महाराष्ट्र राज्य में मेडिकल इमरजेंसी हैं इसलिए प्रतिनियुक्ती और लोन बेसिस पर मंत्री, राज्यमंत्री एवं अन्य स्थानों पर कार्यरत मेडिकल अधिकारियों को ताबड़तोड़ मेडिकल सेवा में हाजिर करने की मांग आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे से की हैं।
आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, मुख्य सचिव अजोय मेहता, स्वास्थ्य सचिव डॉ प्रदीप व्यास ने भेजे हुए पत्र के अनुसार आज महाराष्ट्र राज्य में मेडिकल इमरजेंसी होने से बड़े पैमाने पर डॉक्टरों की जरुरत हैं। कई स्वास्थ्य संस्थाओं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मेडिकल अस्पताल, उप केंद्र, जिला आम अस्पताल में मेडिकल अधिकारियों और डॉक्टरेस पद बड़े पैमाने पर रिक्त है। कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी से जीवित और वित्त हानि हो सकती हैं। यह अबतक की वैश्विक माहौल आए ध्यान में आ रहा हैं। इससे जनता के मन मे भी और चिंता निर्माण हुई हैं।
यह माहौल होते हुए आज बड़े पैमाने पर मेडिकल अधिकारी, विशेषज्ञ डॉक्टर्स मंत्रालय में मंत्री, राज्यमंत्री के यहां पर प्रतिनियुक्ती, लोन बेसिस पर या अन्य कारणों से कार्यरत होने की जानकारी सामने आई हैं। इस माहौल में जो डॉक्टर अपना मूल कर्तव्य छोड़कर आज विभिन्न स्थानों पर कार्यरत हैं। मंत्री और राज्यमंत्री एवं अन्य जिस जिस स्थानों पर जो अधिकारी डॉक्टर हैं और प्रतिनियुक्ती, लोन बेसिस या अन्य नियुक्ती पर हैं उन्हें कर्तव्य से मुक्त कर ताबड़तोड़ मेडिकल सेवा में पुर्नवापसी करने की आवश्यकता हैं ताकि उनके अनुभव और सेवा का लाभ एमरजेंसी परिस्थिति में मिल सकता हैं, ऐसा अनिल गलगली का कहना हैं।
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