आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने शिकायत की है कि अगले दो वर्षों के लिए टैब्स की मरम्मत और पाठ्यक्रमों की आपूर्ति के लिए जारी किए गए टेंडर के बदले 40 करोड़ रुपये से अधिक की निविदा जारी करने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री उद्धव बाला साहेब ठाकरे और मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल को लिखे पत्र में अनिल गलगली ने टैब मुद्दे की जांच की मांग के साथ कम लागत वाली टेंडर प्रक्रिया पर काम शुरू करने के लिए निर्देश देने की मांग की हैं।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, प्रधान सलाहकार अजोय मेहता, मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल और शिक्षा अधिकारी महेश पालकर को लिखे एक पत्र में, अनिल गलगली ने बताया कि बृहन्मुंबई नगरपालिका स्कूलों में टैब की मरम्मत और अगले दो वर्षों के लिए पाठ्यक्रम की आपूर्ति के टेंडर में बार-बार विस्तार किया गया था जिसमें कम बोली वाला टेंडर भी निकला लेकिन दुर्भाग्य से, अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
प्रत्येक टैब के लिए मनपा द्वारा निर्धारित राशि 5200 / - रुपये थी और निविदा प्रक्रिया में टैब के लिए कम बोली पर 4974 / - रुपये का भुगतान करने के लिए सहमति व्यक्त की गई है। पूरी प्रक्रिया में 22 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसमें टैब्स की मरम्मत और लगभग 1300 नए टैब्स शामिल होंगे। लेकिन दुर्भाग्य से मनपा को इस कम लागत और अच्छे शैक्षिक पाठ्यक्रम में कोई दिलचस्पी नहीं है इसलिए मनपा 43843 नए टैब खरीदने की कोशिश कर रही है। टैब मूल्य और शैक्षिक पाठ्यक्रमों पर 62 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। यह आरोप लगाते हुए गलगली ने आगे कहा कि 40 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष नुकसान दृष्टिगोचर में है। इस तरह की राशि पर ब्याज को देखते हुए, 10 करोड़ रुपये का एक और नुकसान होगा। 5 साल पहले खरीदे गए टैब को स्क्रैप करने की कोशिश करना, पहले से ही निवेश किए गए करोड़ों रुपये की बर्बादी है। यदि ऐसा है, तो निविदाएं क्यों जारी की गईं और अब निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, 40 करोड़ का किया जानेवाला खर्चा किसके लिए लाभदायक हैं, यह स्वतंत्र जांच का विषय होने की बात गलगली ने कही।
अब, यदि एक नया टैब खरीदने का प्रस्ताव किया जाता है, तो यह शैक्षणिक वर्ष के दौरान किसी काम का नहीं होगा। उल्टे वर्तमान में ठीकठाक चलनेवाले टैब की मरम्मत पर ध्यान केंद्रित होता हैं तो पैसे की बचत भी होगी और अभ्यासक्रम खंडित भी न होने की बात गलगली ने कही।
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