2013 से लंबित पदोन्नति मामले में हजारों हवालदार और सहायक पुलिस इंस्पेक्टर पुलिस महानिदेशक से लेकर गृह मंत्रालय की हेरफेर नीति के चपेट में आए थे। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली के अथक प्रयास सफल रहे हैं और पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने जारी किए परिपत्रक के बाद, राज्य में 1061 पुलिस हवालदार और सहायक पुलिस इंस्पेक्टर आखिरकार सब इंस्पेक्टर बन गए हैं।
चाहे वह पुलिस हवालदार हो या सहायक सब इंस्पेक्टर जिन्होंने परीक्षा उत्तीर्ण की थी, वह पिछले 7 वर्षों से पदोन्नति की प्रतीक्षा में थे। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने अतिरिक्त मुख्य सचिव सीताराम कुंटे से मुलाकात की और विवरण दिया। कुंटे की ओर से तेजी से कारवाई हुई और अंत में गृह मंत्री अनिल देशमुख के कार्यालय में लंबित फाइल पर हस्ताक्षर किए। पदोन्नति पिछले साल होने की उम्मीद थी, लेकिन दुर्भाग्य से लेटलतीफी नीति के चलते निर्णय के लिए एक पत्र गृह मंत्रालय को भेजा गया था, जबकि निर्णय लेने का अधिकार पुलिस महानिदेशक के कार्यालय को था।
1061 लोगों की पदोन्नति के बाद, राज्य के नवनियुक्त पुलिस सब इंस्पेक्टर द्वारा अनिल गलगली का आभार माना गया। अनिल गलगली ने स्पष्ट किया है कि सरकार से सही समय पर निर्णय लेने की उम्मीद रहती है। साथ ही, इस मामले से सबक लेते हुए, सरकार को सभी विभागों को सद विवेक बुद्धि का उपयोग करके तत्काल निर्णय लेने के निर्देश जारी करने चाहिए।
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