Monday, 23 November 2015

मेट्रो किराया के खिलाफ हुई कोर्टबाजी पर एमएमआरडीए का 1.46 करोड़

देश की पहली सार्वजनिक निजी भागीदारी से तयार हुई मुंबई मेट्रो किराया के खिलाफ एमएमआरडीए प्रशासन ने अब तक कोर्टबाजी पर कुल रु 1.46 करोड़ खर्च करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एमएमआरडीए प्रशासन ने दी हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई मेट्रो वन के किराया के खिलाफ एमएमआरडीए प्रशासन ने कोर्ट और अन्य कमिटी के पास दायर दावों पर हुए खर्च की जानकारी एमएमआरडीए प्रशासन से मांगी थी। एमएमआरडीए प्रशासन ने अनिल गलगली को बताया कि मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण ने मुंबई मेट्रो वन ने बढाए हुए किराया के खिलाफ कोर्ट और अन्य कमिटी के पास दावा दायर करने के लिए खैतान एंड कंपनी की नियुक्ती की हैं। आज तक इस कंपनी को रु.1,44,94,321/- रकम दी जा चुकी हैं। इसमें सभी प्रकार के खर्च समावेेश हैं। मुंबई हाईकोर्ट में नए से दायर मामले के खर्च की जानकारी मांगने पर अनिल गलगली को बताया गया कि खैतान एंड कंपनी को आज तक रु. 1,44,94,321/- रकम दी जा चुकी हैं। इसमें सभी प्रकार के खर्च का समावेश हैं। इन दावों के लिए एमएमआरडीए प्रशासन से अतिरिक्त प्रमुख के. विजयालक्ष्मी, सह योजना निदेशक संचालक योगिता परलकर और अधिक्षक अभियंता मृ.सि. देवारु एमएमआरडीए की ओर से कोर्ट गए थे। अब तक तकरीबन रु 1,00,000/- खर्च किया गया हैं। वकील और अधिकारी इनका कुल खर्च 1 करोड़ 45 लाख 94 हजार 321 इतना किया गया हैं। इतनी बड़ी रकम खर्च करने के बाद भी कोर्ट का रिजल्ट एमएमआरडीए प्रशासन के खिलाफ जाने पर अनिल गलगली ने अफ़सोस जताया हैं। जबतक मेट्रो अक्ट में सुधार नहीं होगा तबतक एमएमआरडीए प्रशासन को मुंबई मेट्रो का किराया दाम पर नियंत्रण रखना मुश्किल है, ऐसा अनिल गलगली ने तर्क रखा हैं। जिसके लिए मुख्यमंत्री को पहल कर केंद्र सरकार से बात करना जरुरी हैं।

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