Friday, 30 August 2019

वैद्यकीय आस्थापना कानून लागू हुआ तो एक उत्तम स्वास्थ्य सेवा मिलेगी - अनिल गलगली 

रूग्णमित्र संचालित रूग्ण कल्याण सेवा सामाजिक संस्था द्वारा दादर के देवाडीगा हाॅल में आयोजित मार्गदर्शन शिबिर में आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि स्वास्थ्य की सभी पहलुओं का जायजा लेकर वैद्यकीय आस्थापना कानून लागू हुआ तो स्वास्थ्य सेवा में व्याप्त विषमता दूर होकर एक उत्तम स्वास्थ्य सेवा मिलेगी। दुर्भाग्य से सरकारी स्तर पर सकारात्मक भूमिका नहीं ली जा रही हैं। 


आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि स्वास्थ्य की सभी पहलुओं का जायजा लेकर वैद्यकीय आस्थापना कानून लागू किया तो स्वास्थ्य सेवा की विषमता दूर होकर एक उत्तम स्वास्थ्य सेवा मिलेगी। इसलिए एक लोक अभियान से सरकार पर दबाव लाने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करनेवाले विभिन्न एनजीओ, कार्यकर्ता को एकत्रित लेकर मेडिकल माफियाओं के खिलाफ लड़ने की आवश्यकता हैं और भविष्य में  रूग्णमित्र द्वारा संभव हैं, ऐसा विश्वास गलगली ने व्यक्त किया। केंद्र,राज्य सरकार,महापालिका द्वारा उपलब्ध होनेवाली जानकारी आरटीआई से सार्वजनिक कर जागरूकता निर्माण करने की अपील गलगली ने आखिर में की।

रुग्ण मित्र विनोद साडविलकर ने महात्मा फुले जीवनदायी योजना, प्रधानमंत्री जीवनदायी योजना, धर्मादाय अस्पताल, महापालिका अस्पताल, सरकारी अस्पताल रूग्णालय, राज्य कामगार विमा अस्पताल में कार्यरत वैद्यकीय समाजसेवक, स्वास्थ्य मित्र, स्वास्थ्य सेवक एवं छोटे-बड़े ऑपरेशन को आवश्यक मदद और दस्तावेज की जानकारी दी। जयराम नाईक ने रक्त संकलन, रक्तपेढ़ी, थॅलेसेमिया, सिकलेस रूग्ण को रक्तदान से रूग्णमित्र के तौर पर उनकी टीम कैसे कार्य करती हैं, उसकी जानकारी दी। संयोजक जितेंद्र तांडेल ने डायलिसिस इलाज और किडनी के मरीज बढ़ने का डर व्यक्त किया। महापालिका, सरकारी अस्पताल में  डायलिसिस, वेंटिलेटर, वैद्यकीय बजट की जानकारी मंगाकर उस आधार पर सिस्टम की खुली पोल पर बात रखी। लोधीवली स्थित धीरूभाई अंबानी अस्पताल के पूर्व वैद्यकीय निदेशक डाॅ.संजय कुमार ठाकुर ने स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए मंत्री, सचिव, आयुक्त, वैद्यकीय निदेशक इतनी सक्षम यंत्रणा होते हुए वैद्यकीय सेवा कैसे नजरअंदाज हो रही हैं, उसपर नाराजगी जताई। भविष्य में रूग्णमित्र द्वारा नगरसेवक, विधायक, सांसद को महीने मस एक बार मिलकर स्वास्थ्य सेवा को सक्षम करने के लिए एक्शन प्लान बनाने और इस सेवा की ओर मुख्य न्यायाधीश एवं न्याय व्यवस्था को टारगेट करने की सलाह दी।

थॅलेसेमिया बीमार पुत्र के अभिभावक राजकुमार राठोड,
श्रेया निमोणकर (मेडिकल व्हीक्टीम), वजे काॅलेज सत्यकाम  एनजीओ के प्रमुख मिहीर जाधव, स्वाती पाटील, परेश मोरे, अजित वहाडणे, एड विल्सन गायकवाड़,वराजेंद्र ढगे, ओकार सेवा संस्था के अध्यक्ष महेंद्र भास्कर, कुटुंब फाउंडेशन के सचिन जगदाले, बहुउद्देशीय संस्था के किरण विश्वनाथ ने अपनी बातें रखी। १०० बार रक्तदान करनेवाले रक्तदाता गणेश आमडोसकर एवं ८५ बार रक्तदान करनेवाले रक्तदाता प्रशांत म्हात्रे का सम्मान किया गया। 

जय साटेलकरला एवं संदीप तवसालकर के सहयोग से  अमोल सावंत, सचिन जोईल, हर्षद मंचेकर, प्रशांत बेलूसे, परशुराम लाड, श्रध्दा आष्टीवकर (प्रसन्न फाउंडेशन) ने उत्तम प्रबंधन देखा। प्रेस्टीज ग्राफिक्स के मालिक विद्याधर तवसालकर द्वारा बनाए गए सहभाग प्रमाणपत्र का वितरण किया गया। एकनाथ सांगले, हेमंत राऊत, मिनाक्षी वेलणकर, हेमंत लोणकर (फार्मासीस्ट असोसिएशन) के अलावा विभिन्न सरकारी सिस्टम से सफलता पूर्वक लड़नेवाले लोग विशेष तौर पर उपस्थित थे। रूग्णमित्र संकल्पना अभियान की अपील विनोद साडविलकर ने की।

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