Thursday, 23 July 2015
2018 तक रिलायंस कंपनी ने घाटा उठाने की हामी भरी थी
1048 करोड़ का खर्च कम बताकर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप वाली मुंबई मेट्रो प्रोजेक्ट को हथियानेवाली अनिल अंबानी की रिलायंस कंपनी ने शुरुवाती 8 वर्ष यानी वर्ष 2018 तक घाटा उठाने की हामी भरी थी, ये चौकानेवाली जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एमएमआरडीए प्रशासन ने दी है। रिलायंस कंपनी स्वयं ही पेश किए हुए बिजनेस प्लान के विपरित काम करते हुए मुंबईकरों को लूटने की बात उजागर हुई है।
रिलायंस कंपनी और एमएमआरडीए के विवाद में मुंबईकरों पर किराया वृद्धि का आया बोझा का जायजा लेने के लिए आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्रशासन से विभिन्न जानकारी मांगी थी। एमएमआरडीए प्रशासन ने अनिल गलगली को बताया कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप वाली मुंबई मेट्रो प्रोजेक्ट के अंतर्गत मुंबई मेट्रो वन रिलायंस एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड और आयआयसीयू आयएल एंड एफएस इन कंपनी ने टेंडर ने हिस्सा लिया था। मुंबई मेट्रो वन रिलायंस एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने प्रोजेक्ट की कुल लागत 2356 करोड़ और पूंजी सहाय 1251 करोड़ की धनराशि का उल्लेख किया था। वही 3404 करोड़ कुल प्रोजेक्ट की लागत बताकर आयआयसीयू आयएल एंड एफएस इस कंपनी ने 1296 करोड़ रुपए की पूंजी सहाय की मांग की थी। पूंजी सहाय सिर्फ 45 करोड़ कम होने से मुंबई मेट्रो वन रिलायंस एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड इस अनिल अंबानी की कंपनी को काम मिल गया।
एग्रीमेंट के तहत पूरा काम वर्ष 2010 तक होगा, ऐसा रिलायंस कंपनी मानकर चल रही थी और शुरुआती 8 वर्ष ( वर्ष 2011 से वर्ष 2018 तक ) घाटा उठाने को तैयार थी। ये सच्चाई होते हुए रिलायंस कंपनी 8 वर्ष तो दूर की बात रही शुरुआत के पहले दिन से ही घाटे का रोना जो शुरु किया है वह आजतक बरकरार हैं। महाराष्ट्र सरकार ने 3 सितंबर 2013 को वर्ष 2044-45
तक चरणबद्ध तरीके से किराया बढ़ाते हुए हर 4 वर्ष से 11 प्रतिशत किराया बढ़ाने का फैसला किया था। जिसमें रिलायंस की भी सहमति थी ।
काम हासिल करने और उसके बाद एग्रीमेंट करने के दौरान हर एक नियम और शर्तीस हा कर 8 वर्ष घाटा उठाने के लिए तैयार रिलायंस कंपनी पर एमएमआरडीए प्रशासन धोखाधड़ी का मुकदमा क्यों नही दायर करती है? ऐसा सवाल कर अनिल गलगली ने रिलायंस कंपनी का फर्जीवाड़ा ध्यान में रखकर भविष्य में किसी भी सरकारी टेंडर में हिस्सा लेने से अनिल अंबानी की रिलायंस कंपनी पर पाबंदी लगाने की मांग मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से की है। मुंबई मेट्रो प्रोजेक्ट का कुल खर्च 1048 करोड़ ये आयआयसीयू आयएल एंड एफएस ईद कंपनी से कम दिखानेवाली रिलायंस अब उतने ही धनराशि का अर्थसहाय अब सरकार से मांगने से रिलायंस बेनकाब हो चुकी है, ऐसी तीखी प्रतिक्रिया अनिल गलगली ने जताई है।
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