यज्ञों के राजा है अश्वमेध महायज्ञ: डॉ चिन्मय पण्ड्या
व्यसन मुक्त रहेगा मुंबई अश्वमेध महायज्ञ स्थल
अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा मुंबई के कॉर्पाेरेट पार्क में खारघर में 21 से 25 फरवरी को अश्वमेध महायज्ञ हो रहा है। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या द्वारा पत्रकारों को दी गयी जानकारी में बताया कि विश्व मानवता के पोषण करने वाली सनातन संस्कृति के उत्थान एवं राष्ट्र के नवोन्मेष के लिए होने वाले इस महायज्ञ में भारत सहित 80 देशों के लाखों लोग आ रहे हैं। साथ ही लोगों को व्यसन मुक्ति के लिए संकल्पित कराया जायेगा। इस हेतु विगत तीन साल से लाखों साधक साधना में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि गायत्री परिवार की संस्थापिका परम वन्दनीया माताजी ने सन् 1991 में देवसंस्कृति दिग्विजय अभियान को प्रारंभ किया था, उद्देश्य यह था कि राष्ट्र समर्थ, संगठित, संस्कारित व सशक्त बनें और उसके लिए यज्ञों के राजा अश्वमेध महायज्ञ का चयन किया गया।
अखिल विश्व गायत्री परिवार के वरिष्ठ प्रतिनिधि डॉ चिन्मय पण्ड्या ने बताया कि जिस तरह प्रभु श्रीराम के वनवास से अयोध्या वापस आने पर अश्वमेध कराया गया था, उसी तरह ईश्वरीय कृपा से भगवान श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अश्वमेध महायज्ञ का योग बना है। जो बहुत ही प्रशंसा व सौभाग्य का विषय है। वहीं शांतिकुंज की निर्माण, भोजनालय, यज्ञशाला, प्रदर्शनी, मीडिया आदि की टीम खारघर, पेठपाडा मेट्रो स्टेशन के पास विगत कई माह से तैयारी में जुटी है। इस समय देश विदेश से दस हजार से अधिक स्वयंसेवी भाई बहन सेवा दे रहे हैं। उद्योगपति, प्रशासनिक अधिकारी, इंजीनियर्स से लेकर सभी वर्ग और आयु के लोग खूब पसीना बहा रहे हैं।
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