Thursday, 19 November 2015
नही मिल रही हैं प्यासे मराठवाडा को सिंचाई के लिए सरकारी मंजूरी
मराठवाडा के बीड, जालना और औरंगाबाद इन जिला में 1735 लघुसिंचाई को करीब 171 करोड़ रुपए की मांग को मंजूर करने पर 17453 हेक्टर सिंचाई की क्षमता बढ़ेगी। ऐसी जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को ग्रामविकास व जलसंधारण विभाग ने दी हैं। फरवरी 2014 से जनवरी 2015 इस दौरान प्यासे मराठवाडा को सिंचाई के लिए सरकारी मंजूरी नही मिलने से महाराष्ट्र सरकार की पोल खुल गई हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने ग्रामविकास व जलसंधारण विभाग से दिनांक 01.09.2015 को कोलापूर पैटर्न के तहत बांध की मरम्मत को लेकर जानकारी मांगी थी। ग्रामविकास व जलसंधारण विभाग के कार्यासन अधिकारी ने अनिल गलगली को बताया कि लघु सिंचाई (जलसंधारण) प्रोजेक्ट की मरम्मत और मेंटेनेस योजना के तहत सरकार से मुख्य अभियंता कार्यालय, पुणे ने 170 करोड़ 57 लाख 77 हजार रुपए की मांग की थी। मराठवाडा के बीड, जालना और औरंगाबाद इन जिला के 1735 लघुसिंचाई की वर्तमान सिंचाई की क्षमता 25128 हेक्टर हैं। लघु सिंचाई (जलसंधारण) प्रोजेक्ट की मरम्मत और मेंटेनेस हुआ तो क्षमता में 17543 इतनी हेक्टर की क्षमता बढ़ेगी। जिससे कुल सिंचाई की क्षमता 42671 इतनी हेक्टर होगी।
बीड जिला के 575 लघु सिंचाई (जलसंधारण) प्रोजेक्ट की मरम्मत और मेंटेनेस होने पर इस क्षमता में 4119 हेक्टर इतनी सिंचाई की क्षमता बढ़ेगी जो जी वर्तमान में 9661 हेक्टर हैं। यानी करीबन 43 प्रतिशत सिंचाई की क्षमता बढ़ेगी। जालना जिला में 4475 हेक्टर इतनी सिंचाई की क्षमता है जो 414 लघु सिंचाई (जलसंधारण) प्रोजेक्ट की मरम्मत और मेंटेनेस होने पर इस क्षमता में 2527 हेक्टर इतनी वृद्धि होगी। वही ओरंगाबाद जिला के 746 लघु सिंचन (जलसंधारण) प्रोजेक्ट की मरम्मत और मेंटेनेस न होने से इसकी 10897 हेक्टर क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार राजी नही होने से इसकी वर्तमान 28535 हेक्टर सिंचन क्षमता हैं।
अनिल गलगली के अनुसार प्यासे मराठवाडा को सिंचाई के लिए सरकारी मंजूरी देकर ताबडतोब रकम देना आवश्यक हैं। महाराष्ट्र सरकार की जलयुक्तशिवार की तुलना में लघु सिंचाई (जलसंधारण) प्रोजेक्ट की मरम्मत और मेंटेनेस किया जाता है तो बड़ी रकम बचेगी और सिंचाई की क्षमता और बढ़ेगी। राज्य सरकार ने 171 करोड़ रुपए की मांग को मंजूर कर 17453 हेक्टर सिंचाई की क्षमता बढाए ताकि मराठवाडा की प्यास बुझाने के लिए सरकारी मदद सहायक साबित होगी, ऐसी मांग अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखे हुए पत्र में की हैं। पिछले एका वर्ष में सिर्फ मराठवाडा में 745 किसानों ने आत्महत्या करने की दर्दनाक सच्चाई सामने होते हुए भाजपा सरकार सिंचाई की क्षमता नही बढ़ाने पर अनिल गलगली ने नाराजगी जताई हैं।
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