श्रद्धेया शैलदीदी ने हजारों को गायत्री महामंत्र से दीक्षित किया
राजनाथ सिंह, एकनाथ शिंदे, शिवराजसिंह चौहान, मंगलप्रभात लोढ़ा एवं श्रीरंग बारने ने की शिरकत
गायत्री परिवार की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी ने शुक्रवार को मुंबई महानगर के खारघर का कार्पोरेट पार्क ग्राउण्ड में हजारों को गायत्री महामंत्र से दीक्षित किया। वासंती उल्लास के साथ अश्वमेध महायज्ञ के तीसरे दिन की आरंभ एक लाख से अधिक लोगों को गायत्री महामंत्र पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सद्गुरु की कृपा से मनुष्य का दूसरा जन्म होता है, तो वहीं संस्कार मंच में शांतिकुंज से प्रकाण्ड विद्वानोें ने विभिन्न संस्कार वैदिक रीति से निःशुल्क सम्पन्न कराये। देश के रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, कौशल्य विकास मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, सांसद श्रीरंग बारने ने की शिरकत की।
बुधवार, 21 फरवरी से प्रारंभ हुए अश्वमेध महायज्ञ के तीसरे दिन की शुरुआत वेद के विशिष्ट मंत्र के गान से हुआ। शांतिकुंज, हरिद्वार के आचार्यों एवं ब्रह्मवादिनी बहिनों की टोली ने 1008 कुण्डीय यज्ञशाला का संचालन हुआ। कई चरणों में देश के नामचीन हस्तियों के अलावा लाखों लोगों ने राष्ट्र के कुण्डलिनी जागरण, मानव मात्र के उत्थान, पर्यावरण संरक्षण, व्यसन मुक्त भारत हो, इस भावना से आहुतियां डाली, तो वही सीमा की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीदों की आत्मा की शांति एवं सद्गति हेतु विशिष्ट वैदिक मंत्र से प्रार्थना की गयी। अश्वमेध यज्ञ से उत्पन्न ऊर्जा को सकारात्मक नियोजन में लगाने के लिए मौन तांत्रिक आहुतियां भी दी गई। रिलायंस ग्रुप के वरिष्ठ पदाधिकारी, गायक समीर सहित अनेक गणमान्य नागरिकों ने आहुतियां डाली।
इस अवसर पर युवा आइकॉन आदरणीय डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि महाराष्ट्र की धरती से राष्ट्र की कुण्डलिनी जागरण तथा राष्ट्र को संगठित करने में इस अश्वमेध महायज्ञ की विशेष महत्व है। जो अश्वमेध यज्ञ करते है, उनकी सभी कामनाएं पूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि यज्ञ करने से संपूर्ण प्राणी की उत्पत्ति अन्न से होती है, और अन्न की उत्पत्ति वृष्टि होती है और वृष्टि यज्ञ से होती है। वहीं देवात्मा हिमालय के मॉडल में हजारों लोगों ने गायत्री महामंत्र की साधना कर राष्ट्र के विकास की कामना की। प्रदर्शनी में भावी पीढी को संवारने के विविध आयाम की प्रस्तुति ने सभी को आकर्षित किया। अश्वमेध महायज्ञ से ऑनलाइन करीब पचास देशों के करोड़ों गायत्री परिवार के साथ जुड़े और इस ऐतिहासिक महानुष्ठान में भाग लिया।
उधर विचार मंच में कई हस्तियों का उद्बोधन हुआ। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह अश्वमेध यज्ञ किसी राज्य की भूमि को या फिर उसकी सीमा को अपने राज्य में मिलाने का नहीं है, बल्कि यह अश्वमेध यज्ञ लोगों के दिलों तक पहुंचने का है। यह अश्वमेध यज्ञ, भारत की संस्कृति को दुनिया तक पहुंचाने का है। यह अश्वमेध यज्ञ भारत की राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक दिग्विजय सुनिश्चित करने का यज्ञ है। राजनाथ सिंह ने कहा कि राजनीतिक व्यक्तियों को ऐसे कार्यक्रमों में अवश्य जाना चाहिए। ऐसे कार्यक्रमों से उन्हें दशा और दिशा मिलती हैं। राजनीति दो शब्दों को राज और नीति को लेकर बना है, जिसका अर्थ है, राज्य और समाज को सन्मार्ग की ओर ले जाना। ऐसे आयोजन इस व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने का काम करते हैं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अश्वमेध महायज्ञ के आयोजन को लेकर अखिल विश्व गायत्री परिवार को साधुवाद दिया। कहा कि हम उनका आभार प्रकट करते हैं कि देवभूमि महाराष्ट्र को इसके लिए चुना। कहा कि इंसान कितना भी बड़ा हो जाए पर, उसका दिल बड़ा होना चाहिए। क्योंकि दिल बड़ा होगा, तब सब संकट अपने आप दूर हो जाते हैं। इस सोच से जो काम करता है, उससे समाज का, राष्ट्र का विकास होता है। अखिल विश्व गायत्री परिवार का हर सदस्य इसी सोच के साथ कार्य कर रहा है और दुनिया को विश्व बंधुत्व का संदेश दे रहा है। अश्वमेघ महायज्ञ के प्रभाव का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से सदगुण बढ़ते हैं और दुर्गुणों कम होते हैं। प्रधानमंत्री मोदी की आर्थिक नीतियों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को आर्थिक महाशक्ति शक्ति बनाने की दिशा में आगे बढ़ा दिया है।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गायत्री परिवार के नशा उन्मूलन पर किये जा रहे कार्यों को राष्ट्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि मैं गायत्री परिवार का ही एक सदस्य हूं।
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