Monday, 10 September 2018

महाराष्ट्र के महापालिका में पारदर्शक कामकाज सरकार को नहीं चाहिए

मुंबई सहित राज्य के महापालिका में पारदर्शक कामकाज के लिए महाराष्ट्र सरकार ने गठित 3 सदस्यीय समिती ने सिफारिश की गई रिपोर्ट की फाइल प्रक्रिया में होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को नगरविकास विभाग ने दी हैं। गत 132 दिनों से रिपोर्ट की सिफारिशों पर किसी भी तरह का निर्णय न लेने से महाराष्ट्र की महापालिका में पारदर्शक कामकाज की चाहत सरकार को न होने की चर्चा जोरों पर हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने महाराष्ट्र सरकार के नगरविकास विभाग से मुंबई के अलावा राज्य की सभी महानगरपालिका में पारदर्शक कामकाज के लिए आला पूर्व प्रशासनिक अधिकारी गौतम चॅटर्जी, शरद काले और रामनाथ झा इन 3 सदस्यीय समिती ने 31 मार्च 2018 को नगरविकास सचिव मनिषा म्हैसकर को पेश की गई रिपोर्ट की कॉपी और इस रिपोर्ट पर सरकार ने की हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी थी। नगरविकास विभाग के अवर सचिव सचिन सहस्त्रबुद्धे ने अनिल गलगली को बताया गया कि इस जानकारी की फाईल प्रक्रिया में होने से फिलहाल जानकारी मुवैय्या नहीं कराई जा सकती हैं।  

महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई सहित राज्य के महापालिका में पारदर्शक कामकाज के लिए आला रिटायर्ड प्रशासनिक गौतम चॅटर्जी, शरद काले और रामनाथ झा की 3 सदस्यीय समिती का गठन कर 3 महीने में रिपोर्ट देने का आदेश जारी किया था। रिपोर्ट पेश होकर 132 दिन हुई हैं लेकिन सरकार स्तर पर सकारात्मक प्रतिसाद न मिलने पर नाराजगी जताते हुए अनिल गलगली का कहना हैं कि महाराष्ट्र में सेवा का अधिकार का कानून अस्तित्व में हैं इसके बाद भी एक फाईल पर निर्णय लेने के लिए प्रशासनिक अधिकारी को क्या दिक्कत हैं, इसकी जानकारी मुख्यमंत्री महोदय स्वयं लेने की आवश्यकता हैं। अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र भेजकर मांग की हैं कि इसप्रकार की रिपोर्ट पर निर्णय लेने के लिए कालमर्यादा निश्चित करनी की आवश्यकता हैं।

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