 लोगों ने इस सुविधा का लाभ लिया। वर्ष 2011, वर्ष 2012 और वर्ष 2013 की तुलना में वर्ष 2014 में 20 से 25 हजार की जबरदस्त कटौती की गई। वर्ष 2011 में 3 लाख 2 हजार 616 लोगों ने आवेदन करने पर 1 लाख 25 हजार कोटा के तहत 1 लाख 24 हजार 901 लोग हज यात्रा पर जा सके। वर्ष 2012 में कोटे में सिर्फ 110 की मामूली वृद्धि होने से ये संख्या 1 लाख 25 हजार 110 इतनी हुई थी। उस वर्ष 3 लाख 7 हजार 309 आवेदन आए थे जिनमें से 1 लाख 25 हजार 64 लोगों को हज जाने का मौका मिला। वर्ष 2013 में कोटा कम होने से 1 लाख 21 हजार 420 इस कोटे के लिए भले ही 2 लाख 98 हजार 325 आवेदन प्राप्त हुए थे लेकिन 1 लाख 21 हजार 338 लोग ही हज यात्रा पर भेजे गए।  वर्ष 2014  में इसमें जबरदस्त कटौती होने से 1 लाख 104 इतना ही कोटा मंजूर हुआ जिसमें से 99 हजार 914 लोगों को हज यात्रा पर जाने का भाग्य प्राप्त हुआ। वर्ष 2011 की तुलना में वर्ष 2014 में 21 प्रतिशत की जबरदस्त कटौती हुई थी।अनिल गलगली के अनुसार सऊदी प्रशासन से बात कर भारत सरकार को कोटा को बढ़ाने के लिए दबाव बनाने की जरुरत है। # महाराष्ट्र से सर्वाधिक आवेदन भले ही सर्वाधिक कोटा उत्तर प्रदेश के हिस्से में आता है लेकिन हर वर्ष महाराष्ट्र से सर्वाधिक आवेदन प्राप्त होने का रिकॉर्ड हैं। वर्ष 2011 से वर्ष 2013 इन 3 वर्षों में 1 लाख 21 हजार 957 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 32 हजार 790 लोगों के नसीब में  हज यात्रा पर जाना लिखा था। # सरकारी कोटा भी हुआ कम मूल कोटे में होती कटौती के मद्देनजर केंद्र सरकारबीने भी स्वयं का कोटा एकदम कम करते हुए उसे 500 तक सीमित कर दिया। वर्ष 2011 में 6760, वर्ष 2012 मध्ये 735, वर्ष 2013 में 500 और फिर  वर्ष 2014 में 500 ऐसी संख्या घटती गई। # सूटकेस पर 51 करोड़ का खर्च हज यात्रा पर जानेवाले सब ने एक ही स्टाईल की सूटकेस लेकर आए ताकि यात्रा में कोई दिक्कत न हो, ऐसी सऊदी प्रशासन की ताकीद होने से विदेश मंत्रालय ने मेसर्स वीआईपी इंडस्ट्रीज को 2 लाख सूटकेस आपूर्ती करने का ठेका बहाल क़िया। 2 सूटकेस के लिए रु 5100/- हा दाम तय होने से 51 करोड़ का टर्नओवर होता हैं। ये रकम हज जानेवाले यात्रियों से वसूली जाती हैं।

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