Wednesday, 4 December 2019

इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं में जमा 121 करोड़ रुपये मनपा को देने के बजाय निगलने की कोशिश में एमएमआरडीए

मुंबई में झुग्गी पुनर्वास योजनाओं को लागू करते समय, यह बताया गया है कि स्थानीय नगरपालिका को इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं की राशि देने का नियम है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एमएमआरडीए प्राधिकरण द्वारा एकत्र की गई 121 करोड़ रुपए की राशि जमा होने की जानकारी तो दी हैं लेकिन अपनी पोल खुलने के डर से एमएमआरडीए ने उसे मनपा को जमा किया हैं या नहीं, इसपर मौन साधा हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने 27 सितंबर, 2019 को एमएमआरडीए प्रशासन से जानकारी मांगी थी, जिसमें एसआरए योजना के अनुसार मनपा को भुगतान की जाने वाली राशि, योजना का नाम, कुल राशि का भुगतान, भुगतान की गई राशि और शेष राशि कितनी हैं। 25 अक्टूबर, 2019 को, डिप्टी सिटी प्लानर प्रशिक गणवीर ने अनिल गलगली को पूरी जानकारी दिए बिना बताया कि मार्च 2018 तक इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधा शुल्क 121 करोड़ 78 लाख 56 हजार 35 रुपये प्राधिकरण की एसआरए सेल के तहत जमा किया गया है। अधूरी जानकारी से गणवीर द्वारा सकारात्मक जवाब नहीं मिला।  तब अनिल गलगली ने एसआरए सेल के प्रमुख मोहन सोनार से मिलकर पूरी जानकारी देने के लिए अनुरोध किया। इसके बाद, गणवीर द्वारा अनिल गलगली को एक पत्र लिखने की सलाह दी गई, और गलगली ने 27 नवंबर, 2019 को एक पत्र भी भेजा। बहरहाल, अनिल गलगली ने कहा कि गणवीर जानबूझकर इस जानकारी को छिपा रहे हैं ताकि एमएमआरडीए की पोल नहीं खुले।

डीसीआर नियम 33 (10) की धारा 9.2 के अनुसार, यह स्पष्ट है कि स्थानीय नगरपालिका को इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं के लिए जमा की जाने वाली राशि का 90 प्रतिशत की रकम देनी चाहिए। अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा कि एमएमआरडीए प्राधिकरण मनपा को पैसा क्यों नहीं देता है। इसकी जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कारवाई करे।

एमएमआरडीए प्राधिकरण द्वारा वेबसाइट पर अपलोड की गई जानकारी में इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधा शुल्क कितना वसूला गया और उसने मनपा को कितना भुगतान किया। इसे छुपाया गया हैं। अबतक 203 योजना में 30,504 मकान एमएमआरडीए प्राधिकरण द्वारा बनाए गए हैं और 21 योजनाएँ वर्तमान में चालू हैं और 4231 मकान उपलब्ध होंगे। अनिल गलगली ने मांग की है कि एमएमआरडीए प्राधिकरण वेबसाइट पर सभी जानकारी अपलोड करें।

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