Saturday, 1 August 2015
पंकजा मुंडे दांडीबहाद्दुर
महाराष्ट्र के नए सरकार के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और जल आपूर्ती मंत्री बबनराव लोणीकर को छोड़ा जाए तो सभी मंत्रियों ने मंत्रिमंडल की बैठक में शतप्रतिशत उपस्थिती दर्ज नही की है। विवादित ग्रामीण एवमं महिला व बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे तो दांडी मारने में नंबर वन होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुख्य सचिव कार्यालय ने दी हैं। 5 टॉप दांडी बहाद्दुर मंत्रियों में पंकजा मुंडे, एकनाथ शिंदे, डॉ दीपक सावंत, सुधीर मुनगंटीवार और राजकुमार बडोले का नंबर लगता हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्य सचिव कार्यालय से मंत्रिमंडल की बैठक और मंत्रियों की उपस्थिती की जानकारी मांगी थी। मुख्य सचिव कार्यालय के अवर सचिव और जन सूचना अधिकारी नि.भा. खेडेकर ने अनिल गलगली को बताया कि दिनांक 11 दिसंबर 2014 से जून 2015 इस दरम्यान कुल 28 मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसके पहले 8 बैठक हुई थी तब पूर्ण मंत्रिमंडल का गठन नही हुआ था।
मुख्यमंत्री और अन्य 17 मंत्रियों से सिर्फ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और जल आपूर्ती मंत्री बबनराव लोणीकर का अपवाद छोड़ा जाए तो 16 के 16 मंत्री दांडी मारने का मौका नही चुके। इन दांडी बहादुर मंत्रियों में विवादित ग्रामविकास और महिला बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने नंबर वन हासिल कर 28 में से 9 बार अनुपस्थित रही है। उसके बाद सार्वजनिक निर्माण मंत्री एकनाथ शिंदे ने 7 बार अनुपस्थित रहकर दुसरा नंबर हासिल किया हैं । इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ दीपक सावंत 6, वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार 5, सामाजिक न्याय मंत्री राजकुमार बडोले 5, गृह निर्माण मंत्री प्रकाश मेहता 4 , पर्यावरण मंत्री रामदास कदम 4 , उच्च व तंत्र शिक्षा मंत्री विनोद तावडे 3, राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे 3 , ऊर्जा चंद्रशेखर बावनकुळे 3 एक के बाद आते है।
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में अनुपस्थित रहनेवाले मंत्रियों को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वार्निंग देने को लेकर जानकारी मांगने पर ऐसी कोई जानकारी मौजूद न होने का दावा मुख्य सचिव कार्यालय ने किया है वहीँ कितने बैठक में लगातार उपस्थित न होने पर पद रद्द होता है, इसको लेकर किसी भी तरह का नियम न होने की जानकारी अनिल गलगली को दी गई। मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के विकास और पॉलिसी पर महत्वपूर्ण चर्चा होने से इन बैठक में शेष काम छोड़कर उपस्थित रहने की अपेक्षा मंत्रियों से अनिल गलगली ने जताई है।
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