Monday, 13 July 2015

एक ही मामले में राज्य सूचना आयोग को कोर्ट की लड़ाई में मिली जीत

महाराष्ट्र के राज्य सूचना आयोग ने जारी किए हुए आदेश के विरोध में अब तक कोर्ट में 84 मामले मुकदमे दायर हो चुके है जिसमें से सिर्फ एक ही मामले में आयोग को कोर्ट की लड़ाई में जीत मिलने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को राज्य सूचना आयोग ने दी है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने राज्य सूचना आयोग ने जारी किए हुए आदेश के खिलाफ में अब तक कोर्ट में दायर मामलों की जानकारी मांगने पर पहले तो उन्हें जानकारी उपलब्ध न होने का बहाना कर जानकारी दी नही गई। उसके बाद अनिल गलगली ने दायर अपील के बाद कुल 84 मुकदमे की जानकारी दी गई। वर्ष 2006 से 2015 इन 10 वर्ष की अवधि में कोर्ट में दायर 84 मुकदमों से सिर्फ एक ही मुकदमा जीतने में राज्य सूचना आयोग को सफलता मिली। सर्वाधिक 24 मुकदमे वर्ष 2013 में दायर हुए उसके बाद वर्ष 2014 में 23 मुकदमे दायर हुए थे। वर्ष 2012 में 12 , वर्ष 2010 में 10 , वर्ष 2015 में 7 , वर्ष 2011 में 5 वहीँ 1-1 ऐसे 3 मुकदमे में वर्ष 2006 , 2008 और 2009 में दायर हुए हैं। वर्ष 2007 में एक भी मुकदमा कोर्ट में दायर नही हुआ। इनमें मुंबई उपनगर में बिजली आपूर्ती करनेवाली 'रिलायंस एनर्जी' इस कंपनी की सूचना का अधिकार कानून, 2005 के दायरे में लाने का मुकदमा वर्ष 2011 से प्रलंबित है। महाराष्ट्र राज्य सूचना आयोग ने दिए हुए आदेश के खिलाफ में कोर्ट में मुकदमा दायर करने में गृह विभाग, मुंबई विद्यापीठ,  रिलायंस एनर्जी, मुंबई मनपा , पुलिस विभाग , एस डी कॉरपोरेशन जैसी एजेंसी और कंपनी का शुमार हैं। राज्य सूचना आयोग कोर्ट में दायर मुकदमे में रुचि नही लेने से जीत का प्रतिशत सिर्फ एक ही प्रतिशत है, इसपर दुःख जताते हुए अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र भेजकर मांग की है कि  राज्य सुचना आयोग की महत्त्वता को बरकरार रखने के लिए कोर्ट में दायर मुकदमों के लिए विशेष वकिलों की व्यवस्था करे ताकि जनहित वाले मुकदमे का फैसला और जीत सूचना आयोग के पक्ष में आए।

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