Friday, 25 October 2019

महाराष्ट्र सरकार कब देगी मुंबई विद्यापीठ को बकाया अनुदान की 27.98 करोड़ की रकम

मुंबई विद्यापीठ को महाराष्ट्र सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार का अनुदान मिलता हैं जिसमें से वर्तमान स्थिती में कुल 65.12 करोड़ रुपए में से 27.98 करोड़ रुपए सरकार के पास प्रलंबित होने की जानकारी मुंबई विद्यापीठ ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी हैं। यह प्रलंबित अनुदान के योजना में स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे अध्यासन, राष्ट्रीय उच्चस्तर शिक्षा अभियान, मुंबई अर्थशास्त्र और सार्वजनिक नीतियां और प्रकल्प माय मराठी का शुमार हैं।


आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई विद्यापीठ से जानकारी मांगी थी कि मुंबई विद्यापीठ को महाराष्ट्र सरकार द्वारा मिलनेवाला विभिन्न अनुदान कि जानकारी दी जाए। मुंबई विद्यापीठ के वित्त व लेखा विभाग के उपकुलसचिव राजेंद्र अंबावडे ने अनिल गलगली को बताया कि लेखा व विकास कक्ष के लिए 63 करोड़ 32 लाख 72 हजार 997 रुपए मंजूर अनुदान था लेकिन असल में 35 करोड़ 82 लाख 72 हजार 997 रुपए प्राप्त हुआ हैं जिसमें से 27 करोड़ 50 लाख यह रक्कम प्रलंबित हैं। इस  सामाजिक कक्ष के अंतर्गत महिला वसतिगृह के लिए रु 10 करोड़, रत्नागिरी में डॉ बाबासाहेब आंबेडकर महाविद्यालय के लिए रु 1. 79 करोड़, सिंधुदुर्ग में विजयालक्ष्मी महाविद्यालय के लिए रु 91.57 लाख, महाराष्ट्र राज्य विश्वकोश निर्मिती मंडल के लिए रु 57.60 लाख, अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण कार्य के लिए रु 4.13 लाख ऐसा अनुदान प्राप्त हुआ हैं। लेकिन स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे अध्यासन के लिए रु 5 करोड़ मंजूर अनुदान था जिसमें से सिर्फ रु 1 करोड़ प्राप्त हुआ हैं। आज भी रु 4 करोड़ की रकम सरकार के पास प्रलंबित हैं। राष्ट्रीय उच्चस्तर शिक्षा अभियान के लिए मंजूर अनुदान रु 20 करोड़ हैं जिसमें से रु 15 करोड़ प्राप्त हुआ हैं और रु 5 करोड़ यह रकम प्रलंबित हैं। मुंबई अर्थशास्त्र और सार्वजनिक नीतियों के लिए रु 25 करोड़ मंजूर होते हुए सरकार ने सिर्फ रु 6.50 करोड़ जारी किए हैं और रु 18.50 करोड़ यह रकम आज भी प्रलंबित हैं। ऐसा कुल  रु 63 करोड़ 32 लाख 72 हजार 997 मंजूर अनुदान में से सरकार ने  रु 35 करोड़ 82 लाख 72 हजार 997 दिए हैं और रु 27 करोड़ 50 लाख यह रकम प्रलंबित हैं। इसके अलावा जर्मन विभाग में रु 1.80 करोड़ मंजूर अनुदान में से सरकार ने  रु 1 करोड़ 31 लाख 72  हजार 700 रकम जारी की हैं और रु 48 लाख 27 हजार 300 यह रकम प्रलंबित हैं। सरकार ने वर्ष 2009-10 से वर्ष 2018-19 इन गत 10 वर्ष में सिर्फ संकीर्ण विभाग में मंजूर अनुदान की रकम 100 प्रतिशत दी हैं जिसकी रकम रु 2 करोड़ 74 लाख 63 हजार 633 इतनी हैं।

अनिल गलगली के अनुसार सरकार ने जो रकम मंजूर की हैं वह रकम ताबड़तोड़ मुंबई विद्यापीठ को देना जरूरी हैं जिससे मुंबई विद्यापीठ को उन योजनाओं को गति देना आसान होगा। 

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