केंद्र सरकार द्वारा आरटीआई कानून में हुए सुधार के खिलाफ रविवार को कालीना के एअर इंडिया मॉडर्न स्कूल में मुंबई, मीरा भाईदंर, ठाणे से आरटीआई कार्यकर्ता और जनता ने हिस्सा लिया। इस कानून में हुए सुधार के खिलाफ मुंबई में हुई बैठक में अब जनता में जाकर जनमत इकठ्ठा करने पर जोर देने की बात तय हुई। सभी स्तर पर संघर्ष करने का प्रस्ताव एकमत से मंजूर किया गया।
भूतपूर्व केंद्रीय सूचन आयुक्त शैलेश गांधी ने कहा कि आवश्यकता न होते हुए भी किया गया बदलाव गलत हैं और सरकार ठोस जबाब नहीं दे रही हैं। अंजली दमानिया ने कहा कि जो बदलाव हुआ हैं उसके बाद लड़ाई शुरु हो चुकी हैं और अब हमें सर्व स्तर पर लड़ाई लड़ने की आवश्यकता हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि सरकार ने संविधान में प्रावधान और नियमों को नजरअंदाज कर बदलाव किया गया हैं। जो सीधे तौर पर सूचना आयुक्तों पर दबाव लाने का यह नया प्रयोग हैं। आप पार्टी की प्रवक्ता प्रीती मेमन शर्मा ने कहा कि लालच देकर आयुक्त से किसी भी तरह का काम करवाया जा सकता हैं और माहौल को बिगाड़ने का काम हो रहा हैं। वरिष्ठ पत्रकार हेमंत देसाई ने कहा कि ईडी, सीबीआई से अब राजनीति का खेल हो रहा हैं। पत्रकार रवींद्र आंबेकर ने कहा कि राजनीतिके लोगों से अपेक्षा रखना गलत हैं। एड विजय कुर्ले ने कहा कि जनता को सड़क पर उतरने की आवश्यकता हैं। कमलाकर शेणाय ने कहा कि अपरोक्ष तौर पर सरकार सभी क़ानून को प्रभावित कर रही हैं जिससे नागरिकों को न्याय मिल रहा था। सूत्र संचालन जी आर वोरा ने किया।
इस मौके पर भास्कर प्रभू, मोहम्मद अफझल, सुनील आयहा, डॉल्फि डिसोझा, सुधीर बदामी, क्लिरेंस पिंटो, शरद यादव,कृष्णा गुप्ता, बृजेश आर्य आदि उपस्थित थे।
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